Career News

टाटा समूह अगले पांच से छह वर्षों में 5 लाख नौकरियां देगा : एन चंद्रशेखरन

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

टाटा समूह अगले पांच से छह वर्षों में 5 लाख नौकरियां देगा : एन चंद्रशेखरन

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यदि हम विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियां पैदा नहीं कर सकते तो हम विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि हर महीने 10 लाख लोग कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को कहा कि टाटा समूह अगले 5-6 वर्षों में 5 लाख नौकरियां सृजन करेगा। कंपनी ने सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों में निवेश किया है। इसके चलते अधिक कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी.

IFQM (Indian Foundation of Quality Management) कार्यक्रम में बोलते हुए, चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत को उत्पाद निर्माण, लोगों की गुणवत्ता, पारिस्थितिकी तंत्र और प्रक्रियाओं में गुणवत्ता के लिए एक प्रक्रिया बनाने की जरूरत है।

10 करोड़ नौकरियां सृजन करने की जरूरत है

चन्द्रशेखरन ने कहा, ”हर महीने दस लाख लोग कार्यबल में शामिल हो रहे हैं। हमें 10 करोड़ नौकरियां सृजन करने की जरूरत है. यहां बड़ी संख्या में युवा आबादी है. भारत दुनिया की मानव संसाधन राजधानी बन जाएगा।”

उन्होंने कहा कि भारत के सामने कई अवसर हैं. ‘विकसित भारत’ का मतलब सिर्फ अच्छा आर्थिक विकास नहीं है. सामाजिक समानता, नागरिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल और सभी नागरिकों के लिए जीवन स्तर हासिल करना भी महत्वपूर्ण है।

टाटा संस के चेयरमैन ने कहा, “हमें खुद को गुणवत्ता और सेवाओं के देश के रूप में स्थापित करना है जो वैश्विक स्तर पर एक बेंचमार्क बन सके।” उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए अर्थव्यवस्था में रोजगार का बढ़ना भी जरूरी है. IFQM निकाय की स्थापना विनिर्माण और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए की गई है।

यह समय भारत के लिए महत्वपूर्ण है

यह कई कारणों से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। भारत के पास गति है. उत्पादों और सेवाओं की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ रही है। यह आगे भी जारी रहेगा. भारत दुनिया की विनिर्माण जरूरतों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी होगा।

बता दें कि IFQM के इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे. अश्विनी वैष्णव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि समावेशी विकास एक प्रमुख स्तंभ है। पिछले 10 वर्षों में आईआईटी, एम्स और अन्य विश्वविद्यालयों की संख्या दोगुनी हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *