20 जिलों में सुखाड़ की आशंका; बिहार में मॉनसून की दगाबाजी ने किसानों की बढ़ाई चिंता
20 जिलों में सुखाड़ की आशंका; बिहार में मॉनसून की दगाबाजी ने किसानों की बढ़ाई चिंता
Bihar Monsoon: कृषि प्रधान बिहार में मानसून ने एक बार फिर दगा दे दिया है। पड़ोसी राज्य झारखंड और उत्तर प्रदेश में जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है, वहीं बिहार पानी के लिए तरस रहा है। सोमवार तक बिहार में 46 फीसदी तक मानसून की बारिश कम हुई है। जुलाई में इसके और कम होने के आसार हैं। बिहार के 20 जिलों में 50 प्रतिशत तक बारिश की कमी है। सहरसा, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में तो यह आंकड़ा 80 फीसदी से भी कम है। बारिश की कमी से एक तरफ कई जिलों पर सुखाड़ का साया मंडरा रहा है, वहीं दूसरी ओर उमस भरी गर्मी से बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं। अस्पतालों में मौसमी बीमारी सर्दी-बुखार, डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
20 जिले सूखे की कगार पर, 18 जिलों में सामान्य से कम बारिश
बिहार में जुलाई-अगस्त में बाढ़ आती थी। लेकिन इस साल 20 जिले सूखे की कगार पर हैं। बाकी 18 जिलों में से 14 में कम बारिश हुई है। सिर्फ 4 जिलों में बारिश सामान्य है। गया में सामान्य से 32 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। राज्य में अब तक 46 प्रतिशत कम बारिश हुई है. यह खेती के लिए ठीक नहीं है।
सामान्य से अब तक 46 प्रतिशत कम बारिश
राज्य में इस बार मॉनसून में कम बारिश हुई है। सामान्य से 46 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 20 जिलों में सामान्य से 50-89 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है। पटना स्थित आईएमडी के निदेशक आशीष कुमार ने कहा कि अगले तीन दिनों में तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि मंगलवार को कुछ जिलों में बारिश की भी संभावना जताई गई है।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार गया, नवादा सहित पूर्वी बिहार के 7 जिलों में मेघगर्जन और वज्रपात की संभावना है, लेकिन मौसम की वर्तमान स्थिति देखते हुए इसका विशेष प्रभाव नहीं दिखेगा। आसमान साफ रहेगा और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है।
240.3 की जगह मात्र 129.7 मिमी हुई बारिश
बिहार में मानसून सीजन के दौरान 7 जुलाई तक सामान्य बारिश 240.3 मिमी होनी चाहिए पर अबतक मात्र 129.7 मिमी ही वर्षा हुई है। उत्तर बिहार में बारिश की कमी सबसे ज्यादा है। मधेपुरा, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, बेगूसराय, खगड़िया, मधुबनी, सुपौल, दरभंगा, वैशाली, पूर्णिया, गोपालगंज, अरिरया में 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। वहीं दक्षिण बिहार के भोजपुर और अरवल में भी यही हालात हैं। कई वर्षों के बाद ऐसा हुआ है जब दक्षिण बिहार के मुकाबले उत्तर बिहार में कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक इसका कारण मानसून के ट्रफ लाइन का सामान्य स्थान से दक्षिण की तरफ होना है। ऐसे में मानसून की थोड़ी-बहुत गतिविधि होने पर उत्तर की जगह दक्षिण बिहार की तरफ बारिश हो रही है।