रूस में अजित डोभाल…पीएम मोदी के इस मास्टर स्ट्रोक से बैकफुट पर आया चीन, विदेश मंत्रालय देने लगा सफाई
रूस में अजित डोभाल…पीएम मोदी के इस मास्टर स्ट्रोक से बैकफुट पर आया चीन, विदेश मंत्रालय देने लगा सफाई
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को ढाई साल बीत चुके हैं. पहले रूस यूक्रेन पर हावी था, अब यूक्रेन भी युद्ध में आक्रामकता दिखाने लगा है. दोनों देश इस लंबे युद्ध से थक चुके हैं. ऐसे में पुतिन और ज़ेलेंस्की दोनों ही बिना नज़रें झुकाए युद्ध ख़त्म करना चाहते हैं. रूसी राष्ट्रपति ने हाल ही में बयान दिया था कि भारत और चीन जैसे देश युद्ध ख़त्म करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. इस घटना के तुरंत बाद पीएम मोदी ने मास्टरस्ट्रोक लगाया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रूस के दौरे पर भेजा गया.
पीएम मोदी पिछले दो महीनों में रूस और यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के नेताओं को साफ कर दिया है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. रूसी राष्ट्रपति के हालिया बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति का संदेश देते हुए बिना किसी देरी के अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाते हुए एनएसए अजीत डोभाल को मॉस्को दौरे पर भेजा. भारत की मजबूत कूटनीति के पीछे चीन पिछड़ता नजर आया। यही वजह है कि अब चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर सफाई दी है. अब चीन भी युद्ध ख़त्म करने के लिए आगे आने की बात कर रहा है.
मेलोनी के इस बयान से चीन की नींद खुल गई
चीन ने शायद पुतिन के बयान पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. जब इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने पुतिन की बात दोहराई कि रूस-यूक्रेन संकट को खत्म करने में भारत और चीन जैसे देश अहम भूमिका निभा सकते हैं, तो ड्रैगन की नींद खुल गई. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को कहा कि चीन ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि युद्ध समाप्त होना चाहिए। यूक्रेन मुद्दे पर चीन का रुख स्पष्ट है. चीन का हमेशा से मानना रहा है कि शत्रुता को जल्द से जल्द समाप्त करना और राजनीतिक समाधान निकालना सभी पक्षों के हित में है। चीन का मानना है कि यूक्रेन संकट से निकलने का एकमात्र रास्ता बातचीत और वार्ता है।
चीन कुछ नहीं कर सकता!
चीन के विदेश मंत्रालय का यह बयान महज़ अटकलों से ज़्यादा कुछ नहीं लगता. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चीन और रूस के बीच अच्छे रिश्ते होने के बावजूद चीन और यूक्रेन के बीच करीबी रिश्ते नहीं हैं. भारत और रूस की दोस्ती जगजाहिर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने यूक्रेन का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। दोनों देशों की निकटता के कारण भारत को जो लाभ मिला है, उससे चीन कोसों दूर है। इस बात की प्रबल संभावना है कि अजित डोभाल जल्द ही यूक्रेन के दौरान भी शांति वार्ता को बढ़ावा देंगे.
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