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NCERT | Science | Objective | Class-VIII | सामान्य विज्ञान

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NCERT | Science | Objective | Class-VIII | सामान्य विज्ञान

विज्ञान

1. फसल उत्पादन एवं प्रबंध

1. भारत में फसलों को ऋतु के आधार पर सामान्यतः दो भागों में बाँटा जाता है- रबी और खरीफ फसल। इन फसलों के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. खरीफ की फसलें ग्रीष्म ऋतु में बोई जाती हैं।
2. रबी की फसलें शीत ऋतु में उगाई जाती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 गलत है क्योंकि खरीफ की फसलें वर्षा ऋतु (जून से सितम्बर) में बोई जाती हैं न कि ग्रीष्म ऋतु में। धान, मक्का, सोयाबीन, मूँगफली, कपास इत्यादि खरीफ फसलें हैं।
• रबी की फसलें शीत ऋतु में उगाई जाती हैं। गेहूँ, चना, मटर, सरसों तथा अलसी, रबी की फसल के उदाहरण हैं ।
• इसके अलावा, कई स्थानों पर दालें और सब्ज़ियाँ ग्रीष्म ऋतु में उगाई जाती हैं।
2. जैविक खाद के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. इससे मिट्टी की जलधारण क्षमता में वृद्धि होती है।
2. इससे मिट्टी भुरभुरी एवं सरंध्र हो जाती है।
3. इससे मित्र जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। जैविक खाद रासायनिक उर्वरक की अपेक्षा अच्छी मानी जाती है। जहाँ एक तरफ जैविक खाद से मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ती है, मिट्टी भुरभुरी एवं सरंध्र होती है तथा मित्र जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है, वहीं दूसरी तरफ रासायनिकउर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है और ये जल- प्रदूषण के स्रोत भी बनते हैं। रसायनों का उपयोग कीटनाशी एवं खरपतवारनाशी के रूप में भी किया जाता है। 2, 4-D खरपतवारनाशी का एक उदाहरण है। इन सभी में रसायनों की उपस्थिति सम्मिलित रूप से मृदा में रसायनों की मात्रा बढ़ा देती है।
3. कॉड लीवर तेल में विटामिन-D अधिक मात्रा में पाया जाता है। ये कॉड लीवर तेल निम्नलिखित में से किस जीव से प्राप्त किया जाता है?
(a) मेंढक
(b) मछली
(c) सर्प
(d) इनमे से कोई नहीं ।
उत्तर : (b)
व्याख्या: कॉड लीवर तेल मछली से प्राप्त किया जाता है। इसमें विटामिन A व D प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें अन्य कई पोषक तत्त्व भी उपस्थित होते हैं।
4. सिंचाई की आधुनिक विधियों के बारे में निम्नलिखित पर विचार कीजिये तथा असत्य कथन की पहचान करें।
(a) छिड़काव तंत्र (Sprinkler System) का उपयोग असमतल भूमि के लिये उचित है जहाँ जल कम मात्रा में उपलब्ध है।
(b) छिड़काव विधि बलुई मिट्टी के लिये अत्यंत उपयोगी है।
(c) ड्रिप तंत्र (Drip System) में जल बूँद-बूँद पौधों की जड़ों में गिरता है। इसलिये यह फलदार पौधों, बगीचों में पानी देने का सर्वोत्तम तरीका नहीं है।
(d) ड्रिप विधि में जल की बर्बादी नहीं होती अतः यह जल की कमी वाले क्षेत्रों के लिये सर्वोत्तम है।
उत्तर : (c)
व्याख्या: ड्रिप विधि में जल बूँद-बूँद पौधों की जड़ों में गिरता है जिसकी वजह से पौधे इस जल का सर्वाधिक उपयोग कर पाते हैं और जल की हानि न्यूनतम होती है। इसलिये यह फलदार पौधों एवं बगीचों में पानी देने का सर्वोत्तम तरीका है।
5. खरपतवार से सुरक्षा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. खरपतवार हटाने का सर्वोत्तम समय उनके पुष्पण एवं बीज बनने से पहले का होता है।
2. खरपतवारनाशी के छिड़काव का सर्वोत्तम समय खरपतवार के पुष्पण एवं बीज बनने के बाद का होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / से सही नहीं है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) कोई नहीं
उत्तर : (b)
व्याख्या: खरपतवार को हटाने का सर्वोत्तम समय उनके पुष्पण एवं बीज बनने के पहले होता है जिसकी वजह से बीज के कारण खरपतवार पुनः उग नहीं पाते। अगर बीज बनने के बाद खरपतवार को नष्ट किया जाएगा तो कुछ बीज मिट्टी मिलकर पुनः वृद्धि कर सकते हैं।

2. सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

1. सूक्ष्मजीवों और उनसे होने वाले विभिन्न रोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. चिकनपॉक्स और हेपेटाइटिस- ए विषाणु (वाइरस) द्वारा होते हैं।
2. टाइफॉइड और खसरा (Measles) जीवाणु द्वारा होने वाले रोग हैं।
3. अतिसार एवं मलेरिया प्रोटोजोआ द्वारा होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 1 और 3 सही हैं परंतु 2 गलत है क्योंकि खसरा जीवाणु द्वारा नहीं बल्कि विषाणु द्वारा होने वाला रोग है। जुकाम, इन्फ्लुएंजा एवं अधिकतर खाँसी विषाणु द्वारा होते हैं। जानवरों में गाय के खुर एवं मुँह के रोग भी विषाणु द्वारा होते हैं।
2. दूध से दही बनने की प्रक्रिया में निम्नलिखित में से किस सूक्ष्मजीव की आवश्यकता होती है ?
(a) जीवाणु
(b) कवक
(c) विषाणु
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या: दूध से दही बनने की प्रक्रिया में जीवाणु की आवश्यकता होती है। दही में अनेक सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं जिनमें लैक्टोबैसिल्स नामक जीवाणु प्रमुख हैं जो दूध में जनन कर उसे दही में परिवर्तित कर देते हैं।
• जीवाणु पनीर (चीज), अचार एवं अनेक खाद्य पदार्थों के निर्माण में सहायक हैं।
3. खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने के बाद अपनी श्वसन प्रक्रिया में खमीर ( यीस्ट) निम्नलिखित में से क्या उत्पादित करते हैं?
(a) ऑक्सीजन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) नाइट्रोजन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (b)
व्याख्या: खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने के बाद खमीर ( यीस्ट) तीव्र गति से जनन करते हैं तथा अपनी श्वसन प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पादित करते हैं। गैस के बुलबुले खमीर वाले खाद्य पदार्थ का आयतन बढ़ा देते हैं। यही बेकिंग उद्योग में खमीर के उपयोग का आधार है, जिसमें ब्रेड, पेस्ट्री एवं केक बनाए जाते हैं।
4. खाद्य परिरक्षकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. सोडियम बेंजोएट तथा सोडियम मेटाबाइसल्फाइट सामान्य खाद्य परिरक्षक हैं।
2. नमक, चीनी, खाद्य तेल और सिरके का प्रयोग खाद्य परिरक्षण में किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : दोनों कथन सही हैं। सूक्ष्मजीव खाद्य पदार्थों को संदूषित कर देते हैं। खाद्य पदार्थों को संदूषण से बचाने के लिये खाद्य परिरक्षकों का उपयोग किया जाता है। सोडियम बेंजोएट तथा सोडियम मेटाबाइसल्फाइट सामान्य परिरक्षक हैं। जैम एवं स्क्वैश बनाने में इन रसायनों का उपयोग होता है।
• नमक, चीनी, खाद्य तेल और सिरका का उपयोग भी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने के लिये सामान्य रूप से किया जाता है, उदाहरण- नमक, खाद्य तेल व सिरके का उपयोग अचार को संदूषण से बचाने के लिये तथा चीनी का उपयोग जैम, जेली एवं स्कवैश आदि परिरक्षण करने के लिये किया जाता है।
5. पॉश्चरीकृत दूध के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पॉश्चरीकृत दूध को बिना उबाले उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह सूक्ष्मजीवों से मुक्त होता है।
2. दूध को पॉश्चरीकृत करने के लिये इसे 70°C पर 15-30 मिनट के लिये गर्म करते हैं और फिर एकाएक ठंडा कर उसका भंडारण कर लेते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है। पॉश्चरीकृत दूध को बिना उबाले उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह सूक्ष्मजीवों से मुक्त होता है।
• पॉश्चरीकृत करने के लिये दूध को 70°C पर 15-30 सेकंड के लिये गर्म करते हैं और फिर एकाएक ठंडा कर उसका भंडारण कर लेते हैं। ऐसा करने से सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रुक जाती है। अतः कथन 2 गलत है।
• इस प्रक्रिया की खोज लुई पॉश्चर नामक वैज्ञानिक ने की थी, इनके नाम पर ही इस प्रक्रिया को पॉश्चरीकरण कहते हैं।
6. नाइट्रोजन चक्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?
(a) मिट्टी में उपस्थित जीवाणु व नीले-हरे शैवाल वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके नाइट्रोजन यौगिकों में परिवर्तित कर देते हैं जिसका अवशोषण पौधे करते हैं।
(b) पौधों पर निर्भर करने वाले जंतु पौधों से उनके द्वारा संश्लेषित प्रोटीन एवं अन्य नाइट्रोजनी यौगिक प्राप्त करते हैं।
(c) पौधों एवं जंतुओं की मृत्यु के बाद, मिट्टी में उपस्थित जीवाणु एवं कवक नाइट्रोजनी अपशिष्ट को नाइट्रोजनी यौगिकों में परिवर्तित कर देते हैं जो पौधों द्वारा पुनः उपयोग होता है।
(d) कुछ विशिष्ट पौधे एवं जंतु नाइट्रोजनी यौगिकों को नाइट्रोजन गैस में परिवर्तित कर देते हैं जो वायुमंडल में चली जाती है।
उत्तर : (d)
व्याख्या: कथन (a), (b) व (c) सही हैं। पौधे एवं जंतु वायुमंडलीय नाइट्रोजन का उपयोग सीधे नहीं कर सकते। मिट्टी में उपस्थित जीवाणु (जैसे- राइजोबियम), नीले-हरे शैवाल तथा कभी-कभी तड़ित विद्युत द्वारा वायुमंडल की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके नाइट्रोजनी यौगिकों में परिवर्तित पर दिया जाता है।
• पौधे इन यौगिकों का अवशोषण करके प्रोटीन व अन्य यौगिकों का संश्लेषण करते हैं जिसका उपयोग पौधों पर निर्भर जंतुओं द्वारा किया जाता है। पौधों और जंतुओं की मृत्यु के बाद मिट्टी में उपस्थित जीवाणुओं और कवकों द्वारा नाइट्रोजनी अपशिष्ट का नाइट्रोजनी यौगिकों में परिवर्तन कर दिया जाता है, जिसका उपयोग पौधे पुनः करते हैं।
• नाइट्रोजन चक्र के अन्तिम चरण में कुछ विशिष्ट जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजनी यौगिकों को नाइट्रोजन गैस में परिवर्तित कर दिया जाता है। परिणामतः वायुमंडल में नाइट्रोजन की मात्रा लगभग स्थिर रहती है। अतः कथन (d) गलत है।
• नाइट्रोजन सभी सजीवों का आवश्यक संघटक है जो प्रोटीन, पर्णहरित (क्लोरोफिल), न्यूक्लिक एसिड एवं विटामिन में उपस्थित होता है।

3. संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. कपास
2. पेट (PET)
3. प्लास्टिक
उपर्युक्त में से कौन-सा / से प्राकृतिक बहुलक का उदाहरण है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या : बहुलक छोटी इकाइयों से मिलकर बनी एक बड़ी इकाई है। ये प्राकृतिक व संश्लेषित दोनों ही प्रकार के होते हैं। कपास एक प्राकृतिक | बहुलक है जो सेलुलोज कहलाता है। सेलुलोज बड़ी संख्या में ग्लूकोज इकाइयों द्वारा निर्मित होता है। ऊन, रेशम तथा चमड़ा भी प्राकृतिक बहुलक के उदाहरण हैं।
• संश्लेषित रेशे पेट्रोरसायनों के रासायनिक प्रक्रमण से प्राप्त होते हैं। पेट (PET) एक संश्लेषित बहुलक है जो पॉलिएस्टर का सुपरिचित उदाहरण इसका उपयोग बोतलें, बर्तन, फिल्म, तार और अन्य उपयोगी उत्पादों के निर्माण हेतु किया जाता है।
• संश्लेषित रेशों की तरह प्लास्टिक भी एक बहुलक है। पॉलिथीन (पॉलि + एथीन) प्लास्टिक का उदाहरण हैं। प्लास्टिक अपघटित होने में कई वर्ष ले लेता है, अतः यह पर्यावरण हितैषी नहीं है।
2. आग बुझाने वाले कर्मचारियों के परिधानों पर एक परत चढ़ी होती है जो उसे अग्निरोधक बनाती है। यह परत निम्नलिखित में से किसकी होती है?
(a) मेलामाइन
(b) बैकेलाइट
(c) पॉलिएस्टर
(d) टेफ्लॉन
उत्तर : (a)
व्याख्या : आग बुझाने वाले कर्मचारियों के परिधानों पर मेलामाइन नामक प्लास्टिक की परत चढ़ी होती है । मेलामाइन आग प्रतिरोधक है तथा अन्य प्लास्टिक की अपेक्षा ऊष्मा को सहने की अधिक क्षमता रखता है।
• बैकेलाइट ऊष्मा और विद्युत का कुचालक है। यह बिजली के स्विच, विभिन्न बर्तनों के हत्थे आदि बनाने में काम आता है।
• पॉलिएस्टर (पॉलि + एस्टर) एस्टर की इकाइयों की पुनरावृत्ति से बना है। एस्टर वे रसायन हैं जो फलों को उनकी गंध प्रदान करते हैं।
• टेफ्लॉन एक विशिष्ट प्लास्टिक है जिस पर तेल और जल नहीं चिपकता है। यह भोजन पकाने के पात्रों पर न चिपकने वाली परत लगाने के काम आता है।

4. पदार्थ : धातु और अधातु

1. निम्नलिखित धातुओं में से कौन-सी कमरे के तापमान पर द्रव अवस्था में होती है?
(a) सोडियम
(b) मरकरी
(c) पोटैशियम
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर : (b)
व्याख्या : मरकरी (पारा) केवल ऐसी धातु है जो कमरे के तापमान पर द्रव अवस्था में पाई जाती है।
• सोडियम और पोटैशियम धातु नरम होती हैं और उन्हें चाकू से काटा जा सकता है।
2. कॉपर के बर्तनों को लम्बे समय तक नम वायु खुला रखने पर उन पर एक हल्का हरा पदार्थ जमा हो जाता है। यह हरा पदार्थ निम्नलिखित में से कौन-सा होता है?
(a) कॉपर हाइड्रॉक्साइड
(b) कॉपर कार्बोनेट
(c) (a) और (b) का मिश्रण
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर : (c)
व्याख्या : जब कॉपर के बर्तन को लम्बे समय तक नम वायु में खुला रखा जाता है तो उस पर एक हल्की हरी परत जम जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर हाइड्रॉक्साइड Cu(OH)2 और कॉपर कार्बोनेट CuCO3 का मिश्रण होता है।
3. निम्नलिखित में से कौन-सी एक अति सक्रिय अधातु है जो वायु में खुला छोड़ देने पर आग पकड़ लेती है?
(a) फॉस्फोरस
(b) सोडियम
(c) आयोडीन
(d) ब्रोमीन
उत्तर : (a)
व्याख्याः फॉस्फोरस, आयोडीन और ब्रोमीन तीनों अधातुएँ हैं। सामान्यतः अधातु जल से अभिक्रिया नहीं करते, यद्यपि वे वायु में बहुत सक्रिय हो सकते हैं। इन तीनों में फॉस्फोरस एक बहुत सक्रिय अधातु है। यह वायु में खुला छोड़ देने पर आग पकड़ लेती है। फॉस्फोरस से वायुमंडलीय ऑक्सीजन का सम्पर्क न हो, इसलिये उसे जल में रखा जाता है।
• ब्रोमीन एक मात्र ऐसी अधातु है जो कमरे के तापमान पर द्रव अवस्था में होती है।
• सोडियम एक धातु है जो बहुत अभिक्रियाशील होती है। यह ऑक्सीजन और जल के साथ अत्यन्त तीव्र अभिक्रिया करती है। इस अभिक्रिया में बहुत अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसलिये यह मिट्टी के तेल में संचित कर रखी जाती है।
4. सोने के पुराने आभूषणों में चमक लाने हेतु उन्हें पॉलिश किया जाता है। पॉलिश करने के बाद आभूषण का वजन पुराने आभूषण से-
(a) अधिक हो जाता है।
(b) कम हो जाता है।
(c) अपरिवर्तित रहता है।
(d) कुछ कहा नहीं जा सकता ।
उत्तर : (b)
व्याख्या : सोने के पॉलिश के दौरान रासायनिक अभिक्रिया के कारण आभूषण की ऊपरी परत हट जाती है जिससे आभूषण नए की तरह चमकने लगते हैं परंतु ऊपरी परत हटने के कारण वजन में कुछ कमी हो जाती है।

5. कोयला और पेट्रोलियम

1. विश्व का पहला तेल कुआँ निम्नलिखित में से कहाँ प्रवेधित (ड्रिल) किया गया था?
(a) पेनसिलवेनिया
(b) पिट्सबर्ग
(c) असम
(d) लंदन
उत्तर : (a)
व्याख्या : विश्व का पहला तेल कुआँ पेनसिलवेनिया, अमेरिका में 1859 में ड्रिल (प्रवेधित) किया गया था। इसके आठ वर्ष बाद 1867 में असम के माकुम नामक स्थान पर तेल का पता चला।
• भारत में तेल असम, गुजरात, बॉम्बे हाई और गोदावरी तथा कृष्णा नदियों के बेसिन में पाया जाता है।
2. मॉथ और अन्य कीटों को भगाने हेतु प्रयोग में लाई जाने वाली नैफ्थलीन की गोलियाँ निम्नलिखित में से किससे प्राप्त की जाती हैं?
(a) कोक
(b) कोलतार
(c) कोल गैस
(d) सी.एन.जी.
उत्तर : (b)
व्याख्या : नैफ्थलीन की गोलियाँ कोलतार से प्राप्त की जाती हैं। कोक, कोलतार और कोल गैस कोयले से प्राप्त उत्पाद हैं।
• प्राकृतिक गैस को उच्च दाब पर संपीडित करके प्राकृतिक गैस (CNG) के रूप में भंडारित किया जाता है।
• भारत में प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार हैं। हमारे देश में प्राकृतिक गैस त्रिपुरा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कृष्णा-गोदावरी डेल्टा में पाई जाती है।
3. कौन-सा/से जीवाश्म ईंधन है/हैं?
1. कोयला
2. पेट्रोलियम
3. प्राकृतिक गैस
कूट :
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2, 3 सभी
उत्तर : (d)
व्याख्या : कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस सभी जीवाश्म ईंधन हैं।
4. पेट्रोलियम के परिष्करण से प्राप्त उत्पाद हैं-
1. डीजल
2. मिट्टी का तेल
3. पैराफिन मोम
4. स्नेहक तेल
कूट :
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 1 और 4
(c) उपर्युक्त सभी
(d) केवल 1 और 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी पेट्रोलियम के परिष्करण से प्राप्त उत्पाद हैं। इसके अलावा पेट्रोल, द्रवित पेट्रोलियम गैस, बिटुमेन भी पेट्रोलियम के परिष्करण से प्राप्त होते हैं।

6. दहन और ज्वाला

1. पदार्थों के दहन (Combustion) और ज्वलन-ताप (Ignition Temperature) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. पदार्थ के दहन के लिये ऑक्सीजन आवश्यक है। इस प्रक्रम में ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न होते हैं।
2. ज्वलन – ताप वह निम्नतम ताप है जिस पर दाह्य पदार्थ ( ईंधन ) आग पकड़ता है।
3. फॉस्फोरस का दहन वायु की उपस्थिति में कमरे के तापमान पर ही हो जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। दहन की प्रक्रिया में पदार्थ ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके ऊष्मा और प्रकाश देता है। दहन के लिये ऑक्सीजन (वायु) आवश्यक है।
• वह न्यूनतम ताप जिस पर कोई पदार्थ जलने लगता है, उसका ज्वलन ताप कहलाता है। फॉस्फोरस का ज्वलन-ताप इतना निम्न होता है कि वह कमरे के ताप पर ही (वायु की उपस्थिति में ) जल उठता है।
2. निरापद (Safety) माचिस के निर्माण में प्रयुक्त रसायनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. इसकी तीली के सिरे पर ऐन्टिमनी ट्राइसल्फाइड और पोटैशियम क्लोरेट (KClO3) लगा होता है।
2. इसकी रगड़ने वाली सतह पर चूर्णित काँच और सफेद फॉस्फोरस का उपयोग किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है । निरापद माचिस की तीली के सिरे पर ऐन्टिमनी ट्राइसल्फाइड और पोटैशियम क्लोरेट लगा होता है। पहले इन दोनों रसायनों के साथ सफेद फॉस्फोरस का उपयोग भी होता था, परंतु हानिकारक प्रभावों के कारण निरापद माचिसों में इसका उपयोग अब बंद हो गया है।
• निरापद माचिस की रगड़ने वाली सतह पर चूर्णित काँच और थोड़ा सा लाल फॉस्फोरस लगा होता है जो कम खतरनाक होता है। अतः कथन 2 गलत है।
• माचिस की तीली को खुरदरी सतह पर रगड़ने से कुछ लाल फॉस्फोरस, श्वेत फॉस्फोरस में परिवर्तित हो जाता है। यह तुरंत माचिस की तीली के सिरे पर लगे पोटैशियम क्लोरेट से अभिक्रिया करके पर्याप्त ऊष्मा उत्पन्न कर देता है, जिससे ऐन्टिमनी ट्राइसल्फाइड का दहन प्रारंभ हो जाता है।
3. आग बुझाने वाले का कार्य वायु (ऑक्सीजन) का प्रवाह काटना या ईंधन का ताप कम करना या दोनों होते हैं। इस संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. आग में जल डालने पर उत्पन्न जलवाष्प ज्वलनशील पदार्थ को घेर लेती है और वायु की आपूर्ति बंद हो जाती है।
2. आग बुझाने के लिये कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करने पर ये आग को एक कंबल की तरह लपेट लेती है जिससे ईंधन और ऑक्सीजन के बीच संपर्क टूट जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। जल ज्वलनशील पदार्थ को ठंडा करता है तथा इससे उत्पन्न जलवाष्प ज्वलनशील पदार्थ को घेर लेती है जिससे वायु की आपूर्ति बंद हो जाती है और आग बुझ जाती है।
• जल सबसे अधिक प्रचलित अग्निशमक है, परंतु विद्युत उपकरण और पेट्रोल जैसे ज्वलनशील पदार्थों में लगी आग के लिये कार्बन डाइऑक्साइड सबसे अच्छा अग्निशमक है। ऑक्सीजन से भारी होने के कारण कार्बन डाइऑक्साइड आग को एक कंबल की तरह लपेट लेती है। इससे ईंधन और ऑक्सीजन के बीच संपर्क टूट जाता है, अतः आग पर नियंत्रण हो जाता है। इससे विद्युत उपकरणों को कोई हानि भी नहीं पहुँचती है।
• कार्बन डाइऑक्साइड उच्च दाब पर द्रव के रूप में सिलिंडरों में भरी जाती है। अत: छोड़े जाने पर यह बहुत अधिक फैलती है और ठंडी हो जाती है, जिससे ईंधन का ताप भी कम हो जाता है।
• कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त करने का दूसरा तरीका सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) या पोटैशियम बाइकार्बोनेट जैसे रसायनों के पाउडर का भारी मात्रा में छिड़काव है। आग के निकट इन पदार्थों से बहुत-सी कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है जो आग बुझा देती है।
4. मोमबत्ती की ज्वाला के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा / से सही है/हैं?
1. इसके दीप्त क्षेत्र में बिना जले कार्बन कण उपस्थित होते हैं।
2. इसका अदीप्त क्षेत्र सबसे अधिक गर्म होता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : दहन के समय जो पदार्थ वाष्पित होते हैं वे ज्वाला का निर्माण करते हैं। मोमबत्ती में दहन के समय उत्पन्न ज्वाला के तीन भिन्न क्षेत्र होते हैं- ज्योतिहीन क्षेत्र, दीप्त क्षेत्र और अदीप्त क्षेत्र। इसके दीप्त क्षेत्र में बिना जले कार्बन कण उपस्थित होते हैं।
• मोमबत्ती की ज्वाला का अदीप्त क्षेत्र सबसे अधिक गर्म होता है। ये ज्वाला का सबसे बाहरी क्षेत्र है जो नीले रंग का होता है।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. ईंधन के अपूर्ण दहन से विषैली कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है।
2. वायु में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की अधिक मात्रा विश्व ऊष्णन (ग्लोबल वार्मिंग) का कारण बनती है।
3. सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा में घुलकर अम्ल वर्षा उत्पन्न करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 2 और 3 सही हैं, परंतु 1 गलत है क्योंकि ईंधन के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है। यह अत्यंत विषैली गैस है।
• अधिकांश ईंधनों के दहन से पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है, जिसकी अधिक मात्रा संभवत: विश्व ऊष्णन का कारण बनती है।
• कोयले और डीजल के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलती है। यह अत्यंत दमघोंटू और संक्षारक गैस है। इसके अतिरिक्त पेट्रोल इंजन नाइट्रोजन के गैसीय ऑक्साइड छोड़ते हैं। सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा जल में घुल जाते हैं तथा अम्ल बनाते हैं। ऐसी वर्षा ही अम्ल वर्षा कहलाती है। अम्ल वर्षा फसलों, भवनों और मृदा के लिये बहुत हानिकारक होती है।
• मोटर वाहनों में सी. एन. जी. (संपीडित प्राकृतिक गैस) के उपयोग से सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का उत्पादन अल्प मात्रा में होता है।
6. आदर्श ईंधन के बारे में असत्य कथन है-:
(a) यह सस्ता, आसानी से उपलब्ध तथा वहन योग्य होता है।
(b) यह ऐसी गैसें या अवशेष नहीं छोड़ता जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हों।
(c) यह आसानी से जलने वाला तथा इसका ऊष्मीय मान उच्च होता है।
(d) इसका ऊष्मीय मान निम्न तथा ज्वलन ताप अत्यधिक होता है।
उत्तर : (d)
व्याख्या : आदर्श ईंधन का ऊष्मीय मान अधिक तथा ज्वलन ताप निम्न होता है। इस प्रकार (d) गलत है।

7. पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

1. वनोन्मूलन से होने वाले प्रभावों के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन – सा सही नहीं है?
(a) पृथ्वी पर तापमान के स्तर में वृद्धि होती है।
(b) भौम जलस्तर नीचे चला जाता है।
(c) मृदा के गुण अप्रभावित रहते हैं।
(d) मृदा की जलधारण क्षमता घटती है।
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन (a), (b) व (d) सही हैं परन्तु (c) गलत है। वनोन्मूलन | से कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण में कमी आती है। जिससे वायमंडल में इसकी मात्रा बढ़ जाती है। चूँकि कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित ऊष्मीय विकिरणों का प्रग्रहण कर लेती है, अतः इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी का ताप बढ़ता है और वैश्विक ऊष्णन होता है।
• वनोन्मूलन से जलस्तर भी घट जाता है।
• मृदा के गुणों में परिवर्तन आने का मुख्य कारण वनोन्मूलन है। इससे मृदा अपरदन होता है। अपरदन से मृदा में ह्यूमस की कमी होती है तथा उर्वरता भी घटती है । अपरदन मरुस्थलीकरण का कारण भी बनता है।
• वनोन्मूलन से मृदा की जलधारण क्षमता तथा भूमि की ऊपरी सतह सेजल के नीचे की ओर अंत:स्रवण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है जो बाढ़ की समस्या को और अधिक बढ़ा देता है।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु क्रमशः उस क्षेत्र के वनस्पतिजात ( Flora ) और प्राणिजात (Fauna) कहलाते हैं।
2. पौधों और जंतुओं की वह प्रजाति जो किसी विशेष क्षेत्र में विशिष्ट रूप से (Exclusively) पाई जाती है उसे उस क्षेत्र विशेष की स्थानिक प्रजाति (Endemic Species) कहते हैं। ?
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। किसी विशेष क्षेत्र के सभी पौधे एवं जंतु उस क्षेत्र के ‘वनस्पतिजात’ और ‘प्राणिजात’ के नाम से जाने जाते हैं।
• पौधों एवं जंतुओं की वह प्रजाति जो किसी विशेष क्षेत्र में विशिष्ट रूप से पाई जाती है उसे स्थानिक प्रजाति कहते हैं। ये किसी अन्य क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से नहीं पाई जाती।
3. वनस्पतिजात और प्राणिजात तथा उनके आवासों के संरक्षण हेतु संरक्षित क्षेत्र चिह्नित किये गए हैं। इन संरक्षित क्षेत्रों के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों में से कौन सा/से सही सुमेलित है/हैं?
1. अभयारण्य : वह क्षेत्र जहाँ प्राणियों अथवा जंतुओं को मारना या उनका शिकार करना अथवा उनकों पकड़ना पूर्णत: निषिद्ध होता है।
2. राष्ट्रीय उद्यान : वन्य जीवों के लिये आरक्षित क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र (निर्बाध ) रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
3. जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र : वन्यजीव, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र ।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: वनस्पतिजात और प्राणिजात तथा उनके आवासों के संरक्षण हेतु विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों में अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान और जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र मुख्य हैं।
• अभयारण्य वह स्थान है जहाँ प्राणियों अथवा जंतुओं को मारना या उनका शिकार करना अथवा उनको पकड़ना पूर्णतः निषिद्ध होता है। अतः जंतु एवं उनके आवास किसी भी विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं। यहाँ स्थानिक लोगों और कुछ मानवीय क्रियाकलापों की अनुमति होती है। यही विशेषता इसे राष्ट्रीय उद्यानों से अलग करती है।
• राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव के विकास के लिये आरक्षित ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ बफर जोन तथा कोर जोन में किसी भी तरह के मानवीय क्रियाकलाप पूरी तरह से निषिद्ध होते हैं। अतः यहाँ वन्यजीव स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
• वन्यजीव, पौधों और जंतु संसाधनों तथा उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र कहलाता है। ये इतने बड़े होते हैं कि इनके अन्दर एक से अधिक राष्ट्रीय उद्यान तथा अभयारण्य आ सकते हैं। ऐसे आरक्षित क्षेत्र जैवविविधता के संरक्षण के उद्देश्य से बनाए गए हैं। ये उस क्षेत्र की संस्कृति को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। जैवविविधता का अर्थ किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले सभी पौधों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों की विभिन्न प्रजातियों से है।
• भरतपुर अभयारण्य, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, लोकचाऊ वन्य जंतु अभयारण्य तथा ग्रेट निकोबार बायोस्फियर रिजर्व (वृहद् निकोबार जैवमंडल संरक्षित क्षेत्र) इत्यादि संरक्षित क्षेत्रों के कुछ प्रमुख उदाहरण 1. हैं। ऐसे संरक्षण के प्रयासों के अन्तर्गत ही भारत वन संरक्षण अधिनियम तथा प्रोजेक्ट टाइगर भी अस्तित्व में आया।
4. पचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserve) के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. इसके अन्तर्गत पेंच नामक एक राष्ट्रीय उद्यान तथा बोरी एवं पचमढ़ी नामक दो वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries) आते हैं।
2. बिसन (Bison), भारतीय विशाल गिलहरी (Indian Giant Squirrel) तथा उड़ने वाली गिलहरी ( Flying Squirrel) इस क्षेत्र के स्थानिक प्राणी (Endemic Fauna) हैं।
3. इस क्षेत्र से चट्टानों में आवास और शैल चित्रकला के रूप में मानव गतिविधियों के प्रागैतिहासिक साक्ष्य मिले हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन | गलत है क्योंकि पचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में सतपुड़ा नामक एक राष्ट्रीय उद्यान तथा बोरी एवं पचमढ़ी नामक दो वन्य | जीव अभयारण्य आते हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान भारत का प्रथम आरक्षित वन (Reserve Forest) है। यहाँ पर सर्वोत्तम किस्म की टीक (सागौन ) मिलती है।
• बिसन, भारतीय विशाल गिलहरी तथा उड़ने वाली गिलहरी इस क्षेत्र के स्थानिक प्राणी एवं साल और जंगली आम के पेड़ इस क्षेत्र की स्थानिक वनस्पतियाँ हैं।
• साल, सागौन, आम, जामुन, सिल्वर फर्न, अर्जुन इत्यादि यहाँ के वनस्पतिजात तथा चिंकारा, नील गाय, बार्किग हिरण, चीतल, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, भेड़िया इत्यादि यहाँ के प्राणिजात हैं।
• पचमढ़ी जैवमंडल संरक्षित क्षेत्र तथा राष्ट्रीय उद्यान से चट्टानों में आवास और उन पर शैल चित्रकला के रूप में मानव गतिविधियों के प्रागैतिहासिक साक्ष्य मिले हैं।
5. रेड डाटा पुस्तक (Red Data Book ) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन – सा /से सही है/हैं?
1. यह वह पुस्तक है जिसमें सभी विशेष स्थानिक स्पीशीज (Endemic Species) का रिकार्ड रखा जाता है।
2. यह वह पुस्तक है जिसमें जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों (Biosphere Reserves) का रिकार्ड रखा जाता है।
3. यह वह पुस्तक है जिसमें सभी संकटग्रस्त प्रजातियों (Threatened Species) का रिकार्ड रखा जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1,2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 3 सही है, परन्तु 1 और 2 गलत हैं क्योंकि रेड डाटा पुस्तक वह पुस्तक है जिसमें सभी संकटग्रस्त प्रजातियों का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जंतुओं और अन्य प्रजातियों के लिये अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।
• कुछ संकटग्रस्त (Threatened) वन्यजीव हमारे वन्यप्राणी अभयारण्यों में सुरक्षित एवं संरक्षित हैं। संरक्षित क्षेत्रों में बड़े व छोटे दोनों प्रकार के जंतुओं का संरक्षण किया जाता है क्योंकि पारितंत्र में उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। बड़े जंतुओं की अपेक्षा छोटे प्राणियों के विलुप्त होने की संभावना कहीं अधिक होती है।
6. निम्नलिखित में से कौन – सा / से पारितंत्र (Ecosystem) का हिस्सा है/हैं?
(a) सभी पेड़-पौधे
(b) सभी प्राणी एवं सूक्ष्मजीव
(c) अजैव घटक
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर : (d)
व्याख्या: किसी क्षेत्र के सभी पौधे, प्राणी एवं सूक्ष्मजीव अजैव घटकों, जैसे – जलवायु, भूमि (मिट्टी), नदी डेल्टा, धूप इत्यादि संयुक्त रूप से किसी पारितंत्र का निर्माण करते हैं।

8. कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

1. कोशिका के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह किसी जीव की सूक्ष्मतम जीवित रचना है।
2. सर्वप्रथम कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक द्वारा की गई।
3. सबसे छोटी कोशिका जीवाणु कोशिका तथा सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग का अंडा है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: कथन 1 सही है । जीव की सूक्ष्मतम जीवित रचना को कोशिका कहते हैं। अतः यह जीवों में मूलभूत संरचनात्मक इकाई है। कोशिकाएँ । मिलकर ऊतकों का निर्माण करती हैं तथा ऊतकों से अंगों का निर्माण होता है।
• सर्वप्रथम (सन् 1665 में) कॉर्क की कोशिकाओं की खोज हुई, जिसके खोजकर्त्ता रॉबर्ट हुक थे। अतः कथन 2 सही है।
• सबसे छोटी कोशिका एक जीवाणु कोशिका तथा सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग का अंडा है। अतः कथन 3 भी सही है।
2. निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
1. अमीबा
2. पैरामीशियम
3. मुर्गी का अंडा
4. श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC)
उपर्युक्त में से कौन-से एककोशिक (Unicellular) संरचना के उदाहरण हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या : एकल कोशिका (Single Cell) से बनी संरचना एककोशिक (Unicellular) संरचना कहलाती है। अमीबा, पैरामीशियम, मुर्गी का अंडा और श्वेत रक्त कोशिकाएँ ये सभी एकल संरचना के उदाहरण हैं।
• वे जीव जिनका शरीर एक से अधिक कोशिकाओं का बना होता है, बहुकोशिक (Multicellular) कहलाते हैं।
• एक कोशिक जीवों में एकल कोशिका ही सभी मूलभूत प्रकार्य (जैसे- श्वसन, उत्सर्जन वृद्धि एवं प्रजनन इत्यादि) करती हैं जो बहुकोशिक जीवों में विशिष्ट कोशिकाओं के समूह द्वारा संपादित किया जाता है।
3. कोशिका के मूल घटक कोशिका झिल्ली (Cell Membrane), कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) और केंद्रक (Nucleus) हैं। इन घटकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. कोशिका झिल्ली एक कोशिका को दूसरी कोशिका एवं घेरे हुए माध्यम (Surrounding Medium) से अलग करती है।
2. कोशिका द्रव्य कोशिका झिल्ली एवं केंद्रक के बीच पाया जाने वाला एक जेली (Jelly) जैसा पदार्थ है।
3. क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र केंद्रक में उपस्थित होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। कोशिका के विभिन्न संघटक (कोशिका द्रव्य और केंद्रक ) एक झिल्ली द्वारा परिबद्ध होते हैं, जिसे कोशिका झिल्ली अथवा प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं। यह झिल्ली एक कोशिका को दूसरी कोशिका एवं घेरे हुए माध्यम (Surrounding Medium) से अलग करती है। यह सरंध्र ( Porous ) होती है तथा विभिन्न पदार्थों के कोशिका में आवागमन का नियमन करती है। यह झिल्ली पौधों एवं जंतुओं की कोशिका को आकृति प्रदान करती है।
• कोशिका द्रव्य एक जेली जैसा पदार्थ है, जो कोशिका झिल्ली एवं 1. केंद्रक के बीच पाया जाता है। कोशिका के अन्य संघटक अथवा कोशिकांग (माइटोकॉण्ड्रिया, गॉल्जीकाय, राइबोसोम इत्यादि) कोशिका द्रव्य में ही पाए जाते हैं।
• केंद्रक गोलाकार होता है तथा कोशिका के मध्य भाग में स्थित होता है। केंद्रक और कोशिका द्रव्य को केंद्रक झिल्ली (Nuclear Membrane) अलग करती है। यह झिल्ली भी सरंध्र होती है तथा कोशिका द्रव्य एवं केंद्रक के बीच पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करती है। जीवाणु कोशिका में यह केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है। केंद्रक के अंदर केंद्रिका (Nucleolus) तथा गुणसूत्र (क्रोमोसोम) उपस्थित होते हैं। गुणसूत्र जीन के धारक हैं तथा कोशिका विभाजन के समय ही दिखाई देते हैं। ये वंशानुगत अथवा आनुवंशिक गुणों के साथ-साथ कोशिका के क्रियाकलापों का भी नियंत्रण करते हैं।
• सजीव कोशिका के समग्र संघटक को जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) के नाम से जाना जाता है। इसमें कोशिका द्रव्य और केंद्रिका द्रव्य दोनों सम्मिलित होते हैं। जीवद्रव्य कोशिका का जीवित पदार्थ कहलाता है।
4. प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokaryotic Cell) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. इसमें केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है।
2. विषाणु और नीले-हरे शैवाल इसके उदाहरण हैं। उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(c) 1 और 2 दोनों
(b) केवल 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है। ऐसी कोशिकाएँ जिसमें सुसंगठित केंद्रक नहीं होता अर्थात् केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है, वह प्रोकैरियोटिक कोशिका कहलाती है। इसके विपरीत जिनमें सुसंगठित केंद्रक पाया जाता है वह | यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic Cell) कहलाती है।
• प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं वाले जीव प्रोकैरियोट्स कहलाते हैं। जीवाणु और नीले-हरे शैवाल इसके उदाहरण हैं। विषाणु न तो प्रोकैरियोटिक कोशिका है न ही यूकैरियोटिक । अतः कथन 2 गलत है। यूकैरियोटिक कोशिकाओं वाले जीव यूकैरियोट्स कहलाते हैं। प्याज तथा मानव की कोशिकाएँ इसके उदाहरण हैं।
5. पादप और जंतु कोशिकाएँ एक-दूसरे से भिन्नता रखती हैं। इस भिन्नता के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. जंतु कोशिका में पादप कोशिका से इतर कोशिका भित्ति नामक अतिरिक्त आवरण होता है।
2. प्लैस्टिड (Plastid) नामक रंगीन संरचनाएँ केवल पादप कोशिका में ही पाई जाती हैं।
3. जंतु कोशिका में अनेक छोटी-छोटी रिक्तिकाएँ होती हैं, जबकि पादप कोशिका में एक बड़ी केंद्रीय रिक्तिका होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 1 गलत है, क्योंकि जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है। कोशिका भित्ति पादप कोशिका में कोशिका झिल्ली के अतिरिक्त एक अन्य आवरण के रूप में उपस्थित होती है। यह पादप कोशिका को आकार एवं दृढ़ता प्रदान करती है। जीवाणु कोशिका में भी कोशिका भित्ति पाई जाती है।
• कथन 2 सही है। प्लैस्टिड (Plastid) केवल पादप कोशिका में ही पाए जाते हैं। ये विभिन्न रंगों के होते हैं। इनमें से कुछ में हरा रंजक उपस्थित होता है, जिसे क्लोरोफिल कहते हैं। हरे रंग के प्लैस्टिड्स ” को क्लोरोप्लास्ट अथवा हरितलवक कहते हैं जो पत्तियों को हरा रंग प्रदान करते हैं।
• जंतु कोशिका में अनेक छोटी-छोटी तथा पादप कोशिका में एक बड़ी केंद्रीय रिक्तिका होती है। अतः कथन 3 भी सही है।
6. संदेश स्थानांतरण का कार्य निम्नलिखित में से कौन- सी कोशिकाएँ करती हैं?
(a) गोलाकार रक्त कोशिकाएँ (Spherical Red Blood Cells)
(b) लंबी शाखान्वित तंत्रिका कोशिकाएँ (Long Branched Nerve Cells)
(c) तर्कुरूपी पेशी कोशिकाएँ (Spindle Shaped Muscle Cells)
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर : (b)
व्याख्या : मानव शरीर में अनेक प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं जो कार्य और आकृति में भिन्न हो सकती हैं। संदेश प्राप्त कर उसके स्थानांतरण का कार्य तंत्रिका कोशिकाओं के द्वारा किया जाता है। ये कोशिकाएँ आकृति में लंबी और शाखान्वित होती हैं। इसी प्रकार रक्त कोशिकाएँ गोलाकार तथा पेशी कोशिकाएँ तर्कुरूपी होती हैं।

9. जंतुओं में जनन

1. इनविट्रो निषेचन (In Vitro Fertilisation) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. इस तकनीक से निषेचन होने पर युग्मनज (Zygote) को लगभग एक सप्ताह तक विकसित करने के बाद माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।
2. इस तकनीक द्वारा जन्मे शिशु को परखनली शिशु (Test tube baby) कहते हैं, क्योंकि शिशु का विकास परखनली में होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या : शरीर से बाहर कृत्रिम निषेचन इनविट्रो निषेचन कहलाता है। यदि निषेचन के लिये शुक्राणु (Sperms) अंडवाहिनी (Oviducts) अवरुद्ध होने के कारण अंडाणु (Egg) तक नहीं पहुँच पाते तो ऐसे में चिकित्सक ताजा अंडाणु एवं शुक्राणु एकत्र करके उचित माध्यम से कुछ घंटों के लिये एक साथ रखते हैं जिससे इनविट्रो निषेचन ( IVF) हो सके।
• अगर निषेचन हो जाता है तो युग्मनज (Zygote) को लगभग एक सप्ताह तक विकसित किया जाता है, जिसके पश्चात् उसे माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है। अतः कथन 1 सही है।
• माता के गर्भाशय ( Uterus) में पूर्ण विकसित होने के बाद शिशु का जन्म सामान्य शिशु की तरह ही होता है। इस तकनीक द्वारा जन्मे शिशु को परखनली शिशु कहते हैं। यह एक मिथ्या नाम है क्योंकि शिशु का विकास परखनली में नहीं होता। अतः कथन 2 गलत है।
2. जनन का पहला चरण निषेचन (Fertilisation) कहलाता है। जंतुओं में निषेचन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. शुक्राणु और अंडाणु का संलयन निषेचन कहलाता है।
2. सभी अंडप्रजक (Oviparous ) जंतुओं में निषेचन मादा के शरीर के बाहर होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है। शुक्राणु और अंडाणु दोनों एकल कोशिका के उदाहरण हैं। इनका संलयन निषेचन कहलाता है, जिसके परिणामस्वरूप युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। युग्मनज लगातार विभाजित होकर कोशिकाओं के गोले में बदलता है, तत्पश्चात् कोशिकाएँ समूहीकृत होकर विभिन्न ऊतकों (Tissues) और अंगों में परिवर्धित हो जाती हैं। यह विकसित संरचना भ्रूण (Embryo) कहलाती है। भ्रूण गर्भाशय की दीवार में रोपित होकर विकसित होता है। इस विकास काल में भ्रूण की वह अवस्था जिसमें सभी शारीरिक भागों की पहचान हो सके, गर्भ (Foetus) कहलाता है।
• वह जंतु जो सीधे ही शिशु को जन्म देते हैं, जरायुज (Viviparous ) जंतु तथा जो अंडे देते हैं, अंडप्रजक (Oviparous ) जंतु कहलाते हैं। कथन 2 गलत है, क्योंकि कुछ अंडप्रजक जंतु में निषेचन शरीर के बाहर तो कुछ में शरीर के अंदर ही होता है। मुर्गी में निषेचन आंतरिक निषेचन का उदाहरण है। अनेक जंतुओं (मेंढक, टोड, मछली, स्टारफिश इत्यादि) में निषेचन मादा जंतु के शरीर के बाहर होता है। इन जंतुओं में निषेचन जल में होता है। मादा जैसे ही अंडे देती है नर उस पर शुक्राणु छोड़ देता है। प्रत्येक शुक्राणु अपनी लंबी पूँछ की सहायता से जल में इधर-उधर तैरते हैं। शुक्राणु अंडकोशिका के संपर्क में आते हैं, जिसके फलस्वरूप निषेचन होता है। इस प्रकार का निषेचन जिसमें नर एवं मादा युग्मक का संलयन मादा के शरीर के बाहर होता है, बाह्य निषेचन (External Fertilisation) कहलाता है।
3. सजीवों में जन्म और विकास के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये –
1. मुकुलन (Budding): अमीबा की जनन प्रक्रिया
2. द्विखंडन (Binary Fission ) : हाइड्रा की जनन प्रक्रिया
3. कायांतरण (Metamorphosis) : लारवा का कुछ उग्र-परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलना
उपर्युक्त युग्मों में से कौन – सा / से सही सुमेलित है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: पौधों की तरह ही जंतुओं में भी जनन की दो विधियाँ होती हैं- 1. लैंगिक जनन 2. अलैंगिक जनन । जनन का वह प्रकार जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है, अलैंगिक जनन कहलाता है। और द्विखंडन अलैंगिक जनन की विधियाँ हैं। मुकुलन
• हाइड्रा में नए जीव का विकास मुकुलन की प्रक्रिया से तथा अमीबा में नए जीव का विकास द्विखंडन की प्रक्रिया से होता है। अतः युग्म 1 और 2 गलत हैं।
• लारवा के कुछ उग्र-परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया कायांतरण कहलाती है। अतः युग्म 3 सही है।
4. क्लोनिंग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह किसी समरूप कोशिका या किसी अन्य जीवित भाग अथवा संपूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करने की प्रक्रिया है ।
2. सर्वप्रथम सफलतापूर्ण उत्पन्न क्लोन डॉली नामक एक मादा भेड़ थी।
3. डॉली एक फिन डॉरसेट भेड़ (Finn Dorsett Sheep) की क्लोन थी ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। किसी समरूप कोशिका या किसी अन्य जीवित भाग अथवा संपूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करने की प्रक्रिया क्लोनिंग कहलाती है।
• सर्वप्रथम इयन विल्मट और उनके सहयोगियों ने एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड के रोजलिन इंस्टीट्यूट में एक भेड़ को सफलतापूर्वक क्लोन किया, जिसका नाम डॉली रखा गया।
• इस प्रक्रिया में फिन डॉरसेट नामक मादा भेड़ की स्तन ग्रंथियों से ली गई कोशिका के केंद्रक को स्कॉटिश ब्लैकफेस ईव (Scottish Blackface Ewe) से ली गई एक अंडकोशिका के केंद्रक के स्थान पर स्थापित किया गया। इस प्रकार उत्पन्न अंडकोशिका को स्कॉटिश ब्लैकफेस ईव में रोपित किया गया। बाद में स्कॉटिश ब्लैकफेश ईव ने डॉली को जन्म दिया, परंतु डॉली फिन डॉरसेट भेड़ के समरूप थी, जिससे केंद्रक लिया गया था। चूँकि स्कॉटिश ब्लैकफेश ईव के केंद्रक को अंडकोशिका से हटा दिया गया था, इसलिये डॉली में उसके कोई भी लक्षण परिलक्षित नहीं हुए। अतः डॉली फिन डॉरसेट भेड़ की क्लोन थी ।

10. किशोरावस्था की ओर

1. लैंगिक हार्मोन (Sex Hormone) अंत: स्रावी ग्रंथियों (Endocrine Glands) द्वारा स्रावित किये जाते हैं। इनके संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. एस्ट्रोजन तथा टेस्टोस्टेरॉन लैंगिक हार्मोन हैं। ये मानव शरीर में गौण लैंगिक लक्षणों (Secondary Sexual Characters) के लिये उत्तरदायी हैं।
2. एस्ट्रोजन नर हार्मोन है, जबकि टेस्टोस्टेरॉन मादा हार्मोन है।
3. इस हार्मोन उत्पादन का नियंत्रण एक अन्य हार्मोन द्वारा किया जाता है जो पीयूष ग्रंथि अथवा पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या : अंतःस्रावी ग्रंथियाँ हार्मोनों को सीधे रुधिर प्रवाह में निर्मोचित करती हैं। इसलिये इन्हें नलिका – विहीन ग्रथियाँ भी कहते हैं। लैंगिक हार्मोन का स्रावण भी अंत: स्रावी ग्रंथियों द्वारा किया जाता है।
• एस्ट्रोजन तथा टेस्टोस्टेरॉन लैंगिक हार्मोन हैं जो मानव शरीर में गौण लैंगिक लक्षणों के लिये उत्तरदायी होते हैं। अतः कथन 1 सही है।
• एस्ट्रोजन मादा हार्मोन तथा टेस्टोस्टेरॉन नर हार्मोन है जिसका स्रावण क्रमशः लड़कियों में अंडाशय (Ovary) तथा लड़कों में वृषण (Testes) द्वारा होता है। अतः कथन 2 गलत है। ये लैंगिक हार्मोन लड़कों में दाढ़ी-मूँछ, बड़े स्वरयंत्र (लैरिन्कस / ऐडम्स ऐपॅल/कंठमणि) इत्यादि गौण लैंगिक लक्षणों को उत्पन्न करते हैं। कंठमणि के बड़े व छोटे होने के कारण ही क्रमशः लड़कों का स्वर गहरा तथा लड़कियों का स्वर उच्च तारत्व वाला (High Pitched ) होता है।
• लड़कियों में स्तन तथा दुग्धग्रंथियों का विकास जैसे गौण लैंगिक लक्षण एस्ट्रोजन के कारण उत्पन्न होते हैं।
• इन लैंगिक हार्मोनों के उत्पादन का नियंत्रण एक अन्य हार्मोन द्वारा किया जाता है जो पीयूष ग्रंथि अथवा पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होता है। यह अंडाशय में अंडाणु एवं वृषण में शुक्राणु के परिपक्व होने को नियंत्रित करता है।
2. मानव शरीर में पोषकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. दूध अपने आप में संतुलित भोजन है।
2. लौह-प्रचुर खाद्य रुधिर निर्माण में सहायक होते हैं।
3. वसा शरीर की वृद्धि के लिये तथा प्रोटीन ऊर्जा के लिये आवश्यक होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 और 2 सही हैं। संतुलित आहार का अर्थ है भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन एवं खनिज का पर्याप्त मात्रा में समावेश। जहाँ हमारा भारतीय भोजन जिसमें रोटी, चावल, दाल एवं सब्ज़ियाँ शामिल हैं, एक संतुलित आहार है वहीं दूध अपने आप में संतुलित भोजन है। शिशु को माँ के दूध से संपूर्ण पोषण मिलता है।
• लौह-प्रचुर खाद्य जैसे कि पत्तीदार सब्ज़ियाँ, गुड़, माँस, संतरा, आँवला इत्यादि रुधिर निर्माण में सहायक होते हैं।
• वसा एवं शक्कर ऊर्जा के लिये और प्रोटीन शरीर की वृद्धि के लिये आवश्यक है। अतः कथन 3 गलत है। दूध, माँस, नट एवं दालें प्रोटीन का स्रोत हैं।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो X गुणसूत्र होंगे जिससे मादा शिशु विकसित होगी।
2. जब Y गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो नर शिशु विकसित होगा ।
3. पुरुष में एक जोड़ी लिंग गुणसूत्र होता है जिन्हें X एवं Y कहते हैं।
4. शिशु के लिंग निर्धारण में पूर्णत पुरुष गुणसूत्र उत्तरदायी हैं इसमें महिला के गुणसूत्र की कोई भूमिका नहीं होती ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 4
(d) सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (d)
व्याख्याः सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केंद्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र अर्थात् एक जोड़ा लिंग – सूत्र है जिन्हें X एवं Y कहते हैं। स्त्री में दो X गुणसूत्र होते हैं, जबकि पुरुष में एक X तथा एक Y गुणसूत्र होता है। युग्मक में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है।
• अनिषेचित अंडाणु में हमेशा एक X गुणसूत्र होता है जबकि शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं। एक में X गुणसूत्र तथा दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है।
• जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करेगा तो युग्मक मेंXX गुणसूत्र होगा और यह मादा होगी।
• जब Y गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करेगा तो युग्मक में XY गुणसूत्र होगा और यह नर होगा ।
इस प्रकार यह आसानी से समझा जा सकता है कि युग्मक का लिंग निर्धारण शुक्राणु के गुणसूत्र पर निर्भर करता है जो पुरुषों से प्राप्त होता है। अतः यह धारणा कि लिंग निर्धारण में माँ उत्तरदायी है पूर्णत: निराधार एवं अन्यायसंगत भी है।
4. AIDS एक खतरनाक एवं संक्रामक बीमारी है इसके बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. यह बीमारी एक खतरनाक जीवाणु के द्वारा फैलती है।
2. पीड़ित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में ड्रग के लिये इस्तेमाल की जाने वाली सीरिंज द्वारा भी फैल सकता है।
3. पीड़ित व्यक्ति के साथ लैंगिक संपर्क स्थापित करने से भी यह फैल सकता है।
4. पीड़ित माँ के दूध के सेवन से उसके शिशु में नहीं फैलता है।
उपर्युक्त में असत्य कथन है-
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 4
(c) केवल 4
(d) सभी सत्य हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या : AIDS नामक खतरनाक बीमारी HIV नामक विषाणु द्वारा होता है। इसलिये कथन 1 गलत है।
कथन 2 और 3 सत्य है, जबकि कथन 4 गलत क्योंकि पीड़ित माँ के दूध के सेवन से उसके शिशु में यह वायरस प्रवेश करता है तथा शिशु भी AIDS से पीड़ित हो सकता है ।

11. बल तथा दाब

1. निम्नलिखित बलों में से कौन-से असम्पर्क (Non-Contact) बल के उदाहरण हैं?
1. घर्षण बल
2. चुम्बकीय बल
3. स्थिर विद्युत बल
4. गुरुत्वाकर्षण बल
5. पेशीय बल
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1 और 4
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 2, 3 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर : (b)
व्याख्या : चुंबकीय बल, स्थिर विद्युत बल तथा गुरुत्वाकर्षण बल तीनों ही असंपर्क (Non-Contact ) बल के उदाहरण हैं। यह बल वस्तु के संपर्क में न होने पर भी कार्य करता है।
• घर्षण तथा पेशीय बल संपर्क (Contact) बल के उदाहरण हैं। इन बलों के लगने के लिये वस्तु से सम्पर्क आवश्यक है।
2. गुरुत्व बल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. गुरुत्व बल केवल पृथ्वी का गुण है।
2. विश्व में सभी वस्तुएँ एक-दूसरे पर गुरुत्व बल लगाती हैं।
3. गुरुत्व बल कारण ही नदियों में पानी नीचे की ओर बहता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त कथनों में से कथन 1 गलत है, क्योंकि गुरुत्व बल केवल पृथ्वी का ही गुण नहीं है। वास्तव में विश्व में सभी वस्तुएँ, चाहे वे छोटी हों या बड़ी हों, एक-दूसरे के ऊपर बल लगाती हैं। यह गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है। गुरुत्व बल के कारण ही नदियों में पानी नीचे की ओर बहता है। अतः 2 और 3 सही हैं।

12. घर्षण

1. घर्षण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न होती है।
2. कबड्डी के खिलाड़ी अपने हाथों पर मिट्टी रगड़ते हैं ताकि प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को पकड़ने पर घर्षण में वृद्धि हो ।
3. तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण को कर्षण (Drag) कहते हैं।
4. सर्पी घर्षण (Sliding Friction) स्थैतिक घर्षण से कम होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1 और 4
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
• दो पृष्ठों के बीच अनियमितताओं के अंतः बंधन (Interlocking ) के कारण घर्षण होता है। यह हमारे दैनिक जीवन में बहुत अधिक महत्त्व रखता है।
• यदि घर्षण न हो तो हम पेन अथवा पेंसिल से नहीं लिख सकते। घर्षण के कारण ही माचिस की तीली को रगड़ने पर वह आग पकड़ती है। घर्षण से ऊष्मा भी उत्पन्न होती है।
• कबड्डी के खिलाड़ी अपने हाथों पर मिट्टी तथा जिमनैस्ट अपने हाथों पर कोई रूक्ष पदार्थ लगाते हैं ताकि घर्षण में वृद्धि करके अच्छी पकड़ बना सकें।
• घर्षण कम करने वाले पदार्थों को स्नेहक (Lubricant ) कहते हैं।
• जल तथा अन्य द्रव भी इनसे होकर गति करने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल लगाते हैं। तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण भी कहते हैं।
• जब कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु पर सर्पी गति करती है, तो उस पर सर्पी घर्षण लगता है। सर्पी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कम होता है।
2. लोटनिक, स्थैतिक तथा सर्पी घर्षण के कारण बलों को घटते क्रम में व्यवस्थित करें-
(a) लोटनिक, सर्पी, स्थैतिक
(b) लोटनिक, स्थैतिक, सर्पी
(c) स्थैतिक, सर्पी, लोटनिक
(d) सर्पी, स्थैतिक, लोटनिक
उत्तर : (c)
व्याख्या : स्थिर सतहों के बीच लगने वाले घर्षण बल को स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं।
• जब कोई वस्तु किसी पृष्ठ पर सरकती है तो उसके पृष्ठ के संपर्क बिंदुओं को उतना समय नहीं मिल पाता कि वे सतह के संपर्क बिंदुओं में धँस सके अतः सर्पी घर्षण स्थैतिक घर्षण से कुछ कम होता है।
• जब कोई वस्तु दूसरी वस्तु के पृष्ठ पर लुढ़कती है तो उसकी गति के प्रतिरोध को लोटनिक घर्षण कहते हैं। किसी वस्तु को सतह पर सरकने की अपेक्षा लुढ़कना ज़्यादा आसान होता है, क्योंकि लोटनिक घर्षण का मान सर्पी घर्षण से कम होता है।

13. ध्वनि

1. ध्वनि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह ठोस, द्रव, गैस व निर्वात सभी में संचरण कर सकती है।
2. इसकी तीव्रता (प्रबलता ) डेसिबल (db) में मापी जाती है।
3. मानव कानों के लिये इसकी श्रव्य आवृत्ति का परास (Range) लगभग 20Hz से 20,000 Hz तक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन । गलत है क्योंकि ध्वनि का संचरण ठोस, द्रव और गैस में ही होता है। यह निर्वात में संचारित नहीं हो सकती ।
• कथन 2 सही है। इसकी तीव्रता डेसिबल (db) में मापी जाती है।
• ध्वनि तरंगों में प्रति सेकेंड होने वाले दोलनों (कंपन) की संख्या को दोलन की आवृत्ति कहते हैं। आवृत्ति को हर्ट्ज में मापा जाता है तथा इसका संकेत Hz है। 1 Hz आवृत्ति एक दोलन प्रति सेकेंड के बराबर होती है। जहाँ एक तरफ लगभग 20 दोलन प्रति सेकेंड ( 20 Hz) कम आवृत्ति मानव कान नहीं सुन सकता है, वहीं दूसरी तरफ लगभग 20,000 दोलन प्रति सेकेंड ( 20K Hz) से अधिक आवृत्ति की ध्वनियाँ भी मानव कान सुन नहीं पाता। ऐसी ध्वनियों को अश्रव्य कहते हैं। अतः कथन 3 भी सही है। कुछ जंतु 20,000 Hz से अधिक की आवृत्ति की ध्वनियों को भी सुन सकते हैं। कुत्तों में यह क्षमता है। पुलिसकर्मी ऐसी उच्च आवृत्ति की ध्वनि उत्पन्न करने वाली सीटियों का उपयोग करते हैं जिसे कुत्ते सुन सकते हैं, लेकिन मानव नहीं सुन पाते। अनेक चिकित्सा उपकरण भी 20,000 Hz से अधिक की आवृत्ति पर कार्य करते हैं।
2. ध्वनि के तारत्व के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह ध्वनि की आवृत्ति पर निर्भर करता है।
2. पक्षी उच्च तारत्व की ध्वनि उत्पन्न करता है, जबकि शेर की दहाड़ का तारत्व मंद होता है।
3. सामान्यत: महिला की आवाज़ पुरुष की अपेक्षा अधिक तारत्व वाली होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा /से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। ध्वनि की प्रबलता ( तीव्रता ) इसके आयाम पर तथा तीक्ष्णता या तारत्व इसकी आवृत्ति पर निर्भर करता है। अधिक आयाम प्रबल ध्वनि तथा छोटा आयाम मंद ध्वनि उत्पन्न करता है। इसी प्रकार अधिक आवृत्ति उच्च तारत्व तथा निम्न आवृत्ति कम तारत्व के लिये उत्तरदायी है।
• पक्षियों की ध्वनि का तारत्व उच्च तथा शेर की ध्वनि का तारत्व निम्न होता है। तथापि शेर की दहाड़ अत्यधिक प्रबल है, जबकि पक्षी की ध्वनि दुर्बल होती है। इसी प्रकार वाद्यों में ढोल में मंद आवृत्ति तथा सीटी में उच्च आवृत्ति होती है।
3. नीचे दिये गए कथनों का पढ़िये-
कथन: आकाश में तड़ित तथा मेघगर्जन की घटना एक समान तथा समान दूरी पर घटित होती है लेकिन हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है।
कारण: प्रकाश सभी माध्यम में संचरित हो सकता है परंतु ध्वनि निर्वात में संचरण नहीं करती है।
(a) कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या है।
(b) कथन और कारण दोनों सही हैं परंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।
(c) कथन सही है कारण गलत है।
(d) कथन और कारण दोनों गलत है।
उत्तर : (b)
व्याख्या: तड़ित का पहले दिखाई देना तथा मेघगर्जन का बाद में सुनाई देना प्रकाश की तीव्र चाल (3×10 m/s) तथा ध्वनि की अपेक्षाकृत धीमी ‘चाल (331m/s) के कारण होता है। प्रकाश की चाल वायुमंडल में ध्वनि की चाल की कई गुना अधिक होती है जिसके कारण प्रकाश का संवेदन हम पहले करते हैं, जबकि ध्वनि का कुछ देर बाद ।

14. विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

1. नीचे दिये गए कथनों का पढ़िये-
कथन (A) : खाद्य पदार्थों के भंडारण में उपयोग किये जाने वाले टिन के डिब्बों में लोहे के ऊपर टिन का विद्युत लेपन (Electroplating ) किया जाता है।
कारण (R) : टिन लोहे से कम क्रियाशील होता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये –
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है परंतु (R) सही है।
उत्तर : (a)
व्याख्या : विकल्प (a) सही है। खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिये उपयोग किये जाने वाले टिन के डिब्बों में लोहे के ऊपर टिन का विद्युत – लेपन किया जाता है क्योंकि टिन लोहे से कम क्रियाशील होता है। इस प्रकार से खाद्य पदार्थ लोहे के संपर्क में नहीं आते और खराब होने से बच जाते हैं।
• विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने (चढ़ाने की प्रक्रिया को ही विद्युत-लेपन कहते हैं। यह विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव का एक सर्वाधिक सामान्य उपयोग है।
2. नीचे दिये गए कथनों का पढ़िये-
कथन (A): पुलों तथा स्वचालित वाहनों को प्रबल बनाने के लिये उपयोग में लाए गए लोहे में संक्षारित होने तथा जंग लगने की प्रवृत्ति होती है।
कारण (R) : संक्षारण तथा जंग लगने से बचाने के लिये लोहे पर विद्युत – लेपन द्वारा जिंक की परत निक्षेपित की जाती है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है और (R) गलत है।
(d) (A) गलत है और (R) सही है।
उत्तर : (b)
व्याख्या: विकल्प (b) सही है। पुलों तथा स्वचालित वाहनों को प्रबल बनाने के लिये लोहे का उपयोग किया जाता है। तथापि, लोहे में संक्षारित होने तथा जंग लगने की प्रवृत्ति होती है। इसलिये इसे संक्षारण तथा जंग लगने से बचाने के लिये लोहे पर जिंक की परत निक्षेपित कर दी जाती है। अतः कथन (R), (A) का स्पष्टीकरण नहीं है बल्कि कथन (A), (R) का स्पष्टीकरण है।
• विद्युत – लेपन की इस प्रक्रिया से दैनिक जीवन के अनेक उपकरण तैयार होते हैं। उदाहरण के लिये, कार के कुछ पुर्जों, बाथरूम के नल की टोटी, गैस बर्नर, साइकिल का हैन्डिल, पहियों के रिम आदि पर क्रोमियम का लेपन किया जाता है। यह चमकदार दिखता है तथा संक्षारित नहीं होता है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. नमक घुला हुआ जल विद्युत का अच्छा चालक है।
2. आसुत जल भी विद्युत का एक अच्छा चालक है।
3. पेयजल में खनिज लवणों की अल्प मात्रा प्राकृतिक रूप से विद्यमान होती है इसलिये ये भी विद्युत का सुचालक होता है।
उपर्युक्त में असत्य कथन है-
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) सभी असत्य हैं
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 1 और 3 सत्य हैं जबकि कथन 2 असत्य हैं क्योंकि आसुत जल में खनिज लवण एवं आयन अनुपस्थित होते हैं जिसके कारण यह हीन चालक है।
4. निम्नलिखित कथनों में असत्य कथन की पहचान करें-
1. प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LEDs) ऊर्जा की कम खपत करते हैं।
2. प्रतिदीप्ति नालिका (Fluorescent Tubes) प्रकाश उत्सर्जक डायोड की तुलना में ऊर्जा की ज़्यादा खपत करते हैं।
3. संहत प्रतिदीप्ति लैम्प (CFLs) प्रकाश उत्सर्जक डायोड से ज़्यादा ऊर्जा की खपत करते हैं परंतु ये पर्यावरण के लिये खतरनाक नहीं हैं।
4. संहत प्रतिदीप्ति लैम्प (CFLs) प्रतिदीप्ति नालिका (ट्यूब लाइट) से ज़्यादा ऊर्जा खपत करते हैं।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 3 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4
उत्तर : (c)
व्याख्या: कथन 1 और 2 सत्य हैं।
• CFLs प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LEDs) से ज़्यादा ऊर्जा खपत करते हैं साथ ही इनमें पारा होने के कारण ये पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचाते हैं। इसलिये कथन ( 3 ) गलत है।
• CFLs प्रतिदीप्ति नलिका (ट्यूब लाइट) से कम ऊर्जा खपत करते हैं इसलिये कथन (4) भी गलत है।

15. कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

1. आवेश तथा उसकी विशेषताओं के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) सजातीय (एक ही प्रकार के) आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(b) वस्तुओं को रगड़ने पर उत्पन्न विद्युत आवेश स्थैतिक होते हैं।
(c) जब आवेश गति करते हैं तो विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
(d) भूसम्पर्कण (Earthing) द्वारा किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजा जाता है।
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन ( a ) गलत है क्योंकि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, जबकि विजातीय (भिन्न प्रकार के) आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं ।
• वस्तुओं को अन्य वस्तु से रगड़ने पर आवेश उत्पन्न होते हैं। ऐसे आवेश स्थैतिक आवेश होते हैं। मान्यता के अनुसार रेशम से रगड़ने पर काँच की छड़ द्वारा अर्जित आवेश को धनावेश कहते हैं। अन्य प्रकार के आवेश को ऋणावेश कहते हैं ।
• जब आवेश गति करते हैं तो विद्युत धारा बनती है। किसी परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा कुछ नहीं वरन् आवेशों का प्रवाह ही है।
• विद्युत आवेश को किसी आवेशित वस्तु से अन्य वस्तु में धात्विक चालक द्वारा भेजा जा सकता है।
• किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजने की प्रक्रिया को भूसम्पर्कण कहते हैं।
2. तड़ित (Lightning) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. धरती के निकट संचित ऋणात्मक आवेशों तथा बादलों के निचले किनारे पर संचित धनात्मक आवेशों के मिलने से प्रकाश की चमकीली धारियों तथा ध्वनि के रूप में तड़ित उत्पन्न होती है।
2. तड़ित उत्पन्न होने की प्रक्रिया विद्युत विसर्जन (Electric Discharge) कहलाती है। ये दो अथवा दो से अधिक बादलों के बीच अथवा बादलों तथा पृथ्वी के बीच हो सकती है।
3. भवनों को तड़ित के प्रभावों से बचाने के लिये तड़ित चालक (Lightning Conductor) नामक युक्ति का प्रयोग होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: गरज वाले तूफानों के बनते समय वायु की धाराएँ ऊपर की ओर जाती हैं जबकि जल की बूंदें नीचे की ओर जाती हैं। इन प्रबल गतियों के कारण आवेशों का पृथकन होता है। बादलों के ऊपरी किनारों के निकट धनावेश तथा निचले किनारे पर ऋणावेश संचित हो जाते हैं। धरती के निकट भी धनावेश का संचय होता है। जब संचित आवेशों का परिमाण अत्यधिक हो जाता है तो वायु, जो विद्युत की हीन चालक है, आवेशों के प्रवाह को नहीं रोक पाती। परिणामस्वरूप ऋणात्मक तथा धनात्मक आवेश मिलते हैं और प्रकाश की चमकीली धारियाँ तथा ध्वनि उत्पन्न होती हैं। इन्हें हम तड़ित के रूप में देखते हैं। अतः कथन 1 गलत है।
• कथन 2 सही है। तड़ित उत्पन्न होने की प्रक्रिया को विद्युत विसर्जन कहते हैं। यह प्रक्रिया दो अथवा अधिक बादलों के बीच अथवा बादलों तथा पृथ्वी के बीच हो सकती है।
• भवनों को तड़ित के प्रभावों से बचाने के लिये तड़ित चालक नामक युक्ति का प्रयोग होता है। इस युक्ति में भवन निर्माण के समय दीवारों में, उस भवन की ऊँचाई से अधिक लम्बाई की धातु की छड़ स्थापित कर दी जाती है। इस छड़ का एक सिरा वायु में खुला रखा जाता है। तथा दूसरे सिरे को ज़मीन में काफी गहराई तक दबा देते हैं। धातु की छड़ विद्युत आवेश को ज़मीन तक पहुँचने के लिये एक सरल पथ प्रदान करती है।
3. पृथ्वी कई परतों में बँटी हुई है। इनमें से कौन-सी परत भूस्पन्द के लिये उत्तरदायी है?
(a) भूपर्पटी (Crust)
(b) प्रावार (Mantle)
(c) बाह्य क्रोड (Outer Core)
(d) आन्तरिक क्रोड (Inner Core)
उत्तर : (a)
व्याख्या: पृथ्वी के भीतर की सबसे ऊपरी सतह में गड़बड़ के कारण भूस्पन्द (Tremors) आते हैं। पृथ्वी की इस परत को भूपर्पटी (Crust) कहते हैं।
• पृथ्वी की यह परत एक खंड के रूप में नहीं है। यह टुकड़ों में विभाजित है। प्रत्येक टुकड़े को प्लेट कहते हैं। ये प्लेटें निरन्तर गति करती रहती हैं। जब ये एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं अथवा टक्कर के कारण एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे चली जाती है तो इसके कारण भूपर्पटी में विक्षोभ उत्पन्न होता है। यही विक्षोभ पृथ्वी की सतह पर भूकम्प के रूप में दिखाई देता है ।
• भूस्पन्द पृथ्वी की सतह पर तरंगें उत्पन्न करते हैं। इन तरंगों को भूकंपी तरंगें कहते हैं। इन तरंगों को भूकंप लेखी (Seismograph) नामक उपकरण द्वारा रिकार्ड किया जाता है।
4. भूकंप के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. भूकंप प्लेटों की गतियों के कारण उत्पन्न होते हैं। प्लेटों की सीमाएँ (Boundaries) प्लेटों का दुर्बल क्षेत्र ( Weak Zone) होती हैं। अत: वहाँ भूकंप आने की संभावना अधिक होती है।
2. कश्मीर और कच्छ का रन भारत के अति भूकंप आशंकित क्षेत्र हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। भूकंप प्लेटों की गतियों के कारण उत्पन्न होते हैं। प्लेटों की सीमाएँ (Boundaries) प्लेटों का दुर्बल क्षेत्र (weak zone) होती हैं। अतः वहाँ भूकंप आने की संभावना अधिक होती है। इन दुर्बल क्षेत्रों को भूकंपी क्षेत्र अथवा भ्रंश क्षेत्र भी कहते हैं।
• भारत के भू-क्षेत्र को भूकंप प्रवणता की दृष्टि से 4 क्षेत्रों (zones) में बाँटा गया है। जिसमें कश्मीर, पश्चिमी तथा केंद्रीय हिमालय, समस्त उत्तर-पूर्व, कच्छ का रन, राजस्थान तथा सिंध – गंगा के मैदान अति भूकंप आशंकित क्षेत्र में आते हैं। दक्षिण भारत के कुछ भाग भी खतरे के क्षेत्र में आते हैं।
5. भूकंप की शक्ति के परिमाण को मापने के लिये प्रयुक्त पैमाने के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. इसके लिये रिक्टर पैमाने का प्रयोग किया जाता है।
2. यह पैमाना रैखिक (Linear) है।
3. इसमें 2 अंक की वृद्धि का अर्थ लगभग 1000 गुनी अधिक विनाशी ऊर्जा है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 सही है। किसी भूकंप की शक्ति के परिमाण को रिक्टर पैमाने पर व्यक्त किया जाता है।
• कथन 2 गलत है क्योंकि रिक्टर पैमाने रैखिक नहीं है। यह लघुगणकीय (Logarithmic) है।
• लघुगणकीय होने के कारण रिक्टर पैमाने पर अंकित 1-10 तक की संख्या में से प्रत्येक अंक ‘भूकंपमापी यंत्र’ (Seismograph) पर 10 आयाम (10 Times Amplitude) तथा 32 गुनी ऊर्जा वृद्धि को प्रदर्शित करती है। इसीलिये परिमाण में 2 अंक की वृद्धि का अर्थ लगभग 1000 गुनी अधिक विनाशी ऊर्जा है। अतः कथन 3 भी सही है।
6. तड़ित से सुरक्षा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. यदि आप कार या बस से यात्रा कर रहें तो वाहन की खिड़कियाँ एवं दरवाज़े बंद कर लेने पर आप उसके भीतर सुरक्षित रहेंगे ।
2. यदि आप किसी खुले जगह पर है तो किसी बड़े वृक्ष के नीचे आप सुरक्षित रहेंगे।
3. यदि आस-पास कोई वृक्ष न हो तो ज़मीन पर सिमटकर बैठना सुरक्षित होगा।
उपर्युक्त में असत्य कथन है/हैं-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) सभी कथन असत्य है
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 सत्य है। तड़ितझंझा के दौरान बंद जगहें जैसे कमरा, कार अथवा बस जिनकी खिड़कियाँ व दरवाजे बंद हों सुरक्षित होते हैं। • तड़ित – झंझा के समय यदि आप खुले में हैं तो ऐसे में मैदान, ऊँचे वृक्ष तथा ऊँचाई वाले स्थान सर्वाधिक असुरक्षित होते हैं क्योंकि ऊँचे वृक्ष तथा ऊँचाई वाले स्थान तड़ित गिरने के सर्वाधिक संभावना वाले क्षेत्र होते हैं। यदि आप जंगल में हैं तो बड़े वृक्षों की अपेक्षा छोटे वृक्षों के नीचे शरण लेना ज्यादा सुरक्षित होगा। इस प्रकार कथन 2 गलत है। • यदि आस-पास कोई वृक्ष न हो तो अपने हाथों घुटनों पर तथा सिर को हाथों के बीच रखते हुए सिमटकर बैठना ज्यादा सुरक्षित होगा, क्योंकि इस स्थिति में आप तड़ित के लिये एक लघुतम अर्थात् छोटे लक्ष्य बन जाएंगे। अतः कथन 3 सही है।

16. प्रकाश

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिये –
1. वस्तु द्वारा स्वयं का प्रकाश उत्सर्जन
2. वस्तु द्वारा प्रकाश का परावर्तन
3. प्रकाश का विक्षेपण
उपर्युक्त में से कौन-सा/से किसी वस्तु को देख पाने की घटना से संबंधित है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या : किसी वस्तु को देख पाने के लिये आवश्यक है कि वस्तु से प्रकाश आँखों पर आए। यह प्रकाश वस्तु से उत्सर्जित या परावर्तित होकर आ सकता है।
• जो पिण्ड प्रकाश का उत्सर्जन स्वयं करते हैं, वे दीप्त पिण्ड तथा जो दूसरी वस्तुओं के प्रकाश से चमकते हैं, वे प्रदीप्त पिण्ड कहलाते हैं।
• प्रकाश के अपने रंगों में विभाजित होने को प्रकाश का विक्षेपण कहते हैं । इन्द्रधनुष विक्षेपण को दर्शाने वाली एक प्राकृतिक घटना है। विक्षेपण की प्रक्रिया वस्तु को देखने के लिये उत्तरदायी नहीं है।
2. प्रकाश के परावर्तन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. इस घटना में आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है।
2. आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब-ये तीनों एक ही तल में होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं। इन्हें प्रकाश के परावर्तन का नियम कहते हैं।
3. निम्नलिखित में से नेत्रों का कौन-सा भाग नेत्रों के विशिष्ट रंग के लिये उत्तरदायी होता है?
(a) लेंस (Lens)
(b) कॉर्निया (Cornea )
(c) रेटिना (Retina)
(d) परितारिका (Iris)
उत्तर : (d)
व्याख्या: परितारिका मानव नेत्र का भाग है जो इसे इसका विशिष्ट रंग प्रदान करती है।
• मानव नेत्र की आकृति लगभग गोलाकार है। नेत्र का बाहरी आवरण सफेद होता है। यह कठोर होता है जो नेत्र के आंतरिक भागों की सुरक्षा करता है। इसके पारदर्शी भाग को कॉर्निया या स्वच्छ मंडल कहते हैं। कॉर्निया के पीछे एक गहरे रंग की संरचना होती है, जिसे परितारिका कहते हैं। परितारिका नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है। इसमें एक छोटा-सा द्वार होता है जिसे पुतली (Pupil) कहते हैं। पुतली के पीछे एक लेंस होता है जो केन्द्र पर मोटा ( उत्तल) होता है। लेंस प्रकाश को आँखों के पीछे एक परत पर फोकस करता है। इस परत को रेटिना (दृष्टि पटल) कहते हैं।
4. रेटिना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह अनेक तंत्रिका कोशिकाओं की बनी होती है।
2. अंध बिन्दु (Blind Spot) रेटिना तथा दृक् तंत्रिकाओं (Optic Nerves) की संधि पर उपस्थित होता है।
3. इस पर बने प्रतिबिंब का प्रभाव, वस्तु को हटा लेने पर तुरन्त ही समाप्त नहीं होता ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। रेटिना अनेक तंत्रिका कोशिकाओं का बना होता है। इन तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा अनुभव की गई संवेदनाओं को दृक् तंत्रिकाओं द्वारा मस्तिष्क तक पहुँचाया जाता है। ये तंत्रिका दो प्रकार की होती हैं-
(i) शंकु (Cones), जो तीव्र प्रकाश के लिये सुग्राही होते हैं तथा रंगों (वर्णों) की सूचनाएँ भी भेजते हैं।
(ii) शलाकाएँ (Rods), जो मंद प्रकाश के लिये सुग्राही होती हैं।
• दृक् तंत्रिकाओं तथा रेटिना की संधि पर कोई तंत्रिका कोशिका नहीं होती है। इस बिंदु को ‘अंध बिंदु’ कहते हैं।
• रेटिना पर बने प्रतिबिंब का प्रभाव, वस्तु को हटा लेने पर तुरन्त ही समाप्त नहीं होता। यह लगभग 1/16 सेकेंड तक बना रहता है। इसलिये यदि नेत्र पर प्रति सेकेंड 16 या इससे अधिक दर पर किसी गतिशील वस्तु का स्थिर प्रतिबिंब बनें, तो नेत्र को वह वस्तु चलचित्र की भाँति चलती-फिरती अनुभव होगी।
5. मानव नेत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. सामान्य नेत्र दूर रखी वस्तुओं के साथ-साथ निकट की वस्तुओं को भी स्पष्टतया देख सकता है।
2. वह न्यूनतम दूरी जिस पर नेत्र वस्तुओं को स्पष्टतया देख सकता है, आयु के साथ-साथ परिवर्तित होती रहती है।
3. मोतियाबिंद नेत्र का लेंस धुंधला हो जाने के कारण होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
• वह न्यूनतम दूरी, जिस पर नेत्र वस्तुओं को स्पष्टतया देख सकता है, आयु के साथ परिवर्तित होती रहती है। सामान्य नेत्र द्वारा पढ़ने के लिये सर्वाधिक सुविधाजनक दूरी लगभग 25 सेमी. होती है।
• मोतियाबिंद वृद्धावस्था में नेत्र का लेंस धुँधला हो जाने के कारण होता है। इसकी चिकित्सा की प्रक्रिया में चिकित्सक द्वारा इस अपारदर्शी लेंस को हटाकर नया कृत्रिम लेंस लगा दिया जाता है।
6. बैल सिस्टम (Braille System) निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
(a) प्रकाश के परावर्तन के नियम से
(b) दूर तथा निकट दृष्टिदोष से संबंधित व्यक्तियों से
(c) चक्षुषविकृति युक्त (Visually Challenged) व्यक्तियों से
(d) उपर्युक्त में से किसी से नहीं
उत्तर : (c)
व्याख्या : ब्रेल सिस्टम चक्षुषविकृति युक्त व्यक्तियों के लिये सर्वाधिक लोकप्रिय साधन है। इस पद्धति को लुई ब्रेल, जो स्वयं एक चक्षुषविकृति युक्त व्यक्ति थे, ने विकसित किया था।
• ब्रैल पद्धति में 63 बिंदुकित (Dot) पैटर्न अथवा छाप हैं।
7. जंतुओं के नेत्र विभिन्न आकृति के होते हैं तथा विभिन्न विशेषताएँ रखते हैं। इन विशेषताओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. केकड़े के नेत्र बहुत छोटे होते हैं, परंतु वह चारों ओर देख सकता है।
2. तितली के नेत्र बड़े होते हैं, परन्तु सहस्रों छोटे नेत्रों से मिलकर बने प्रतीत होते हैं।
3. उल्लू के नेत्र में बड़ा कॉर्निया तथा बड़ी पुतली होती है ता नेत्र में अधिक प्रकाश प्रवेश कर सके।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। केकड़े के नेत्र बहुत छोटे होते हैं, परन्तु इनके द्वारा केकड़ा चारों ओर देख सकता है।
• तितली के नेत्र बड़े होते हैं जो सहस्रों छोटे नेत्रों से मिलकर बने प्रतीत होते हैं। यह केवल सामने अथवा पार्श्व में ही नहीं बल्कि पीछे भी देख सकती है।
• उल्लू के नेत्र में बड़ा कॉर्निया तथा बड़ी पुतली होती है, ताकि नेत्र में अधिक प्रकाश प्रवेश कर सके। इसी के साथ-साथ इसके रेटिना में बड़ी संख्या में शलाकाएँ होती हैं तथा केवल कुछ ही शंकु होते हैं जिस कारण उल्लू रात में भली-भाँति देख सकता है, परंतु दिन में नहीं। इसके विपरीत दिन के पक्षियों के नेत्रों में शंकु अधिक तथा शलाकाएँ कम होती हैं।

17. तारे एवं सौर परिवार

1. चन्द्रमा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. यह पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में अपने अक्ष पर एक घूर्णन पूरा करता है।
2. इसकी पूर्ण चक्रिका वाला दिन पूर्णिमा कहलाता है। एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक की अवधि 29 दिन से कुछ कम होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा /से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2 दोनों
(c) केवल 2
(d) 1 और 2 दोनों असत्य
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है। चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में अपने अक्ष पर एक घूर्णन पूरा करता है।
• कथन 2 गलत है क्योंकि चंद्रमा की पूर्ण चक्रिका (Whole Disc) वाला दिन पूर्णिमा कहलाता है, परंतु एक पूर्णिमा से दूसरी पूर्णिमा तक की अवधि 29 दिन कुछ अधिक होती है। बहुत से कैलेंडरों में इस अवधि को एक माह कहते हैं । पूर्णिमा के पश्चात् प्रत्येक रात्रि को चंद्रमा का चमकीला भाग घटता चला जाता है, क्योंकि चंद्रमा को अपना प्रकाश नहीं होता। हमें उसका वही भाग दिखाई देता है जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुँचता है। पूर्णिमा के पंद्रहवें दिन चंद्रमा दिखाई नहीं पड़ता। इस दिन को अमावस्या कहते हैं। अमावस्या के अगले दिन जब चंद्रमा का एक छोटा-सा भाग आकाश में दिखता है, वह बालचंद्र (New Moon Day) कहलाता है।
• 21 जुलाई, 1969 को अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने सबसे पहले चंद्रमा पर अपने कदम रखे थे। उनके बाद एडविन एल्डरिन चन्द्रमा पर उतरे थे।
2. तारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. तारे सूर्यास्त होते ही पूर्व में उदित होते हैं तथा सूर्योदय के पहले ही पश्चिम में अस्त हो जाते हैं।
2. तारों के बीच की दूरी को प्रकाशवर्ष में व्यक्त किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) दोनों 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 गलत है क्योंकि तारे दिन के समय भी आकाश में होते हैं तथापि, उस समय सूर्य के प्रकाश के कारण ये दिखाई नहीं देते हैं। पृथ्वी के घूर्णन के कारण ये तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते प्रतीत होते हैं।
• तारों के बीच की दूरी को प्रकाशवर्ष में व्यक्त किया जाता है। अतः कथन 2 सही है। प्रकाशवर्ष, प्रकाश द्वारा एक वर्ष में चली गई दूरी है। प्रकाश की चाल 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है। इस प्रकार सूर्य से पृथ्वी की दूरी लगभग 8 प्रकाश मिनट ( लगभग 15 करोड़ किलोमीटर) है।
3. नीचे दिये गए कथनों का पढ़िये-
कथन (A): सूर्य पूर्व में उदित तथा पश्चिम में अस्त होता है।
कारण (R) : पृथ्वी का घूर्णन अक्ष इसकी कक्षा के तल के लम्बवत् नहीं है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है परंतु (R) सही है।
उत्तर : (b)
व्याख्या: विकल्प (b) सही है। सूर्य पूर्व में उदित तथा पश्चिम में अस्त होता है। ऐसा पृथ्वी के अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमने के | कारण होता है।
• पृथ्वी का घूर्णन अक्ष इसकी कक्षा के तल के लम्बवत् नहीं है। इसका अपने अक्ष पर झुकाव पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन के लिये उत्तरदायी है। पृथ्वी का यह झुकाव 23.5° है।
• विषुवत वृत्त के तल को पृथ्वी का विषुवतीय तल कहते हैं तथा वह तल जिसमें पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, उसे पृथ्वी का कक्षीय तल कहते हैं। ये दोनों तल एक-दूसरे से 23.5° के कोण पर झुके हैं। इसका तात्पर्य है कि पृथ्वी का अक्ष अपने कक्षीय तल से 66.5° के कोण पर झुका है।
4. ध्रुव तारे के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. सभी तारे इसकी परिक्रमा करते प्रतीत होते हैं।
2. यह पृथ्वी की अक्ष की दिशा में स्थित है।
3. यह दक्षिणी गोलार्द्ध से नहीं दिखाई देता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। सभी तारे ध्रुव तारे की परिक्रमा करते प्रतीत होते हैं, क्योंकि ध्रुव तारा पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित है। इसी कारण ध्रुव तारा गति करता प्रतीत नहीं होता है, साथ ही यह दक्षिणी गोलार्द्ध से दिखाई भी नहीं देता है।
5. पहचाने जाने योग्य आकृतियों वाले तारों के समूह को तारामंडल (Constellations) कहते हैं। विभिन्न तारामंडलों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. विख्यात तारामंडल अर्सामेजर को ‘सप्तर्षि’ भी कहते हैं।
2. ओरॉयन तारामंडल को ‘शिकारी’ भी कहते हैं।
3. कैसियोपिया तारामंडल अंग्रेज़ी के अक्षर W तथा M के बिगड़े रूप जैसा दिखाई देता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त सभी कथन सही हैं। प्राचीन काल में मनुष्यों ने आकाश में तारों को पहचानने के लिये तारामंडलों की अभिकल्पना की थी। तारामंडलों की आकृति उन व्यक्तियों की सुपरिचित वस्तुओं के सदृश थी।
• सर्वविख्यात तारामंडलों में से एक अर्सामेजर को सप्तर्षि, बिग डिपर अथवा ग्रेट बीयर भी कहते हैं।
• ओरॉयन आकाश में सर्वाधिक भव्य तारामंडलों में गिना जाता है। इसे शिकारी भी कहते हैं।
• आकाश के उत्तरी भाग में एक अन्य प्रमुख तारामंडल कैसियोपिया है। यह अंग्रेज़ी के अक्षर W अथवा M के बिगड़े ( विकृत) रूप जैसा दिखाई देता है।
• सप्तर्षि जैसे उत्तरी गोलार्द्ध के कुछ तारामंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ स्थानों से नहीं दिखाई देते हैं।
• जिन तारों से मिलकर तारामंडल बना होता है, वे सब हमसे समान दूरी पर नहीं होते हैं। वे आकाश में केवल एक ही दृश्य रेखा में होते हैं ।
6. तारों और ग्रहों में अंतर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. तारों का अपना प्रकाश होता है, जबकि ग्रहों में नहीं ।
2. तारे टिमटिमाते हैं, जबकि ग्रह ऐसा नहीं करते ।
3. ग्रहों के सापेक्ष तारों की स्थिति में परिवर्तन होता रहता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या: कथन 1 सही है । तारों में अपना प्रकाश होता है, परंतु ग्रहों में नहीं। ग्रह केवल अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करते हैं।
• तारे टिमटिमाते हैं, जबकि ग्रह ऐसा नहीं करते। अतः कथन 2 भी सही है।
• कथन 3 गलत है क्योंकि तारों के सापेक्ष सभी ग्रहों की स्थिति बदलती रहती है, न कि ग्रहों के सापेक्ष तारों की ।
7. निम्नलिखित कृत्रिम उपग्रहों में से कौन-सा भारत द्वारा प्रमोचित पहला उपग्रह था ?
(a) आर्यभट्ट
(b) कल्पना-1
(c) एडुसैट (EDUSAT)
(d) इन्सैट (INSAT)
उत्तर : (a)
व्याख्या : भारत ने बहुत से कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण तथा प्रमोचन किया है । आर्यभट्ट भारत का प्रथम उपग्रह था।
8. क्षुद्रग्रह (Asteroids), धूमकेतु (Comets) तथा उल्का (Meteors) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच में उपस्थित हैं।
2. धूमकेतु परवलीय कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
3. उल्का को टूटता तारा या शूटिंग स्टार कहते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं। मंगल तथा बृहस्पति की कक्षाओं के बीच काफी बड़ा अंतराल है। इस अंतराल को बहुत सारे ऐसे छोटे-छोटे पिंडों ने घेर रखा है, जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं, इन्हें क्षुद्रग्रह कहते हैं।
• धूमकेतु परवलीय कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। इनका परिक्रमण काल सामान्यतः बहुत अधिक होता है। सामान्यतः धूमकेतु चमकीले सिर तथा लंबी पूँछ वाले होते हैं। जैसे-जैसे कोई धूमकेतु सूर्य के समीप आता जाता है, इसकी पूँछ आकार में बढ़ती जाती है । किसी धूमकेतु की पूँछ सदैव ही सूर्य से परे होती है ।
• कभी आकाश में प्रकाश की एक चमकीली धारी देखी जाती है, जिसे टूटता तारा या शूटिंग स्टार कहते हैं, परंतु ये तारा नहीं होता, इसे उल्का कहते हैं। उल्का सामान्यतः छोटे पिंड होते हैं जो यदा-कदा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं तथा वायुमंडलीय घर्षण के कारण तप्त होकर जल उठते हैं तथा चमक के साथ शीघ्र ही वाष्पित हो जाते हैं। कुछ उल्काएँ आकार में बड़ी होने के कारण पूर्णत: वाष्पित होने से पूर्व ही पृथ्वी पर पहुँच जाती हैं। ऐसा पिंड जो पृथ्वी पर पहुँचता है, उल्का पिंड ( Meteorite ) कहलाता है।
9. सूर्य पृथ्वी का निकटतम तारा है। सूर्य के पश्चात् दूसरा निकटतम तारा निम्नलिखित में से कौन-सा है ?
(a) सीरियस (Sirius)
(b) ध्रुवतारा (Pole Star )
(c) अल्फा सेन्टॉरी (Alpha Centauri)
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर : (c)
व्याख्या : सीरियस ( लुब्धक) आकाश में सबसे अधिक चमकीला तारा है जो ओरॉयन तारामंडल के निकट दिखाई देता है।
• ध्रुव तारा एक ऐसा तारा है जो पृथ्वी की अक्ष की दिशा में स्थित है। यह अधिक चमकीला नहीं है। इसे सप्तर्षि तारामंडल की सहायता से आसानी से पहचाना जा सकता है।
• अल्फा सेन्टॉरी तीन तारों से मिलकर बना पृथ्वी का दूसरा निकटतम तारा (तारा तंत्र) है। ये 3 तारे हैं-
1. अल्फा सेन्टॉरी A
2. अल्फा सेन्टॉरी B
3. अल्फा सेन्टॉरी C अथवा प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी
• इनमें अल्फा सेन्टॉरी A तथा B चमकीले, जबकि प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी कम चमकीला तारा है । इन तीनों तारों में प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी पृथ्वी के सबसे निकट है। ये तीनों सामान्यतः देखने पर एक ही दिखाई देते हैं। तथा मिलकर सीरियस और कैनोपस (Canopus) के बाद तीसरा सबसे चमकीला तारा बनते हैं।

18. वायु तथा जल का प्रदूषण

1. पेट्रोल तथा डीजल आधारित वाहनों से विभिन्न प्रकार की प्रदूषक गैसें निकलती हैं, इन गैसों में मुख्य हैं-
1. कार्बन डाइऑक्साइड
2. कार्बन मोनोऑक्साइड
3. नाइट्रोजन के ऑक्साइड
4. क्लोरोफ्लोरो कार्बन
(a) केवल 1, 2, 3
(b) केवल 1, 3, 5
(c) केवल 1, 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर : (a)
व्याख्या : पेट्रोल तथा डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों के दहन से कार्बन तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनते हैं जबकि इनके अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है। कार्बन मोनोऑक्साइड एक विषैली गैस | है। यह रुधिर के आक्सीजन वहन की क्षमता घटा देती है जिसका मानव शरीर पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है।
• क्लोरोफ्लोरो कार्बन का उपयोग रेफ्रिजरेटरों, एअर कंडीशनर तथा एरोसॉल फुहार में होती है। यह वायुमंडल के ओजोन परत को क्षति पहुँचाती है।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
1. ओज़ोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाव करती है।
2. धुँए में नाइट्रोजन के आक्साइड, अन्य वायु प्रदूषकों तथा कोहरे से मिलकर धूम कोहरा बनाते हैं।
3. पेट्रोलियम परिष्करणशालाएँ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइआक्साइड जैसी गैसीय प्रदूषकों के प्रमुख स्रोत हैं।
4. पेट्रोल तथा डीजल ईंधनों के अपूर्ण दहन से कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
उपर्युक्त में कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) केवल 4
उत्तर : (d)
व्याख्या : पेट्रोल तथा डीजल के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है न कि कार्बन डाइऑक्साइड ।
3. वैश्विक ऊष्मन में योगदान देने वाली गैसें हैं-
1. कार्बन डाइऑक्साइड
2. मेथेन
3. नाइट्रस आक्साइड
4. जलवाष्प
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर : (d)
व्याख्या : वैश्विक ऊष्मन में कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड के साथ-साथ जलवाष्प भी योगदान देती है।
4. कुछ तालाबों के जल देखने में हरे रंग के प्रतीत होते हैं, ऐसा-
1. जल में शैवालों की अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है।
2. फॉस्फेट, नाइट्रेट एवं अन्य प्रदूषक जल के साथ मिलकर इसे हरा रंग प्रदान करते हैं।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) उपर्युक्त में कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या : विभिन्न प्रकार के उर्वरकों का प्रयोग खेतों में होता है। ये उर्वरक जल के साथ घुलकर जलाशयों, नदी, नालों, तालाबों में पहुँच जाते हैं। साथ ही भूमि में रिसकर भौम- जल को प्रदूषित भी करते हैं। इन उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फॉस्फेट जैसे रसायन तालाब के जल में मिल जाते हैं तो पोषकों में वृद्धि के कारण शैवाल तेज़ी से उगने लगते हैं। ये शैवाल सामान्यतः हरे रंग के होते हैं जिसके कारण संपूर्ण तालाब ही हरे रंग का दिखाई देने लगता है।
5. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) आर्सेनिक, लेड, फ्लोराइड जैसे तत्त्व जल को प्रदूषित करते हैं जिनसे पौधों तथा पशुओं में आविषता उत्पन्न हो जाती है।
(b) अशुद्ध जल से मृदा भी प्रभावित होती है जिससे उसकी अम्लीयता परिवर्तित हो जाती है।
(c) विद्युत संयंत्रों तथा अन्य उद्योगों से निकला गर्म जल भी जलाशयों की ताप वृद्धि करके एक प्रदूषक की तरह कार्य करता है।
(d) जल में नाइट्रेट एवं फॉस्फेट रसायनों की अधिक मात्रा शैवालों की वृद्धि हेतु हानिकारक है।
उत्तर : (d)
व्याख्या : जल में नाइट्रेट एवं फॉस्फेट रसायनों की अधिकता शैवालों को पोषण प्रदान करता है। इस प्रकार यह उनकी वृद्धि हेतु लाभदायक है।

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