बिहार के राजगीर में बनेगी फिल्म सिटी, खूबसूरत लोकेशन भी होंगे डेवलप
बिहार के राजगीर में बनेगी फिल्म सिटी, खूबसूरत लोकेशन भी होंगे डेवलप
डिप्टी सीएम सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजगीर में फिल्म सिटी प्रस्तावित है। इसके लिए 200 एकड़ की जमीन की आवश्यकता है। केंद्र सरकार से फिलहाल 200 करोड़ रुपये की मांग की गई है। फिल्म सिटी बनने के बाद स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर कलाकारों एवं अन्य लोगों को रोजगार मिलेगा।
फिल्म सिटी का काम हो गया था बंद
राजगीर में प्रस्तावित फिल्म सिटी का काम राज्य सरकार की ओर से पूर्व में शुरू किया गया था, जिसे जनवरी 2022 में बंद कर दिया गया था। इसका खुलासा दिसंबर 2022 में हुआ था। बक्सर के आरटीआई कार्यकर्ता निराला कुमार चौधरी ने सीएम सचिवालय के लोक सूचना पदाधिकारी से इस संबंध में जानकारी मांगी थी। उसमें पता चला कि फिल्म सिटी के निर्माण का जिम्मा जिस एजेंसी को मिला था, उसे न तो कोई पैसा मिला और ना ही परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। यह प्रोजेक्ट वहीं का वहीं रह गया था।
2017 में लाया गया था फिल्म सिटी का प्रस्ताव
राजगीर में फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव साल 2017 में ही बिहार सरकार लेकर आई थी. इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 20 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया गया था. उस वक्त पैसों की कमी की वजह से यह प्रोजेक्ट कागजों में ही सिमटकर रह गया था. लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बिहार सरकार ने फिर से पहल शुरू कर दी है.
RTI में हुआ था बड़ा खुलासा
बिहार सरकार के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर दिसंबर 2022 में बड़ा खुलासा हुआ था. दरअसल, बक्सर के आरटीआई कार्यकर्ता निराला कुमार चौधरी ने सीएम सचिवालय के लोक सूचना पदाधिकारी से इस संबंध में जानकारी मांगी थी. जिसके जवाब में बताया गया था कि फिल्म सिटी के निर्माण का जिम्मा जिस एजेंसी को मिला था, उसे न तो कोई पैसा मिला और ना ही परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी. जिसकी वजह से यह प्रोजेक्ट वहीं का वहीं रह गया था. हालांकि अब एक बार फिर से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने से लोगों को उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा और बिहार की कला को एक नई पहचान भी मिलेगी.
बिहार में फिल्म स्टूडियो और लैबोरेटरी की स्थापना
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में फिल्म स्टूडियो और लैबोरेटरी की स्थापना का उद्देश्य राज्य को भारतीय फिल्म उद्योग के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है। यह प्री प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन प्रक्रियाओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। ये सुविधाएं फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करेंगी, उत्पादन लागत को कम करेंगी और सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग और विजुअल इफेक्ट्स जैसे क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। लैबोरेटरी क्षेत्रीय फिल्मों का संग्रह और पुनर्स्थापन करके बिहार की फिल्मी विरासत को संरक्षित करने में सहायक होगी। फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देकर यह परियोजना पर्यटन को प्रोत्साहन देगी, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी, और राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाएगी। यह क्षेत्रीय फिल्म निर्माताओं को बिहार की कहानियों और परंपराओं को प्रदर्शित करने वाले कंटेंट के निर्माण के लिए प्रेरित करेगी, जिससे भारतीय सिनेमा की विविधता को समृद्धि मिलेगी। फिल्म क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने से आतिथ्य और परिवहन जैसे सहायक उद्योगों में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए ₹100 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।
राज्य नाट्य विद्यालय स्थापित किए जाएंगे
रंगमंच के क्षेत्र में कलाकारों को मंच देने के लिए बिहार राज्या संगीत नाटक अकादमी की स्थापना 1951 में हुई थी। शिक्षण एवं प्राचीन कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की तर्ज पर राज्य में राज्य नाट्य विद्यालय स्थापित की जाने का प्रस्ताव है। विद्यालय राज्य के कला के क्षेत्र में संस्कृतिकर्मियो को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मानक प्रषिक्षण देगा और इस तरह राज्य की समग्र सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और उनके विकास के लिए कार्य करेगा। यह विद्यालय एक सोसाइटी के स्वरूप में गठित होगा। जिसमें विभाग के स्तर से एक अध्यक्ष और कला जगत से एक निदेषक रहेंगे। यह विद्यालय स्नातक के बाद परा स्नातक स्तर पर डिग्री अथवा दो वर्षीय डिप्लोमा प्रदान करेगा, जिसमें प्रतिवर्ष दो सेमेस्टर के आधार पर चार वर्ष का पाठ्यक्रम होगा। पाठ्यक्रम के निर्धारण एवं संचालन के लिए एक अकादमी समिति होगी और पाठ्यक्रमों में अभिनय निर्देशन, अभिकल्पन, संगीत, मंचसज्जा, वेषभूषा एवं रूपसज्जा से संबंधित विषय होंगे। शीघ्र ही मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्रदान कर बिहार नाट्य विद्यालय का गठन किया जाएगा।
दो राज्यों में बिहार महोत्सव
डिप्टी सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों में बिहार की कला संस्कृति और परंपराओं की प्रचार-प्रसार के लिए दो राज्य में बिहार महोत्सव किया जाएगा। एक महोत्सव दक्षिणी राज्य तेलंगाना के हैदराबाद में किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हाल में पुष्पा-2 के लांच के लिए वहाँ के फिल्म निर्माता द्वारा पटना का चयन किया गया था। इसके साथ ही एक अन्य बिहार महोत्सव दिल्ली अथवा उत्तर भारत के किसी अन्य राज्य में किया जाना है। जहाँ पर भी बिहार की संस्कृति कला और परंपराओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। दोनों ही आयोजन तीन दिनों के होंगे।
मुंबई में फिल्म कॉनकेल्व
हाल ही में लागू की गई बिहार फिल्म नीति के प्रचार-प्रचार और फिल्म निर्माण से जुड़े निर्माता, निदेशक, कलाकारों और अन्य कर्मियों में जागरूकता पैदा करने के लिए माह अक्टूबर, 2024 में पटना में फिल्म कॉनकेल्व का आयोजन किया गया था। इसी के अगले चरण में मुम्बई में, जहां पर फिल्म निर्माण से जुड़ी सभी विधाओं के लोग रहते है और जो फिल्म निर्माण से जुड़े सभी कार्यक्रमों का केंद्र है वहाँ पर भी बिहार फिल्म नीति, 2024 के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए एक फिल्म कॉनकेल्व किया जाएगा। साथ ही मुंबई में ही बिहार में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में नए निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निवेशकों के साथ एक इनवेस्टर मीट करने का भी प्रस्ताव है।
जिलों से मांगी गयी आकार्षक डेस्टिनेशन की सूची
इधर, बिहार स्टेट फिल्म डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक वंदना प्रेयसी ने सभी जिलाधिकारियों को संबंधित जिले में उपलब्ध पर्यटन स्थल, खूबसूरत गांव, आकर्षक लैंड स्केप और उपलब्ध होटलों का ब्योरा मांगा है. फिल्म विकास के लिए राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग से जिम्मेदारी लेते हुए कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को दे दी है. बिहार में शूटिंग के लिए इच्छुक कोई भी निर्माता-निर्देशक फिल्म विकास निगम की वेबसाइट पर निर्धारित फीस जमा करके आवेदन कर सकते हैं. शूटिंग के लिए ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और नेचर से संबंधित स्थलों की सूची भी वेबसाइट पर दी गयी है.
गोवा फिल्म फेस्टिवल में बिहार का मंडप
इस बीच, विभाग ने 20 नवंबर से आयोजित गोवा फिल्म फेस्टिवल में भी बिहार कला, संस्कृति विभाग हिस्सा लेने जा रहा है. गोवा फिल्म फेस्टिवल 2022 (Goa Film Festival 2022) में बिहार अपना खुद का मंडप लगाएगा, जिसके जरिए घरेलू व विदेशी फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने की कोशिश की जाएगी. बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक और कला एवं संस्कृति विभाग की सचिव प्रेयसी का कहना है कि इससे बिहार के विशेष स्थलों के बारे में फिल्म की दुनिया को पता चलेगा.