श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर प्रेक्षागृह में एक दिवसीय श्रमिक प्रशिक्षण शिविर-सह-कार्यशाला का हुआ आयोजन।
श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर प्रेक्षागृह में एक दिवसीय श्रमिक प्रशिक्षण शिविर-सह-कार्यशाला का हुआ आयोजन।
दरभंगा श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर प्रेक्षागृह, लहेरियासराय, दरभंगा में एक दिवसीय श्रमिक प्रशिक्षण शिविर-सह-कार्यशाला का उद्घाटन राजीव रौशन जिला पदाधिकारी, दरभंगा, चित्रगुप्त कुमार उप विकास आयुक्त दरभंगा, राकेश रंजन, संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किये ।
साथ ही यह भी बताया गया कि बाल श्रम जो कि एक शिक्षित समाज का कलंक है, उसे भी दूर करने का प्रयास सामूहिक रूप से किया जाए ।यह भी सुनिश्चित किया जाए की 14 वर्ष की उम्र के बच्चे बाहर नहीं जाए तथा इसका नामांकन शत-प्रतिशत विद्यालय में हो।
बच्चे का उम्र खेलने कूदने एवं स्कूल जाने के लिए होता है ना की किसी ढाबा दुकान प्रतिष्ठान में कार्य करने के लिए।
श्रम अधीक्षक के द्वारा दिनांक 01.04.24 से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की दर जो 69 अनुसूचित नियोजन तथा अन्य नियोजनाे में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के संबंध में जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि सामान्य अनुसूचित नियोजन में अकुशल कामगार के लिए 410 रुपये प्रतिदिन प्रति 08 घंटे के लिए निर्धारित की गई है। जबकि अर्द्धकुशल कामगार के लिए यह दर 426 रुपये है तथा कुशल कामगार के लिए 519 रुपये है, अतिकुशल कामगार के लिए 634 रुपये प्रतिदिन है जबकि पर्यावेक्षकीय और लिपिकीय कार्य के लिए यह दर 11736 रुपये प्रतिमाह है।
यदि इससे कम दर से किसी नियोजक के द्वारा कामगार को भुगतान किया जाता है तो इस
लिखित शिकायत जिला में श्रम अधीक्षक के पास तथा प्रखंड में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के पास कर सकते हैं।
सर्वप्रथम जिला पदाधिकारी ने जिला के सभी श्रमिक बंधुओं एवं बहनों को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं दिए।
उन्होंने कहा कि दरभंगा जिला सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं को तत्परता के साथ क्रियान्वयन कर रहा है। श्रम विभाग के सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों को धन्यवाद दिया की तत्परता के साथ सभी योजनाओं में जरूरतमंदों को समय के साथ लाभ पहुंचाते हैं ।
उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर रैंकिंग में दरभंगा जिला टॉप फाइव में रहता ही रहता है,कई बार पहले एवं दूसरा स्थान पर भी रहता है । श्रमिक बंधुओं के सहयोग के बिना संभव नहीं है,श्रम विभाग की जो उपलब्धि है वे दरभंगा जिला के श्रमिक बंधुओं की उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि कई सारी योजनाऐं है जो श्रम के महत्व को समर्पित है,चाहे बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार हो, सामाजिक सुरक्षा बिहार राज्य प्रवासी मजदूर स्कीम हो, न्यूनतम मजदूरी की बात हो या बाल श्रम उन्मूलन के लिए बनाए गए कानूनी की बात हो,ये सारी योजनाएं इस बात के लिए है कि हमारा समाज अच्छा बने, हमारी आने वाली पीढ़ी पहले सक्षमता हासिल करें। चाहे स्वास्थ्य,शिक्षा, उम्र,स्किल्ड के मापदंड पर हो ।
अगर हम आने वाले पीढ़ी को सक्षम और सामर्थ्य नहीं बना पाएंगे तो हमारा भविष्य,हमारे राज्य का भविष्य,देश का भविष्य अंधेरे में होगा । अगर उसके भविष्य को सुनहरा बनाना चाहते हैं, उसके भविष्य को गौरवशाली बनाना चाहते हैं,जिस पर हम सभी भारतवासी को गर्व की बात हो तो हम सब लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी काम अगर हम करते हैं तो हमारे देश के विकास में,हमारी जीडीपी में,हमारी इकोनॉमी में ताकत के रूप में प्रदर्शित होता है।
श्रमिक बन्धु के द्वारा मेहनत करके जितना भी काम किया जाता है वो बिहार की अर्थव्यवस्था में राज्य की जीडीपी के रूप में दिखलाया जाता है और भारतवर्ष की जीडीपी में भी शामिल होता है ।
.हर आदमी का इस देश के विकास में योगदान है,इस बात को समझना चाहिए।जहां भी पूंजी होगी उसका फल तभी मिलेगा जब उसमें श्रम शामिल होगा,सिर्फ अकेले पूंजी परिणाम नहीं देगी और अकेले श्रम भी बड़ा परिणाम नहीं दे पाएगा,दोनों ही इस विकास के रथ के पहिए हैं और दोनों का घूमना जरूरी है तभी हमारा देश आगे की दिशा में अग्रसर होगा।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला में सभी योजनाओं की जानकारी दी जाए।साथ ही अगर किन्ही को कोई समस्या है कुछ और जानकारी चाह रहे हैं तो उसका भी निदान किया जाए।
श्रम से जुड़े हुए लोग हैं और उनका अगर स्कीम में लाभ मिल रहा है तो बिना कोई रुकावट के,बिना कोई समय लगे हुए उस प्रक्रिया को शीघ्र से शीघ्र पूरा कर ले तथा लाभ लाभुकों को दिया जाए जाए।
बाल श्रम जो एक सभ्य समाज के लिए अभिशाप है हम सब सामूहिक प्रयास से इस कुप्रथा को दूर कर सकते हैं अन्यथा यह बच्चा जिंदगी भर अकुशल श्रमिक ही रह जाएगा ।
श्रम हर किसी का अधिकार भी है,हर किसी को श्रम के हिसाब से काम मिले इसी बात को ध्यान में रखकर मनरेगा जैसी योजनाएं चलाई गई।
उन्होंने कहा कि श्रम अगर स्किलड हो जाते हैं तो श्रम का मूल्य बढ़ जाता है,श्रम की ताकत बढ़ जाएगी और अपने परिवार का, समाज का बेहतर तरीके से सेवन कर पाएंगे और बेहतर धन अर्जन कर पाएंगे तथा अर्थव्यवस्था में आपका योगदान का अधिक मूल्य होगा।
.उन्होंने कहा की जरूरत इस बात की है कि हम श्रम के मूल्य को समझे,समाज श्रमिक के मूल्य को समझें और जो हमारा श्रम की गुणवत्ता है जिसका मूल्य है,महत्व है वो बढ़े ये गुण आएगा प्रशिक्षण से । श्रम संसाधन विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना पर फोकस करते हुए बताया कि वे मेहनतकश जो राज्य की जीडीपी में अहम योगदान देता है यदि इसकी दुर्घटना मृत्यु हो जाती है तो उसे भी सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 200000 रुपये का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है।
साथ ही साथ हुए श्रमिक जो निर्माण क्षेत्र में काम करते हैं उनका भी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभ दिया जाता है। यह राशि सरकार प्रदत्त नहीं है बल्कि वह निर्माण श्रमिकों के द्वारा जो बड़े-बड़े प्रतिष्ठान बना रहे हैं, उनकी उपकार मद में काटी गई राशि से भुगतान की जा रही है।
इस शिविर में उपस्थित सभी पंचायत से आए हुए श्रमिकों को आह्वान किया गया कि ऊंचे इमारत की नींव मजबूत तभी होगा, जब ऊँची इमारत बनाने वाले श्रमिकों का नीवं मजबूत होगा।
तत्पश्चात जिला पदाधिकारी के द्वारा योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों के बीच सांकेतिक चेक का वितरण किया गया जो इस प्रकार है।
बिहार भवन एवं अन्य सा निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत सारो देवी एवं मीरा देवी को मृत्यु हित अनुदान लाभ का सांकेतिक चेक, रूबी देवी को मातृत्व लाभ, श्याम राम, राजा चौपाल, खेमिया देवी, वीणा देवी, ठकनी देवी, मो. शौकत, सुलेखा देवी को विवाह सहायता, सरस्वती देवी को पेंशन योजना, राजा कुमार को पितृत्व लाभ, रूपा कुमारी को नगद पुरस्कार, भारती देवी, प्रिती कुमारी, सूरज कुमार को बिहार शताब्दी अनुदान योजना के तहत सांकेतिक चेक का वितरण किया गया।
शिविर में पंचायत से आए हुए श्रमिकों को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों के द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई ।
शुभम श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कुशेश्वरस्थान के द्वारा बिहार शताब्दी और संगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना 2011 एवं बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना 2008 से संबंधित योजनाओं की जानकारी, बमबम कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घनश्यामपुर के द्वारा बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 एवं बंधुआ श्रमिक योजनाओं से संबंधित जानकारी, मोहन कुमार श्रम परिवर्तन पदाधिकारी सदर के द्वारा बिहार भवन एवं अन्य का निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत निबंध नवीकरण एवं विभिन्न योजनाओं से संबंधित जानकारी, प्रेम कुमार साह श्रम परिवर्तन पदाधिकारी जाले के द्वारा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 एवं मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936 संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तृत बताया गया।
कार्यक्रम के समापन के पश्चात आगंतुक श्रमिक बंधुओं में एक विशेष तरह का उत्साह देखा गया।
वे लोग श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर काफी खुश थे।
श्रमिकों ने बताया कि यहां आकर हमें अपने श्रमिक अधिकारों की जानकारी प्राप्त हुई।
आज इस कार्यक्रम में किशोर कुमार झा श्रम अधीक्षक अधिनियम, दरभंगा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, दरभंगा सदर, हायाघाट, बहादुरपुर, बहेड़ी, बेनीपुर, सिंहवाड़ा, जाले एवं कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर,केवटी, किरतपुर,तारडीह एवं कार्यालय कर्मी तथा यूनियन प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
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