देश में खुलेंगे 57 नए केंद्रीय विद्यालय; दशहरा और दिवाली से पहले मोदी सरकार ने खोला खजाना
देश में खुलेंगे 57 नए केंद्रीय विद्यालय; दशहरा और दिवाली से पहले मोदी सरकार ने खोला खजाना
मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में 3 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। यह फैसला बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किया गया, जो दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों से ठीक पहले लिया गया है। वृद्धि 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी, जिसका बकाया अक्टूबर 2025 की सैलरी के साथ भुगतान किया जाएगा। इससे डीए दर मूल वेतन और पेंशन के 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो जाएगी। वर्ष 2025 में यह डीए बढ़ोतरी का दूसरा मौका है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह तीन प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को वर्तमान में मिल रहे 55 प्रतिशत भत्ते और राहत के अतिरिक्त होगा। इस फैसले से 49 लाख 19 हजार केन्द्रीय कर्मचारी और 68 लाख 72 हजार पेंशन भोगी लाभान्वित होंगे। भत्ते में इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 10083.96 करोड़ रुपये वार्षिक अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी प्रदान कर दी है, जो 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खोले जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों पर आयोजित मीडिया ब्रीफिंग में साझा की। उन्होंने बताया कि इनमें से सात विद्यालय केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रायोजित होंगे, जबकि शेष राज्य सरकारों के सहयोग से संचालित किए जाएंगे। बता दें कि इस वक्त देश में कुल 1288 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में भव्य उत्सव आयोजित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह निर्णय स्वतंत्रता आंदोलन में इस प्रेरणादायी गीत की ऐतिहासिक भूमिका को स्मरण करने तथा नई पीढ़ी को देशभक्ति की भावना से प्रेरित करने के लक्ष्य से अपनाया गया है। यह समारोह देश के कोने-कोने में सांस्कृतिक प्रदर्शनों, शैक्षिक सत्रों और अन्य आकर्षक कार्यक्रमों के जरिए संपन्न होगा, जो महान लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित इस अमर गीत की सांस्कृतिक धरोहर को नई जान फूंक देगा।
Source – Hindustan