चिराग को घर में झटका, लोजपा के 38 नेताओं का एक साथ इस्तीफा; खगड़िया एमपी से थे नाराज
चिराग को घर में झटका, लोजपा के 38 नेताओं का एक साथ इस्तीफा; खगड़िया एमपी से थे नाराज
लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को उनके घर खगड़िया में बड़ा झटका लगा है। पार्टी के 38 नेताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है जिनमें प्रदेश महासचिव रतन पासवान भी शामिल हैं। खगड़िया सांसद राजेश वर्मा की कार्यशैली नाराजगी की वजह बताई जा रही है। चिराग के पिता रामविलास पासवान ने यहीं पार्टी की नींव डाली थी। जिलाध्यक्ष का मनोनयन मामले की ताजा वजह बताया जा रहा है।
दरअसल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को 23 जुलाई को पार्टी का जिलाध्यक्ष बना दिया। आरोप है कि खगड़िया सांसद राजेश वर्मा के इशारे पर यह काम किया गया। इससे नाराज पार्टी पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। एक खुला पत्र जारी भी किया गया है जिसमें कार्यकर्ताओं और वरीय नेताओं से मार्मिक अपील की गयी है।
नये जिलाध्यक्ष के विरोध में खगड़िया के बलुआही में एक बैठक आयोजित की गई। इसके बाद लोजपा के 38 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से अपने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, प्रदेश महासचिव रतन पासवान, युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। शिवराज यादव ने बताया कि सभी सात प्रखंड अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दिया है और इस संबंध में एक खुला पत्र भी जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि खगड़िया सांसद राजेश वर्मा के व्यवहार से पार्टी के सभी सदस्य नाराज हैं। सांसद की अमर्यादित भाषा के कारण सामूहिक इस्तीफे का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सांसद कार्यकर्ताओं का अपमान करते हैं। प्रदेश महासचिव रतन पासवान ने कहा कि सामूहिक इस्तीफे का मुख्य कारण खगड़िया सांसद और उनके प्रतिनिधि द्वारा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ किया गया अभद्र व्यवहार है।
बताते चलें कि खगड़िया लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की धरती है। यहीं उन्होंने अपनी पार्टी की नींव रखी थी। बाद में इसे विस्तारित किया गया। खगड़िया में ही पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। इस बीच, खगड़िया सांसद के मुख्य प्रतिनिधि डॉ. पवन जायसवाल ने कहा कि मनीष कुमार को जिलाध्यक्ष बनाने का निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का है और कुछ लोग स्वार्थ की राजनीति कर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व को मामले की विस्तृत जानकारी दी जा रही है।