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जीविका से महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक कुप्रथाओं से मिली आज़ादी: एक मौन क्रांति

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जीविका से महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक कुप्रथाओं से मिली आज़ादी: एक मौन क्रांति

बिहार के दरभंगा जिले में जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता की दिशा में एक मौन क्रांति का वाहक बनकर उभरा है। जीविका के प्रयासों से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि सामाजिक कुप्रथाओं, जैसे घूँघट प्रथा, का परित्याग कर पुरुष प्रधान समाज को हर मोर्चे पर चुनौती देने में सक्षम हो रही हैं।

जीविका समूह महिलाओं को विभिन्न नवाचारों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, तकनीकी ज्ञान और आसान दरों पर ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार से जोड़ रहा है। जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. ऋचा गार्गी ने कहा कि इन प्रयासों से महिलाएं आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर रही हैं और समाज में अपनी अलग पहचान बना रही हैं।

जीविका के संचार प्रबंधक राजा सागर के अनुसार, दरभंगा जिले में वर्तमान में 42,975 स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे 4,75,714 परिवार जुड़े हुए हैं। इनमें 3,099 ग्राम संगठन और 69 संकुल स्तरीय संघ कार्यरत हैं। अब तक 35,134 समूहों को परिक्रमी निधि और 34,681 समूहों को प्रारंभिक निवेश निधि प्रदान की गई है, जिससे महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 37,857 समूहों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ा सकें।

ग्रामीण स्तर पर बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए जिले में 214 ग्राहक सेवा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनका संचालन जीविका से जुड़ी महिलाएं कर रही हैं। कृषि, पशुधन और गैर-कृषिगत गतिविधियों से जिले में 1,86,241 परिवार, 97,752 परिवार और 1,37,265 परिवार अपनी आजीविका कमा रहे हैं।

जीविका के तहत दरभंगा जिले में 8 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं, जहां किसानों को रियायती दरों पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा, दीदी की रसोई योजना के तहत जीविका की महिलाएं बेनीपुर अनुमंडल अस्पताल और डीएमसीएच, दरभंगा में मरीजों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन प्रदान कर रही हैं। इस योजना का विस्तार अनुसूचित जाति और जनजाति आवासीय विद्यालयों तक भी किया गया है।

खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में भी जीविका ने महत्वपूर्ण पहल की है। 1,648 ग्राम संगठनों को एक-एक लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है, जिससे 2,50,350 से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। स्वास्थ्य सुरक्षा निधि के तहत 1,882 ग्राम संगठनों को भी सहायता प्रदान की गई है।

मनरेगा के सहयोग से 12 जीविका भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 5 का कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही, जिले में 4 पुस्तकालयों का संचालन संकुल संघों के माध्यम से किया जा रहा है, जिनसे 2,850 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं।

जल जीवन हरियाली अभियान के तहत, जिले में 8,11,897 वृक्षारोपण किए गए हैं और 24 दीदी की नर्सरी संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा, अलीनगर प्रखंड में मत्स्य पालन के लिए एक तालाब आवंटित किया गया है, जहां जीविका से जुड़ी महिलाएं मत्स्य पालन कर रही हैं। सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 7,347 लाभार्थियों को जोड़ा गया है, और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना एवं आरसेटी के माध्यम से 10,522 ग्रामीण युवाओं का कौशल विकास किया गया है।

राजा सागर ने कहा जीविका न केवल दरभंगा जिले की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में जागरूक कर, उन योजनाओं का लाभ दिलवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस प्रयास से महिलाओं का जीवन बदल रहा है और इसके साथ ही, पूरा समुदाय भी सशक्त हो रहा है।

 

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