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लॉरेंस बिश्नोई किस महिला आईपीएस की देखरेख में रहता है? साबरमती जेल के अधीक्षक कौन हैं?

लॉरेंस बिश्नोई किस महिला आईपीएस की देखरेख में रहता है? साबरमती जेल के अधीक्षक कौन हैं?

गुजरात की वह जेल जहां कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई बंद है. उस साबरमती जेल की अधीक्षक श्वेता श्रीमाली हैं, श्वेता श्रीमाली 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई का नाम लिया जा रहा है.

वह पिछले डेढ़ साल से इसी जेल में बंद हैं. श्वेता श्रीमाली को पिछले साल मई में यहां का अधीक्षक बनाया गया था। उन्होंने आईपीएस तेजस पटेल की जगह ली, तब से वह इसी पद पर तैनात हैं.

श्वेता राजस्थान से हैं

श्वेता श्रीमाली मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली हैं। 13 अप्रैल 1985 को जन्मी श्वेता ने ग्रेजुएशन किया। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी की. आख़िरकार श्वेता ने 2009 में यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस के लिए चुनी गईं। श्वेता ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 79वीं रैंक हासिल की।

एक साल की ट्रेनिंग के बाद वह 2010 बैच की आईपीएस बन गईं। 30 अगस्त 2010 को उन्हें गुजरात कैडर का आईपीएस नियुक्त किया गया।

छात्र नेता से बना गैंगस्‍टर

10 सालों में बिश्नोई एक छात्र नेता से एक छोटे गैंगस्टर बन गया. जो देखते ही देखते दुन‍ियाभर के एक गिरोह का नेता बन गया, जिसका नेटवर्क कनाडा, जर्मनी और अमेरिका तक फैला हुआ माना जाता है. यह एक ऐसा दशक है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड और मध्य प्रदेश में उसके खिलाफ लगभग चार दर्जन मामले दर्ज किए गए हैं. लॉरेंस एक संपन्न जमींदार परिवार में जन्‍मा. बिश्नोई 19 साल की उम्र में फाजिल्का के सीमावर्ती गांव से चंडीगढ़ आ गया. वह वहां पढ़ाई करने गया था और जल्द ही छात्र राजनीति में आ गया. छात्र राजनीत‍ि में आते ही लॉरेंस का कानून व्‍यवस्‍था के साथ टकराव शुरू हो गया था. उसी साल लॉरेंस के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया. बेशक, चंडीगढ़ और मोहाली में उनके खिलाफ पहले मामले छात्र राजनीति का नतीजा थे, लेकिन उन्होंने ही लॉरेंस की क्राइम की दुनिया में एंट्री की नींव रखी.

लॉरेंस की क्राइम ह‍िस्‍ट्री

साल 2011 में, युवा अकाली दल के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा (अब दिवंगत) ने पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन (एसओपीयू) के अध्यक्ष के रूप में लॉरेंस बिश्नोई के नाम की घोषणा की. बिश्नोई ने साल 2021 में हुई अपने दोस्‍त की हत्या का बदला मूसेवाला को निशाना बनाकर ल‍िया. हालांकि लॉरेंस के दोस्‍त की हत्‍या के मामले में पुलिस जांच में गायक की भूमिका की ओर इशारा नहीं किया गया था. साल 2013 तक बिश्नोई संगठित अपराध की दुनिया में पैठ बना चुका था. खास तौर पर सुरक्षा देना और जबरन वसूली के रैकेट के साथ टारगेट क‍िल‍िंग के मामले शाम‍िल थे. लेकिन 2014 तक वह जेल में था.

वास्तव में, उसका अधिकांश जीवन सलाखों के पीछे ही बना. इसमें से कुछ बड़े नामों के पीछे जाने की उसकी इच्छा से भी मदद मिली है. साल 2018 में, वह काले हिरण के शिकार के लिए अभिनेता सलमान खान को मारने की धमकी देकर राष्ट्रीय सुर्खियों में आया था. बिश्नोई समुदाय काले हिरण को पवित्र मानता है.

कौन है बिश्नोई का अगला टारगेट?

लॉरेंस बिश्नोइ का सबसे बड़ा टारगेट सलमान खान है साथ ही उसकी टारगेट लिस्ट में जीशान सिद्दीकी, मुनव्वर फारुकी, शगनप्रीत सिंह, कौशल चौधरी और अमित डागर भी शामिल है। पुलिस को बताया कि हाल ही में हुए जीशान सिद्दीकी के पिता बाबा सिद्दीकी पर हुए हमले का निशाना जीशान भी थे।

कौन है लॉरेंस बिश्नोई का गुरु?

जब भी बात लॉरेंस बिश्नोई की आती है तो ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल आता है की आखिरकार लॉरेंस बिश्नोई का गुरु कौन है या लॉरेंस बिश्नोई किसे अपना हीरो मानते है। दरअसल लॉरेंस पूछताछ के दौरान उन्‍होंने एचटी को बताया क‍ि कई अन्य गैंगस्‍टर के उलट बिश्नोई का अपराध की दुनिया में कोई गुरु नहीं है। वह खुद को ही अपना सबसे बड़ा हीरो मानता है।

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