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2 करोड़ कैश मिलने के बाद शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, सरकार की ड्यूटी छोड़ पत्नी चलाती है स्कूल, रजनीकांत सस्पेंड

2 करोड़ कैश मिलने के बाद शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, सरकार की ड्यूटी छोड़ पत्नी चलाती है स्कूल, रजनीकांत सस्पेंड

बेतिया के डीईओ रजनीकांत के दरभंगा सदर प्रखंड के गौसाघाट स्थित बिरला ओपेन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल में निगरानी की छापेमारी की गयी। इस स्कूल का संचालन पश्चिम चंपारण के डीईओ रजनीकांत प्रवीण की पत्नी सुषमा कुमारी कर रही हैं।

पश्चिम चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी के बेतिया, समस्तीपुर और दरभंगा स्थित ठिकानों पर रेड में इतने कैश मिले हैं कि उनकी गिनती के लिए विजिलेंस टीम को मंशीन मंगवाना पड़ा। दरभंगा सदर प्रखंड के गौसाघाट स्थित बिरला ओपेन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल में निगरानी की छापेमारी की गयी। इस स्कूल का संचालन पश्चिम चंपारण के डीईओ रजनीकांत प्रवीण की पत्नी सुषमा कुमारी कर रही हैं। वे फिलहाल समस्तीपुर के तिरहुत एकेडमी में शिक्षिका हैं और एजुकेशन लीव पर रहते हुए दरभंगा में निजी स्कूल का संचालन कर रही हैं। डीईओ रजनीकांत को सस्पेंड कर दिया गया है।

कौन हैं रजनीकांत प्रवीण

रजनीकांत पिछले तीन सालों से बेतिया में शिक्षा पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं. वो 2005 से इस सेवा में हैं. वो दरभंगा, समस्तीपुर सहित अन्य जिलों में भी बतौर शिक्षा अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. ऐसे में उन पर लगे आरोप गंभीर बताए जा रहे हैं. बता दें कि हाल के दिनों में शिक्षा विभाग में वित्तीय अनियमितता को लेकर कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई. हाल ही में स्कूलों में बेंच डेस्क की खरीदारी में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया था. इससे पहले किशनगंज और पूर्वी चंपारण में भी शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर कार्रवाई हो चुकी है.

कई ठिकानों पर हुई छापेमारी

फिलहाल विजिलेंस टीम रजनीकांत से पूछताछ कर रही है. उन पर लगे अन्य आरोपों की जांच भी विजिलेंस टीम की तरफ से की जा रही है. इसके अलावा, उन पर आय से अधिक संपत्ति के भी आरोप लग चुके हैं. बेतिया, समस्तीपुर और दरभंगा स्थित उनके ठिकानों पर भी छापेमारी जारी है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग धनार्जन करने के लिए किया. गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई.

समस्तीपुर और दरभंगा में भी छापेमारी

बता दें कि बेतिया के अलावा जिन जिलों में छापेमारी हुई है उनमें समस्तीपुर और दरभंगा भी शामिल है. बेतिया में डीईओ से पहले 2015 से 17 तक रजनीकांत प्रवीण दरभंगा में डीपीओ स्थापना व समग्र शिक्षा अभियान रहे थे. उनकी पत्नी सुषमा कुमारी तिरहुत एकेडमी में शिक्षिका हैं. इसके बावजूद दरभंगा में एक प्राइवेट स्कूल चलाती हैं. यहां भी विजिलेंस ने छापा मारा है. टीम को नकद के साथ दस्तावेज आदि भी मिले हैं. सबकी जांच की जा रही है.

खबर लिखे जाने तक विजिलेंस की छापेमारी हो रही थी. छापेमारी पूरी होने के बाद आधिकारिक रूप से इस बात की जानकारी मिलेगी कि नकद में कुल कितने रुपये जब्त किए गए हैं. नकद के साथ डीईओ के पास से और क्या कुछ मिला है.

शिक्षा विभाग ने क्या कहा

शिक्षा विभाग द्वारा मामले को लेकर जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभिन्न बैंकों में रजनीकांत प्रवीण तथा उनकी पत्नी के नाम से लॉकर 10 बैंक खाता एवं बैंक एफ डी में निवेश का पता चला है. इनकी अपनी पुत्र एवं पुत्री के नाम पर भीएफ.डी. है. आरोपी एवं उनकी पत्नी के नाम अभी कई जमीन डिड होने के प्रमाण मिले है जिसपर विस्तृत अनुसंधान किया जायेगा. कई लाख रू० के प्राप्त जेवरात की मूल्याकंन किया जा रहा है. अनुसंधान के दौरान इनके द्वारा अर्जित आय से अधिक सम्पत्ति प्रदेश एंव प्रदेश से बाहर मिलने की प्रबल संभावना है. रजनी कांत प्रवीण ने अपने सेवा अवधि काल में शिक्षा की सेवा में रहते हुए उन्होंने नजायज तरीके बल-अचल सम्पत्ति अर्जित की है जिससे प्रथम दृष्टया यह पता बलता है कि अभियुक्त एक भ्रष्ट पदाधिकारी है.

पत्नी प्राइवेट स्कूल चला रही हैं

रजनी कांत प्रवीण की पत्नी सुषुमा कुमारी एक संविदा शिक्षिका थीं, जिन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी है और वर्तमान में ओपन माइंड बिरला स्कूल, दरभंगा की निदेशक, वास्तविक मालिक के रूप में कार्य कर रही हैं और रजनी कांत प्रवीण के अवैध रूप से अर्जित धन से इस संस्थान कर रही है।

पटना, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में कई जगहों पर फ्लैट

रजनी कांत प्रवीण और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर पटना, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में कई जमीन, फ्लैट हैं, जिनकी कीमत लगभग 2,92,92,225 रुपये है। रजनी कांत प्रवीण और उनकी पत्नी ने अपने सेवा काल के दौरान कानूनी स्रोतों से लगभग 2,52,00,000 रुपये कमाए हैं।

यह भी आरोप लगाया गया है कि उक्त अवधि के दौरान उनके द्वारा किया गया व्यय 1,46,31,400 लगभग। उसी अवधि के दौरान संभावित बचत की गणना 1,05,68,600 लगभग (आय-व्यय) रुपये की सीमा तक की जा सकती है।

यह आरोप लगाया गया है कि अभियुक्त के पास 2,92,92,225 लगभग चल और अचल संपत्ति है, जो या तो उसके अपने नाम पर है या उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर है, जो भ्रष्ट और अवैध साधनों से अवैध रूप से अर्जित की गई है।

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