कुएं से निकला बोतलों का जखीरा, बिहार में ये कैसी शराबबंदी
कुएं से निकला बोतलों का जखीरा, बिहार में ये कैसी शराबबंदी
मुजफ्फरपुर: बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की काली सच्चाई सामने आ गई है. लोकल 18 की टीम को मिली एक खबर ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है. शहर के मुख्य चौराहे प्रभात सिनेमा चौक पर अवस्थित एक पुराने कुएं से इतनी शराब की खाली बोतलें निकलीं कि कुंआ आधे से ज्यादा भर गया था. जिस कुआं से कभी पानी निकलता था. आज उस कुएं से शराब की खाली बोतलें निकल रही हैं.
शराब की खाली बोतलों से भरा है कुआं
स्थानीय लोगों की मानें तो यह कोई नया मामला नहीं है. बल्कि काफी समय से यह कुआं शराब की खाली बोतलों से भरा जा रहा था. जब कुएं से उठती दुर्गंध की शिकायतें सामने आईं, तो सफाई के दौरान शराब बंदी की सच्चाई सामने आ गई. यहां कुएं में देसी, विदेशी दोनों तरह की ब्रांडेड शराब की बोतलें पाई गईं, जिससे यह साफ हो गया कि शराब का धंधा अब भी बड़े स्तर पर जारी है.
वहीं, कुएं में शराब की खाली बोतलें मिलने से इलाके के लोगों में काफी नाराजगी है. यहां पर लोगों का कहना है कि शहर के बीचोंबीच इतने लंबे समय तक शराब की तस्करी और भंडारण होता रहा और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी. यह गंभीर लापरवाही को दर्शाता है. स्थानीय निवासी राम प्रवेश महतो ने बताया कि जब सरकार शराबबंदी को लेकर इतनी सख्त है, तो फिर यह सब कैसे हो रहा है? कहीं न कहीं पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होता है.
अब सवाल यह है कि आखिर शराब की इतने बोतलें वहां तक कैसे पहुंचीं? क्या यह शराब का कोई अड्डा था?प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? बता दें कि यह दृश्य सिर्फ शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाने वाली नहीं, बल्कि यह प्रशासनिक नाकामी की एक शर्मनाक मिसाल भी है. अगर शहर के बीचों बीच शराब की इस तरह की गतिविधियां हो सकती हैं, तो फिर गांव और सुदूर इलाकों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.