24 हजार शिक्षकों की जा सकती है नौकरी, सरकार ले सकती है बड़ा फैसला…
24 हजार शिक्षकों की जा सकती है नौकरी, सरकार ले सकती है बड़ा फैसला…
कुछ दिन पहले सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 1,87,000 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग की गई थी। एक से 13 दिसंबर तक हुई काउंसिलिंग में 42000 शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी, जबकि 3000 से ज्यादा शिक्षक काउंसिलिंग के लिए नहीं आए।
इन 42000 में से 10000 से अधिक शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो सका. हालांकि, शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिनकी काउंसलिंग नहीं हुई है, उन्हें छठ पर्व के बाद एक और मौका मिलेगा. लेकिन प्रमाणपत्रों की जांच के दौरान कई प्रमाणपत्र फर्जी पाए जा रहे हैं. सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों की काउंसिलिंग के बाद जिन शिक्षकों की मार्कशीट संदिग्ध है, उनकी जांच संबंधित विश्वविद्यालय से कराई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने ऐसे संदिग्ध शिक्षकों की मार्कशीट विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक अधिकारियों को भेजकर उनके बारे में ब्योरा मांगा है. इसके तहत शिक्षकों के अनुभव प्रमाणपत्रों की भी जांच की जानी है. आपको बता दें कि इससे पहले भी करीब 4000 शिक्षक फर्जी पाए गए थे.
जांच के दौरान, ऐसे में फर्जी प्रमाणपत्र वाले इन शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. 20 फीसदी शिक्षकों ने फर्जी विकलांगता, जाति, आवास, खेल व अन्य प्रमाणपत्र बनाये. ऐसे में फर्जी प्रमाणपत्र वाले इन शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
24 हजार शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है
शिक्षा विभाग ने सिर्फ इतना कहा है कि सरकार ऐसे फर्जी शिक्षकों से वेतन भी वसूलेगी. इसके साथ ही शिक्षा विभाग के सूत्रों से पता चला है कि करीब 24000 ऐसे शिक्षकों की नौकरी खतरे में है, जिनके एक से ज्यादा सर्टिफिकेट पहली जांच में फर्जी पाए गए हैं. अब दोबारा जांच कराई जाएगी और इस दौरान भी यदि प्रमाण पत्र के संबंध में कोई रिकार्ड नहीं मिला तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा, फिर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनसे वेतन की भी वसूली की जाएगी।
हालांकि, शिक्षा विभाग ने कहा है कि पहले चरण की काउंसिलिंग में शामिल हुए साक्षरता पास अभ्यर्थियों में से केवल 96 शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी पाई गई हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन जो शिक्षक काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए, उन पर शिक्षा विभाग की नजर है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगिंदर सिंह के मुताबिक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 40 हजार से अधिक शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं की गयी. छूटे हुए अभ्यर्थियों की नवंबर में दोबारा काउंसिलिंग होने की संभावना है और काउंसिलिंग में कई शिक्षकों की मार्कशीट संदिग्ध पाई गई है।
सभी शिक्षकों के लिए एक डिजिटल सेवा पुस्तिका बनाई जाएगी
साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों के तबादले के बाद उनके प्रमाणपत्रों की भी जांच की जाएगी. इस दौरान शिक्षकों की मार्कशीट, फोटो, आवासीय और जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण आधारित सत्यापन, अंगूठे का दबाव भी जांचा जाएगा। सभी रिकॉर्ड सर्विस बुक में दर्ज किए जाएंगे और डिजिटल सर्विस बुक बनने के बाद सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिए जाएंगे। इससे संबंधित अधिकारी उस स्थान का तुरंत निरीक्षण कर सकेंगे जहां शिक्षक काम करता है।