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मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में संचालित संस्कृत अध्ययन केन्द्र के कोर्सों में नामांकन प्रारंभ

मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में संचालित संस्कृत अध्ययन केन्द्र के कोर्सों में नामांकन प्रारंभ

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रायोजकत्व से 2022 में स्थापित संस्कृत अध्ययन केन्द्र के सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सों-2024 में नामांकन प्रारंभ हो गया है। कोई भी इच्छुक संस्कृतप्रेमी आगामी 20 सितंबर तक ऑनलाइन माध्यम से नामांकन ले सकते हैं। वेबसाइट- www.sanskrit.nic.in खोलकर अथवा पोर्टल- https://sanskritam.samarth.edu.in/ पर जाकर नामांकन ले सकते हैं। किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया- 9905437636 पर अथवा केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा- 6005312770 पर फोन कर या मिलकर बात कर सकते हैं।

नामांकन जागरूकता के उद्देश्य से स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो की अध्यक्षता में शिक्षकों, कर्मियों, शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों की बैठक हुई, जिसमें केन्द्राधिकारी डॉ आर एन चौरसिया, डॉ ममता स्नेही, डॉ मोना शर्मा, डॉ रश्मि शिखा, केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा, मंजू अकेला, नीतू कुमारी, सदानंद विश्वास, मणि पुष्पक घोष, उदय कुमार उदेश, योगेन्द्र पासवान तथा विद्यासागर भारती आदि उपस्थित थे।

डॉ घनश्याम महतो ने कहा कि संस्कृत अध्ययन केन्द्र से संस्कृत भाषा एवं साहित्य का प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। सरकार भी संस्कृत अध्ययन- अध्यापन पर अधिक जोर दे रही है, क्योंकि संस्कृत अध्ययन से ही मानवीय गुणों- दया, नैतिकता, मानवता, परोपकार, संस्कृति एवं संस्कार आदि को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा ने कहा कि इन कोर्सों में कोई भी 10वीं पास पढ़ने वाले छात्र- छात्रा, व्यवसायी, कृषक, महिला, वृद्ध, अवकाश प्राप्त या नौकरी करने वाले व्यक्ति भी किसी क्षेत्र के रहने वाले संस्कृतप्रेमी मात्र ₹1200 में नामांकन ले सकते हैं, क्योंकि इसका वर्ग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संचालित होगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र में संकेतों, चित्रों, प्रश्नोत्तरी, आपसी परिचय, वार्तालाप तथा पुस्तकों के अध्ययन- अध्यापन आदि के माध्यमों से संस्कृत संभाषण तथा भाषा का अध्ययन कराया जाएगा।

संस्कृत अध्ययन केन्द्र के केन्द्राधिकारी डॉ आर एन चौरसिया ने केन्द्र के राष्ट्रीय संयोजक डा रत्नमोहन झा को लगातार तीसरी बार केन्द्र के संचालक की स्वीकृति देने के लिए धन्यवाद देते हुए केन्द्र के उद्देश्यों को विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि नामांकन लेने वाले सभी व्यक्तियों को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा तैयार ₹2000 मूल्य की उच्च स्तरीय पांच पुस्तकें- वर्णमाला, वाक्यव्यवहार:, वाक्यविस्तार:, सम्भाषणम् तथा परिशिष्टम् अध्ययन हेतु निःशुल्क दिए जाते हैं, ताकि उन्हें सरलता से संस्कृत भाषा का ज्ञान हो सके तथा सरलता से संस्कृत में बातचीत कर सकें। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र का पहले अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र नाम था जो अब “संस्कृत अध्ययन केन्द्र” हो गया है।

इस अवसर पर भूगोल की प्राध्यापिका डॉ रश्मि शिखा ने कहा कि इस केन्द्र में नामांकन लेकर लोगों काफी लाभ उठा सकते हैं। संस्कृत हमारी धरोहर के रूप में है, जिसे प्रचारित- प्रसारित करना परम आवश्यक है। उन्होंने केन्द्र द्वारा संभाषण सहित अन्य प्रतियोगिताओं के आयोजनों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे नामांकित छात्र- छात्राओं के साथ ही अन्य व्यक्तियों को भी को काफी लाभ होगा। वहीं धन्यवाद ज्ञापन जेआरएफ एवं शोधार्थी रीतु कुमारी ने किया।

 

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