प्रो. राम भरत ठाकुर के आकस्मिक निधन पर राजनीति विज्ञान विभाग में आयोजित हुआ शोक-सभा
प्रो. राम भरत ठाकुर के आकस्मिक निधन पर राजनीति विज्ञान विभाग में आयोजित हुआ शोक-सभा
विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर चेयर के संरक्षक प्रो. राम भरत ठाकुर के आकस्मिक निधन पर एक शोक सभा का आयोजन हुआ।
अपने उद्बोधन में डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि आचार्य प्रो. रामभरत ठाकुर अब इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन उनके विचार सदैव हमलोगों को प्रेरित करते रहेंगे। वो अर्थशास्त्र के मूर्धन्य विद्वान थे। कर्पूरी ठाकुर चेयर के संरक्षक बनने पर वो विश्वविद्यालय आये थे और अभी हाल ही में एक सेमिनार में भी शिरकत किया था। ईश्वर से हम प्रार्थना करते हैं कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस दुख को सहने की क्षमता उनके परिवारजनों को दें।
विभाग की शिक्षिका नीतू कुमारी ने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रो. राम भरत ठाकुर के रूप में एक युग का अंत हो गया है। उनकी कमी सदैव हमलोगों को खलती रहेगी।
रघुवीर कुमार रजंन ने कहा कि पहली बार कर्पूरी ठाकुर चेयर की स्थापना में प्रो. राम भरत ठाकुर से मुलाकात हुआ। इस उम्र में भी वो इतने सक्रिय रहते थे, ये आज के युवाओं के लिये उदाहरण है। वाकई वो विचारों के पूंज थे। उनकी सादगी व शालीनता हमलोगों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
विभागीय छात्रों ने कहा कि शैक्षणिक जगत में समाजवाद के एक युग का अंत हो गया है। प्रो. ठाकुर के विचारों में लोहिया व कर्पूरी का विचार समाहित था। उनकी कमी हम सबको आजीवन खलती रहेगी।
उनके आत्मा के शांति के लिये दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर विभागीय आचार्य, कर्मी, छात्र-छात्रा व शोधार्थी उपस्थित थे।