Bihar news

बीएलओ को गांव में घुसने न दें, पप्पू यादव की लोगों से वोटर रिवीजन बहिष्कार की अपील

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

बीएलओ को गांव में घुसने न दें, पप्पू यादव की लोगों से वोटर रिवीजन बहिष्कार की अपील

बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इन्टेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता गहन पुनरीक्षण के पूर्ण बहिष्कार का ऐलान किया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) या किसी अन्य चुनाव कर्मी को अपने गांवों में घुसने न दें। अगर कोई जबरदस्ती आ भी जाए, तो चाय पानी कराकर विदा कर लें। उन्हें कोई कागजात या जानकारी न दें। सांसद ने मतदाता पुनरीक्षण को एक नौटंकी बताया।

पप्पू यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए युवा, दलित, अति पिछड़ा समेत सभी समाज के लोगों से यह अपील की। इससे पहले उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा था कि अगर चुनाव आयोग ने वोटर पुनरीक्षण बंद नहीं किया, तो हम महायुद्ध छेड़ेंगे। उन्होंने लिखा, “ हम चुप नहीं रहेंगे। चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, लेकिन जनता सर्वोपरि है। आयोग जनता की सेवा के लिए है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। मगर रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो उसका उपचार हम लोग करेंगे।”

पूर्णिया सांसद ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण अभियान असल में बिहार के युवा और गरीब वोटरों को मतदान के अधिकार से वंचित करने का अभियान है। गरीबों को अपनी जन्म तिथि का पता नहीं रहता, तो वे बर्थ सर्टिफिकेट कहां से लाएंगे। जब बच्चों का पूरी तरह से जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना हुआ है, तो वे उनके मां-बाप के सर्टिफिकेट कहां से बने होंगे।

बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव संभावित है। इससे पहले चुनाव आयोग वोटर रिवीजन के काम में लगा हुआ है। यह कार्य 22 साल बाद किया जा रहा है। इसके तहत घर-घर जाकर वोटरों का सत्यापन किया जा रहा है। 2003 के बाद वोटर लिस्ट में जुड़े नाम के लोगों को अपने पहचान सत्यापित करने के लिए सर्टिफिकेट दिखाना होगा।

चुनाव से चंद महीने पहले किए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण से विपक्ष भड़का हुआ है। आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट समेत अन्य दलों के नेताओं का कहना है कि मॉनसून के समय जब बिहार बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त रहता है, तब आयोग मतदाताओं का रिवीजन करवा रहा है। इसके लिए महज 25 दिनों का समय दिया गया है। विपक्ष का आरोप है कि इसके जरिए गरीबों का नाम मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *