मारवाड़ी महाविद्यालय में आयोजित हुआ ज्योतिषशास्त्र में दरभंगाराज का अवदान विषयक व्याख्यान
मारवाड़ी महाविद्यालय में आयोजित हुआ ज्योतिषशास्त्र में दरभंगाराज का अवदान विषयक व्याख्यान
संस्कृत विभाग, मारवाड़ी महाविद्यालय, दरभंगा द्वारा “ज्योतिषशास्त्र में दरभंगाराज का अवदान” विषय पर एक सारगर्भित व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दरभंगा राजवंश के ज्योतिषशास्त्रीय योगदानों को उद्घाटित करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संस्कृत विभागाध्यक्ष और आयोजन के संयोजक, डॉ. विकास सिंह ने दरभंगा राज के सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर में योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि दरभंगा के महाराज राधाकृष्ण सिंह और महाराज कामेश्वर सिंह ने ज्योतिषशास्त्र के प्रति गहरी रुचि दिखाते हुए इसे व्यापक स्तर पर लोकप्रिय बनाया।
मुख्य वक्ता डॉ. राघव नाथ झा, उपनिदेशक, ज्योतिर्वेद विज्ञान, पटना ने अपने व्याख्यान में दरभंगा राज के सांस्कृतिक और शैक्षिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि खंडावाला राजवंश के महाराजाओं ने संस्कृत विद्या और ज्योतिषशास्त्र को संरक्षण दिया। उन्होंने विद्वानों को प्रोत्साहन देने और ज्योतिषशास्त्र पर महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखवाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रधानाचार्या डॉ. कुमारी कविता ने दरभंगा राज के प्रयासों की प्रशंसा की और उनके योगदान को अमूल्य बताया। उन्होंने कहा कि महाराजाओं ने पंडितों और ज्योतिषाचार्यों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ ज्योतिषशास्त्र पर अनुसंधान को भी प्रोत्साहन दिया।
कार्यक्रम का संचालन समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुनीता कुमारी ने किया। उन्होंने दरभंगा राज के योगदानों की विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में स्वागत हिंदी विभागाध्यक्ष डा अनुरुद्ध सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डा विनोद बैठा ने किया। इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा प्रिया नंदन, डा रवि कुमार राम, डा गजेन्द्र भारद्वाज, डा अनीता सिन्हा, डा नीरज कुमार तिवारी, शिवम, सोनू, आनंद शंकर, आयुष, सौरभ, आनंद, सीताराम सहनी, बाल कृष्ण कुमार सिंह, आदित्य कुमार मिश्र, चंदन कुमार, मणिपुष्पक आदि उपस्थित थे।
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