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तेजस्वी के तिलक और टोपी पर सियासी बवाल, नीतीश के मंत्री बोले- सनातन से नफरत करते हैं

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तेजस्वी के तिलक और टोपी पर सियासी बवाल, नीतीश के मंत्री बोले- सनातन से नफरत करते हैं

बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी महीनों का वक्त शेष है लेकिन सियासी वार प्रतिवार चरम पर है। नेता भी वोट के लिए जरूरत के हिसाब से रंग बदल रहे हैं। शुक्रवार को दरभंगा पहुंचे राजद के युवराज और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का दो रूप देखने को मिला। उन्होंने देवी अहिल्यास्थान मंदिर में जाकर माथे पर तिलक लगाकर पूरे विधि विधान से पूजा की तो थोड़ी ही देर में एक इफ्तार पार्टी में जालीदार टोपी लगाए नजर आए। तब उनके माथे पर टीका नहीं था। नीतीश सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा और संजय सरावगी ने इसे लेकर तेजस्वी यादव पर प्रहार किया है। आरोप लगाया है कि नेता प्रतिपक्ष को सनातन धर्म से नफरत है।

शुक्रवार को तेजस्वी यादव दरंगा के दौरे पर थे। पहले वे कमतौल गांव पहुंचे जहां देवी अहिल्यास्थान मंदिर में पूजा करने की व्यवस्था की गई थी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तेजस्वी यादव ने मां के मंदिर में करीब बीस मिनट तक पूजा की। इस दौरान उन्होंने मंदिर के पुजारी से टीका लगवाया। उन्होंने बिहार की तरक्की और जनता की खुशहाली की कामना की। मंदिर से निकलकर तेजस्वी कुछ दूरी पर स्थित कुम्हरौली गांव पहुंचे जहां राजद प्रवक्ता ऋषि मिश्रा की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत की। यहां उन्होंने मुस्लिम परंपरा वाली जालीदार टोपी पहना और खाना खाया। इस दौरान उनके माथे पर टीका नहीं दिखा।

तेजस्वी के इस दो रूपों पर बिहार की सियासत सुलग गई है। नीतीश सरकार के दो दो मंत्री जीवेश मिश्रा और संजय सरावगी ने उनपर सनातन से नफरत का आरोप लगा दिया है। नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी यादव के मन में अपने धर्म के प्रति सम्मान की भावना नहीं है। इफ्तारी में जाने के ल‍िए उन्होंने माथे का टीका धो ल‍िया। जब वे अपने धर्म का सम्‍मान नहीं करते तो दूसरे धर्म का सम्‍मान कैसे करेंगे। ऐसा लगता है क‍ि तेजस्‍वी यादव को सनातन धर्म और टीके से नफरत है। टोपी से उनका प्रेम तो पहले से ही जाह‍िर है। बिहार की जनता आने वाले चुनाव में तेजस्वी यादव को इसका करारा जवाब देगी।

वहीं नीतीश सरकार के राजस्व भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि तेजस्वी यादव दरभंगा पहुंचे तो अलग रूप में देखे गये। उन्हें टीका से नफरत है और जालीदार टोपी से पुराना प्रेम है। चंद मिनट की दूरी पर पहुंचने से पहले ही तिलक मिट गया और टोपी पहन लिए। इससे उनकी सच्चाई उजागर हो गई है।

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