शराब की हो रही होम डिलीवरी, ‘सरकार युवाओं को साजिश के तहत बना रही नशेड़ी’- कन्हैया कुमार
शराब की हो रही होम डिलीवरी, ‘सरकार युवाओं को साजिश के तहत बना रही नशेड़ी’- कन्हैया कुमार
मधेपुरा में शनिवार को कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के नेतृत्व में यूथ कांग्रेस की ओर से पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा निकाली गई। इस यात्रा का उद्देश्य बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और पलायन की समस्या को उजागर करना था। कन्हैया कुमार ने राज्य सरकार की रोजगार नीतियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार युवाओं को नौकरी नहीं दे पा रही, तो उसे नशे की ओर धकेला जा रहा है। अगर नशाखोरी इसी तरह बढ़ती रही, तो हिंसा और अपराध की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
सरकार की विफल नीति के कारण हो रहा पलायन
कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार के युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए सरकार को ठोस और ठोस नीति बनानी चाहिए। यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों ने भी अपनी समस्याएं साझा की और सरकार से समाधान की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार की विफल नीतियों के कारण हर साल लाखों युवा रोजगार की तलाश में बिहार से पलायन कर रहे हैं। यात्रा के दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह यादव, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव, पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार और अन्य नेता उपस्थित रहे।
बेरोजगारी और नशाखोरी पर कड़ा हमला
कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार सरकार पर बेरोजगारी, नशाखोरी और शिक्षा व्यवस्था की नाकामी को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने मधेपुरा के पहले सांसद किराय मुसहर के परिवार की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी समाधि स्थल पर अब तक स्मारक का निर्माण नहीं किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बिहार में शराबबंदी की विफलता पर भी सवाल उठाए। कन्हैया ने आरोप लगाया कि शराब अब होम डिलीवरी हो रही है, जबकि सरकार ने शराबबंदी के जरिए समाज को नशे से मुक्त करने का वादा किया था। बिहार के युवा अब ड्रग्स और स्मैक जैसे घातक नशे की चपेट में आ रहे हैं, जिससे समाज और परिवार दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत
कन्हैया कुमार ने राज्य सरकार की रोजगार नीतियों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब सरकार युवाओं को नौकरी नहीं दे पा रही, तो उसे नशे की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर नशाखोरी इसी तरह बढ़ती रही, तो राज्य में हिंसा और अपराध की घटनाएं और बढ़ सकती हैं। कन्हैया ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की हालत पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि 14 करोड़ की आबादी वाले राज्य में केवल 14 सरकारी बीएड कॉलेज हैं, जबकि निजी बीएड कॉलेजों में फीस इतनी ज्यादा है कि गरीब और वंचित वर्ग के छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं।