Science

NCERT | Science | Objective | Class-VII | सामान्य विज्ञान

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

NCERT | Science | Objective | Class-VII | सामान्य विज्ञान

विज्ञान

1. पादपों में पोषण

1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
1. जो जीव अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं, स्वपोषी (Autotroph) कहलाते हैं।
2. जो जीव अन्य पादपों द्वारा संश्लेषित भोजन ग्रहण करते हैं, विषमपोषी (Heterotroph) कहलाते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1
(b) केवल 1
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। सभी सजीवों को भोजन की आवश्यकता होती है। पादप अपना भोजन स्वयं बनाते हैं इसलिये इन्हें स्वपोषी भी कहा जाता है। जंतु एवं अधिकतर अन्य जीव पादपों द्वारा संश्लेषित भोजन ग्रहण करते हैं इसलिये इन्हें विषमपोषी भी कहा जाता है।
2. निम्नलिखित में से किसे/किन्हें ‘पादप की खाद्य फैक्ट्रियाँ’ कहा जाता है/हैं?
1. पत्ता
2. तना
3. जड़
4. शाखा
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 4
(d) केवल 3 और 4
उत्तर : (a)
व्याख्या: पादपों में खाद्य पदार्थों का संश्लेषण मुख्यत: पत्तियों द्वारा होता है इसलिये पत्तियाँ पादप की खाद्य फैक्ट्रियाँ कही जाती हैं।
• मृदा में उपस्थित जल एवं खनिज जड़ द्वारा अवशोषित किये जाते हैं तथा वाहिकाओं के माध्यम से पत्तियों तक पहुँचाए जाते हैं।
3. निम्नलिखित में से कौन-से प्रकाश संश्लेषण के लिये आवश्यक हैं?
1. क्लोरोफिल
2. सूर्य का प्रकाश
3. कार्बन डाइऑक्साइड
4. जल
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या: पत्तियों में हरा वर्णक होता है, जिसे क्लोरोफिल कहते हैं। क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का संग्रहण करने में पत्तियों की सहायता करता है।
• पौधे इस ऊर्जा का उपयोग जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड से खाद्य संश्लेषण में करते हैं। यह खाद्य संश्लेषण सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होता है इसलिये इसे प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है।
• सूर्य सभी जीवों के लिये ऊर्जा का मुख्य स्रोत है।
• सूर्य प्रकाश प्रकाश संश्लेषण का अनिवार्य हिस्सा है, जिससे सभी जंतुओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऑक्सीजन तथा भोजन का प्राप्ति होती है।
4. प्रकाश संश्लेषण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा ऑक्सीजन गैस तथा कार्बोहाइड्रेट बनता है।
2. पत्तियों के अलावा पादपों के दूसरे हरे भागों में भी प्रकाश संश्लेषण होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 1 सही है, क्योंकि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में कार्बोहाइड्रेट तथा ऑक्सीजन दोनों बनते हैं।
• पत्तियों के अलावा, पादपों के दूसरे हरे भागों जैसे कि हरे तने एवं हरी शाखाओं में भी प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संपन्न होती है। अतः कथन 2 सही है।
5. पादपों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. सभी पादप अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं।
2. पादप मृदा में उपस्थित नाइट्रोजन जड़ों की सहायता से प्राप्त करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 गलत है, क्योंकि कुछ पादप ऐसे भी होते हैं जिनमें क्लोरोफिल नहीं पाया जाता है। इसलिये वे अपना भोजन स्वयं संश्लेषित नहीं कर सकते (जैसे- अमरबेल)। अपना भोजन स्वयं बनाने वाले पादप स्वपोषी कहलाते हैं, जबकि वे पादप जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते विषमपोषी कहलाते हैं। विषमपोषी पादप भोजन के लिये जिन पादपों पर निर्भर होते हैं, वे पादप परपोषी (Host) कहलाते हैं।
• मिट्टी में उपस्थित कुछ जीवाणु गैसीय नाइट्रोजन को विलेय पदार्थों में परिवर्तित करके मृदा में निर्मुक्त कर देते हैं, जिसे पादप जड़ों की सहायता से जल के साथ अवशोषित कर लेते हैं। अतः कथन 2 सही है।
6. निम्नलिखित में से कौन-सा पादप कीटों को पकड़कर अपना आहार प्राप्त करता है?
(a) अमरबेल
(b) गुड़हल
(c) घटपर्णी
(d) गुलाब
उत्तर : (c)
व्याख्या : कुछ पादप ऐसे होते हैं जो कीटों का भक्षण करते हैं। ऐसे पादप कीटभक्षी (Insectivorous) कहलाते हैं। घटपर्णी (पिचर पादप), वीनस फ्लाइ ट्रैप तथा सनड्यू कीटभक्षी पादप के उदाहरण हैं।
7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. वह पोषण जिसमें कुछ जीव एक-दूसरे के साथ रहते हैं तथा अपना आवास एवं भोजन एक-दूसरे के साथ बाँटते हैं, सहजीवी संबंध (Symbiotic Relationship) कहलाता है।
2. वह पोषण जिसमें जीव किसी मृत एवं विघटित जैविक पदार्थों से पोषण प्राप्त करते हैं, मृतजीवी पोषण (Saprotrophic Nutrition) कहलाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। कुछ जीव एक-दूसरे के साथ रहते हैं तथा अपना आवास एवं भोजन एक-दूसरे के साथ बाँटते हैं, इसे सहजीवी संबंध कहते हैं।
• किसी मृत एवं विघटित जैविक पदार्थ से पोषण प्राप्त करना मृतजीवी पोषण कहलाता है। कवक मृतजीवी पोषण का उदाहरण है। कवकों की पोषण प्रणाली भिन्न प्रकार की होती है। ये मृत अथवा विघटनकारी वस्तुओं की सतह पर कुछ पाचक रसों का स्राव करते हैं, जिससे ये विलयन में परिवर्तित हो जाते हैं। कवक इस विलयन का भोजन के रूप में अवशोषण करते हैं।
8. निम्नलिखित में से कौन-से सहजीवी संबंध का उदाहरण हैं?
1. शैवाल और कवक
2. शैवाल और जीवाणु
3. कवक और जीवाणु
4. पादप और जीवाणु
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4
उत्तर : (c)
व्याख्या : शैवाल और कवक के बीच सहजीवी संबंध होता है जिसे लाइकेन कहते हैं। शैवाल में क्लोरोफिल उपस्थित होता है, जबकि कवक में क्लोरोफिल नहीं होता। कवक शैवाल को रहने का स्थान (आवास), जल एवं पोषक तत्त्व उपलब्ध कराता है तथा बदले में शैवाल प्रकाश संश्लेषण द्वारा संश्लेषित खाद्य कवक को देता है।
• पादप और राइजोबियम जीवाणु भी सहजीवी संबंध का उदाहरण हैं। ये जीवाणु गैसीय नाइट्रोजन को विलेय पदार्थों में परिवर्तित कर देते हैं, परंतु राइजोबियम अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते। ये चना, मटर, मूंग, सेम तथा अन्य फलीदार पादपों की जड़ों में रहते हैं तथा उन्हें नाइट्रोजन की आपूर्ति करते हैं। इसके बदले पादप इन जीवाणुवों को आवास एवं खाद्य प्रदान करते हैं।
9. पादप के किस भाग द्वारा प्रकाश संश्लेषण हेतु वायु से कार्बन डाइऑक्साइड ली जाती है?
(a) मूल रोम
(b) रंध्र
(c) पर्णशिराएँ
(d) बाह्यदल
उत्तर : (b)
व्याख्या: पत्ती की सतह पर उपस्थित सूक्ष्म रंध्रों द्वारा वायु में उपस्थिति कार्बन डाइऑक्साइड प्रवेश करती है। ये रंध्र द्वारकोशिकाओं द्वारा घिरे होते हैं।
10. प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम द्वारा पौधे कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण करते हैं। यह कार्बोहाइड्रेट निम्नलिखित में किससे मिलकर बना होता है?
1. कार्बन
2. हाइड्रोजन
3. ऑक्सीजन
4. नाइट्रोजन
5. फास्फोरस
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1, 3 और 4
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 4 और 5
(d) केवल 3, 4 और 5
उत्तर : (b)
व्याख्या: कार्बोहाइड्रेट कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनता है, इसलिये (b) विकल्प सही है।
11. दालों की फसल के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
कथन: दालों की फसलों के लिये उन्हें मृदा में नाइट्रोजनी उर्वरक देने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
कारण: क्योंकि दालों की फसल मृदा से नाइट्रोजन ग्रहण नहीं करती हैं, बल्कि कुछ विशेष जीवाणु फसलों को नाइट्रोजन प्रदान करते हैं।
(a) कथन और कारण दोनों सत्य । कारण कथन की सही व्याख्या है।
(b) कथन और कारण दोनों सत्य । लेकिन कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।
(c) कथन सही कारण गलत है।
(d) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
उत्तर : (a)
व्याख्या: अधिकतर दालें फलीदार पादपों से प्राप्त होती हैं। कुछ जीवाणु जो राइजोबियम कहलाते हैं वायुमंडलीय नाइट्रोजन को विलय पदार्थों में परिवर्तित कर देते हैं। ये जीवाणु चना, मटर, मूँग तथा अन्य फलीदार पादपों की जड़ों में रहते हैं तथा उन्हें नाइट्रोजन की आपूर्ति करते हैं। इसके बदले पादप राइजोबियम जीवाणु को आवास एवं खाद्य प्रदान करते हैं, अतः इनमें सहजीवी संबंध होता है।

2. प्राणियों में पोषण

1. स्टारफिश (तारा मछली) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा / से कथन सत्य है/हैं?
1. इसका आहार कैल्शियम कार्बोनेट के कठोर कवच वाले जंतु होते हैं।
2. भक्षण के लिये ये कवच खोलने के बाद अपने मुख से आमाशय बाहर निकालती है तथा जंतु के कोमल भाग को खाती है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। तारा मछली भोजन को सीधे आमाशय में ही ग्रहण करती है। यह कैल्शियम कार्बोनेट के कठोर कवच वाले जंतुओं का आहार करती है।
• कवच खोलने के बाद अपने मुख से आमाशय बाहर निकालती है तथा जंतु के कोमल भाग को खाती है। आमाशय वापस शरीर में चला जाता है तथा आहार धीरे-धीरे पचता है।
2. पाचन तंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पाचक रस सरल पदार्थों को जटिल बनाता है जो पाचन में सहायक है।
2. आमाशय की आंतरिक भित्ति, क्षुद्रांत्र तथा आहार नाल से संबंद्ध ग्रंथियाँ पाचक रस स्रावित करती हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 असत्य है, क्योंकि पाचक रस जटिल पदार्थों को सरल बनाता है। आहारनाल एवं संबद्ध ग्रंथियाँ मिलकर पाचनतंत्र का निर्माण करती हैं।
• आमाशय की आंतरिक भित्ति, क्षुद्रांत्र तथा आहार नाल से संबंद्ध ग्रंथियाँ पाचक रस स्रावित करती हैं जो पाचन में सहायक होते हैं। अतः कथन 2 सही है।
3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. यकृत शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है।
2. यकृत पित्त – रस स्रावित नहीं करता है।
3. पित्त – रस वसा के पाचन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 2 गलत है, क्योंकि यकृत पित्त – रस का स्रावण करता है जो एक थैली में संगृहीत होता रहता है, इसे पित्ताशय कहते हैं। अन्य दोनों कथन सही हैं।
4. रूमिनैन्ट अथवा रोमंथी जंतुओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. रूमिनैन्ट में आमाशय चार भागों में बँटा होता है।
2. रूमेन में भोजन का आंशिक पाचन हो जाता है।
3. बाद में जंतु इसे छोटे-छोटे पिंडकों के रूप में मुख में लाता है तथा इसे चबाता है। इसे रोमंथन ( जुगाली करना) कहते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1,2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। घास खाने वाले जंतु वास्तव में पहले घास को जल्दी-जल्दी निगलकर आमाशय के एक भाग में भंडारित कर लेते हैं। यह भाग रूमेन (प्रथम आमाशय) कहलाता है। रूमिनैन्ट में आमाशय चार भागों में बँटा होता है। रूमेन में भोजन का आंशिक पाचन होता है, जिसे जुगाल (कड) कहते हैं। परंतु बाद में जंतु इसको छोटे-छोटे पिंडकों के रूप में पुनः मुख में लाता है जिसे वह चबाता रहता है। इस प्रक्रम को रोमंथन ( जुगाली करना) कहते हैं तथा ऐसे जंतु रूमिनैन्ट अथवा रोमंथी कहलाते हैं।
• घास में सेल्यूलोस की प्रचुर मात्रा होती है जो एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है। अनेक जंतु एवं मानव सेल्यूलोस का पाचन नहीं कर पाते, इसी कारण ये घास नहीं खा सकते।
• रूमिनैन्टस में क्षुद्रांत एवं बृहदांत्त के बीच एक थैलीनुमा बड़ी संरचना होती है जिसे अंछनाल कहते हैं। भोजन के सेलुलोस का पाचन यहाँ पर कुछ जीवाणुओं द्वारा किया जाता है, जो मनुष्य के आहार नाल में अनुपस्थित होते हैं।
5. अमीबा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह जलाशयों में पाया जाने वाला एककोशिकीय (Singlecelled) जीव है।
2. अमीबा अपनी आकृति एवं स्थिति निरंतर बदलता रहता है।
3. अमीबा की कोशिका में एक कोशिका झिल्ली, एक गोल  सघन केंद्रक एवं कोशिका द्रव में बुलबुले के समान अनेक घानियाँ होती हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : अमीबा के संबंध में उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं। यह जलाशयों में पाया जाने वाला एककोशिकीय जीव है जो अपनी आकृति एवं स्थिति निरंतर बदलता रहता है। इसकी कोशिका में एक कोशिका झिल्ली, एक गोल सघन केंद्रक एवं कोशिका द्रव में बुलबुले के समान अनेक घानियाँ (Vacuoles) उपस्थित होती हैं।
6. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. कार्बोहाइट्रेट, प्रोटीन एवं वसा महत्त्वपूर्ण खाद्य संघटक है।
2. इनका पाचन जंतुओं के शरीर में इसी रूप में होता है ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या: व्याख्या, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन आदि हमारे भोजन के महत्त्वपूर्ण संघटक हैं परंतु इनका पाचन हमारे शरीर में इस रूप में न होकर इनके छोटे-छोटे अवयव के रूप में होता है, जैसे- कार्बोहाइड्रेट का पाचन ग्लूकोस के रूप में, वसा का पाचन अम्ल या ग्लिसरॉल के रूप में, प्रोटीन का पाचन अमिनो अम्ल के रूप में।
7. पाचन क्रिया के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचारें करें-
1. कार्बोहाइड्रेट, सरल शर्करा जैसे कि ग्लूकोस में परिवर्तित हो जाता है।
2. वसा, वसा अम्ल एवं ग्लिसरॉल में परिवर्तित हो जाता है।
3. प्रोटीन अमीनो अम्ल में परिवर्तित हो जाता है।
उपर्युक्त में सत्य कथन है-
(a) केवल 1
(b) केवल 1, 2
(c) कवले 1, 3
(d) सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (d)
व्याख्या: छोटी आँत में पाचन, पाचन का एक महत्त्वपूर्ण चरण है। यह यकृत एवं अग्न्याशय स्राव प्राप्त करती है। इसके अतिरिक्त उनकी भित्ति से भी कुछ रस स्रावित होते हैं।
• अग्न्याशय से अग्न्याशय रस निकलता है जो कार्बोहाइड्रेट एवं प्रोटीन पर क्रिया करता है तथा इनको सरल रूप में परिवर्तित कर देता है।
• आंशिक रूप से बचा भोजन छोटी आँत के निचले भाग में पहुँचता है जहाँ आंत्र रस पाचन क्रिया को पूर्ण करता है। इस प्रक्रिया में कार्बोहाइड्रेट सरल शर्करां जैसे ग्लूकोज में, ‘वसा’ वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में तथा प्रोटीन अमीनो अम्ल में परिवर्तित हो जाता है।

3. रेशों से वस्त्र तक

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. जंतुओं से प्राप्त किये जाने वाले रेशे जांतव रेशे कहलाते हैं।
2. रेशम के रेशे, रेशम कीट के कोश से प्राप्त होते हैं।
3. भेड़, बकरी तथा याक ऊन देने वाले जंतु हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। जंतुओं से प्राप्त किये जाने वाले रेशे जांतव रेशे कहलाते हैं। इनमें से रेशम के फाइबर ( रेशे) रेशम कीट के कोकून (कोश) से प्राप्त होते हैं तथा ऊन के रेशे भेड़, बकरी तथा याक के बालों से प्राप्त किये जाते हैं।
2. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. अंगोरा ऊन को अंगोरा नस्ल की बकरियों से प्राप्त किया जाता है।
2. अंगोरा नस्ल की बकरियाँ कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
3. पश्मीना शॉल अंगोरा नस्ल की बकरियों की त्वचा पर उपस्थित मुलायम बालों (फर) से बनाई जाती है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 3
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 3 गलत है, क्योंकि कश्मीर की मशहूर पश्मीना शॉल कश्मीरी बकरियों की त्वचा पर उपस्थित मुलायम बालों (फर) से बनाई जाती है।
• अंगोरा ऊन को अंगोरा नस्ल की बकरियों से प्राप्त किया जाता है जो जम्मू एवं कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती हैं। अतः कथन 1 और 2 सही हैं।
3. रेशम के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. रेशम कीट पालन को सेरीकल्चर कहा जाता है।
2. रेशम फाइबर ( रेशे) प्रोटीन से बने होते हैं।
3. रेशम के रेशे रेशम कीटों से प्राप्त किये जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा /से सही है/हैं?
(a) केवल 1 2 और 3
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : रेशम कीट पालन को सेरीकल्चर कहा जाता है। रेशम फाइबर (रेशे) प्रोटीन से बने होते हैं। अतः कथन 1 और 2 सही हैं।
• रेशम कीट रेशम के रेशों का एक आवरण कोकून बनाते हैं। कोकूनों से रेशम को पृथक् करके उनका संसाधन किया जाता है और फिर धागा बनाया जाता है।
• भारत में रेशम उत्पादन से संबद्ध विभिन्न प्रकार के उद्योगों में महिलाओं की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। रेशम कीट पालन कोकून (कोश) से रेशम को निकालने और कच्चे रेशम से वस्त्र निर्माण आदि कार्य अधिकतर महिलाओं द्वारा किया जाता है।
• रेशम उत्पादन में भारत विश्व के अग्रणी देशों में से एक है।
4. रेशम के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. इसका मृदु रेशा (सूत्र) स्टील के तार जितना मज़बूत होता है।
2. टसर, मूगा तथा कोसा रेशम की किस्में हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। रेशम का मृदु रेशा (सूत्र) स्टील के तार जितना मज़बूत होता है ।
• रेशम कीट अनेक किस्म के होते हैं जो एक-दूसरे से काफी अलग दिखाई देते हैं और उनसे प्राप्त होने वाले रेशम के धागे गठन अर्थात् रुक्षता, चिकनाहट, चमक आदि में भिन्न होते हैं। अतः टसर रेशम, मूगा रेशम, कोसा रेशम तथा अन्य प्रकार के रेशम विभिन्न किस्म के रेशम कीटों द्वारा काते गए कोकूनों से प्राप्त किये जाते हैं। सबसे सामान्य रेशम कीट शहतूत रेशम कीट है।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. रेशम की खोज सर्वप्रथम भारत में हुई ।
2. प्राचीन काल में जिस मार्ग से रेशम का व्यापार विभिन्न देशों में होता था, उस मार्ग को आज ‘सिल्क रूट’ के नाम से जाना जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं
उत्तर : (b)
व्याख्या : रेशम की खोज सर्वप्रथम चीन में हुई भारत में नहीं। रेशम उद्योग को प्रारंभ में चीन से गुप्त रखा गया। बाद में यात्रियों और व्यापारियों ने रेशम को अन्य देशों में प्रचलित किया । जिस मार्ग से उन्होंने यात्रा की थी, उसे आज भी ‘सिल्क रूट’ ही कहा जाता है।

4. ऊष्मा

1. निम्नलिखित में से कौन – सा तापमान का मात्रक नहीं है?
(a) सेल्सियस
(b) फॉरेनहाइट
(c) केल्विन
(d) पास्कल
उत्तर : (d)
व्याख्या: पास्कल दाब का SI मात्रक है, जबकि सेल्सियस, फॉरेनहाइट व केल्विन तापमान के मात्रक हैं। तापमान का SI मात्रक केल्विन है।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. ऊष्मा सदैव गर्म वस्तु से अपेक्षाकृत ठंडी वस्तु की ओर प्रवाहित होती है।
2. द्रव और गैसों में ऊष्मा संवहन द्वारा स्थानांतरित होती है।
3. वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा किसी वस्तु के गर्म सिरे से ठंडे सिरे की ओर स्थानांतरित होती है चालन कहलाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। ऊष्मा सदैव गर्म वस्तु से अपेक्षाकृत ठंडी वस्तु की ओर प्रवाहित होती है।
• एक वस्तु से दूसरी वस्तु में ऊष्मा तीन प्रक्रमों द्वारा स्थानांतरित हो सकती है। ये हैं- चालन, संवहन तथा विकिरण। ठोसों में प्रायः ऊष्मा चालन एवं द्रवों और गैसों में संवहन द्वारा स्थानांतरित होती है। विकिरण द्वारा ऊष्मा के स्थानांतरण के लिये किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
• वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा किसी वस्तु के गर्म सिरे से ठंडे सिरे की ओर स्थानांतरित होती है चालन कहलाता है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. डॉक्टरी थर्मामीटर का मापन स्केल 35°C से 42°C तक होता है।
2. डॉक्टरी थर्मामीटर में पारा का प्रयोग किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं।
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों सही हैं। डॉक्टरी थर्मामीटर को केवल मानव शरीर का ताप मापने के लिये ही डिज़ाइन किया गया है। मानव शरीर का ताप सामान्यतः 35°C से कम तथा 42°C से अधिक नहीं होता। यही कारण है कि इस थर्मामीटर का परिसर 35°C से 42°C है। थर्मामीटर में पारे का प्रयोग होता है। पारा एक विषाक्त पदार्थ है और यदि तापमापी टूट जाए, तो इसका निपटान अत्यंत कठिन है। आजकल अंकीय तापमापी (डिजिटल थर्मामीटर) उपलब्ध है जिनमें पारे का प्रयोग नहीं होता।
4. निम्नलिखित कथनों पर विचारे करें-
1. गहरे रंग की वस्तुएँ हल्के रंग की वस्तुओं की अपेक्षा ऊष्मीय विकिरणों को कम अवशोषित करती हैं।
2. ऊनी वस्त्र सर्दियों में हमें गर्म रखते हैं इसका कारण यह है कि ऊन ऊष्मा -रोधी है तथा इसके रेशों के बीच वायु फँसी (ट्रैप) रहती है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा / से सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) दोनों कथन असत्य हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या: गहरे रंग की वस्तुएँ हल्के रंग की वस्तुओं की अपेक्षा ऊष्मीय विकिरण को ज़्यादा अवशोषित करती हैं। इसलिये कथन (1) गलत है।
• ऊनी वस्त्र हमें गर्म इसलिये रखते हैं क्योंकि ये ऊष्मा-रोधी हैं तथा इसके रेशों के बीच वायु रहती है। इसलिये कथन (2) सत्य है।
5. यदि किसी निश्चित ताप के लोहे के गोले को उसी ताप के जल में डुबाया जाएगा तो-
1. लोहे के ऊष्मा का अच्छा चालक होने की वजह से लोहे का गोला और गर्म हो जाएगा।
2. लोहे का गोला ठंडा तथा जल का ताप अधिक हो जाएगा।
3. लोहे के गोले तथा जल के ताप में कोई परिवर्तन नहीं होगा ।
4. गोले तथा जल दोनों का ताप कम हो जाएगा।
उपर्युक्त कथनों में सही कथन है-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कवले 3
(d) केवल 4
उत्तर : (c)
व्याख्या : ऊष्मा सदैव गर्म वस्तु से ठंडी वस्तु की ओर प्रवाहित होती है। चूँकि लोहे का गोला एवं जल समान ताप पर है अतः ऊष्मा का प्रवाह किसी भी दिशा अर्थात् न तो गोले से जल की ओर और न ही जल से गोले की ओर होगा। इस प्रकार किसी के ताप में कोई परिवर्तन नहीं होगा ।
6. स्टेनलेस इस्पात की कड़ाही में प्राय: कॉपर (तांबे) की तली लगाई जाती है इसका कारण हो सकता है।
(a) तांबे की तली कड़ाही को अधिक टिकाऊ बना देती है।
(b) ऐसी कड़ाही देखने में सुंदर लगती है।
(c) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा तांबे को साफ करना अधिक आसान है।
(d) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा तांबा ऊष्मा का अच्छा चालक है।
उत्तर : (d)
व्याख्या : स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा तांबा ऊष्मा का अच्छा चालक जिसके कारण ऊष्मा बर्तन की तली में बेहतर तरीके से फैलती है तथा भोजन अच्छी तरह से पकता है। इसलिये कथन (d) सही है।
• अन्य सभी कथन असत्य हैं।

5. अम्ल, क्षारक और लवण

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. उदासीन विलयन लाल अथवा नीले लिटमस पेपर का रंग परिवर्तित नहीं करता है।
2. हल्दी, लिटमस, गुड़हल की पंखुड़ियाँ आदि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सूचक हैं।
3. जब वर्षा जल में अम्ल की मात्रा अधिक होती है तो वह अम्ल वर्षा कहलाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। ऐसे पदार्थ जो न तो अम्लीय होते हैं और न ही क्षारकीय, उदासीन विलयन कहलाते हैं। ये लाल अथवा नीले लिटमस पेपर (सूचक) का रंग परिवर्तित नहीं करते हैं।
• कोई पदार्थ अम्लीय है अथवा क्षारीय, इसका परीक्षण करने के लिये विशेष प्रकार के पदार्थों का उपयोग किया जाता है। ये पदार्थ सूचक कहलाते हैं। हल्दी, लिटमस, गुड़हल की पंखुड़ियाँ इत्यादि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सूचक हैं।
• जब वर्षा जल में अम्ल की मात्रा अधिक होती है तो उसे अम्ल वर्षा कहते हैं। वर्षा जल के अम्लीय होने का कारण प्रदूषक के रूप में निर्मुक्त कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसें होती हैं जो वर्षा जल में घुलकर क्रमश: कार्बनिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं।
2. रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा पर पड़ने वाले प्रभावों और उसके उपचार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. रासायनिक उर्वरकों का अधिक प्रयोग मृदा को अम्लीय बना देता है।
2. अत्यधिक अम्लीय मृदा को उदासीन करने के लिये उसमें जैव पदार्थ मिलाए जाते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्याः रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग मृदा को अम्लीय बना देता है। अतः कथन 1 सही है। यदि मृदा अत्यधिक अम्लीय अथवा क्षारीय हो तो पादपों की वृद्धि के लिये अच्छी नहीं होती ।
• अत्यधिक अम्लीय मृदा के उपचार के लिये बिना बुझा हुआ चूना (कैल्शियम ऑक्साइड) अथवा बुझा हुआ चूना (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड) उपयोगं में लाया जाता है, जबकि जैव-पदार्थों का उपयोग मृदा की क्षारीयता को कम करने के लिये किया जाता है। जैव-पदार्थ मृदा में अम्ल निर्मुक्त करते हैं जो उसकी क्षारीय प्रकृति को उदासीन कर देता है। इसलिये कथन 2 गलत है।
3. दैनिक जीवन में उदासीनीकरण के उदाहरणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. कारखानों के अपशिष्ट ( कचरे) में अम्लीय पदार्थ मिश्रित होते हैं। इनको जलाशयों में विसर्जित करने से पहले क्षारीय पदार्थ मिलाकर उदासीन किया जाता है।
2. आमाशय में अम्ल की मात्रा बढ़ने पर मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड इसे उदासीन करने में सहायक होता है।
3. चींटी के डंक के प्रभाव को नमीयुक्त खाने का सोडा (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) अथवा कैलामाइन विलयन की सहायता से उदासीन किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। कारखानों के कचरे में अम्लीय पदार्थ मिश्रित होते हैं। ऐसे पदार्थों को सीधे ही जलाशयों में विसर्जित किया जाए तो मछली व अन्य जलीय जीवों को अम्ल नष्ट कर सकते हैं। अतः क्षार मिलाकर इनको उदासीन किया जाता है।
• आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पाया जाता है जो भोजन के पाचन में सहायक होता है, परंतु इसकी अधिकता से अपाचन हो जाता है। इस स्थिति से मुक्ति पाने के लिये मैग्नीशियम जैसा कोई प्रतिअम्ल लेते हैं जिसमें मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड होता है जो अत्यधिक अम्ल के प्रभाव को उदासीन कर देता है।
• चींटी के डंक के प्रभाव को नमीयुक्त खाने का सोडा ( सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट) अथवा कैलामाइन विलयन की सहायता से उदासीन किया जा सकता है जिसमें जिंक कार्बोनेट होता है।
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. हमारे दंत क्षय हेतु अम्ल ज़िम्मेदार होते हैं।
2. दाँतों के मध्य फँसे खाद्य पदार्थ अम्ल निर्मोचित करने में सहायक होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं।
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों ही कथन सत्य हैं। सामान्यतः हमारे मुख में जीवाणु पाए जाते हैं। परंतु उनमें हमें कोई हानि नहीं होती। फिर भी खाने के पश्चात् यदि हम दाँत एवं मुख साफ न करें, तो मुख में अनेक हानिकारक जीवाणु वास करके वृद्धि करने लगते हैं। ये जीवाणु दाँतों के बीच फँसे भोजन की शर्करा का विघटन कर अम्ल निर्मोचित करते हैं। यह अम्ल धीरे-धीरे दाँतों को क्षति पहुँचाते हैं। चॉकलेट, ठंडे पेय तथा चीनी मुक्त मिठाइयाँ व अन्य पदार्थ भी दंत क्षय हेतु उत्तरदायी होते हैं।
• दाँतों की अम्लीयता को दूर करने हेतु टूथ पेस्ट में नमक (क्षार) का प्रयोग किया जाता हैं।

6. भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

1. भौतिक और रासायनिक परिवर्तनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. सभी भौतिक परिवर्तन अनुत्क्रमणीय, जबकि रासायनिक परिवर्तन उत्क्रमणीय होते हैं।
2. रासायनिक परिर्वतन में एक या एक से अधिक नए पदार्थ बनते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर की पहचान करें-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: ऐसा परिवर्तन जिनका विपरीत दिशा में भी परिवर्तन संभव हो, वह उत्क्रमणीय परिवर्तन कहलाता है। भौतिक परिवर्तन सामान्यतः उत्क्रमणीय होता है।
• भौतिक परिवर्तन में कोई नया पदार्थ नहीं बनता है। बस उसकी अवस्था बदल जाती है अर्थात् इसको पूर्व अवस्था में लाया जा सकता है, जैसे- पानी का बर्फ बनना। बर्फ गर्म करने पर पुनः पानी में बदल जाता है।
• रासायनिक परिवर्तन अनुत्क्रमणीय होता है। इसका विपरीत दिशा में परिवर्तन संभव नहीं है। सभी नए पदार्थ रासायनिक परिवर्तन के परिणामस्वरूप ही बनते हैं। अतः कथन 1 गलत है।
• रासायनिक परिवर्तन में एक या एक से अधिक नए पदार्थ बनते हैं। इस दौरान ध्वनि का उत्पन्न होना, ऊष्मा, प्रकाश अथवा किसी अन्य प्रकार के विकिरण का निर्मुक्त अथवा अवशोषित होना, किसी गंध का बनना या उसमे परिवर्तन होना भी हो सकता है। अतः कथन 2 सही है।
2. निम्नलिखित में से कौन सा/से भौतिक परिवर्तन का उदाहरण है/हैं?
1. कागज़ को फाड़ना
2. रंग में परिवर्तन होना
3. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिलकर जल बनना
4. कागज़ का जलना
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (a)
व्याख्या : निश्चित रूप से कागज़ को फाड़कर पुनः उसको जोड़ा नहीं जा सकता, लेकिन इससे टुकड़ों के गुणों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। अतः यह भौतिक परिवर्तन का उदाहरण है। अन्य सभी रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण हैं।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. ओज़ोन का विघटन एक रासायनिक परिवर्तन है।
2. ओज़ोन पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर लेती है ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं।
उत्तर : (c)
व्याख्या: हमारे वायुमंडल में ओज़ोन की एक परत पाई जाती है। यह हमें सूर्य के प्रकाश में उपस्थित हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाती है। ओज़ोन पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर लेती है और ऑक्सीजन में परिणत हो जाती है।
• यदि ओज़ोन द्वारा पराबैंगनी विकिरण अवशोषित नहीं होती तो वह पृथ्वी की सतह पर पहुँचकर हमें और अन्य जीवों को हानि पहुँचाती है।
• ओज़ोन का उपयोग जल को रोगाणु रहित करने भी होता है।
4. निम्नलिखित पर विचार करें-
1. लोहे में जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन है।
2. लवण जल जंग लगने की दर को बढ़ा देता है ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं।
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों कथन सही हैं। लोहे में जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन है, लवण जल की उपस्थिति इस प्रक्रिया को तीव्र करती है।
• लोहे को जंग से बचाने हेतु जस्ता (ज़िंक) की परत चढ़ाई जाती है। इस प्रक्रम को यशद्-लेपन (गैल्वेनाइजेशन) कहते हैं।
• स्टेनलेस स्टील लोहे में कार्बन और क्रोमियस, निकेल तथा मैंगनीज जैसी धातुओं को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें जंग नहीं लगती है।
5. रसोई गैस के सिलिंडर में गैस द्रव के रूप में रहती है। सिलिंडर से बाहर आते ही यह गैस में परिवर्तित हो जाती है ( परिवर्तन A) ; फिर यही गैस बर्नर पर जलती है। (परिर्वतन B ) । निम्नलिखित कथन इन परिवर्तनों से संबंधित है। सही कथन का चयन कीजिये-
(a) प्रक्रम A एक रासायनिक परिर्वतन है।
(b) प्रक्रम B एक रासायनिक परिवर्तन है।
(c) प्रक्रम A और B दोनों ही रासायनिक परिर्वतन हैं।
(d) इनमें कोई भी प्रक्रम रासायनिक परिवर्तन है।
उत्तर : (b)
व्याख्या : सिलिंडर में द्रव के रूप में मौजूद गैस के बाहर आते ही गैस में परिवर्तित होना भौतिक परिवर्तन है क्योंकि इस प्रक्रिया में गैस की रासायनिक संरचना में कोई परिवर्तन नहीं होता है। जबकि गैस जलने के दौरान इससे ऊष्मा, प्रकाश तथा अन्य उपउत्पाद बनते हैं, अतः यह एक रासायनिक परिवर्तन है।

7. मौसम, जलवायु तथा जलवायु के जंतुओं द्वारा अनुकूलन अनुरूप

1. मौसम और जलवायु के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. किसी स्थान पर तापमान, आर्द्रता, वर्षा, वायुवेग आदि के संदर्भ में वायुमंडल की प्रतिदिन की परिस्थिति उस स्थान का मौसम कहलाती है।
2. किसी स्थान के मौसम की लंबी अवधि में एकत्रित आँकड़ों के आधार पर बना मौसम का पैटर्न, उस स्थान की जलवायु कहलाता है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। किसी स्थान का मौसम दिन-प्रतिदिन और सप्ताह दर सप्ताह परिवर्तित होता रहता है। तापमान, आर्द्रता, वर्षा मौसम के घटक हैं।
• जबकि किसी स्थान के मौसम की लंबी अवधि में एकत्रित आँकड़ों आधार पर बना मौसम का पैटर्न उस स्थान की जलवायु कहलाता है। यदि किसी स्थान का तापमान अधिकांश समय उच्च रहता है, तो यह कहा जा सकता है कि उस स्थान की जलवायु गर्म है।
• भारत में मौसम की रिपोर्ट भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा तैयार की जाती है।
2. ध्रुवीय क्षेत्रों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यहाँ छ: महीने के दिन और छः महीने की रात होती है।
2. ये क्षेत्र सदैव बर्फ से ढके रहते हैं तथा सर्दियों में तापमान – 37°C तक हो जाता है।
3. यहाँ ध्रुवीय भालू, पेंग्विन और रेन्डियर पाए जाते हैं।
4. अनेक प्रकार के पक्षी सर्दियों के आते ही यहाँ से अपेक्षाकृत गर्म स्थानों पर प्रवास लिये चले जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से कथन सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। ध्रुवीय क्षेत्रों में वर्ष के छः माह सूर्यास्त नहीं होता और शेष छः माह सूर्योदय नहीं होता। इन क्षेत्रों में चरम जलवायु पाई जाती है। अतः ये क्षेत्र सदैव बर्फ से ढके रहते हैं तथा सर्दियों में तापमान -37°C तक हो जाता है। यहाँ वर्ष के अधिकांश समय में अत्यधिक सर्दी पड़ती है।
• ध्रुवीय क्षेत्रों में ध्रुवीय भालू. पेंग्विन, रेन्डियर, कस्तूरी मृग, लोमड़ी. सील, व्हेल तथा अन्य कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। ये इन क्षेत्रों में रहने के लिये अनुकूलित होते हैं। ध्रुवीय भालू का शरीर इतनी अच्छी तरह से शीतरोधी होता है वे धीमे-धीमे चलते हैं ताकि उनके शरीर का ताप आवश्यकता से अधिक न हो जाए।
• जहाँ मछलियाँ लंबे समय तक ठंडे जल में रह सकती हैं वहीं पक्षियों को जीवित रहने के लिये अपने शरीर को गर्म रखना आवश्यक होता है, इसलिये अनेक प्रकार के पक्षी सर्दियों के आते ही प्रवास के लिये चले जाते हैं।
• भारत ऐसे अनेक पक्षियों का प्रवास स्थान है। साइबेरिया से आने वाले साइबेरियन क्रेनों के लिये राजस्थान का भरतपुर और हरियाणा में सुल्तानपुर महत्त्वपूर्ण हैं।
3. उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
1. इन क्षेत्रों की जलवायु सामान्यतः गर्म होती है।
2. इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है।
3. उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन भारत में पश्चिमी घाट और असम में पाए जाते हैं।
4. लॉयन टेल्ड लंगूर (दाढ़ी वाला एप) पश्चिमी घाट के वर्षा वनों में पाया जाता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों की जलवायु | सामान्यतः गर्म होती है तथा यहाँ वर्षा प्रचुर मात्रा में होती है।
• उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन भारत में पश्चिमी घाटों और असम में पाए जाते हैं। ये वन दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य अमेरिका और मध्य अफ्रीका में भी पाए जाते हैं। सतत गर्मी और वर्षा के कारण इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पादप और जंतु पाए जाते हैं।
• लॉयन टेल्ड लंगूर (दाढ़ी वाला एप) पश्चिमी घाट के वर्षा वनों में पाया जाता है। इसकी सबसे प्रमुख विशेषता इसकी चांदी जैसी सफेद अयाल है। लाल नेत्र वाला मेंढक, न्यूवर्ल्ड मंकी, टूकन पक्षी, हाथी आदि इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख जंतु हैं।

8. पवन, तूफ़ान और चक्रवात

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. भूमध्य रेखा के आस-पास के क्षेत्र को सूर्य की अधिकतम ऊष्मा मिलती है।
2. भूमध्य रेखा के दोनों ओर 0° से 30° अक्षांश की पट्टी के क्षेत्रों से वायु भूमध्य रेखा की ओर गतिशील होती है।
3. 30° से 60° अक्षांश के क्षेत्रों के असमान रूप से गर्म होने के कारण पवन का प्रवाह 60° अक्षांश से 30° अक्षांश की ओर होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1, 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या : भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं इसलिये भूमध्य रेखा के आस-पास के क्षेत्रों को अधिकतम ऊष्मा प्राप्त होती है। अतः कथन 1 सही है।
• 0° से 30° अक्षांश की पट्टी के क्षेत्रों से वायु भूमध्य रेखा की ओर गतिशील होती है जिसका कारण यह है कि 0° से 5° उत्तर एवं दक्षिण अक्षांश के बीच निम्न वायुदाब का क्षेत्र होता है तथा 30° उत्तर एवं दक्षिण अक्षांश के आस-पास उच्च वायुदाब क्षेत्र होता है। जिसके कारण पवन उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर बहने लगता है। अतः कथन 2 सही है।
• उच्च अक्षांशों पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं इसलिये 30° से 60° के बीच पृथ्वी की सतह असमान रूप से गर्म होती है। 30° उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांश के आस-पास उच्च वायुदाब तथा 60° अक्षांश के आस-पास निम्न वायुदाब क्षेत्र होता है। इस कारण पवन का प्रवाह 30° अक्षांश से 60° अक्षांश की ओर होता है। अत: कथन 3 गलत है।
2. पवन प्रवाह के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. शीतकाल में पवन के प्रवाह की दिशा स्थल से समुद्र की ओर होती है।
2. ग्रीष्मकाल में पवन समुद्र से स्थल की ओर बहता है।
3. समुद्र से आने वाला पवन अपने साथ जलवाष्प लाता है, जिससे वर्षा होती है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। गर्मियों में, स्थलीय क्षेत्र अधिक तेज़ी से गर्म होता है और अधिकांश समय स्थल का ताप समुद्री जल की अपेक्षा अधिक रहता है। स्थल के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठ जाती है। इससे पवन समुद्र से स्थल की ओर बहता है। शीतकाल में पवन के प्रवाह की दिशा विपरीत हो जाती है। समुद्र आने वाला पवन अपने साथ जलवाष्प लाता है, जिससे वर्षा होती है।
3. तड़ितझंझावात और चक्रवात के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. वायुमंडल के ऊँचे स्तरों पर पानी की नीचे गिरती बूंदें और ऊपर उठती वायु परस्पर उच्च वेग से गति करते हैं, जिससे तड़ितझंझावात का निर्माण होता है।
2. चक्रवात का केंद्र एक शांत क्षेत्र होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: तड़ित झंझावात भारत जैसे गर्म, आर्द्र, ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अक्सर विकसित होते रहते हैं। ताप में वृद्धि होने के कारण ऊपर की ओर उठती हुई पवन प्रबल हो जाती है। पवन वायु में पहले से विद्यमान जल की बूंदों को अपने साथ ऊपर की ओर ले जाती है जहाँ ताप कम होने के कारण वे जम जाती हैं और पुनः नीचे की ओर गिरने लगती हैं। गिरती हुई जल की बूंदें और तीव्र वेग से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से बिजली ( तड़ित ) कौंधती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। यह घटना तड़ित झंझावात कहलाती है। अतः कथन 1 सही है।
• किसी चक्रवात का केंद्र एक शांत क्षेत्र होता है। इसे झंझा का नेत्र कहते हैं। अतः कथन 2 भी सही है। कोई विशाल चक्रवात वायुमंडल में वायु का तेजी से घूर्णन करता पिंड होता है जो पृथ्वी तल से लगभग 10 से 15 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित होता है। चक्रवात का नेत्र का व्यास लगभग 10 से 30 किलोमीटर तक होता है। यह बादलों से मुक्त क्षेत्र होता है जिसमें पवन का वेग न्यून होता है।
4. चक्रवात के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. भारत का पश्चिमी तट चक्रवातों की प्रबलता और आवृत्ति दोनों ही संदर्भों में पूर्वी तट की अपेक्षा अधिक संवेदनशील है।
2. अमेरिकी महाद्वीप में चक्रवात को हरिकेन और फिलीपीन्स तथा जापान में टाइफून कहते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: भारत की संपूर्ण तटरेखा विशेष रूप से पूर्वी तट चक्रवातों के लिये संवेदनशील हैं, परंतु भारत का पश्चिमी तट चक्रवातों की प्रबलता और आवृत्ति दोनों ही संदर्भों में अपेक्षाकृत कम संवेदनशील है। इसलिये कथन 1 गलत है।
• विश्व के विभिन्न भागों में चक्रवात को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। अमेरीकी महाद्वीप में इसे हरिकेन कहते हैं, जबकि फिलीपीन्स और जापान में यह टाइफून कहलाता है। अतः कथन 2 सही है।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. पवन के वेग में वृद्धि वायु दाब में वृद्धि करती है ।
2. पवन सदैव अधिक वायु दाब वाले क्षेत्र से कम वायु दाव वाले क्षेत्र की ओर गति करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं।
उत्तर : (b)
व्याख्या : प्रथम वाक्य गलत है जबकि दूसरा वाक्य सही है। पवन का वेग बढ़ने से वायु दाब वास्तव में कम हो जाता है। पवन सदैव अधिक वायु दाव वाले क्षेत्र से कम वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करता है। इसके उदाहरण स्थल समीर, समुद्र समीर, भारत में ग्रीष्मकाल में चलने वाला दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी पवन, तथा शीतकाल में चलने वाला उत्तर-पश्चिम पवन हैं।
6. चक्रवात के दुष्प्रभावों को कम करने में निम्नलिखित में कौन-सी व्यवस्थाएँ सहायक सकती हैं?
1. चक्रवात पूर्वानुमान और चेतावनी सेवा ।
2. चक्रवात संभावित क्षेत्रों में चक्रवात आश्रयों का निर्माण और लोगों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिये प्रशासनिक व्यवस्था।
3. जनता द्वारा मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेना, आपातकालीन सेवाएँ, जैसे पुलिस, अग्निशमन दल, चिकित्सा केंद्रों का टेलीफोन नंबर साथ रखना ।
4. पेय जल का संग्रहण, पड़ोसियों, मित्रों तथा बचाव दल के साथ यथासंभव सहयोग और सहायता ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी वाक्य सही एवं व्याख्यायित हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से आज चक्रवात चेतावनी सेवा बहुत तीव्र हो गई है। 48 घंटे पहले ही चक्रवात सतर्कता अथवा चक्रवात सूचना जारी कर दी जाती है और चक्रवात चेतावनी भी कम से कम 24 घंटे पहले जारी कर दी जाती है।

9. मृदा

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पादपों के उगने के लिये सबसे अच्छी शीर्षमृदा दोमट मृदा है।
2. दोमट मृदा बालू, चिकनी मिट्टी और गाद का मिश्रण है।
3. गाद कणों का आमाप (साइज) बालू और चिकनी मिट्टी के कणों के आमाप के बीच का होता है।
4. बलुई मिट्टी गेहूं, चना और धान उगाने के लिये उपयुक्त है ।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d)  1, 2, 3 और 4
उत्तर : (b)
व्याख्या: पादपों के उगने के लिये सबसे अच्छी शीर्षमृदा दोमट मृदा है। यह दोमट मृदा, बालू, चिकनी मिट्टी और गाद का मिश्रण है। गाद कणों का आमाप (साइज) बालू और चिकनी मिट्टी के कणों के आमाप के बीच का होता है। अतः कथन 1, 2 और 3 सही हैं। दोमट मृदा में भी ह्यूमस होता है। इस प्रकार की मृदा में पादपों के लिये उच्च जल धारण क्षमता होती है।
• चिकनी मिट्टी ( मृत्तिका) और दोमट मिट्टी गेहूं, चना और धान उगाने के लिये उपयुक्त है, जबकि कपास को बलुई दोमट मृदा में उगाया जाता है। अतः कथन 4 गलत है। गेहूँ जैसी फसलें महीन मृण्मय मृदा में उगाई जाती हैं, क्योंकि वह ह्यूमस से समृद्ध और अत्यधिक उर्वर होती है। कपास के लिये बलुई दोमट मृदा अधिक उपयुक्त होती है, जिसमें जल की निकासी आसानी से हो जाती है और जो पर्याप्त परिमाण में वायु को धारण करती है।
2. किसी गर्म दिन की दोपहर में किसी खेत अथवा खुले मैदान में ज़मीन के ऊपर की वायु कंपदीप्त (Shimmer ) होती दिखाई देती है। ऐसा निम्नलिखित में से किसके कारण होता है?
(a) सूर्य के प्रकाश के परावर्तन के कारण
(b) विवर्तन की घटना के कारण
(c) वायु में जलवाष्प की अधिकता के कारण
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या: गर्म दिनों में मृदा से जल के वाष्पन के कारण ऊपर उठती जलवाष्प वायु को अपेक्षाकृत सघन बना देती है। इससे सूर्य के प्रकाश के परावर्तन के कारण मृदा के ऊपर की वायु कंपदीप्त (Shimmer) प्रतीत होती है।
3. मृदा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. जल, पवन अथवा बर्फ के द्वारा मृदा की ऊपरी सतह का हटना अपरदन कहलाता है।
2. पॉलीथीन, रसायन, पीड़कनाशी मृदा को प्रदूषित करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं।
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों वाक्य सही हैं। मृदा का अपरदन मरुस्थल अथवा बंजर भूमि जैसे स्थानों पर अधिक होता है, जहाँ की सतह पर बहुत कम अथवा कोई वनस्पति नहीं होती। अतः वृक्षों की कटाई और वनोन्मूलन को रोका जाना चाहिये और हरित क्षेत्रों को बढ़ाने के प्रयास किये जाने चाहिये।
• पॉलीथीन की थैलियाँ और प्लास्टिक, मृदा को प्रदूषित करते हैं। इसके अतिरिक्त पीड़कनाशी एवं रसायनों का उपयोग मृदा प्रदूषण का कारण बनता है। पीड़कनाशी के उपयोग में कमी अपशिष्ट पदार्थों का उचित प्रबंधन रसायनों का उपचार तथा पॉलीथीन के उपयोग पर प्रतिबंध मृदा प्रदूषण में कमी ला सकता है।

10. जीवों में श्वसन

1. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ, हमारी पेशियों में संचित होता है, जिससे ऐंठन होती है।
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) लैक्टिक अम्ल
(c) जल
(d) एल्कोहॉल
उत्तर : (b)
व्याख्या : बहुत देर तक व्यायाम करने, तेज़ी से दौड़ने, साइकिल चलाने अथवा भारी वजन उठाने जैसे कार्यों के लिये अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, लेकिन ऊर्जा उत्पन्न करने के लिये हमारे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित होती है। ऐसी स्थिति में पेशी कोशिकाएँ अवायवीय श्वसन द्वारा ऊर्जा की अतिरिक्त मांग को पूरा करती हैं। इस प्रक्रम में ग्लूकोस के आंशिक विखंडन से लैक्टिक अम्ल और कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है। इस लैक्टिक अम्ल का संचय पेशियों में ऐंठन उत्पन्न करता है।
• गर्म पानी से स्नान करने अथवा शरीर की मालिश करवाने पर ऐंठन से आराम मिलता है, क्योंकि इससे रक्त का संचार बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरुप पेशी कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है, जिससे लैक्टिक अम्ल का कार्बन डाइऑक्साइड और जल में पूर्ण विखंडन हो जाता है।
2. अंतः श्वसित वायु तथा उच्छ्वसित वायु में ऑक्सीजन का प्रतिशत कितना होता है ?
(a) 21% तथा 16.4%
(b) 16.4% तथा 21%
(c) 48% तथा 24%
(d) 24% तथा 14%
उत्तर : (a)
व्याख्या : हम जिस वायु का अंतः श्वसन तथा उच्छ्वसन करते हैं, वह गैसों का मिश्रण होती है। अंतः श्वसित वायु में 21% ऑक्सीजन तथा 0.04% कार्बन डाइआक्साइड होता है, जबकि उच्छवसित वायु में 16.4% ऑक्सीजन तथा 4.4% कार्बन डाइऑक्साइड होता है।
3. निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
1. भोजन में संचित ऊर्जा श्वसन के समय निर्मुक्त होती है।
2. कोशिका के अंदर ऑक्सीजन का उपयोग करके ग्लूकोस कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडित हो जाता है।
3. ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भोजन विखंडन को वायवीय श्वसन (Aerobic Respiration) कहा जाता है।
नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या : भोजन में संचित ऊर्जा श्वसन के समय निर्मुक्त होती है। अतः सभी जीवों को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने के लिये श्वसन की आवश्यकता होती है। अतः कथन 1 सही है।
• कोशिका के अंदर भोजन (ग्लूकोस), ऑक्सीजन का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडित होता है। अतः कथन 2 भी सही है। कोशिका में भोजन विखंडन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती है। यह प्रक्रम कोशिकीय श्वसन (Cellular Respiration) कहलाता है।
• कथन 3 गलत है क्योंकि ऑक्सीजन की उपस्थिति में भोजन के विखंडन की प्रक्रिया वायवीय श्वसन कहलाती है, जबकि ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भोजन का विखंडन अवायवीय श्वसन (Anaerobic Respiration) कहलाता है।
4. विभिन्न जंतुओं में श्वसन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. केंचुए श्वसन कार्य त्वचा से करते हैं।
2. मेंढक में मनुष्य की भाँति फेफड़े होते हैं, तथापि वे अपनी त्वचा से भी श्वसन करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: केंचुए अपनी त्वचा से श्वसन करते हैं। केंचुए की त्वचा स्पर्श करने पर आर्द्र और श्लेष्मीय प्रतीत होती है। इनमे से गैसों का आवागमन आसानी से हो जाता है। मेंढक भी अपनी त्वचा से भी श्वसन करते हैं। इनकी भी त्वचा आर्द्र और श्लेष्मीय होती है।
5. नीचे दिये गए कथनों को पढ़िये-
कथन: श्वसन सभी जीवों के जीवित रहने के लिये अनिवार्य है।
कारण: यह जीव द्वारा लिये गए भोजन से ऊर्जा को निर्मुक्त करता है।
कूट :
(a) कथन व कारण दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
(b) कथन व कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) कथन सही है कारण गलत है।
(d) कथन गलत है कारण सही है।
उत्तर : (a)
व्याख्या : हम अंतः श्वसन द्वारा, जो वायु शरीर के अंदर लेते हैं, उसमें उपस्थित ऑक्सीजन का उपयोग ग्लूकोस को कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडन के लिये किया जाता है। इस प्रक्रम में ऊर्जा निर्मुक्त होती है।
6. किसी सामान्य वयस्क व्यक्ति की विश्राम – अवस्था में औसत श्वसन दर होती है-
(a) 9-12 प्रति मिनट
(b) 15-18 प्रति मिनट
(c) 21-24 प्रति मिनट
(d) 30-33 प्रति मिनट
उत्तर : (b)
व्याख्या: कोई वयस्क व्यक्ति विश्राम की अवस्था में एक मिनट में औसतन 15 – 18 बार साँस अंदर लेता और बाहर निकालता है। अधिक व्यायाम करने में श्वसन दर 25 बार प्रति मिनट तक बढ़ सकती है।
7. उच्छ्वसन के समय पसलियाँ
(a) बाहर की ओर गति करती हैं।
(b) नीचे की ओर गति करती हैं।
(c) ऊपर की ओर गति करती हैं।
(d) बिल्कुल गति नहीं करती हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या : श्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर गति करती हैं और डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है। उच्छ्वसन के समय पसलियाँ नीचे और अंदर की ओर आ जाती हैं, जबकि डायाफ्राम ऊपर की ओर पूर्व स्थिति में आ जाता है।

11. जंतुओं और पादप में परिवहन

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिये –
1. पचा भोजन
2. ऑक्सीजन
3. अपशिष्ट पदार्थ
उपर्युक्त में से रक्त किसका / किनका परिसंचरण करता है?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : रक्त वह तरल पदार्थ है जो हमारी वाहिनियों में प्रवाहित होता है। यह पचे हुए भोजन को क्षुद्रांत्र (छोटी आँत) से शरीर के अन्य भागों तक ले जाता है। फेफड़ों से ऑक्सीजन को भी रक्त ही शरीर की कोशिकाओं तक ले जाता है। शरीर की कोशिकाएँ भी अपशिष्ट का उत्सर्जन करती हैं। रक्त शरीर में से ऐसे कई अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिये उनका परिवहन भी करता है।
2. मानव रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को अपने साथ संयुक्त करके शरीर के सभी अंगों और कोशिकाओं तक इसका परिवहन करता है ।
2. हीमोग्लोबिन एक लाल रंग का वर्णक है जो ऑक्सीजन से संयुक्त होकर रक्त को लाल रंग प्रदान करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 1 सही है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को अपने साथ संयुक्त करके शरीर के सभी अंगों में और अंततः सभी कोशिकाओं तक परिवहन करता है। हीमोग्लोबिन की कमी होने पर शरीर की सभी कोशिकाओं को कुशलतापूर्वक ऑक्सीजन प्रदान करना कठिन हो जाता है।
• हीमोग्लोबिन लाल रक्त कणिकाओं (RBC) में उपस्थित एक लाल रंग का वर्णक होता है। हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण ही रक्त का रंग लाल होता है। अतः कथन 2 सही है।
3. श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) अथवा कणिकाएँ निम्नलिखित में से क्या कार्य करती हैं?
(a) ऑक्सीजन का वहन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड का वहन
(c) रोगाणुओं का विनाश
(d) रक्त का थक्का बनाना
उत्तर : (c)
व्याख्या : रक्त के तरल भाग को प्लाज्मा (Plasma) कहते हैं। रक्त कोशिकाएँ (कणिकाएँ) इसमें तैरती रहती हैं। ये कणिकाएँ 3 प्रकार की होती हैं-
♦ लाल रक्त कणिकाएँ
♦ श्वेत रक्त कणिकाएँ
♦ पट्टिकाणु (प्लेटलेट्स)
• लाल रक्त कणिकाएँ ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन करती हैं। श्वेत रक्त कणिकाएँ उन रोगाणुओं को नष्ट करती हैं जो शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जबकि रक्त का थक्का बनना पट्टिकाणुओं ( प्लेटलेट्स) के कारण होता है।
4. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. रक्त
2. रक्त वाहिकाएँ
3. हृदय
4. वृक्क
उपर्युक्त में से कौन – सा / से मानव शरीर के परिसंचरण तंत्र का हिस्सा नहीं है/हैं?
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) केवल 4
उत्तर : (d)
व्याख्या : रक्त परिसंचरण की खोज ‘विलियम हार्वे’ नामक एक अंग्रेज़ चिकित्सक ने की थी।
• रक्त, रक्त वाहिकाएँ एवं हृदय तीनों ही मानव शरीर के परिसंचरण तंत्र का हिस्सा हैं।
• रक्त ऑक्सीजन, पचे हुए भोजन व अपशिष्टों का परिवहन करता है। यह परिवहन रक्त वाहिकाओं के द्वारा होता है। शरीर में दो प्रकार की रक्त वाहिनियाँ पाई जाती हैं- धमनी (Artery) और शिरा (Vein)। धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती हैं। चूँकि रक्त प्रवाह तेज़ी से और अधिक दबाव पर होता है, अतः वाहिनियों की भित्तियाँ (दीवार) मोटी और प्रत्यास्थ होती हैं। शिराएँ कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों से वापस हृदय में ले जाती हैं। शिराओं की भित्तियाँ अपेक्षाकृत पतली होती हैं। शिराओं में ऐसे बाल्व होते हैं जो रक्त को केवल हृदय की ओर ही प्रवाहित होने देते हैं।
• हृदय रक्त द्वारा पदार्थों के परिवहन के लिये पंप के रूप में कार्य करता है।
• वृक्क मानव शरीर के उत्सर्जन तंत्र का हिस्सा है न कि परिसंचरण तंत्र का।
5. चिकित्सक हृदय स्पंद को मापने के लिये निम्नलिखित में से किस यंत्र का उपयोग करते हैं?
(a) स्टेथॉस्कोप
(b) पेसमेकर
(c) इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ (ECG)
(d) इलेक्ट्रोएन्सिफैलोग्राफ (EEG)
उत्तर : (a)
व्याख्या : हृदय चार कक्षों में बँटा होता है। हृदय के कक्ष की भित्तियाँ पेशियों की बनी होती हैं। ये पेशियाँ लयबद्ध रूप से संकुचन (Contraction) और विश्रांति (Relaxation) करती हैं जो हृदय स्पंद (हार्ट बीट ) कहलाता | है | चिकित्सक हृदय स्पंद को मापने के लिये स्टेथॉस्कोप (Stethoscope) का प्रयोग करते हैं जो हृदय स्पंद की ध्वनि को आवर्धित ( amplify) कर देता है।
• पेसमेकर हृदय गति कम हो जाने पर उसे सामान्य स्थिति में लाने हेतु प्रयोग होने वाला उपकरण है।
• इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ (ECG) का प्रयोग संकुचन एवं विश्रांति के समय उत्पन्न विद्युतवाहक बल को मापने तथा हृदय के किसी अन्य प्रकार के विकार का पता लगाने के लिये होता है।
• इलेक्ट्रोएन्सिफैलोग्राफ (EEG) का प्रयोग मस्तिष्क में होने वाली विद्युत क्रियाओं को निरूपित करने तथा मस्तिष्क संबंधी रोगों का निरूपण करने के लिये किया जाता है।
6. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. मछली
2. हाइड्रा
3. स्पंज (Sponge)
उपर्युक्त में से किसमें/किनमें कोई परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता है?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या : हाइड्रा और स्पंजों जैसे कुछ जंतुओं में कोई परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता है। जिस जल में वे रहते हैं, वही उनके शरीर में प्रवेश करके उनके भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति कर देता है।
• जब जल बाहर निकलता है तो वह अपने साथ कार्बन डाइऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों को भी ले आता है। अतः परिसंचरण हेतु रक्त के समान तरल की आवश्यकता इन्हें नहीं होती है।
• सामान्यतः मछलियों में परिसंचरण तंत्र पाया जाता है।
7. ‘अपोह्न’ (डायलाइसिस) की विधि निम्नलिखित में से किसके अक्रिय हो जाने की स्थिति में प्रयोग में लाई जाती है?
(a) हृदय
(b) वृक्क
(c) यकृत
(d) फेफड़े
उत्तर : (b)
व्याख्या: वृक्क का मुख्य कार्य रक्त को छानने का होता है।
• अपोह्र की विधि का प्रयोग वृक्क के अक्रिय हो जाने की स्थिति में किया जाता है। इस विधि में कृत्रिम वृक्क द्वारा रक्त को नियमित रूप से छाना जाता है।
• वृक्क मानव शरीर के उत्सर्जन तंत्र का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। वृक्क, मूत्र वाहिनियाँ, मूत्राशय और मूत्रमार्ग सम्मिलित रूप से उत्सर्जन तंत्र बनाते हैं। मानव उत्सर्जन तंत्र द्वारा लवण और यूरिया जल के साथ पसीने तथा मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकाल दिये जाते हैं। शरीर से निकलने वाला पसीना शरीर से हानिकारक तत्त्वों को बाहर निकालने के साथ-साथ शरीर को ठंडा बनाए रखने में भी सहायता करता है।
8. कुछ जंतुओं के शरीर से अपशिष्ट रसायनों के निष्कासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. मछली कोशिका के अपशिष्ट उत्पादों को अमोनिया के रूप में उत्सर्जित करती है।
2. सर्प अपने शरीर से अपशिष्ट के रूप में नाइट्रिक अम्ल का उत्सर्जन करता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या : जंतुओं के शरीर में रसायनों के निष्कासन की विधि जल की उपलब्धता पर निर्भर करती है। मछली जैसे जलीय जंतु कोशिका के अपशिष्ट उत्पादों को अमोनिया के रूप में उत्सर्जित करते हैं जो सीधे जल घुल जाती है।
• पक्षी, छिपकली, सर्प जैसे कुछ जंतु अपने शरीर से अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन अर्ध घन (सेमी सॉलिड) पदार्थ के रूप में करते हैं। ये पदार्थ यूरिक अम्ल होता है जो मुख्यतः सफेद रंग का यौगिक है।
• मानव द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थों में यूरिया प्रमुख है।
उत्तर : (c)
व्याख्या: जाइलम (दारू): जल एवं पोषक तत्त्वों के परिवहन के लिये पादपों में जो संवहन उत्तक (उत्तक कोशिकाओं का वह समूह होता है; जो किसी जीव में किसी कार्य विशेष को संपादित करता है।) होता है | उसे जाइलम कहते हैं।
• फ्लोएम ( पोषवाह ): पौधों में पत्तियाँ भोजन का संश्लेषण करती हैं। भोजन को पादप के सभी भागों में ले जाया जाता है। यह कार्य एक संवहन ऊतक द्वारा किया जाता है, जिसे फ्लोएम कहते हैं।
10. नीचे दिये गए कथनों को पढ़िये-
कथन (A): मूलों द्वारा मृदा से अवशोषित जल अभिकर्षित (खिंचकर) होकर तने और पत्तियों तक पहुँचता है।
कारण (R): पत्तियों से जल के वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण वल निर्मित होता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये-
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है ।
उत्तर : (a)
व्याख्या: पादपों में वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण बल निर्मित होता है, जिसके कारण मूलों द्वारा मृदा से अवशोषित जल अभिकर्षित (खिंचकर) होकर तने और पत्तियों में पहुँचता है। अत: (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है। वाष्पोत्सर्जन का यह प्रक्रम पादपों को ठंडा रखने में भी सहायक होता है।
11. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. फुफ्फुस धमनी ऑक्सीजन समृद्ध रक्त का प्रवाह करती है।
2. फुफ्फुस शिरा कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त का प्रवाह करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) 1 सही है
(b) 2 सही है
(c) 1 और 2 दोनों सही है
(d) दोनों गलत हैं।
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन गलत हैं। फुफ्फुस धमनी कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को हृदय से यह फेफड़ों में ले जाती है। फुफ्फुस शिरा ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को फेफड़ों से हृदय में लाती है।
12. किसी वयस्क व्यक्ति का हृदय एक मिनट में कितनी बार धड़कता है?
(a) 100-110 बार
(b) 70-80 बार
(c) 90-100 बार
(d) 25-30 बार
उत्तर : (b)
व्याख्या: परिसंचरण तंत्र में हृदय और रक्त वाहिनियाँ होती हैं। किसी व्यस्क व्यक्ति का हृदय एक मिनट में लगभग 70-80 बार धड़कता है। इसे हृदय स्पंदन दर कहते हैं।

12. पादप में जनन

1. कायिक प्रवर्धन (Vegetative Propagation) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. कायिक प्रवर्धन द्वारा पादप कम अवधि में उगाए जा सकते हैं।
2. बीजों द्वारा उगाए जाने वाले पादपों की अपेक्षा कायिक प्रवर्धन द्वारा उत्पन्न पादपों में पुष्प और फल आने में अधिक समय लगता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है परंतु 2 गलत है। पादपों में जनन दो प्रकार से होता है- अलैंगिक और लैंगिक । अलैंगिक जनन ( Asexual Reproduction) की कुछ विधियाँ खंडन (Fragmentation), मुकुलन (Budding), बीजाणु निर्माण (Spore Formation ) और कायिक प्रवर्धन हैं। इसमें से कायिक प्रवर्धन की विधि में पत्तियाँ, तना और मूल जैसे कायिक भागों से नए पादप उगाए जाते हैं।
• कायिक प्रवर्धन द्वारा पादप कम अवधि में उगाए जा सकते हैं। साथ ही बीजों द्वारा उगाए जाने वाले पादपों की अपेक्षा कायिक प्रवर्धन द्वारा उत्पन्न पादपों में पुष्प और फल कम अवधि में आ जाते हैं।
2. नीचे दिये गए कथनों को पढ़िये-
कथन (A) : कायिक प्रवर्धन में नए पादप जनक पादप की प्रतिलिपि होते हैं।
कारण (R) : कायिक प्रवर्धन में नए पादप एक ही जनक द्वारा उत्पन्न होते हैं।
नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है ।
उत्तर : (a)
व्याख्या: कायिक प्रवर्धन में नए पादप जनक पादप की यथार्थ प्रतिलिपि होते हैं, क्योंकि वे एक ही जनक द्वारा उत्पन्न होते हैं।
• इसके विपरीत लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले पादप में माता-पिता (जनक) दोनों के गुण होते हैं। लैंगिक जनन के परिणामस्वरूप पादप बीज उत्पन्न करते हैं, जबकि कायिक प्रवर्धन में कायिक भागों से सीधे नए पादप उगाए जाते हैं।
3. विभिन्न सजीवों में जनन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यीस्ट में जनन मुकुलन के माध्यम से होता है।
2. शैवाल में जनन प्रक्रिया खंडन के माध्यम से संपन्न होती है।
3. मॉस और फर्न में जनन बीजाणुओं द्वारा होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। यीस्ट एक एकल कोशिका (एककोशिक) जीव है जिसमें जनन मुकुलन की प्रक्रिया द्वारा होता है। मुकुलन में यीस्ट कोशिका से छोटा मुकुल (कली) बाहर निकलता है | और अपनी जनक कोशिका से विलग होकर नई यीस्ट कोशिका बनता है।
• शैवाल में जनन प्रक्रिया खंडन (विखंडन) के माध्यम से संपन्न होती है। इस प्रक्रिया में शैवाल (जैसे स्पाइरोगाइरा ) दो या अधिक खंडों में विखंडित हो जाते हैं। ये खंड अथवा टुकड़े नए जीवों के रूप में वृद्धि करते हैं।
• मॉस और फर्न जैसे पादपों में जनन बीजाणुओं द्वारा होता है। बीजाणु अलैंगिक जनन ही करते हैं। ये वायु द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाए जाते हैं।
4. एकलिंगी पुष्प के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. एकलिंगी पुष्पों में या तो केवल पुंकेसर अथवा केवल स्त्रीकेसर उपस्थित होते हैं।
2. सरसों, गुलाब और पिटूनिया के पौधों में उगने वाले पुष्प एकलिंगी पुष्प का उदाहरण हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है। ऐसे पुष्प, जिनमें या तो केवल पुंकेसर अथवा केवल स्त्रीकेसर उपस्थित होते हैं, एकलिंगी पुष्प कहलाते हैं, जबकि जिन पुष्पों में पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों ही होते हैं, वे द्विलिंगी पुष्प कहलाते हैं।
• मक्का, पपीता और ककड़ी या खीरे के पौधे में एकलिंगी पुष्प होते हैं, जबकि सरसों, गुलाब और पिटूनिया के पौधों में उगने वाले पुष्प द्विलिंगी पुष्प का उदाहरण हैं। अतः कथन 2 गलत है।
5. पादपों में परागण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. परागण के अंतर्गत परागकणों का स्थानांतरण परागकोश से पुष्प के वर्तिकाग्र पर होता है।
2. जहाँ स्व- परागण के अंतर्गत परागकणों का स्थानांतरण परागकोश से उसी पादप के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र पर होता है, वहीं पर – परागण में परागकणों का स्थानांतरण उसी प्रकार के किसी अन्य पादप पुष्प के वर्तिकाग्र पर होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है। पुष्पों में उपस्थित परागकण हल्के होते हैं। जो वायु, जल अथवा कीटों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तथा एक पुष्प से दूसरे पुष्प पर ले जाए जाते हैं। इन परागकणों का परागकोश से पुष्प के वर्तिका पर स्थानांतरण परागण कहलाता है।
• यदि परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर गिरते हैं, तो इसे स्व- परागकण कहते हैं परंतु जब पुष्प के परागकण उसी पादप के किसी अन्य पुष्प अथवा उसी प्रकार के दूसरे पादप के किसी पुष्प के वार्तिकाग्र पर गिरते हैं, तो इसे पर-परागण कहते हैं। अतः कथन 2 गलत है।
6. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. पादप का जनन भाग तना होता है।
2. नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम परागण कहलाता है।
3. परिपक्व होने पर अंडाशय फल में विकसित हो जाता है।
4. डबलरोटी का फफूँद बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा /से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या: पादप का जनन भाग पुष्प होता है, इस कारण पहला कथन गलत है।
• नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम निषेचन कहलाता है, इस का दूसरा कथन भी गलत है।
• कथन तीन एवं चार सही हैं ।

13. गति एवं समय

1. निम्नलिखित में से कौन-सा एक उपकरण वाहन द्वारा तय की गई दूरी मापता है ?
(a) ओडोमीटर
(b) स्पीडोमीटर
(c) एक्सिलरोमीटर
(d) अल्टीमीटर
उत्तर : (a)
व्याख्या: जो उपकरण वाहन द्वारा तय की गई दूरी मापता है उसे ओडोमीटर (पथमापी) कहते हैं ।
• स्पीडोमीटर का प्रयोग वाहनों की चाल मापने के लिये होता है।
• एक्सिलरोमीटर वाहन की चाल की वृद्धि दर को मापने का यंत्र है।
• अल्टीमीटर से विमानों की ऊँचाई मापी जाती है।
2. चाल का मूल मात्रक है-
(a) km/min
(b) M/min
(c) km/h
(d) M/s
उत्तर : (d)
व्याख्या: किसी वस्तु की चाल उसके द्वारा तय की गई दूरी को उस दूरी को चलने में लिये गए समय से विभाजित करने पर प्राप्त होती है। इसका मूल मात्रक मीटर प्रति सकेंड (M/s) है।

14. विद्युत धारा और इसके प्रभाव

1. किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर विभिन्न प्रभाव होते हैं। इन प्रभावों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह तार तप्त हो जाता है।
2. किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर वह तार चुंबक की भाँति व्यवहार करता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 1
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों कथन सहीं हैं। जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह तप्त हो जाता है, इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं।
● जब किसी तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह तार चुंबक की भाँति व्यवहार करता है, इसे विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव कहते हैं। वैज्ञानिक हैंस क्रिश्चियन ऑस्टेंड ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने विद्युत धारा के इस चुंबकीय प्रभाव को देखा ।
2. विद्युत फ्यूज के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. इनका उपयोग लघुपथन (शॉर्ट सर्किट) रोकने हेतु होता है।
2. सुरक्षा मानक से उच्च विद्युत धारा के प्रवाहित होने से विद्युत फ्यूज के तार पिघल जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : कुछ विशेष पदार्थों के बने तारों में से जब उच्च विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वे गर्म होने से पिघलकर टूट जाते हैं। इन पदार्थों का उपयोग विद्युत फ्यूज के निर्माण में किया जाता है, जो विद्युत परिपथों को क्षति तथा आग से बचाते हैं।
3. थॉमस अल्वा एडीसन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. थॉमस अल्वा एडीसन ब्रिटेन के वैज्ञानिक थे।
2. थॉमस अल्वा एडीसन ने विद्युत बल्ब, ग्रामोफोन, चलचित्र कैमरा तथा कार्बन प्रेषक का आविष्कार किया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या : थॉमस अल्वा एडीसन (1847 – 1931 ) संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिक थे। इस कारण कथन 1 गलत है। इन्होंने विद्युत बल्ब, ग्रामोफोन, चलचित्र कैमरा तथा कार्बन प्रेषक सहित लगभग 1300 आविष्कार किये।

15. प्रकाश

1. समतल दर्पण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा, आभासी तथा बिंब के समान आकार का होता है।
2. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब में बिंब का वाम भाग प्रतिबिंब के दक्षिण भाग की भाँति दिखाई देता है तथा बिंब का दक्षिण भाग प्रतिबिंब के वाम भाग की भाँति दिखाई देता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों कथन सही हैं। जो प्रतिबिंब किसी पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता उसे आभासी प्रतिबिंब कहते हैं। समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा, आभासी तथा बिंब के समान आकार का बनता है। प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है, जितनी कि दर्पण से बिंब की दूरी होती है।
• समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब में ‘दक्षिण’ ‘वाम’ दिखाई पड़ता है तथा ‘वाम’ ‘दक्षिण’ दिखाई पड़ता है।
2. अवतल दर्पण के विभिन्न उपयोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. चिकित्सकों द्वारा आँख, कान, नाक तथा गले का निरीक्षण करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
2. वाहन चालकों के पीछे देखने के लिये वाहनों के पार्श्व दर्पणों ( साइड मिरर) में इसका प्रयोग किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा /से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है। चिकित्सकों द्वारा आँख, कान, नाक तथा गले का निरीक्षण करने के लिये अवतल दर्पण का प्रयोग होता है। अवतल दर्पण वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब बना सकता है। जब बिंब (वस्तु) को दर्पण के अत्यंत निकट रखते हैं, तो प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आवर्धित होता है। दंत विशेषज्ञों द्वारा अवतल दर्पण का उपयोग दाँतों का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिये किया जाता है।
• कथन 2 गलत है क्योंकि वाहनों के पार्श्व दर्पणों में उत्तल दर्पण का उपयोग होता है। उत्तल दर्पण अधिक क्षेत्र के दृश्य का प्रतिबिंब बना सकते हैं। उत्तल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा, आभासी तथा आकार में बिंब से छोटा होता है।
3. लेंसों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. उत्तल लेंस सदैव वास्तविक, उल्टा तथा आकार में बिंब से बड़े प्रतिबिंब बनाता है।
2. अवतल लेंस सदैव आभासी, सीधा तथा आकार में बिंब से छोटा प्रतिबिंब बनाता है।
उपर्युक्त कथनों कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 गलत है क्योंकि उत्तल लेंस वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब बनाता है परंतु जब बिंब लेंस के अत्यंत निकट रखा जाता है तो बनने वाला प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आवर्धित होता है। उत्तल लेंस को आवर्धक लेंस की तरह उपयोग में लाया जाता है।
• सामान्यतः उत्तल लेंस, उस पर पड़ने वाले (आपतित) प्रकाश को अभिसारित (अंदर की ओर मोड़ना) कर देता है । इसीलिये इसे अभिसारी लेंस भी कहते हैं।
• कथन 2 सही है। अवतल लेंस सदैव आभासी, सीधा तथा आकार में बिंब से छोटा प्रतिबिंब बनाता है। अवतल लेंस, उस पर आपतित प्रकाश को अपसारित ( बाहर की ओर मोड़ना) करता है। अत: इसे अपसारी लेंस कहते हैं।
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. श्वेत प्रकाश सात वर्णों का मिश्रण है।
2. इंद्रधनुष भी सात वर्णों से मिलकर बना होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों ही कथन सही हैं। लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी तथा बैंगनी मोटे तौर पर इन्हीं वर्णों का मिश्रण श्वेत प्रकाश होता है जो हमें सूर्य के प्रकाश से बने इंद्रधनुष या प्रिज़्म के माध्यम से नज़र आते हैं।

16. जल : एक बहुमूल्य संसाधन

1. विश्व जल दिवस निम्नलिखित में से कब मनाया जाता है ?
(a) 22 मार्च
(b) 22 अप्रैल
(c ) 20 मार्च
(d) 22 मई
उत्तर : (a)
व्याख्या: प्रतिवर्ष 22 मार्च का दिन हर व्यक्ति का जल संरक्षण के महत्त्व की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिये विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पृथ्वी की सतह का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से ढका है परंतु उपयोग के लिये उपलब्ध अलवण जल (ताज़ा जल ) पृथ्वी पर उपलब्ध जल की कुल मात्रा का 1 प्रतिशत से भी कम ( लगभग 0.006%) है। इस विषय पर जागरूकता के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2003 को अंतर्राष्ट्रीय अलवण जल वर्ष मनाया गया था ।
2. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक जल की कमी हेतु उत्तरदायी है ?
1. औद्योगीकरण में वृद्धि
2. बढ़ती जनसंख्या
3. जल संसाधनों का कुप्रबंधन
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) सभी
उत्तर : (d)
व्याख्या : उद्योगों की तेज़ी से वृद्धि, बढ़ती जनसंख्या, सिंचाई की बढ़ती आवश्यकताएँ और कुप्रबंधन जल की कमी के कुछ कारण हैं।
3. निम्नलिखित में से कौन- सी सिंचाई व्यवस्था सर्वाधिक मितव्ययी है?
(a) नहर सिंचाई
(b) नल-कूप सिंचाई
(c) बावड़ियों से सिंचाई
(d) बूँद सिंचाई
उत्तर : (d)
व्याख्या : किसान भी अपने खेत में जल का उपयोग मितव्ययता से करना चाहते हैं। बूँद (ड्रिप) सिंचाई व्यवस्था एक मितव्ययी सिंचाई व्यवस्था है इसमें कम व्यास के पाइपों द्वारा पौधों को पानी देने की तकनीक है, जो सीधे उनकी जड़ों तक जल पहुँचाती है।
4. सही विकल्प का चयन कीजिये-
(a) विश्व की सभी झीलों और नदियों में जल की कुल मात्रा नियत (स्थिर) रहती है।
(b) भूमिगत जल की कुल मात्र नियत रहती है।
(c) विश्व के समुद्रों और महासागरों में जल की कुल मात्रा नियत है।
(d) विश्व में जल की कुल मात्र नियत है।
उत्तर : (d)
व्याख्या : जल चक्र द्वारा परिचक्रण के दौरान जल इसकी तीनों अवस्थाओं अर्थात् ठोस (ध्रुवों पर, हिमनद ) द्रव ( महासागर, नदी, झील, मौमजल) और गैस (वायु में जलवाष्प ) में से किसी एक अवस्था में पृथ्वी पर कहीं भी पाया जा सकता है। जल का उसकी तीनों अवस्थाओं के बीच सतत चक्रण द्वारा पृथ्वी पर जल की कुल मात्रा स्थिर बनी रहती है।

17. वन : हमारी जीवन रेखा

1. निम्नलिखित में से कौन-सा खाद्य श्रृंखला का सही क्रम है?
(a) घास → कीट → मेंढक → सर्प → गरुड़
(b) गरुड़ → सर्प → मेंढक → कीट → घास
(c) घास → सर्प → मेंढक → कीट → गरुड़
(d) कीट → घास → मेंढक → गरुड़ → सर्प
उत्तर : (a)
व्याख्या: सभी जीव चाहे वे शाकभक्षी हों अथवा मांसभक्षी, अंतत: भोजन के लिये पादपों पर ही निर्भर होते हैं, क्योंकि जो जंतु पादपों का भोजन करते हैं, उन्हें अक्सर अन्य जंतुओं द्वारा भोजन के रूप में खा लिया जाता है और इस प्रकार यह क्रम चलता रहता है। इस क्रम को ही खाद्य श्रृंखला कहा जाता है।
• घास को कीटों द्वारा खा लिया जाता है जिन्हें मेंढक खा लेते हैं। मेंढक को सर्प और सर्प को गरुड़ खा लेता है।
2. अपघटकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. ये मृत पादपों और जन्तु ऊतकों को ह्यूमस में परिवर्तित कर देते हैं।
2. ये वन में उगने वाले पादपों के लिये पोषक तत्त्वों की आपूर्ति को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
• अपघटक ऐसे सूक्ष्मजीव हैं जो मृदा के भीतर रहते हैं तथा मृत पादपों और जंतु ऊतकों को खाते हैं। ये उन्हें एक गहरे हरे रंग के पदार्थ में परिवर्तित कर देते हैं, जिसे ह्यूमस कहते हैं।
• ह्यूमस पादपों के लिये पोषक के रूप में काम करता है, अतः अपघटक वन में उगने वाले पादपों के लिये पोषक तत्त्वों की आपूर्ति को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
3. निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य सही नहीं है?
(a) वन, मृदा को अपरदन से बचाते हैं।
(b) वन में पादप और जंतु एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।
(c) वन जलवायु और जलचक्र को प्रभावित करते हैं।
(d) मृदा, वनों की वृद्धि और पुनर्जनन में सहायक होती है।
उत्तर : (b)
व्याख्या : वन में अनेक खाद्य श्रृंखलाएँ पाई जाती हैं। यदि किसी एक खाद्य श्रृंखला में कोई विघ्न पड़ता है तो यह अन्य श्रृंखलाओं को प्रभावित करता है। वन का प्रत्येक भाग अन्य भागों पर निर्भर होता है। यदि हम वन के किसी घटक, जैसे- वृक्ष को अलग कर दें, तो इससे अन्य सभी घटक प्रभावित होते हैं।

18. अपशिष्ट जल की कहानी

1. ‘आपंक’ (Sludge) और ‘बायोगैस’ अपशिष्ट जल उपचार के सह-उत्पाद हैं। इन सह-उत्पादों के उपयोग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. अपशिष्ट जल उपचार के प्रक्रम में उत्पन्न आपंक का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
2. अपशिष्ट जल उपचार के प्रक्रम में उत्पन्न होने वाली बायोगैस (जैव गैस) का उपयोग ईंधन के रूप में अथवा विद्युत उत्पादन के लिये किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। अपशिष्ट जल उपचार के दौरान उत्पन्न आपंक का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है, जिससे कार्बनिक पदार्थ और पोषक तत्त्व पुनः मृदा में वापस चले जाते हैं।
• क्लोरीन एवं ओज़ोन जैसे रसायनों का प्रयोग जल को रोगाणु रहित करने के लिये होता है।
• इस प्रक्रम में उत्पन्न होने वाली बायोगैस का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। साथ ही इसका उपयोग विद्युत उत्पादन के लिये भी किया जा सकता है।
2. कृमि-प्रसंस्करण शौचालय के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. इसमें मानव मल को केंचुओं द्वारा उपचारित किया जाता है।
2. इसके उपयोग में जल की बहुत अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।
3. मानव मल पूर्णतः कृमि केकों (Cakes) में परिवर्तित हो जाता जो मृदा के लिये अति समृद्ध पोषक हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 सही है। भारत में कृमि-प्रसंस्करण शौचालय की रूपरेखा का परीक्षण किया गया है, जिसमें मानव मल को केंचुओं द्वारा उपचारित किया जाता है।
• यह तकनीक मानव मल के सुरक्षित प्रसंस्करण के लिये आदर्श सिद्ध हो सकती है, क्योंकि इसके उपयोग में जल की बहुत कम मात्रा की आवश्यकता होती है। अतः कथन 2 गलत है।
• कथन 3 भी सही है क्योंकि इस शौचालय का संचालन बहुत सरल और स्वच्छतापूर्ण है। इसमें मानव मल पूर्णत: कृमि केकों में परिवर्तित हो जाता है जो मृदा के लिय बहुत समृद्ध पोषक का कार्य करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *