बड़ी खबर: भारत में दो चरणों में होगी जनगणना, सरकार ने जारी की अधिसूचना, जानें पूरी डिटेल्स
बड़ी खबर: भारत में दो चरणों में होगी जनगणना, सरकार ने जारी की अधिसूचना, जानें पूरी डिटेल्स
भारत में जनगणना दो चरणों में होगी और इसे लेकर केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी। गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वैसे तो भारत में जनगणना हर 10 साल बाद होती है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से जनगणना टल रही थी लेकिन अब नोटिफिकेश जारी होने के बाद क्लियर हो गया है कि जनगणना का काम जल्द शुरू हो जाएगा। अगली जनगणना 2035 में कराई जाएगी।
10 प्वाइंट्स में जानें जनगणना के बारे में सबकुछ
- इस बार जनगणना की प्रक्रिया दो फेज में होगी, जिसका पहला चरण एक अक्टूबर 2026 तक पूरा किया जाएगा, जबकि दूसरा और अंतिम चरण एक मार्च 2027 तक पूरा होगा और एक मार्च 2027 को रेफरेंस डेट माना जाएगा, यानी उस समय देश की जनसंख्या और सामाजिक स्थिति का जो भी आंकड़ा होगा, वही रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा और फिर ये आंकड़े सार्वजनिक कर दिए जाएंगे, जिसे आप भी जान सकेंगे।
- पहाड़ी राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में जनगणना की प्रक्रिया अन्य राज्यों से पहले अक्टूबर 2026 तक पूरी कर ली जाएगी। इसका कारण है यहां का मौसम और ठंड, इन राज्यों के लिए एक अक्टूबर 2026 को रेफरेंस डेट माना जाएगा।
- जनगणना की पूरी प्रक्रिया एक मार्च 2027 तक खत्म हो जाएगी, यानी कि पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी होगी।
- इसके बाद जनगणना का प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में जारी होगा, जबकि डिटेल डेटा जारी होने में दिसंबर 2027 तक का वक्त लगेगा।
- इसके बाद लोकसभा और विधानसभा सीटों का सिलसिलेवार परिसीमन 2028 तक शुरू होगा इस दौरान महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण भी लागू किया जा सकता है। यानी 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले-पहले महिलाओं के लिए रिजर्वेशन की तस्वीर साफ हो सकती है।
- अब आप सोच रहे होंगे कि कैसे होती है जनगणना, तो जनगणना से पहले प्रोफॉर्मा तैयार किया जाता है, जिसमें हाउसिंग सेंसस और पॉपुलेशन सेंसस के लिए प्रश्नावली होती है।
- इस बार की जनगणना में जाति और संप्रदाय से संबंधित सवाल भी शामिल किए जा सकते हैं। इस बार की जनगणना में करीब 34 लाख कर्मचारी हिस्सा लेंगे, जिनकी ट्रेनिंग होगी।
- डिजिटल गणना के लिए सॉफ्टवेयर में जाति, उप-जाति और OBC के लिए नए कॉलम और मेन्यू शामिल किए जाएंगे।
- हाउसिंस सेंसस के प्रोसेस के दौरान घरों की लिस्ट तैयार की जाती है और आवासीय स्थिति, सुविधाओं, और संपत्ति से संबंधित जानकारी जमा कर ली की जाती है। इस प्रकिया में पर्यवेक्षक घर-घर जाकर सवाल पूछते हैं।
- इस बार की जनगणना में 30 सवाल पूछे जा सकते हैं, जिनमें नाम, आयु, लिंग, जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा, रोजगार, धर्म, जाति, और उप-संप्रदाय, परिवार के मुखिया के साथ रिश्ता, आवासीय स्थिति और प्रवास से जुड़े सवाल शामिल होंगे।
डिजिटल होगी यह जनगणना
इस बार की जनगणना कई मायनों में खास रहने वाली है, क्योंकि इसमें नागरिकों को एक नया और बेहद अहम विकल्प मिलने जा रहा है। यह ऑपशन है सेल्फ एनुमरेशन का… यानी लोग अब खुद ही अपनी और अपने परिवार की जानकारी देख और अपडेट कर सकेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को ही जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी। गृह मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि 2027 में होने वाली यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी और इसमें डेटा सुरक्षा के लिए बेहद सख्त इंतजाम किए गए हैं, ताकि आंकड़े एकत्र करने और भेजने की प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित रहे।
आप खुद भर सकेंगे जानकारी
जनगणना अधिनियम में 2022 में हुए संशोधन के बाद यह सुविधा दी गई है कि लोग अब ऑनलाइन माध्यम से खुद ही अपने और अपने परिवार की जानकारी दर्ज कर सकेंगे। यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी।
इसके लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (ORGI) की तरफ से Self Enumeration Portal नाम का एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल के जरिये लोग अपने घर के सभी सदस्यों की जानकारी देख और अपडेट कर सकेंगे। हालांकि, पोर्टल को जनगणना शुरू होने की निर्धारित तारीख से कुछ दिन पहले बंद कर दिया जाएगा, ताकि अंतिम डेटा संकलित किया जा सके।
नीतिगत निर्णयों के लिए अहम होगी यह जनगणना
विशेषज्ञों का मानना है कि जाति आधारित आंकड़ों के शामिल होने से कल्याणकारी योजनाओं का लक्ष्य निर्धारण अधिक सटीक तरीके से किया जा सकेगा। यह जनगणना भविष्य की नीति निर्माण, आरक्षण व्यवस्था और सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।