पटना में पुलिस भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग
पटना में पुलिस भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग
पटना। पटना की सड़कों पर एक बार फिर अभ्यर्थियों का जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला। सोमवार को बड़ी संख्या में युवा हाथों में झंडे लेकर सड़क पर उतरे और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई। उनका मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री आवास का घेराव करना था, लेकिन डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग के कारण उन्हें रोका गया। इस दौरान मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें
- दरोगा भर्ती की जल्द वैकेंसी: अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग है कि बिहार पुलिस में दरोगा के पदों पर जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। उनका कहना है कि इस संबंध में लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
- आचार संहिता की चिंता: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आने वाले 10 दिनों में आचार संहिता लागू हो सकती है, जिसके बाद नई भर्ती की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। इसलिए वे जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
- सिपाही भर्ती में पारदर्शिता: अभ्यर्थियों की एक अन्य मांग है कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उनका आरोप है कि परीक्षा के बाद क्वेश्चन पेपर, ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी और आंसर की उपलब्ध नहीं कराई जाती, जो बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है।
प्रदर्शन में शिक्षक नेता भी शामिल
हालांकि, अभ्यर्थियों को रोकने के लिए डाकबंगला चौराहे पर बैरिकेडिंग की गई है. साथ ही सीएम आवास की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. इस प्रदर्शन में अभ्यर्थियों के साथ-साथ कई शिक्षक और शिक्षक नेता भी शामिल हैं. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग है कि बिहार पुलिस दारोगा भर्ती की जल्द से जल्द वैकेंसी निकाले.
वैकेंसी निकालने की मांग
अभ्यर्थियों की माने तो, दारोगा भर्ती को लेकर काफी समय से वैकेंसी निकाले जाने की मांग की जा रही है. लेकिन, अब तक कोई ठोस एक्शन नहीं लेने के कारण अभ्यर्थियों का गुस्सा फूटा और वे आज सड़क पर प्रदर्शन करने उतर गए हैं. अभ्यर्थियों के मुताबिक, आने वाले 10 दिनों में आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिसके बाद नई भर्ती की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी. ऐसी स्थिति में जल्द ही दरोगा भर्ती की वैकेंसी जारी करनी चाहिए.
अभ्यर्थियों ने की ये भी मांग
इसके अलावा अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि आने वाली सिपाही भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित होनी चाहिए. परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों को क्वेश्चन पेपर उपलब्ध नहीं कराया जाता है और ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी भी नहीं दी जाती है. इतना ही नहीं, आंसर की भी जारी नहीं की जाती है. यह लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है.
छात्र नेता दिलीप क्या बोले?
इस मामले को लेकर छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि ये अभ्यर्थियों का हक है. उन्हें यह पता चलना चाहिए कि किस प्रश्न का कौन-सा उत्तर आयोग ने सही माना है और कितने मार्क्स मिले हैं. लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सिपाही भर्ती का पूरा प्रोसेस पारदर्शी, निष्पक्ष और ईमानदार तरीके से पूरी की जाए.