Population of India: इस बार की जनगणना में पूछे जा सकते हैं सबसे अधिक प्रश्न; छह महीने पहले से हाउस लिस्ट बनाने का काम होगा
Population of India: इस बार की जनगणना में पूछे जा सकते हैं सबसे अधिक प्रश्न; छह महीने पहले से हाउस लिस्ट बनाने का काम होगा
Population of India, Caste Census News: देश में जनगणना और जातिगत जनगणना के लिए लगातार प्रश्नों में बढ़ोतरी हो रही है। केंद्र सरकार द्वारा सटीक आकलन के लिए यह पहल की जा रही है। अब तक सबसे अधिक सवाल जनता से 2011 में जनगणना के दौरान पूछे गए थे। इन सवालों की संख्या 29 थी, जबकि इससे पहले की जनगणनाओं में यह आंकड़ा 23 सवाल का ही रहा है।
आजादी के बाद यह पहला मौका होगा, जब केंद्र सरकार अनिवार्यता के प्रावधान के साथ जातिगत जनगणना का सवाल लेकर देश की जनता के बीच होगी। संभावना जताई जा रही है कि इस बार की जनगणना में सवालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि इन सवालों की कार्य सूची तेजी से तैयार की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि अब से पहले हुई जनगणनाओं में जाति को लेकर सवाल पूछे गए हैं और इसका प्रावधान लंबे समय से जनगणना के सवालों के बीच था, लेकिन इस प्रावधान में यह जानकारी देना संबंधित व्यक्ति पर ही छोड़ा जाता था। इसका मतलब है कि जाति आधारित सही आंकड़ों के लेकर अब तक जनगणना में संशय की स्थिति थी, लेकिन वर्तमान प्रावधान की वजह से इस पर आम जनता को अपनी राय स्पष्ट करनी होगी।
इसकी मदद से जातियों के आधार पर एक विस्तृत आंकड़ा सामने आएगा, जो विभिन्न राज्यों में राजनीतिक पृष्ठभूमि के लिए मददगार साबित हो सकता है। इस वजह से इस बार सवालों का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है और यह करीब 30-35 सवालों तक जा सकता है।
1872 से चल रही है जनगणना की प्रक्रिया
भारत में 1872 से जनगणना की प्रक्रिया चल रही है और इस पहली जनगणना में आम जनता से धर्म के अलावा जाति के आंकड़े भी मांगे गए थे। इस सूची में 17 सवालों को शामिल किया गया था। देश की आजादी के बाद 1951 में जो जनगणना हुई थी, उस जनगणना की सूची में भी 13 सवालों को शामिल किया गया था। रपट बताती है कि देश की आखिरी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी।
अधिकारियों के मुताबिक, अधिक सवाल होने का लाभ यह था कि जनगणना में आकलन का दायरा और भी सटीक हो गया था, इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी- एसटी) के लिए अलग से प्रावधान रखा गया था। इसके अतिरिक्त तीन नए सवालों को जोड़ दिया था, जिसमें विकलांगता, व्यक्ति की जनगणना वाले स्थान पर उपलब्धता और व्यवसाय को शामिल किया गया।
जनगणना में 2.25 लाख कर्मियों की आवश्यकता
2011 में होने वाली जनगणना में बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ 41 लाख थी। इसमें 5.4 करोड़ पुरुष और 5 करोड़ महिलाएं शामिल थीं। दस साल में 21 से 22 प्रतिशत जनसंख्या बढ़ने का अनुमान लगाया जाता है। इस बार 15 साल पर जनगणना हो रही है। इसमें 35 प्रतिशत जनसंख्या बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी के हिसाब से तैयारी चल रही है। इसके लिए करीब 2.25 लाख कर्मियों की आवश्यकता होगी।
लोगों से ये सवाल पूछेगी सरकार
1. आपका नाम
2. मुखिया से संबंध
3. लिंग
4. जन्म तिथि और आयु
5. वर्तमान वैवाहिक स्थिति
6. विवाह के समय आयु
7. धर्म
8. अनुसूचित जाति (एससी) / अनुसूचित जनजाति (एसटी)
9. विकलांगता
10. मातृभाषा
11. अन्य ज्ञात भाषा अंतिम निवास स्थान
12. साक्षरता स्थिति
13. उपस्थिति की स्थिति
14. प्राप्त उच्चतम शैक्षिक स्तर
15. पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय काम किया
16. आर्थिक गतिविधि की श्रेणी
17. व्यवसाय
18. उद्योग, व्यापार या सेवाओं की प्रकृति
19. श्रमिकों का वर्ग
20. गैर- आर्थिक गतिविधि
21. काम की तलाश या काम के लिए उपलब्ध
22. काम के स्थान की यात्रा
23. इस गांव / शहर के बाहर पैदा हुए व्यक्ति के लिए भरें, जन्म स्थान, यदि भारत के भीतर हैं, तो गांव / शहर, जिले और राज्य का वर्तमान नाम लिखें। यदि भारत से बाहर हैं, तो देश का वर्तमान नाम लिखें
24. प्रवास की विशेषताएं इस गांव / शहर में कहीं और से आए व्यक्ति के लिए भरें
25. प्रवास का कारण
26. प्रवास के बाद से इस गांव / शहर में रहने की अवधि
27. प्रजनन विवरण जीवित बच्चे बेटियां बेटे
28. कभी भी जीवित पैदा हुए बच्चे बेटियां बेटे
29. एक वर्ष के दौरान पैदा हुए बच्चों की संख्या बेटियां-बेटे
30. मोबाइल की जानकारी
31. भोजन की जानकारी
32. शौचालय की जानकारी
33. जाति की जानकारी
34. उप जाति की जानकारी
35. जनधन योजना।
ये तथ्य आए थे 2011 में सामने
2011 की जनगणना में कुल 24,95,01663 घरों का सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण के आधार पर देश की आबादी कुल 1,21,0854977 थी और इनमें 16,45,15,253 बच्चे शामिल थे। रपट में एससी की कुल आबादी 2,01,378,372 थी, जिसमें 10,35,35,314 पुरुष और 9,78,43,058 महिलाएं शामिल थी। इसी प्रकार एसटी श्रेणी के कुल आबादी 10,45,45,716 थी, जिसमें 5,25,47,215 पुरुष और 5,19,98,501 महिलाएं शामिल थी। इस जनगणना में अनपढ़ों की संख्या 44,72,16,165 थी।