NCERT | Science | Objective | Class-VI | सामान्य विज्ञान
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विज्ञान
1. भोजन : यह कहाँ से आता है?
1. निम्नलिखित में से कौन ‘सर्वाहारी’ की श्रेणी में आता है?
(a) शाकाहारी
(b) माँसाहारी
(c) जिनमें (a) तथा (b) दोनों गुण हों
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर : (c)
व्याख्या:
• जो जंतु केवल पादप खाते हैं, उन्हें ‘शाकाहारी’ तथा जो केवल जंतुओं को खाते हैं, उन्हें ‘माँसाहारी’ कहते हैं।
• जो जंतु पादप तथा दूसरे प्राणी, दोनों को खाते हैं, उन्हें ‘सर्वाहारी’ कहते हैं।
2. मधुमक्खियाँ फूलों से मकरंद एकत्र कर इसे भंडारित करती हैं, क्योंकि-
(a) फूल और उनका मकरंद वर्ष में केवल कुछ समय ही उपलब्ध होते हैं।
(b) मधुमक्खियों अधिक शहद खाने की प्रवृत्ति होती है।
(c) इनमें आलस्य की प्रवृत्ति होती है और ऐसा करने से उन्हें खाने का भंडार एकत्र होने के बाद काम नहीं करना पड़ता ।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर : (a)
व्याख्या : मधुमक्खियाँ फूलों से मकरंद एकत्र करती हैं और इसे अपने छत्ते भंडारित करती हैं, क्योंकि फूल और उनका मकरंद वर्ष के केवल कुछ समय में ही उपलब्ध होते हैं। अतः मधुमक्खियाँ इस मकरंद का भंडारण कर लेती हैं, ताकि पूरे वर्ष इसका उपयोग किया जा सके।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पौधे एवं जंतु भोजन के मुख्य स्रोत हैं।
2. सभी पौधों की जड़, तना, पुष्प और पत्तियों को खाया जाता है।
3. कुछ पौधों के दो या दो से अधिक भाग खाने योग्य होते हैं।
4. कौआ माँसाहारी जीव है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य नहीं है/हैं?
(a) 1, 2 और 3
(b) 2 और 3
(c) 1 और 4
(d) 2 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्याः सभी पौधों की जड़, तना, पुष्प एवं पत्तियों का प्रयोग खाने में नहीं किया जा सकता, क्योंकि पौधों का कुछ विशेष हिस्सा ही प्रयो योग्य होता है। सभी पौधों में कुछ भिन्नताएँ भी होती हैं। सरसों की पत्तियों तथा बीज का ही प्रयोग खाने हेतु किया जाता है अर्थात् कुछ पौधों के दो या दो से अधिक भाग को खाने में प्रयोग किया जाता है। कौआ एक ‘सर्वाहारी’ जीव है।
2. भोजन के घटक
1. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भोजन के पोषक तत्त्वों में सम्मिलित है/हैं?
1. खनिज-लवण
2. विटामिन
3. आहारी रेशे ( रुक्षांश)
नीचे दिये गए कूट में से सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: भोजन के मुख्य पोषक तत्त्वों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त भोजन में आहारी रेशे (रुक्षांश) और जल भी होता है। रुक्षांश हमारे शरीर को कोई पोषक प्रदान नहीं करते हैं।
2. भोजन के विभिन्न पोषक तत्त्वों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. कार्बोहाइड्रेट तथा वसा हमारे शरीर को मुख्य रूप से ऊर्जा प्रदान करते हैं।
2. प्रोटीन तथा खनिज लवण हमारे शरीर की वृद्धि तथा अनुरक्षण के लिये आवश्यक होते हैं।
3. विटामिन हमारे शरीर की रोगों से रक्षा करने में सहायता करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं ?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। कार्बोहाइड्रेट और वसा से शरीर को ऊर्जा मिलती है। प्रोटीन तथा खनिज लवण शरीर की वृद्धि एवं अनुरक्षण के लिये आवश्यक हैं।
• विटामिन हमारे शरीर को रोगों से रक्षा करने में सहायता देते हैं, जबकि रुक्षांश बिना पचे भोजन को बाहर निकालने में हमारे शरीर की सहायता करता है।
3. कार्बोहाइड्रेट के विभिन्न प्रकारों के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. अमीनो अम्ल
2. मंड (Starch)
3. शर्करा
उपर्युक्त में से कौन-सा / से कार्बोहाइड्रेट का प्रकार नहीं है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या:
• कार्बोहाइड्रेट कई प्रकार के होते हैं। हमारे भोजन में पाए जाने वाले मुख्य कार्बोहाइड्रेट मंड तथा शर्करा के रूप में होते हैं।
• अमीनो अम्ल प्रोटीन होते हैं।
4. वसा भोजन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। वसा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. भोजन में वसा की अत्यधिक मात्रा मोटापे का कारण बनती है।
2. वसा शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।
3. वसा की तुलना में कार्बोहाइड्रेट की समान मात्रा से हमें अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 व 2 सही हैं, परंतु कथन 3 गलत है, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट की तुलना में वसा की समान मात्रा से हमें अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
5. पोषक तत्त्वों के अलावा जल भी भोजन का हिस्सा होता है। इस रूप में जल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. कुछ सीमा तक शरीर के लिये आवश्यक जल की पूर्ति खाद्य पदार्थों में उपस्थित जल से हो जाती है।
2. जल भोजन में उपस्थित पोषकों को अवशोषित करने और मूत्र तथा पसीने के रूप में अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों कथन सही हैं। सामान्यतः हमारे शरीर को जितने जल की आवश्यकता होती है, वह हमें उन वस्तुओं से प्राप्त होता है, जिन्हें हम द्रव के रूप में लेते हैं, जैसे कि जल, दूध और चाय इत्यादि ।
• जल भोजन में उपस्थित पोषकों को अवशोषित करने और अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है ।
6. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) विटामिन A त्वचा और आँखों को स्वस्थ रखता है।
(b) विटामिन B, घाव भरने में सहायक होता है।
(c) विटामिन C रोगों से लड़ने में सहायक है।
(d) विटामिन D हमारी अस्थियों और दाँतों के लिये कैल्शियम का उपयोग करने में हमारे शरीर की सहायता करता है।
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन (a), (c) व (d) सही हैं, परंतु (b) गलत है, क्योंकि विटामिन B कार्बोहाइड्रेट के पाचन में सहायक होता है। घाव भरने में सहायक विटामिन, विटामिन ‘C’ है।
• विटामिन C भोजन पकाने में गर्मी से आसानी से नष्ट हो जाता है।
7. मानव शरीर में धीमी वृद्धि निम्नलिखित में से किस कमी के कारण होती है?
(a) विटामिन
(b) प्रोटीन
(c) वसा
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर : (b)
व्याख्या : मानव शरीर की धीमी वृद्धि प्रोटीन की कमी के कारण होती है।
• यदि प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट दोनों ही किसी व्यक्ति के आहार में लंबे समय तक अनुपस्थित रहें तो उसकी वृद्धि पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाएगी ।
3. तंतु से वस्त्र तक
1. तागा (धागा) पतले तंतुओं से मिलकर बनता है। इन तंतुओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा सही नहीं है?
(a) रूई और जूट जैसे तंतु पादपों से प्राप्त किये जाते हैं।
(b) जूट नारियल का बाहरी आवरण होता है।
(c) रेशम तंतु रेशम कीट के कोकून से खींचा जाता है।
(d) ऊन तथा रेशम जंतुओं से प्राप्त होते हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या : तागा अनेक तंतुओं की पतली लड़ियों से मिलकर बनता है। रूई और जूट जैसे तंतु पादपों से प्राप्त होते हैं। जूट, पटसन के रेशे हैं। पटसन एक द्विबीजपत्री रेशेदार पौधा है। इसे ‘पाट’ या ‘पटुआ’ भी कहते हैं। रेशम और ऊन दोनों जंतुओं से प्राप्त होते हैं। इनमें रेशम तंतु रेशम कीट के कोकून से खींचा जाता है तथा ऊन भेड़, बकरी, खरगोश, ऊँट तथा याक के बालों से प्राप्त की जाती अतः कथन (b) गलत है।
2. निम्नलिखित पर विचार कीजिये –
1. फ्लैक्स
2. पॉलिएस्टर
3. नायलॉन
4. एक्रिलिक
5. रेशम
उपर्युक्त तंतुओं में से कौन-से संश्लिष्ट तंतु का उदाहरण हैं?
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1 और 5
(d) केवल 2, 3 और 5
उत्तर : (b)
व्याख्या:
• कपास, जूट (फ्लैक्स), रेशम तथा ऊन के तंतु पादपों तथा जंतुओं से प्राप्त किये जाते हैं। अतः इन्हें ‘प्राकृतिक तंतु’ कहते हैं।
• ऐसे रासायनिक पदार्थों से निर्मित तंतु, जिनका स्रोत पादप अथवा जंतु नहीं है, ‘संश्लिष्ट तंतु’ कहलाते हैं। पॉलिएस्टर, नायलॉन और एक्रिलिक संश्लिष्ट तंतुओं के उदाहरण हैं।
3. भारत में पटसन (जूट) की खेती प्रमुख रूप से की जाती है ?
1. पश्चिम बंगाल
2. केरल
3. बिहार
4. असम
कूट:
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर : (c)
व्याख्या: भारत में पटसन की खेती वर्षा ऋतु में की जाती है। पटसन की खेती प्रमुख रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार तथा असम में की जाती है।
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पटसन (जूट) पादप को पुष्पन अवस्था में काटते हैं।
2. पटसन के तनों को कुछ दिनों तक जल में डुबोकर रखते हैं।
3. रेशे से तागा बनाने की प्रक्रिया को ‘कताई’ कहते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : सामान्यतः पटसन पादप को पुष्पन अवस्था में काटते हैं। फसल कटाई के पश्चात् पादपों के तनों को कुछ दिनों तक जल में डुबाकर रखते हैं। जल में डुबाने से तने गल जाते हैं और पटसन तंतुओं को पृथक् कर लिया जाता है। कताई की प्रक्रिया में रूई के एक पुंज से रेशों को खींचकर ऐंठते हैं। ऐसा करने से रेशे पास-पास आ जाते हैं और तागा बन जाता है।
4. वस्तुओं के समूह बनाना
1. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. ऑक्सीजन
2. सिरका
3. मिट्टी का तेल
4. नींबू का रस
उपर्युक्त में से कौन-सा / से जल में विलेय है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 2 और 4
उत्तर : (c)
व्याख्या: कुछ पदार्थ /गैस जल में पूर्णत: घुल जाते हैं, ऐसे पदार्थ ‘जल में विलेय पदार्थ / गैस’ कहलाते हैं।
• ऑक्सीजन, सिरका तथा नींबू का रस जल में विलेय हैं।
• कुछ पदार्थ जल में नहीं घुलते, ऐसे पदार्थ ‘जल में अविलेय’ कहलाते हैं। मिट्टी का तैल जल में अविलेय होता है।
2. निम्नलिखित पर विचार कीजिये –
1. स्टील की प्लेट
2. तेल लगा कागज़
3. गत्ते का डिब्बा
4. काँच
उपर्युक्त में से कौन-सा/से पदार्थ पारभासी (Translucent) है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2 और 4
उत्तर : (a)
व्याख्या : वह पदार्थ जिसके आर-पार स्पष्टतः देखा जा सकता है, उन्हें ‘पारदर्शी’ (Transparent) तथा जिनके आर-पार नहीं देखा जा सकता, उन्हें ‘अपारदर्शी’ (Opaque) कहते हैं ।
• काँच पारदर्शी तथा गत्ते का डिब्बा अपारदर्शी पदार्थ का उदाहरण हैं।
• ऐसे पदार्थ जिसके आर-पार देखा तो जा सकता है, परंतु बहुत स्पष्ट नहीं देखा जा सकता, उन्हें ‘पारभासी ( Translucent) पदार्थ’ कहते हैं। जैसे- तेल लगा कागज़ आदि ।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. विभिन्न प्रकार के पदार्थों के गुण भिन्न-भिन्न होते हैं। कुछ पदार्थ दिखावट में चमकदार होते हैं।
2. हमारे चारों ओर की वस्तुएँ एक ही पदार्थ से बनी हैं। पदार्थों का उपयोग बहुत-सी वस्तुओं के निर्माण में किया जा सकता है।
उपर्युक्त में से कौन – सा /से कथन सत्य नहीं है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर : (b)
व्याख्या : हमारे चारों ओर की वस्तुएँ अनेक प्रकार के पदार्थों से बनी हैं, न की एक ही पदार्थ से।
5. पदार्थों का पृथक्करण
1. पदार्थों के पृथक्करण (Separation) के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये –
1. निष्पावन (Winnowing)
2. निस्तारण (Decantation)
3. निस्यंदन ( Filtration)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से पृथक्करण की विधि / विधियाँ है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : निष्पावन, निस्तारण और निस्यंदन तीनों ही मिश्रणों से अवयवों के पृथक्करण की विधियाँ हैं। इसके अतिरिक्त हस्तचयन (Hand Picking), चालन (Sieving), अवसादन (Sedimentation), थ्रेशिंग और वाष्पन (Evaporation) भी मिश्रणों से उसके अवयवों के पृथक्करण की कुछ अन्य विधियाँ हैं।
2. पृथक्करण की विधियों के प्रयोग के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है ?
(a) किसी मिश्रण के कणों के आमाप में अंतर का उपयोग चालन तथा निस्यंदन प्रक्रियाओं द्वारा पृथक्करण में किया जाता है।
(b) रेत और जल के मिश्रण में रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और अवसादन की विधि द्वारा जल को उड़ेलकर पृथक् किया जाता है।
(c) द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थ के अवयवों को निस्यंदन की विधि द्वारा पृथक् किया जा सकता है।
(d) वाष्पन की विधि का प्रयोग द्रव में घुले ठोस को पृथक् करने में किया जा सकता है।
उत्तर : (b)
व्याख्या: चालन प्रक्रिया में चलनी ( छन्नी) का प्रयोग किया जाता है। इसमें मिश्रित अवयवों के बड़े कणों को चालकर अलग कर लिया जाता है।
• अधिक महीन अशुद्धियों को छानने के लिये कपड़े अथवा फिल्टर – पत्र का उपयोग करते हैं। इस प्रक्रिया को ‘निस्यंदन’ कहते हैं। दोनों प्रक्रियाओं में मिश्रण के कणों के आमाप में अंतर का उपयोग किया जाता है।
• मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के तली में बैठ जाने के प्रक्रम को ‘अवसादन’ कहते हैं। अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़ेलने की क्रिया को ‘निस्तारण’ कहते हैं। अतः कथन (b) गलत है।
• द्रव में घुले ठोस को अलग करने के लिये वाष्पन विधि का प्रयोग करते हैं। किसी द्रव को वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ‘वाष्पन’ कहते हैं।
3. जिस विलयन (Solution) में कोई पदार्थ एक सीमा के बाद और अधिक न घोला जा सके, ऐसा विलयन निम्नलिखित में से क्या कहलाता है?
(a) संतृप्त विलयन
(b) असंतृप्त विलयन
(c) कोलाइडी विलयन
(d) जेल (Gel)
उत्तर : (a)
व्याख्या : जिस विलयन में किसी पदार्थ की मात्रा एक सीमा से अधिक नहीं घोली जा सके, वह उस पदार्थ का संतृप्त विलयन होता है।
4. किसी पदार्थ के विलयन को गर्म करने से उसकी विलेयता पर निम्नलिखित में से क्या प्रभाव पड़ता है?
(a) बढ़ती है
(b) घटती है
(c) स्थिर रहती है
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या : विलयन का तापमान बढ़ने पर उसकी विलेयता बढ़ती है।
6. हमारे चारों ओर के परिवर्तन
1. औज़ारों में लोहे के फलक में बने वलय में लकड़ी का हत्था लगाने के लिये फलक के वलय वाले हिस्से को गर्म किया जाता है। गर्म करने से वलय में निम्नलिखित में से क्या परिवर्तन होता है?
(a) उसका आकार छोटा हो जाता है।
(b) उसका आकार बड़ा हो जाता है।
(c) उसके आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर : (b)
व्याख्या : औज़ारों में लोहे के फलक में एक वलय होता है, जिसमें लकड़ी के हत्थे को फँसा दिया जाता है। साधारणतया इस वलय का आमाप लकड़ी के हत्थे के घेरे से थोड़ा छोटा होता है। हत्थे को वलय में फँसाने के लिये वलय को गर्म करते हैं, जिससे उसका आकार बड़ा हो जाता है ( फैल जाता है)। अब हत्था आसानी से इसमें जड़ दिया जाता है। जब वलय ठंडा होता है तो सिकुड़ जाता है, जिससे यह हत्थे पर कस जाता है।
• इसी प्रकार के परिवर्तन का उपयोग बैलगाड़ी के लकड़ी के पहिये पर लोहे के रिम को कसने के लिये भी किया जाता है।
2. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. कागज़ का जलना
2. दूध का दही बनना
3. नमक का पानी में घुलना
4. कुम्हार द्वारा मिट्टी के ढेर को बर्तन में बदलना
उपर्युक्त में से कौन-से परिवर्तन उत्क्रमित (Reversed) किये जा सकते हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या: कुछ परिवर्तनों को उत्क्रमित किया जा सकता है तथा कुछ को नहीं। कागज़ का जलना तथा दूध का दही बनना, ये परिवर्तन उत्क्रमित नहीं किये जा सकते, जबकि नमक का पानी में घुलना तथा कुम्हार द्वारा मिट्टी के ढेर को बर्तन में बदलना उत्क्रमित किये जा सकने वाले परिवर्तन हैं; परंतु कुम्हार द्वारा मिट्टी के बर्तनों को भट्टी में सेंकने के बाद हुए परिवर्तन को उत्क्रमित नहीं किया जा सकता।
7. पौधों को जानिये
1. पुष्प के विभिन्न भागों में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सम्मिलित नहीं है/हैं?
1. बाह्यदल
2. पंखुड़ी
3. पुंकेसर
4. स्त्रीकेसर
5. मूलांकुर
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 4
(c) केवल 4 और 5
(d) केवल 5
उत्तर : (d)
व्याख्या : बाह्यदल, पँखुड़ी, पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर पुष्प के विभिन्न भाग हैं। पराग कोश और तंतु पुंकेसर के भाग हैं, जबकि वर्तिका, वर्तिकाग्र, अंडाशय और बीजांड स्त्रीकेसर के भाग हैं।
• बीज के जमने के समय जो भाग मूलज या मूलांकुर से निकलता है, उसे ‘जड़’ कहते हैं। अतः मूलांकुर बीज से संबंधित है।
2. पत्तियों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) पत्ती में शिराओं का प्रतिरूप ‘शिरा विन्यास’ कहलाता है। यह जालिका रूपी अथवा समांतर हो सकता है।
(b) पत्ती में पर्णवृंत और फलक होते हैं।
(c) पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ही मंड संश्लेषित करती हैं।
(d) पत्तियाँ वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प का कुछ हिस्सा भोजन बनाने की प्रक्रिया में ग्रहण करती हैं।
उत्तर : (d)
व्याख्या: कथन (a), (b) व (c) सही हैं, परंतु कथन (d) गलत है, क्योंकि पत्तियाँ वायुमंडल से जलवाष्प ग्रहण नहीं करतीं बल्कि वाष्पोत्सर्जन की क्रिया द्वारा बड़ी मात्रा में जलवाष्प को वायुमंडल में निष्कासित करती हैं।
3. तने दो तरफा मार्ग का कार्य करते हैं। तनों के कार्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. तना जल एवं खनिज को पतली नलिकाओं द्वारा पत्तियों तथा पौधे के अन्य भागों तक पहुँचाता है।
2. पत्तियों द्वारा बना भोजन तनों से होकर ही पौधे के विभिन्न भागों में संगृहीत होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : तना उपर्युक्त दोनों कार्य संपन्न करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तने अनेक प्रकार के होते हैं। ये कठोर, मुलायम व कमज़ोर हो सकते हैं। वृक्षों के तने कठोर होते हैं। कमज़ोर तने वाले पौधे सीधे खड़े नहीं हो पाते और ये भूमि पर फैल जाते हैं। इन्हें ‘विसर्पी लता’ कहते हैं, जबकि कुछ पौधे ‘आरोही’ कहलाते हैं।
4. जड़ों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. जड़ें मिट्टी से जल और खनिज पदार्थों का अवशोषण करती हैं तथा पौधों को मिट्टी में दृढ़ता से जमाए रखती हैं।
2. जालिका रूपी शिरा – विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें रेशेदार होती हैं, जबकि समांतर शिरा – विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें मूसला जड़ें होती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है, जबकि कथन 2 गलत है। जड़ें मुख्यतः प्रकार की होती हैं- मूसला जड़ एवं रेशेदार जड़ (झकड़ा जड़)।
• जालिका रूपी शिरा-विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें मूसला जड़ होती हैं, जबकि समांतर शिरा-विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें रेशेदार होती हैं।
5. निम्नलिखित में से कौन एक जड़ नहीं है?
(a) गाजर
(b) मूली
(c) आलू
(d) शलजम
उत्तर : (c)
व्याख्या: आलू तना है, जबकि गाजर, मूली, शलजम, शकरकंद और | टेपियोका जड़ें हैं। इन्हें हम खाने में प्रयोग करते हैं।
6. निम्नलिखित में कौन-से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिये आवश्यक हैं?
1. क्लोरोफिल
2. कार्बन डाइऑक्साइड
3. ऑक्सीजन
4. जल
5. प्रकाश
नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर : (c)
व्याख्या: पत्तियाँ प्रकाश और हरे रंग के एक पदार्थ (क्लोरोफिल) की उपस्थिति में अपना भोजन बनाती हैं। इस प्रक्रिया में जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करती हैं। इस प्रक्रम को ‘प्रकाश-संश्लेषण’ कहते हैं। इस प्रक्रम में ऑक्सीजन निष्कासित होती है। पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन अंततः पौधे के विभिन्न भागों में मंड के रूप में संगृहीत हो जाता है।
8. शरीर में गति
1. मानव शरीर की पेशियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. संकुचन की अवस्था में पेशी छोटी, कठोर एवं मोटी हो जाती है। यह अस्थि को खींचती है।
2. पेशियों के जोड़े के एक साथ सिकुड़ने एवं फैलने से अस्थियाँ गति करती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है, परंतु 2 गलत है, क्योंकि पेशी केवल खींच सकती है, वह धक्का नहीं दे सकती । पेशियों के जोड़े के एकांतर क्रम में सिकुड़ने एवं फैलने से अस्थियाँ गति करती हैं, न कि एक साथ सिकुड़ने व फैलने से।
• किसी अस्थि को गति प्रदान करने के लिये दो पेशियों को संयुक्त रूप से कार्य करना होता है। जब दो पेशियों में से कोई एक सिकुड़ती है तो अस्थि उस दिशा में खिंच जाती है। युगल की दूसरी पेशी शिथिल (लंबाई में बढ़कर पतली हो जाती है) अवस्था में आ जाती है।
• अस्थि को विपरीत दिशा में गति प्रदान करने के लिये अब शिथिल पेशी सिकुड़कर अस्थि को अपनी पूर्व स्थिति में खींचती है, जबकि पहली पेशी अब शिथिल हो जाती है।
2. केंचुए की शरीर रचना व उपयोगिता के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) केंचुए का मेरुदंड लंबा तथा शरीर की पेशियाँ क्षीण एवं असंख्य होती हैं।
(b) केंचुए में गति शरीर की पेशियों के बारी-बारी से विस्तारण एवं संकुचन से होती है ।
(c) शरीर की अधः सतह पर शूक ( बाल जैसी आकृति) केंचुए को भूमि पर पकड़ बनाने में सहायक है।
(d) केंचुए मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होते हैं।
उत्तर : (a)
व्याख्या: केंचुए के शरीर में अस्थियाँ नहीं होती हैं, परंतु इनमें पेशियाँ होती हैं। ये पेशियाँ इसके शरीर के घटने (संकुचन) और बढ़ने (विस्तारण ) में सहायता करती हैं। पेशियों के संकुचन और विस्तारण की प्रक्रिया से ही केंचुआ गति करता है। अतः कथन (a) गलत है। कथन (b), (c) व (d) सही हैं।
• केंचुए के शरीर में छोटे-छोटे अनेक शूक मिट्टी में उसकी पकड़ को मज़बूत बनाते हैं। इसके शरीर में कुछ चिकने पदार्थ होते हैं, ये भी इसके चलने में सहायक होते हैं।
• केंचुए अपने रास्ते में आने वाली मिट्टी को खाते हैं। उनका शरीर अनपचे पदार्थ को बाहर निकालता है। केंचुए द्वारा किया गया यह कार्य मिट्टी को उपजाऊ बना देता है, जिससे पौधों को फायदा होता है।
3. केंचुए के श्वसन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
(a) केंचुए नासिका ग्रंथियों के द्वारा श्वसन करते हैं।
(b) केंचुए त्वचा द्वारा श्वसन करते हैं।
(c) केंचुए मुख द्वारा श्वसन करते हैं।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर : (b)
व्याख्या: केंचुए त्वचा द्वारा श्वसन करते हैं। अत: विकल्प (b) सही है।
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. घोंघे का कवच इसका ‘बाह्य कंकाल’ कहलाता है, परंतु यह अस्थियों का नहीं बना होता ।
2. घोंघे के पेशीय पाद चलने में उसकी सहायता करते हैं।
3. यह कवच घोंघे के वज़न को संतुलित करता है, इससे भी उसे चलने में सहायता मिलती है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं ?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या: घोंघे का कवच इसका बाह्य कंकाल है, परंतु यह अस्थियों का नहीं बना होता। यह कवच एकल एकक (Single Unit) होता है और यह घोंघे को चलने में कोई सहायता नहीं करता है। यह घोंघे के साथ खिंचता जाता है। अतः कथन 3 गलत है।
• घोंघे के पाद (पैर) एक मोटी माँसल संरचना के रूप में होते हैं, जो दृढ़ पेशियों के बने होते हैं। घोंघा अपने इन्हीं पेशीय पाद की सहायता से चलता है।
9. सजीव एवं उनका परिवेश
1. पौधों और जीवों में अनुकूलन (Adaptation) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पौधों और जीवों के विशिष्ट लक्षण एवं स्वभाव, जो उन्हें एक आवास विशेष में रहने के अनुकूल बनाते हैं, ‘अनुकूलन’ कहलाता है।
2. मैदानी क्षेत्र के एक व्यक्ति को ऊँचे पहाड़ी क्षेत्र में तीव्र गति से साँस लेनी पड़ती है, परंतु थोड़े दिनों बाद वह सहज हो जाता है। यह अनुकूलन का सटीक उदाहरण है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
कूट:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है, परंतु कथन 2 गलत है, क्योंकि अनुकूलन अल्पकाल में नहीं होता। ये हजारों वर्षों में आए परिवर्तनों के प्रति पौधों व जीवों के अनुकूल होने से संबंधित है।
• मैदानी क्षेत्र के व्यक्ति को पहाड़ी क्षेत्र में जाने पर सहज होने में कुछ दिन लगते हैं। ये परिवर्तन अल्प अवधि से संबंधित हैं। अल्प अवधि में किसी एक जीव के शरीर में होने वाले ये छोटे-छोटे परिवर्तन ‘पर्यनुकूलन’ (Acclimatisation) कहलाते हैं। यह परिवर्तन हजारों वर्षों में हुए अनुकूलन से भिन्न हैं ।
2. किसी सजीव का परिवेश जिसमें वह रहता है, ‘आवास’ कहलाता है। आवासों में विभिन्न घटक उपस्थित होते हैं। इन घटकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. किसी आवास में पाए जाने वाले सभी जीव (पौधे एवं जंतु) उसके जैव घटक हैं।
2. चट्टान, मिट्टी, वायु एवं जल जैसी अनेक निर्जीव वस्तुएँ आवास के अजैव घटक हैं।
3. सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा जैसे ऊर्जा घटक इन दोनों घटकों में से किसी में सम्मिलित नहीं हैं।
कूट:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या : (1) व (2) सही हैं, परंतु (3) गलत है, क्योंकि सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा भी परिवेश या आवास के अजैव घटक हैं। इन्हें कभी-कभी ऊर्जा घटक के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है।
3. ऊँट मरुस्थलीय परिस्थितियों के लिये अनुकूलित होता है। उसके अनुकूलन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. उसके पैर लंबे होते हैं, जिससे उसका शरीर रेत की गरमी से दूर रहता है।
2. उसमें मूत्रोत्सर्जन की मात्रा बहुत कम होती है तथा मल होता है।
3. उसको पसीना नहीं आता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। उपर्युक्त सभी विशेषताओं के कारण ऊँट के शरीर से जल का ह्रास बहुत कम होता है। इसलिये जल के बिना भी कई दिनों तक रह सकते हैं।
4. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. मछली
2. स्क्विड (Squid)
3. ऑक्टोपस
उपर्युक्त में से किसका / किनका शरीर धारारेखीय नहीं होता है?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या : मछली का शरीर धारारेखीय होता है। यह मछली को पानी में गति करने में सहायक होता है। मछली का शरीर चिकने शल्कों से ढका होता है। ये शल्क मछली को सुरक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही जल में सुगम गति में सहायक होते हैं।
• दूसरे बहुत से समुद्री जंतुओं का शरीर भी धारारेखीय होता है परंतु स्क्विड एवं ऑक्टोपस जैसे समुद्री जंतुओं का शरीर आमतौर पर धारारेखीय नहीं होता। जब वे जल में चलते हैं तो अपने शरीर को धारारेखीय बना लेते हैं।
5. निम्नलिखित पर विचार कीजिये –
1. ऑक्टोपस
2. व्हेल
3. डॉलफिन
उपर्युक्त में से किसमें / किनमें श्वसन के लिये गिल (क्लोम ) नहीं होते हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (c)
व्याख्या : जल में श्वसन के लिये ऑक्टोपस के शरीर में गिल (क्लोम ) होते हैं। गिल स्क्विड और मछलियों में भी होते हैं, परंतु डॉलफिन एवं व्हेल जैसे कुछ जंतुओं में गिल नहीं होते, ये सिर पर स्थित नासाद्वार अथवा वात-छिद्रों द्वारा श्वास लेते हैं। ये लंबे समय तक बिना श्वास लिये रह सकते हैं। वे समय-समय पर समुद्री सतह पर आकर श्वसन-छिद्रों से जल बाहर निकालते हैं एवं श्वास द्वारा स्वच्छ वायु अंदर भरते हैं।
6. नागफनी के पौधे में प्रकाश संश्लेषण निम्नलिखित में से किस भाग में होता है?
(a) पत्तों में
(b) तने में
(c) जड़ों
(d) इनमें प्रकाश संश्लेषण नहीं होता ।
उत्तर : (b)
व्याख्या : नागफनी एक मरुस्थलीय पौधा है। मरुस्थलीय पौधे वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल की बहुत कम मात्रा निष्कासित करते हैं। मरुस्थलीय पौधों में पत्तियाँ या तो अनुपस्थित होती हैं अथवा बहुत छोटी होती हैं। कुछ पौधों में पत्तियाँ काँटों का रूप ले लेती हैं। इससे पत्ती में होने वाले वाष्पोत्सर्जन से होने वाले जल ह्रास में कमी आती है।
• नागफनी में पत्ती जैसी संरचना वास्तव में इसका तना होता है। इसमें प्रकाश-संश्लेषण सामान्यतः तने में होता है। तना एक मोटी मोमी परत से ढका होता है, जिससे पौधों को जल संरक्षण में सहायता मिलती है।
• अधिकतर मरुस्थलीय पौधों की जड़ें जल अवशोषण के लिये मिट्टी में बहुत गहराई तक चली जाती हैं।
7. पौधों की पत्तियाँ श्वसन की प्रक्रिया में वायु को अंदर लेती हैं। इस प्रक्रिया के अगले चरण में पत्तियाँ निम्नलिखित में से क्या करती हैं?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करती हैं तथा ऑक्सीजन वायु में निष्कासित करती हैं।
(b) ऑक्सीजन का उपयोग करती हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड वायु में निष्कासित करती हैं।
(c) ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड दोनों का उपयोग करती हैं। निष्कासित
(d) ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड दोनों वायु करती हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या: पौधों की श्वसन क्रिया में गैसों का आदान-प्रदान मुख्यतः उनकी पत्तियों द्वारा होता है। पत्तियाँ सूक्ष्म रंध्रों (स्टोमेटा) द्वारा वायु को अंदर लेती हैं तथा ऑक्सीजन का उपयोग करती हैं। वे कार्बन डाइऑक्साइड वायु में निष्कासित करती हैं।
• प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में पौधे प्रकाश की उपस्थिति में वायु की कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग भोजन बनाने के लिये करते हैं तथा ऑक्सीजन छोड़ते हैं। पौधे केवल दिन के समय ही भोजन बनाते हैं, जबकि श्वसन क्रिया दिन और रात दोनों में निरंतर चलती रहती है।
• भोजन बनाने की प्रक्रिया में निष्कासित ऑक्सीजन की मात्रा पौधे द्वारा श्वसन में उपयोग की गई ऑक्सीजन की अपेक्षा बहुत अधिक होती है।
8. निम्नलिखित में से किसमें / किनमें श्वसन प्रक्रिया संपन्न होती है?
1. पौधे
2. जीव
3. बीज
नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : श्वसन सभी सजीवों का विशिष्ट लक्षण है। यह सभी सजीवा के लिये आवश्यक है क्योंकि ग्रहण किये गए भोजन से श्वसन के द्वारा ही शरीर को ऊर्जा मिलती है।
• पौधे व जीवों के समान ही बीजों में भी श्वसन होता है। उदाहरणगेहूँ की बोरी में कुछ गर्मी उत्पन्न होती है। यह गर्मी बीजों के श्वसन के कारण उत्पन्न होती है।
• बीजों में श्वसन की क्रिया उस समय भी चलती रहती है, जब अन्य जैव प्रक्रम उतने सक्रिय नहीं होते।
9. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. उत्सर्जन
2. उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया
3. प्रजनन
उपर्युक्त में से कौन-से सजीवों (जंतु और पौधे दोनों) के लक्षणों में सम्मिलित है?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : बाह्य वातावरण में होने वाले कुछ परिवर्तनों, जैसे- काँटा चुभना, तेज प्रकाश, प्रिय व्यंजन इत्यादि को उद्दीपन कहते हैं। सभी सजीव उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया देते हैं। छुई-मुई (लाजवंती) के पौधे की पत्तियाँ छूने पर अचानक मुरझा (सिकुड़ जाती हैं। यह पौधों में उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया का उदाहरण है।
• प्रजनन पौधों व जंतुओं दोनों में होता है परंतु दोनों में उसके तरीके भिन्न हैं।
10. गति एवं दूरियों का मापन
1. निम्नलिखित में से लंबाई का SI मात्रक कौन – सा है ?
(a) मीटर
(b) फुट
(c) (a) और (b) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या: समस्त संसार के वैज्ञानिकों द्वारा एकसमान मापन के लिये मानक मात्रकों के एक सेट को स्वीकार किया गया है। आजकल जिस मानक मात्रक प्रणाली का उपयोग हो रहा है, उसे ‘अंतर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली’ (S.I. मात्रक) कहते हैं।
• लंबाई का SI मात्रक मीटर है।
2. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये –
1. वाहन : सरल रेखीय गति (Rectilinear Motion)
2. पंखा : आवर्ती गति (Periodic Motion )
3. झूला : वर्तुल गति (Circular Motion)
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा / से सही सुमेलित है / हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या : वाहनों की गति सरल रेखीय गति का उदाहरण है। जब वस्तुएँ सरल रेखा के अनुदिश गति करती हैं तो ऐसी गति ‘सरल रेखीय गति’ कहलाती है।
• जब कोई वस्तु इस प्रकार की गति करती है कि उस वस्तु की किसी नियत बिंदु से दूरी समान रहती है तो इस प्रकार की गति ‘वर्तुल गति’ कहलाती है। पंखा, घड़ी की सुई, कुम्हार के चाक आदि की गति वर्तुल गति के उदाहरण हैं।
• ऐसी गति जो एक निश्चित समयांतराल के पश्चात् अपनी गति को दोहराती है, उसे ‘आवर्ती गति’ कहते हैं।
• पार्कों में लगे सामान्य झूले, घड़ी के पेंडुलम, गिटार के तार, ढोलों के पृष्ठ आदि की गति आवर्ती गति के उदाहरण हैं।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. 1790 में फ्राँसीसियों ने मापन की एक मानक प्रणाली की रचना की, जिसे ‘मीटरी पद्धति’ कहते हैं ।
2. एक मीटर को 100 बराबर भागों में विभाजित किया जाता है, जिसे ‘सेंटीमीटर’ कहते हैं।
3. एक सेंटीमीटर में 20 मिलीमीटर होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) केवल 1
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त कथनों में कथन -1 एवं कथन-2 सत्य हैं किंतु कथन-3 असत्य है क्योंकि एक सेंटीमीटर में 10 मिलीमीटर होता है न कि 20 मिलीमीटर।
11. प्रकाश – छायाएँ एवं परावर्तन
1. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. अपवर्तन (Refraction)
2. परावर्तन (Reflection)
3. विवर्तन (Diffraction)
दर्पण में प्रतिबिंब के बनने के लिये उपर्युक्त में से कौन-सी घटना/घटनाएँ आवश्यक है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या : दर्पण में प्रतिबिंब का बनना प्रकाश के परावर्तन के कारण होता है। अपवर्तन तथा विवर्तन इसके लिये आवश्यक नहीं हैं।
2. व्यक्ति वस्तुओं को देख पाता है जब-
(a) वस्तु पर प्रकाश पड़े।
(b) जब व्यक्ति की आँखों पर प्रकाश पड़े।
(c) जब प्रकाश वस्तु पर पड़े और आँखों की तरफ आए ।
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर : (c)
व्याख्या: व्यक्ति वस्तु को तभी देख पाता है, जब प्रकाश वस्तु पर पड़ता है और फिर वस्तु से आँखों पर आता है।
3. निम्नलिखित कथनों में से असत्य कथन का चयन करें-
(a) जब प्रकाश के पथ में कोई अपारदर्शी वस्तु आ जाती है तो उस वस्तु की छाया नहीं बनती है।
(b) दर्पण परावर्तन से हमें स्पष्ट प्रतिबिंब प्राप्त होता है।
(c) पारभासी वस्तुएँ प्रकाश के कुछ भाग को ही अपने में से होकर जाने देती हैं।
(d) प्रतिबिंब छायाओं से अत्यधिक भिन्न होते हैं।
उत्तर : (a)
व्याख्या: जब प्रकाश के पथ में कोई अपारदर्शी वस्तु आ जाती है तो उस वस्तु की छाया बनती है। अन्य सभी कथन सत्य हैं।
12. विद्युत तथा परिपथ
1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. विद्युत सेल उसमें संचित रासायनिक पदार्थों से विद्युत उत्पन्न करता है।
2. विद्युत सेल में एक सिरा धनात्मक तथा दूसरा ऋणात्मक होता है।
3. विद्युत स्विच का उपयोग विद्युत धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारंभ करने के लिये किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
• विद्युत सेल में विद्युत उसमें संचित रासायनिक पदार्थों के कारण उत्पन्न होती है।
• इस सेल का एक सिरा धनात्मक, जबकि दूसरा ऋणात्मक होता है।
• स्विच एक सरल युक्ति है, जो विद्युत धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारंभ करने के लिये परिपथ को तोड़ने अथवा जोड़ने का कार्य करती है।
2. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. थर्माकोल
2. वायु
3. मानव शरीर
4. एल्युमीनियम की पत्ती
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / से विद्युत चालक का / के उदाहरण है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) केवल 4
उत्तर : (c)
व्याख्या : जिन पदार्थों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है, वे विद्युत चालक तथा जिन पदार्थों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित नहीं हो सकती, वे ‘विद्युत – रोधक’ कहलाते हैं।
• थर्माकोल और वायु विद्युत रोधक हैं, जबकि एल्युमीनियम की पत्ती विद्युत चालक है। मानव शरीर भी बहुत अच्छा विद्युत चालक है।
3. विद्युत चालक तथा विद्युत रोधक से संबंधित कथन हैं?
(a) जो पदार्थ विद्युत-धारा का प्रवाह होने देते हैं, वे ‘विद्युत – चालक’ कहलाते हैं तथा जो पदार्थ विद्युत धारा का प्रवाह मंद कर देते हैं, ‘विद्युत-रोधक’ कहलाते हैं।
(b) जिस पदार्थ में विद्युत धारा का प्रवाह होता है, उसे ‘विद्युत – चालक’ तथा जिस पदार्थ में विद्युत धारा प्रवाह नहीं होता, उसे ‘विद्युत-रोधक’ कहते हैं।
(c) जिसमें विद्युत धारा प्रवाहित नहीं हो सकती है, उसे ‘विद्युत चालक’ तथा जिसमें विद्युत धारा प्रवाहित होती है, वह ‘विद्युत-रोधक’ कहते हैं।
(d) (a) और (b) दोनों।
उत्तर : (b)
व्याख्या : जिन पदार्थों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होती है, वे ‘विद्युत – चालक’ कहलाते हैं तथा जिन पदार्थों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित नहीं हो सकती वे ‘विद्युत रोधक’ कहलाते हैं।
4. विद्युत बल्ब में होता है-
(a) फिलामेंट
(b) स्विच
(c) सॉकेट
(d) डाइंग पिन
उत्तर : (a)
व्याख्या: विद्युत बल्ब में एक फिलामेंट होता है जो इसके टर्मिनलों से जुड़ा होता है। विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह फिलामेंट दीप्त हो उठता है।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. बंद विद्युत परिपथ में विद्युत धारा, विद्युत सेल के एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक प्रवाहित होती है।
2. स्विच एक जटिल युक्ति है, जिससे विद्युत धारा के प्रवाह को कम या अधिक किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: स्विच एक सरल युक्ति है, जो विद्युत धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारंभ करने के लिये परिपथ को तोड़ता अथवा पूरा करता है।
13. चुंबकों द्वारा मनोरंजन
1. चुंबकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. मैग्नेटाइट एक प्राकृतिक चुंबक है।
2. चुंबक कुछ पदार्थों को आकर्षित करता है, ऐसे पदार्थों को ‘चुंबकीय पदार्थ’ कहते हैं।
3. दो चुंबकों के समान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं, जबकि असमान ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 व 2 सही हैं, परंतु कथन 3 गलत है।
• मैग्नेटाइट एक प्राकृतिक चुंबक है। इसमें लोहा उपस्थित होता है।
• चुंबक लोहा, निकिल, कोबाल्ट जैसे कुछ पदार्थों को आकर्षित करता है, ऐसे पदार्थों को ‘चुंबकीय पदार्थ’ कहते हैं। जो पदार्थ चुंबक से आकर्षित नहीं होते, वे ‘ अचुंबकीय पदार्थ’ कहलाते हैं।
• प्रत्येक चुंबक के दो ध्रुव होते हैं- उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव । स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर चुंबक सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में आकर रुकता है।
• दृष्टि दो चुंबकों के असमान ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं, जबकि समान ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण होता है।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. प्रत्येक चुंबक के उत्तरी तथा दक्षिणी दो ध्रुव होते हैं।
2. चुंबक को गर्म करने, चोट करने तथा ऊँचाई से गिराने पर चुंबक अपना गुण खो देता है।
3. स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर चुंबक सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में आकर रुकता है।
4. कृत्रिम चुंबक एक ही आकार के बनाए जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 और 4
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (c)
व्याख्या: प्रत्येक चुंबक के दो ध्रुव उत्तरी और दक्षिणी होते हैं। चुंबक को गर्म करने, उस पर चोट करने तथा ऊँचाई से गिराने पर उसके चुंबकीय गुण नष्ट हो जाते हैं। यदि किसी चुंबक को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाया जाए तो सदैव उसका एक सिरा उत्तर की ओर तथा दूसरा सिरा दक्षिण की ओर आकर रुकता है, इसलिये इन्हें क्रमशः ‘उत्तरी ध्रुव’ तथा दक्षिणी 4 ‘ध्रुव कहा’ जाता है। कृत्रिम चुंबक को विभिन्न आकारों में बनाया जा सकता है।
14. जल
1. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. वाष्पन
2. वाष्पोत्सर्जन
3. संघनन
उपर्युक्त में से किस/किन कारण/कारणों से बर्फयुक्त जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर जल की छोटी बूँदें एकत्रित हो जाती हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: जलवाष्प के द्रव अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को ‘संघनन’ कहते हैं।
• बर्फ युक्त जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर जल की छोटी बूँदें संघनन (Condensation) के कारण एकत्र हो जाती हैं। वायु में जलवाष्प उपस्थित होते हैं। जब वायु किसी ठंडे पृष्ठ के संपर्क में आती है तो इसमें उपस्थित जलवाष्प ठंडा होकर संवनित हो जाता है। तथा जल की बूँदें पृष्ठ पर दिखाई पड़ती हैं।
• वाष्पन और वाष्पोत्सर्जन दोनों से जल द्रव से वाष्प अवस्था में बदलता है।
2. जल – चक्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. वायु में जल, वाष्पन तथा संघनन के प्रक्रमों द्वारा प्रवेश करता है।
2. जल को पृथ्वी के पृष्ठ पर पुन: वापस लाने में वाष्पोत्सर्जनप्रक्रम की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
3. वायु में प्रविष्ट जल से बादल बनते हैं और वर्षा, ओले तथा हिम के रूप में जल पुनः धरती पर वापस आ जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 1 और 2 गलत हैं, क्योंकि वायु में जल वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन के प्रक्रमों द्वारा प्रवेश करता है। प्रकृति में जल चक्र के लिये वायु में जलवाष्प का उपस्थित होना अनिवार्य है।
• जल को पृथ्वी के पृष्ठ पर पुनः वापस लाने में संघनन प्रक्रम महत्त्वपूर्ण होता है, जबकि वाष्पोत्सर्जन से जल वायु में जाता है।
• वायु में प्रविष्ट जल जलवाष्प के रूप में होता है, जिससे बादल बनते हैं। यह जल वर्षा, ओले तथा हिम के रूप में पुनः धरती पर वापस आता है।
• अंतिम चरण में यह जल नदियों व झरनों से होता हुआ पुनः महासागरों में आ जाता है। इस प्रकार जल चक्र पूर्ण होता है। इसलिये पृथ्वी पर जल की कुल मात्रा समान ही रहती है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. वर्षा का जल एकत्र करने को ‘वर्षा जल संग्रहण’ कहा जाता है।
2. समुद्रों और महासागरों के जल में बहुत से लवण घुले होते हैं, जिससे जल खारा होता है तथा पीने योग्य नहीं होता ।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सत्य नहीं है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (d)
व्याख्या : दोनों कथन सही हैं। वर्षा के जल को एकत्र करना ही ‘वर्षा जल संग्रहण’ कहलाता है। समुद्रों और महासागरों में लवण की उपस्थिति के कारण जल खारा होता है, इसलिये यह पीने योग्य नहीं होता है।
4. ‘राइम ऑफ दि एनशिएंट मैरिनर’ कविता के रचयिता हैं-
(a) एम.टी. कोलरिज़
(b) एस.टी. कोलरिज़
(c) टी.एम. कोलरिज़
(d) टी.एस. कोलरिज्र
उत्तर : (b)
व्याख्या : एस.टी. कोलरिज़ द्वारा 1798 में लिखी गई कविता ‘राइम ऑफ दि एनशिएंट मैरिनर’ है। इस कविता में कवि ने महासागर में भटके किसी जहाज़ के नाविकों की करुण गाथा का उल्लेख किया है। इस कविता की एक पंक्ति है- ” हर जगह जल ही जल, पीने के लिये कोई बूँद नहीं । “
15. हमारे चारों ओर वायु
1. वायु अनेक गैसों का मिश्रण है। इस मिश्रण के मुख्य अवयवों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. वायु में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन मिलकर वायु का 99 प्रतिशत भाग बनाते हैं।
2. शेष 1 प्रतिशत भाग में कार्बन डाइऑक्साइड, कुछ अन्य गैसें, जलवाष्प तथा धूल के कण होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: वायु अनेक गैसों का मिश्रण है। इसमें मुख्यतः नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, थोड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड तथा इससे भी कम मात्रा में अन्य गैसों का मिश्रण होता है।
• इस मिश्रण का लगभग 99 प्रतिशत भाग ऑक्सीजन (20.95 प्रतिशत) और नाइट्रोजन (78.09 प्रतिशत ) बनता है, जबकि शेष 1 प्रतिशत में ऑर्गन (0.93 प्रतिशत), कार्बन डाइऑक्साइड (0.04 प्रतिशत), कुछ अन्य गैसें, जलवाष्प तथा धूल के कण होते हैं।
• इस मिश्रण से बनी वायु की जो परत पृथ्वी को घेरे हुए है, उसे ‘वायुमंडल’ कहते हैं।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. गतिशील वायु को पवन कहते हैं।
2. वायु स्थान नहीं घेरती है।
3. वायु की वह परत, जो पृथ्वी को घेरे हुए हैं, उसे ‘वायुमंडल’ कहते हैं।
4. वायु प्रत्येक स्थान पर मिलती है, इसे देख सकते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सत्य नहीं है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) केवल 2 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या: गतिशील वायु को ‘पवन’ कहते हैं। वायु स्थान घेरती है तथा व प्रत्येक स्थान पर मिलती है, लेकिन इसे देखा नहीं जा सकता है। वायु की परत जो पृथ्वी को घेरे हुए है, उसे ही ‘वायुमंडल’ कहते हैं।
3. निम्नलिखित में से कौन-सा वायु घटक जलने में सहायक होता है?
(a) नाइट्रोजन
(b) ऑक्सीजन
(c) जलवाष्प
(d) कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर : (b)
व्याख्या : जलने की क्रिया केवल ऑक्सीजन की उपस्थिति में ही संभव है।
• प्रकृति में जलचक्र के लिये वायु में जलवाष्प की उपस्थिति होना अनिवार्य है।
• पादप एवं जंतु श्वसन प्रक्रिया में ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड बनाते हैं।
16. कचरा- संग्रहण एवं निपटान
1. वर्मी कंपोस्टिंग अथवा कृमि कंपोस्टिंग में लाल केंचुओं का प्रयोग होता है। इन लाल केंचुओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. लाल केंचुए के दाँत नहीं होते। ये भोजन ‘ गिजर्ड’ की सहायता से पीसते हैं।
2. अंडे के छिलके अथवा समुद्री शंख या सीपी का चूरा भोजन को पीसने में केंचुओं की सहायता करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: केंचुए किसानों के मित्र कहे जाते हैं।
• लाल केंचुओं की सहायता से कंपोस्ट बनाने की इस विधि को ‘वर्मी कंपोस्टिंग’ अथवा ‘कृमि कंपोस्टिंग’ कहते हैं।
• लाल केंचुए के दाँत नहीं होते। इसमें एक विशेष संरचना होती है, जिसे ‘गिजर्ड’ कहते हैं, जो भोजन को पीसने में इनकी सहायता करता है। अंडे के छिलके अथवा समुद्री शंख या सीपी का चूरा आहार के साथ मिलाने पर यह भोजन को पीसने मे केंचुओं की सहायता करता है।
• लाल केंचुए बहुत गर्म अथवा ठंडे वातावरण में जीवित नहीं रह सकते । इन्हें अपने आस-पास नमी की आवश्यकता होती है।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. कागज़ का पुन:चक्रण संभव है तथा पुन:चक्रण से उपयोगी चीज़ें बनाई जा सकती हैं।
2. कंपोस्टिंग द्वारा प्लास्टिक को कम हानिकारक पदार्थों में परिवर्तन करना संभव नहीं है।
3. पौधे एवं जंतु अपशिष्टों को खाद में परिवर्तित किया जा सकता है।
4. सभी प्रकार के प्लास्टिक गरम करने पर अथवा जलाने पर हानिकारक गैस छोड़ते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या: कागज़ का पुन:चक्रण संभव है तथा इससे उपयोगी चीजें बनाई जा सकती हैं। प्लास्टिक की कंपोस्टिंग नहीं की जा सकती, जबकि पौधे एवं जंतु अपशिष्टों की कंपोस्टिंग की जा सकती है। प्लास्टिक को गरम करने या जलाने पर हानिकारक गैसें निकलती हैं।
3. निम्नलिखित में से प्लास्टिक के दुरुपयोग के कौन-कौन से दुष्परिणाम हैं?
1. खाद्य पदार्थों का हानिकारक तथा कैंसर कारक होना
2. पशुओं की मृत्यु का कारण
3. शहरों में जल भराव एवं बाढ़
कूट:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: प्लास्टिक की थैलियों में पैक किये भोजन को खाना हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकता है। (गंदगी के कारण ) ।
• सभी प्रकार के प्लास्टिक गरम करने अथवा जलाने पर हानिकारक गैस छोड़ते हैं। ये गैसें बहुत-सी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ, जिनमें मानव कैंसर भी सम्मिलित है, उत्पन्न करती हैं।
• प्लास्टिक थैलियों में पैक कूड़े को जानवर भोजन की लालच में थैली सहित निगल जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है।
• प्लास्टिक की थैलियों से शहर के नाले व सीवर बंद हो जाते हैं, जो शहरों में बाढ़ एवं जल भराव का एक महत्त्वपूर्ण कारक बनता है।