Bihar news

बिहार: पिता ने खोला बैंक… बेटे ने कर दिया घोटाला; राजद नेता आलोक मेहता के घर ED रेड

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

बिहार: पिता ने खोला बैंक… बेटे ने कर दिया घोटाला; राजद नेता आलोक मेहता के घर ED रेड

Alok Mehta ED Raids: बिहार के पूर्व मंत्री और RJD नेता आलोक मेहता के 19 ठिकानों पर ED ने शुक्रवार(10 जनवरी) को छापेमारी की। 85 करोड़ के लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यह कार्रवाई की गई। जानें पूरा मामला।

हाइलाइट्स

  • बिहार में बैंक घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी
  • ‘दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड’ में गड़बड़ी
  • 85 करोड़ के घोटाला मामले में पूर्व मंत्री आलोक मेहता के ठिकानों पर छापा
  • आलोक मेहता के घर और चार राज्यों में 19 स्थानों पर ईडी की छानबीन

क्या है करोड़ों का बैंक घपला, जिसमें ED लालू यादव के करीबी आलोक मेहता तक पहुंची

शुक्रवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम राजद विधायक के पटना स्थित आवास पहुंच गई। बीते 4 घंटों से तलाशी की प्रक्रिया जारी है। इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात है। लालू यादव के करीबियों में आलोक मेहता की गिनती होती है। राज्य में महागठबंधन सरकार के दौरान आलोक मेहता राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री थे। पहले वो सहकारिता मंत्री भी रह चुके हैं। आलोक मेहता समस्तीपुर के उजियारपुर सीट से विधायक हैं। पहले वो लोकसभा के सांसद भी रह चुके हैं। इस लोकसभा चुनाव में वो उजियारपुर सीट से भाजपा नेता नित्यानंद राय से हार गए थे जो केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हैं।

आलोक मेहता पर ईडी रेड को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि ये लालू यादव और तेजस्वी यादव की संगत का असर है कि राजद के पूर्व मंत्री पर ईडी का शिकंजा कसा है।

आलोक मेहता के पिता ने की थी बैंक की स्थापना

आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता ने लगभग 37 साल पहले ‘दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड’ की स्थापना थी। तुलसीदास मेहता कई बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे थे। बताया जा रहा है कि उनके राजनीतिक प्रभाव की वजह से बैंक की स्थापना हुई थी और हजारों लोग इससे जुड़े। 2019 में तुलसीदास मेहता का निधन हो गया। उनके बाद आलोक मेहता ने पुश्तैनी बैंक की जिम्मेदारी संभाली। घोटाले का खुलासा होने के बाद आलोक मेहता बैंक से अलग हो गए। अब उनके भतीजे संजीव कुमार मेहता ‘दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड’ के चेयरमैन हैं।

फिलहाल आलोक मेहता के भतीजे बैंक के चेयरमैन

‘दि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड’ की वेबसाइट पर संजीव कुमार के संदेश में 2021-22 की वार्षिक आम बैठक (AGM) की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में पिछले पांच वित्तीय वर्षों में से चार साल बैंक का शुद्ध मुनाफा एक करोड़ रुपए से ज्यादा दिखाया गया है। वर्तमान में बैंक के लगभग 24 हजार ग्राहक हैं। बैंक पर आरोप है कि उसने लिच्छवी कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज को लगभग 60 करोड़ रुपए का कर्ज दबा लिया। ये दोनों कंपनियां मेहता परिवार से जुड़ी हैं। कर्ज देने में नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा, लगभग 30 करोड़ रुपए फर्जी पहचान पत्र और फर्जी LIC पेपर के आधार पर निकालने का भी आरोप है। इन मामलों में तीन मुकदमे दर्ज हैं। इन्हीं मुकदमों की जांच के आधार पर ED ने ये कार्रवाई की है।

ईडी की छापेमारी से हड़कंप, सियासत तेज 

ईडी के छापे के बाद बिहार में हड़कंप मच गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेता आलोक मेहता के ठिकानों पर छापेमारी को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इस छापेमारी को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। आरजेडी के नेताओं ने जहां इस एक्शन के लिए केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की साजिश करार दिया है। वहीं बिहार के जेडीयू और बीजेपी नेताओं ने आरजेडी पर तंज कसा है।

नीरज कुमार ने आरजेडी पर साधा निशाना

जेडीयू प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने आलोक मेहता के ठिकानों पर ईडी के रेड को लेकर आरजेडी पर तंज कसा। नीरज कुमार ने कहा कि यह दरअसल लालू यादव और तेजस्वी यादव की संगत का असर है। आलोक मेहता पर ईडी का शिकंजा कसा जाना इस बात सबूत है कि महागठबंधन के नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय हो रही है।

आरजेडी के प्रवक्ता ने कही ये बात

आरजेडी के प्रवक्ता ने शिवानंद तिवारी ने कहा कि आलोक मेहता के खिलाफ यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की वजह से की गई है। यह एक राजनीतिक साजिश है। तिवारी ने कहा कि केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टियां विरोधी नेताओं को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है।

लालू यादव के करीबी माने जाते हैं आलोक मेहता

आलोक मेहता की गिनती बिहार के कद्दावर नेताओं में होती है। मेहता राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं। आलोक मेहता को लालू यादव के करीबी सहयोगी माना जाता है। आलोक मेहता के पिता तुलसी प्रसाद मेहता भी लालू यादव की सरकार में मंत्री रह चुके थे। आलोक मेहता ने महागठबंधन सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। आलोक मेहता राजस्व और भूमि सुधार विभाग की कमान संभाल चुके हैं। आलोक मेहता समस्तीपुर के उजियारपुर सीट से विधायक भी रहे हैं।

इस मामले में प्रमुख लोगों के बयान

अनिल चंद्र कुशवाहा (बैंक के फाउंडर मेंबर) का कहना है कि, “बैंक से फर्जी तरीके से 60 करोड़ का लोन दिया गया। जब तक पैसा वापस नहीं होगा, तब तक कोल्ड स्टोर पर ताला लगा रहेगा।”

धनराज राय (प्रभावित खाताधारक)ने कहा कि, “हमने मंत्री जी के भरोसे बैंक में पैसा जमा किया। अब 100 करोड़ का घोटाला हो गया, और मंत्री जी हमसे भाग रहे हैं।”

संजीव कुमार (मंत्री के भतीजे और बैंक चेयरमैन) ने कहा कि “घोटाला 10-20 साल से चल रहा है। मंत्री जी खुद इसमें शामिल रहे हैं।”

विपिन तिवारी (सीईओ) ने कहा कि “घोटाले जैसी गड़बड़ियां हो जाती हैं, हम क्या कर सकते हैं।” वहीं घोटाले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच जारी है। लेकिन प्रभावित खाताधारकों की जिंदगी भर की जमापूंजी डूबने की कगार पर है। मंत्री परिवार की भूमिका पर उठे सवालों ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *