एमएसयू के 4 साल के आंदोलन का दिखेगा असर मिथिलाक्षर में अंकित होगा सभी कॉलेज के विभाग का नाम
एमएसयू के 4 साल के आंदोलन का दिखेगा असर मिथिलाक्षर में अंकित होगा सभी कॉलेज के विभाग का नाम
कुलपति के आदेश पर कुलसचिव ने सभी कॉलेज और विभाग को किया पत्र जारी
रिजल्ट में समस्या को लेकर हो रहे आंदोलन में 14 सूत्री मांग पर किया गया समझौता
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के द्वारा आये दिन लगातार मिथिला विश्वविद्यालय में रिजल्ट की समस्या को लेकर आंदोलन किया जा रहा हैं जिसका असर अब दिखने भी लगा हैं शनिवार को हुए आंदोलन में समझौता में सारे कॉलेज और विभाग का नाम मिथिलाक्षर में अंकित कराने को लेकर कुलपति के आदेश पर कुलसचिव के द्वारा पत्र जारी कर दिया गया हैं इस बात की जानकारी देते हुए एमएसयू के विश्वविद्यालय संयोजक अमन सक्सेना और विश्वविद्यालय अध्यक्ष अनिश चौधरी ने कहा की..
रिजल्ट में समस्या को लेकर आंदोलन किया जा रहा था जिसमें हमारा कुछ बहु प्रतीक्षित 14 सूत्री मांग मांग भी शामिल था कुछ चिन्हित व महत्वपूर्ण मांग जिसमें छात्र संघ चुनाव का घोषणा पर कहा गया की राज्यपाल कार्यालय को विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में भी पत्र भेजा जा चूका हैं पुनः संगठन द्वारा दिए गए पत्र को राज्यपाल कार्यालय भेजा जायेगा छात्रों का उपस्तिथि मेमो अगलें सत्र से ऑनलाइन प्राप्त किया जायेगा डाटा सेंटर को विधिवत नियंत्रण विश्वविद्यालय से किया जायेगा छात्रों के द्वारा दिए गए समस्या को 1 सप्ताह के अंदर सुधार किया जाएगा सभी छात्र संगठन का आईडी कार्ड निर्गत कर छात्रों के समस्या के निदान के लिए सभी संगठन से मीटिंग किया जाएगा विश्वविद्यालय को असामाजित तत्व से मुक्ति के लिए 6 तारीख से कारवाई किया जाएगा
जिन छात्रों का रिजल्ट प्रोमोटेड किया गया हैं उनका मामला परीक्षा बोर्ड में रखा जायेगा वहीं छात्र नेता अमन सक्सेना व अनिश चौधरी ने मिथिलाक्षर में कॉलेज का नाम अंकित करने पर ख़ुशी जाहिर करते हुए बताया की संगठन पिछले 4 साल से इस मांग को लेकर दर्जनों आंदोलन करने का काम किया हैं संगठन के पहल पर कई कॉलेज का नाम पूर्व में ही मिथिलाक्षर में अंकित किया जा चूका हैं हैं लेकिन हमारी मांग हैं की विश्वविद्यालय अंतर्गत जितना भी कॉलेज और विभाग हैं उसमे नियमानुसार मिथिलाक्षर में कॉलेज का नाम अंकित किया जाये जिससे मिथिला में पढ़ने वाले छात्रों को अपनी संस्कृति भाषा के प्रति लगाव बढेगा मिथिला का अपना लिपि हैं यह बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन जब कॉलेज के मुख्य द्वारा पर छात्र अपनी भाषा में कॉलेज का नाम अंकित देखेंगे तो जरूर उन्हें मिथिलाक्षर लिपि के प्रति लगाव होगा और उनमें मिथिलाक्षर को लेकर जागरूकता बढेगा बताते चले की यह विवाद से उठा एक मांग हैं वर्ष 2020 में सीएम लॉ कॉलेज का नाम हिंदी और उर्दू में लिखने को लेकर जब विवाद शुरू हुआ था तभी मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने सभी कॉलेज का नाम मिथिलाक्षर में भी अंकित करने का मांग शुरू कर दिया था
विभिन्न कॉलेज में भी इसको लेकर आंदोलन किया गया जिसका असर तत्काल कुछ कॉलेज में देखने को मिला जिसके बाद संगठन विश्वविद्यालय में आंदोलन कर लगातार इस मांग को उठाते रहा हैं जिसपर अब पहल होता हुआ नजर आ रहा हैं यह जीत संगठन की जीत नहीं बल्कि यह जीत सम्पूर्ण मिथिला वासी की जीत हैं जो अपनी संस्कृती सभ्यता और भाषा के उत्थान के लिए लगातार लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं सरकार के मिथिला विरोधी रवैया मिथिला भाषा मिथिला लिपि को समाप्त करने का कोशिश कर रहा हैं लेकिन मिथिला स्टूडेंट यूनियन मिथिला क्षेत्र के विकाश मिथिला की भाषा संस्कृति लिपि के रक्षा के लिए हमेसा लड़ाई लड़ने का काम करेगा और अपना अधिकार ऐसे ही लेने का काम करेगा इस जीत से संगठन के सभी सदस्य काफी खुश नजर आ रहे हैं मांगो पर हुए समझौता पर छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो•विजय कुमार यादव कुलानुशासक प्रो• अजय नाथ झा और परीक्षा नियंत्रक प्रो• विनोद कुमार ओझा ने हस्ताक्षर किया था।
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