8th Pay Commission : सरकारी कर्मचारियों को मिला तोहफा, कितनी बढ़ेगी सैलरी?

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8th Pay Commission : सरकारी कर्मचारियों को मिला तोहफा, कितनी बढ़ेगी सैलरी?

गुरुवार को कैब‍िनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए 8वां वेतन आयोग लागू करने का फैसला लिया गया है. 8वें वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ होगा.

नई दिल्‍ली. केंद्र और राज्‍य सरकारों के लाखों कर्मचारियों का इंतजार आखिरकार खत्‍म हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा होगा. कर्मचारियों को पिछले 10 साल से 8वें वेतन आयोग का इंतजार था, क्‍योंकि ऐसा माना जा रहा था कि सरकार वेतन आयोग को आगे मंजूरी नहीं देगी. लेकिन, गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर मंजूरी के साथ ही अफवाहों और कयासों का बाजार भी बंद हो गया है.

इस फैसले के साथ ही कर्मचारियों के मन में एक ही सवाल उठ रहा होगा कि अब उनके वेतन में कितना इजाफा हो सकता है. इसकी जानकारी देने से पहले आपको बता दें कि सरकार ने 28 फरवरी, 2014 को सातवें वेतन आयोग का गठन किया था. आयोग ने राज्‍यों और सरकारी कंपनियों से बातचीत व सलाह-मशविरे के बाद 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, जिसके बाद 1 जनवरी, 2016 से 7वां वेतन आयोग लागू किया गया.

लंबे समय से हो रही थी मांग

केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने इसके लिए कैबिनेट सचिव से मिलकर 8वें वेतन आयोग का गठन करने की मांग की थी और लगातार ये संगठन सरकार के सामने 8वें वेतन आयोग के गठन का दबाव बना रहे थे. पिछले एक साल में कई बार कर्मचारी यूनियन केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर चुके हैं. पिछले बजट के बाद जब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि अभी इस काम के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है.

हर 10 साल में आता है नया आयोग

अंतिम वेतन आयोग का गठन हुए 10 साल से ज्यादा समय बीत चुका है. आम तौर पर हर 10 साल में अगले वेतन आयोग का गठन हो जाता है. पुराने वेतन आयोग की जगह पर नए वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बीच भी सामान्यत: 10 साल का अंतर रहता है. ऐसे में आठवें वेतन आयोग का गठन जरूरी हो गया था.

2016 में लागू हुआ था 7वां वेतन आयोग

वेतन आयोग से जुड़े इतिहास पर गौर करें, तो ये हर 10 साल में बदले हैं, 7वें वेतन आयोग से पहले, 4वें, 5वें और 6वें वेतन आयोगों का कार्यकाल समान रूप से 10 वर्ष का था. अगर फिलहाल लागू 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) की बात करें, तो इसे साल 2016 में लागू किया गया था और इसके 10 साल दिसंबर 2025 में पूरा होंगे, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आठवां वेतन आयोग गठन किए जाने को हरी झंडी दिखा दी है.

7वें वेतन आयोग लागू होने से इतना हुआ था इजाफा  

जब 6वें वेतन आयोग की जगह 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा जनवरी 2016 से लागू की गईं थी, तो इसके बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली थी. 7वें वेतन आयोग के तहत, 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन में 2.57 से गुना किया गया. यह उनके मूल वेतन में 2.57% की वृद्धि के बराबर था. इसके विपरीत, पिछले वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 1.86% की वृद्धि हुई.

कबसे लागू होगा 8वां वेतन आयोग

साल 2026 में 7वें वेतन आयोग का समय खत्म हो जाएगा. 8वां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट देने से पहले राज्य सरकारों, सरकारी कंपनियों आदि से बातचीत करेगा. सरकार जल्‍द ही आठवें पे कमिशन के अध्यक्ष और दो सदस्यों के नाम का भी ऐलान करेगी. माना जा रहा है कि 8वां पे कमीशन जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, क्‍योंकि जनवरी में ही 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा समाप्‍त हो जाएगी. इससे पहले सभी हितधारकों और सरकारों से सलाह-मशविरा कर लिया जाएगा.

8वें वेतन आयोग से क्‍या-क्‍या बदल जाएगा

सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों और पेंशनों में महत्वपूर्ण बदलाव किए थे और माना जा रहा है कि इस बार भी इन सभी में बदलाव होगा. आयोग की सिफारिशों से कर्मचारियों और सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों दोनों को लाभ होगा. जैसा कि पता है हर 10 साल में केंद्र सरकार वेतन आयोग का गठन करती है. इसमें महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों के लिहाज से कर्मचारियों के वेतन, भत्‍ते और लाभ की समीक्षा की जाती है. इसके बाद महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (DR) दोनों में बदलाव होता है.

वेतन में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी? 

अगर फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ाया जाता है तो यह 2.57 से बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जबरदस्‍त उछाल हो सकता है.

उदाहरण- अगर फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाए, तो मौजूदा मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है. वहीं पेंशनर्स के लिए पेंशन 9000 रुपये मंथली से बढ़कर मिनिमम बेसिक पेंशन 25740 रुपये मंथली हो सकती है. बता दें सरकारी कर्मचारियों और पेंशर्स के संशोधित मूल वेतन और पेंशन को निर्धारित करने में फिटमेंट फैक्टर की अहम भूमिका होती है.

7वां आयोग के तहत सैलरी कैलकुलेशन 

वर्ष: 2016
न्यूनतम वेतन: 18,000 रुपये प्रति माह
अधिकतम वेतन: 2.5 लाख रुपये प्रति माह (कैबिनेट सचिव के लिए)
फिटमेंट फैक्टर: मूल वेतन का 2.57 गुना
भत्ते: HRA और अन्य भत्तों के साथ
ग्रेच्युटी सीलिंग: 20 लाख रुपये, डीए के आधार पर आवधिक वृद्धि के प्रावधान के साथ
पेंशन: न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये प्रति माह
महंगाई भत्ता (DA): अपडेट के साथ

छठा वेतन आयोग के तहत सैलरी कैलकुलेशन 

वर्ष: 2006
न्यूनतम वेतन: 7,000 रुपये प्रति माह
अधिकतम वेतन: 80,000 रुपये प्रति माह (सचिव स्तर के लिए)
फिटमेंट फैक्टर: मूल वेतन का लगभग 1.86 गुना
भत्ते: एचआरए और अन्य सर्विसेज
ग्रेच्युटी सीलिंग: 10 लाख रुपये
पेंशन: सेवानिवृत्ति की आयु के बाद अतिरिक्त पेंशन के विकल्प के साथ संशोधित
महंगाई भत्ता (DA): इंफ्लेशन इंडेक्‍स के आधार पर जारी अपडेट.

 

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