‘लेडी सिंघम’ DSP श्रेष्ठा ठाकुर पर पति रोहित सिंह का बड़ा खुलासा; कहा- मेरे पास सारी चैट
‘लेडी सिंघम’ DSP श्रेष्ठा ठाकुर पर पति रोहित सिंह का बड़ा खुलासा; कहा- मेरे पास सारी चैट
उत्तर प्रदेश के शामली में तैनात डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. श्रेष्ठा ठाकुर के पूर्व पति रोहित कुमार सिंह ने मीडिया के सामने अपनी चुप्पी तोड़ी है. रोहित ने अपनी पूर्व पत्नी श्रेष्ठा ठाकुर द्वारा लगाए गए आरोपों पर अपनी बात मीडिया के समक्ष रखी है. साथ ही अपनी पूर्व पत्नी पर कई संगीन आरोप लगाए है.
यह है मामला
2008 बैच की तेजतर्रार पीपीएस अफसर श्रेष्ठा ठाकुर ने अपने पूर्व पति रोहित राज के खिलाफ गाजियाबाद के कौशांबी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. श्रेष्ठा ने अपनी शिकायत में कहा है कि रोहित राज ने खुद को आईआरएस अफसर बताया था. उसने अपनी तैनाती रांची में डिप्टी कमिश्नर पद पर बताई थी. 2018 में उन्होंने रोहित राज से शादी की. शादी के बाद जब उन्हें पति की सच्चाई का पता चला. रोहित श्रेष्ठा के नाम पर ठगी करने लगा.
श्रेष्ठा ने अपने आरोपों में लिखा है कि रोहित राज की तरफ से लगातार ठगी की वारदातें बढ़ती जा रही थीं. श्रेष्ठा ठाकुर के पास शिकायतें आने लगीं. परेशान होकर श्रेष्ठा ने पूर्व पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने श्रेष्ठा ठाकुर से भी लाखों रुपये ठगे हैं. शादी से पहले श्रेष्ठा के परिजनों ने रोहित राज के बारे में जानकारी जुटाई थी. उस समय इसी नाम का एक आईआरएस अफसर रांची में डिप्टी कमिश्नर पद पर तैनात था. श्रेष्ठा और परिवार वाले एक जैसे नाम के धोखे में आ गए थे.
श्रेष्ठा ठाकुर ने पूर्व पति रोहित राज सिंह, ससुर वकील शरण सिंह और रोहित के भाई संजीत सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. लखनऊ में प्लॉट खरीदेन के लिए रोहत ने उनके बैंक अकाउंट से फर्जी तरीके से साइन कर 15 लाख रुपये निकाल लिए. परेशान होकर उन्होंने तलाक ले लिया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2008 में रोहित राज नाम के एक दूसरे व्यक्ति का चयन IRS के लिए हुआ था. उसकी तैनाती बतौर डिप्टी कमिश्नर रांची में हुई. लेकिन जिस रोहित से DSP की शादी हुई थी, ये वो वाला रोहित नहीं था. दोनों में बस नाम की समानता थी. इस कारण से सारा उलटफेर हो गया? श्रेष्ठा ठाकुर यूपी के उन्नाव जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने 2012 में UPPSC की परीक्षा पास की थी. UPPSC पास करने के बाद वो DSP बनीं.
फर्जी आईआरएस मामले में रोहित ने बताया कि रोहित मूल रूप से बिहार के बिहिया थाना क्षेत्र अंतर्गत अमराई नवादा गांव के रहने वाले है. रोहित ने यूपीएससी का इंटरव्यू तीन बार दिया था. लेकिन उनका सलेक्शन नहीं हो पाया. वहीं शादी से पहले मैंने श्रेष्ठा को सारी बात बता दी थी. अपने बिजनेश के बारे में भी बता दिया था. रोहित का कहना है कि वो रांची में 2012 से 2020 तक IAS जोन नाम से कोचिंग चलाते है थे.
‘पहली मुलाकात में दिल दे बैठी थीं श्रेष्ठा ठाकुर’
डिप्टी एसपी के पद पर तैनात 2012 बैच की UPPSC अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर के साथ रिश्ते की शुरुआत को लेकर रोहित सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों एक दोस्त के जरिए सोशल मीडिया पर मिले थे. 8 अगस्त 2017 को श्रेष्ठा ने डेट पर रोहित को लखनऊ बुलाया. पहली मुलाकात में दोनों साथ रहे और रात बीतने के बाद अगले ही दिन श्रेष्ठा ने लखनऊ के हजरतगंज स्थित हनुमान मंदिर में दबाव बनाकर रोहित से शादी कर ली. रोहित सिंह ने कहा कि श्रेष्ठा का ये आरोप झूठा है कि हमारी मुलाकात मेट्रीमोनियल साइट पर हुई थी.
जिस रोहित सिंह पर DSP श्रेष्ठा ठाकुर धोखाधड़ी और फर्जी IRS अधिकारी होने का आरोप लगा रही हैं. उनका दावा है कि श्रेष्ठा इतनी बड़ी पुलिस अधिकारी होने के बावजूद उतनी भी बेवकूफ नहीं हैं कि उन्होंने एक फर्जी अधिकारी से एक नहीं दो-दो बार शादी रचाई. 8 अगस्त, 2017 को मंदिर में पहली शादी और फिर 16 जुलाई, 2018 को पटना में दूसरी बार शादी की. रोहित ने बताया कि परिवार वालों की मौजूदगी में सगुना मोड़ स्थित किसान मैरेज हॉल में पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ दूसरी बार शादी हुई थी, क्योंकि DSP श्रेष्ठा ठाकुर के घरवाले सोशल स्टेटस के दबाव में धूमधाम से शादी करना चाहते थे.
मंदिर में शादी के बाद उन्होंने दोनों को नेपाल और ओडिशा के पुरी में घूमते-फिरते देख लिया था. शादी का पूरा खर्च भी रोहित सिंह ने उठाया और श्रेष्ठा ने उन पर ढाई करोड़ रुपये दहेज ऐंठने का झूठा आरोप भी मढ़ दिया. श्रेष्ठा ठाकुर के पति रोहित सिंह का आरोप है कि श्रेष्ठा के परिवार में किसी की शादी नहीं टिकती है. श्रेष्ठा के दो भाई हैं. दोनों भाईयों की भी उनकी पत्नी के साथ लड़ाई चल रही है.
रोहित ने इसका जिम्मेदार अपनी सास को बताया
पहले भाई की पत्नी 22 साल से साथ नहीं रहती है. दूसरे भाई की पत्नी ने भी पिछले 4 साल से साथ छोड़ दिया है. रोहित इन सब का गुनाहगार अपनी सास यानी डिप्टी SP श्रेष्ठा ठाकुर की मां को ठहराते हैं. रोहित का आरोप है कि इन सब के रिश्तों में श्रेष्ठा ठाकुर की मां ने ही जहर घोला. रोहित सिंह का आरोप है कि पत्नी श्रेष्ठा ठाकुर बेटे से मिलने नहीं देती हैं. तलाक अभी हुआ नहीं है. तलाक का मामला गाजियाबाद कोर्ट में चल रहा है.
7 अप्रैल को फिर से सुनवाई होने वाली है. विजिटिंग राइट होने के बावजूद भी श्रेष्ठा बेटे से साल 2021 से ही मिलने नहीं दे रही हैं. सिपाही के संरक्षण में बेटा पल रहा है. 2022 में कोर्ट ने विजिटिंग राइट दिया, लेकिन फिर भी श्रेष्ठा बेटे से मिलने नहीं देती है. मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा. जी करता है कि अब जान दे दूं. मन करता है कि मर जाऊं. श्रेष्ठा ठाकुर के पति रोहित का आरोप है कि कौशाम्बी के थानेदार सर्वेश पाल के साथ श्रेष्ठा के पुराने संबंध हैं. लंबे समय से दोनों साथ हैं.
उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में पोस्टिंग के दौरान भी दोनों साथ ही रहते थे. उस वक्त SHO सर्वेश पाल श्रेष्ठा ठाकुर के साथ SOG की टीम में तैनात था. बाद में वो कौशाम्बी थाने में आया और केस में वही बात लिखी जैसा कि श्रेष्ठा ने उसे बताया. 8 फरवरी, 2024 को श्रेष्ठा के साथ सर्वेश भी लगभग 25 पुलिकर्मियों के साथ पहुंचा और घर से जबरन उठाकर थाने ले गया. मोबाइल से जबरदस्ती सारे सबूत मिटा दिए. सारे साक्ष्य को पुलिस ने डिलीट कर दिया. हालांकि कोर्ट में दिखाने के लिए मैंने सबूतों की एक कॉपी को अभी भी सुरक्षित रखा है.
मामले पर कोर्ट का फैसला आना बाकी
रोहित सिंह ने प्रताड़ना को लेकर गाजियाबाद कोर्ट में DSP पत्नी श्रेष्ठा ठाकुर, साले मनीष प्रताप सिंह, कौशाम्बी के थानेदार सर्वेश पाल और DCP समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. गाजियाबाद कोर्ट में 156 (3) का केस किया गया है. प्रताड़ना का मामला अभी फिलहाल न्यायालय में चल ही रहा है, जिस पर कोर्ट का फैसला आना बाकी है.
खुद को पीड़ित बता रहे रोहित सिंह ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड आर्डर और आईजी को पत्र लिखा. इन सभी को मेल किया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. न्याय की उम्मीद लगाए रोहित सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है.