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NCERT | Science | Objective | Class-XI | सामान्य विज्ञान (रसायन विज्ञान)

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NCERT | Science | Objective | Class-XI | सामान्य विज्ञान (रसायन विज्ञान)

रसायन विज्ञान

1. परमाणु की संरचना

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. x – किरणों की खोज विल्हेम रॉन्टजेन ने की थी ।
2. x – किरणों की तरंगदैर्ध्य बहुत अधिक होती है ।
3. रेडियोएक्टिवता की खोज हेनरी बैकुरल ने की।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
2. निम्नलिखित में से हाइड्रोजन के किस समस्थानिक के नाभिक में कोई न्यूट्रॉन नहीं होता है ?
(a) प्रोटियम
(b) ड्यूटीरियम
(c) ट्राइटियम
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a)
3. परमाणु रिएक्टर में मॉडरेटर ( मंदक) के रूप में किस पदार्थ का उपयोग किया जाता है ?
(a) H2O
(b) D2O
(c) ग्रेफाइट
(d) (b) और (c) दोनो
उत्तर : (d)
4. निम्नलिखित में से हाइड्रोजन के संदर्भ में, कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) हाइड्रोजन सबसे हल्की गैस है।
(b) हाइड्रोजन संक्षारक नहीं हो सकता ।
(c) ड्यूटीरियम भारी हाइड्रोजन का दूसरा नाम है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या : हाइड्रोजन पृथ्वी पर व्याप्त सबसे हल्की गैस है। अतः विकल्प (a) सत्य है।
• हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, अधात्विक, स्वादहीन तथा अत्यधिक ज्वलनशील गैस है।
• हाइड्रोजन उच्च तापमान तथा दबाव के कारण संक्षारक भी हो सकता है। अत: विकल्प (b) असत्य है।
• हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं, जिनमें ड्यूटीरियम भारी हाइड्रोजन का दूसरा नाम है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

2. तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

1. कैल्शियम तथा मैग्नीशियम निम्नलिखित में से किस ब्लॉक के तत्त्व हैं?
(a) s- ब्लॉक
(b) p-ब्लॉक
(c) d- ब्लॉक
(d) f-ब्लॉक
उत्तर : (a)
2. निम्नलिखित में से किस ब्लॉक के तत्त्वों को संक्रमण तत्त्व (Transition Elements) कहा जाता है ?
(a) s- ब्लॉक
(b) p- ब्लॉक
(c) d- ब्लॉक
(d) f-ब्लॉक
उत्तर : (c)
व्याख्या : आवर्त सारणी के मध्य में स्थित वर्ग 3 से वर्ग 12 वाले तत्त्व d – ब्लॉक के तत्त्व कहलाते हैं। इस ब्लॉक के तत्त्वों की पहचान इनके आंतरिक d – ऑर्बिटल में इलेक्ट्रॉनों के भरे जाने के आधार पर की जाती है। यही कारण है कि ये तत्त्व d-ब्लॉक के तत्त्व कहलाते हैं।
• d – ब्लॉक के तत्त्व रासायनिक तौर पर अतिक्रियाशील s-ब्लॉक के तत्त्वों तथा कम क्रियाशील 13वें एवं 14वें वर्गों के तत्त्वों के बीच एक प्रकार से सेतु का कार्य करते हैं। इसी कारण d-ब्लॉक के तत्त्वों को ‘संक्रमण तत्त्व’ भी कहते हैं।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
3.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. आवर्त सारणी के अंतर्गत वर्ग 16 के तत्त्वों को ‘हैलोजन’ (Halogens) कहा जाता है। तथा वर्ग 17 के तत्त्वों को ‘चाल्कोजन’ (Chalcogen) कहा जाता है।
2. वर्ग 16 एवं वर्ग 17 के तत्त्वों की उच्च ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी (Negative Electron Gain Enthalpy) होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: कथन 1 सही नहीं है क्योंकि आवर्त सारणी के p-ब्लॉक के वर्ग 16 के तत्त्वों को ‘चाल्कोजन (Chalcogen)’ तथा वर्ग 17 के तत्त्वों को हैलोजन (Halogens) कहा जाता है।
• इन दो वर्गों के तत्त्वों की उच्च ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी (Negative Electron Gain Enthalpy) होती है ।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
4. निम्नलिखित परमाणुओं / आयनों में से किसकी त्रिज्या अधिकतम होगी ?
(a) Mg
(b) Mg2+
(c) Al
(d) Al3+
उत्तर : (a)
व्याख्या : आवर्त में बाईं से दाईं ओर बढ़ने पर परमाणु त्रिज्या (Atomic |Radius) का मान घटता है। धनायन का आकार उसके जनक परमाणु की तुलना में छोटा होता है। समइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज़ (परमाणु / आयन) में अधिक नाभिकीय आवेश वाले परमाणु/आयनों की त्रिज्या छोटी होती है । अत: अधिकतम आकार वाला परमाणु Mg तथा न्यूनतम आकार वाला आयन Al3+ होगा ।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

3. रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

1. आबंध कोटि (Bond Order) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. किसी अणु में दो परमाणुओं के मध्य आबंधों की संख्या आबंध कोटि कहलाती है।
2. समइलेक्ट्रॉनिक अणुओं तथा आयनों में आबंध कोटि समान होती है।
3. आबंध – कोटि बढ़ने पर आबंध – लंबाई घटती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. सिग्मा (σ) आबंध की प्रबलता, पाई (π) आबंध की तुलना में अधिक होती है।
2. दो परमाणुओं के बीच पाई (π) आबंध सदैव सिग्मा (σ) आबंध के साथ ही पाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: मूलतः आबंध की प्रबलता (Strength of Band) अतिव्यापन | (Overlapping) की सीमा पर निर्भर करती है। सिग्मा आबंध (Sigma Bond) में कक्षकों का अतिव्यापन अधिक होता है। इसलिये सिग्मा आबंध, पाई आबंध की तुलना में अधिक प्रबल होता है। अतः कथन 1 सत्य है।
• दो परमाणुओं के बीच पाई (π) आबंध ( Pi Bond) कभी अकेला नहीं पाया जाता है। यह सदैव सिग्मा (σ) आबंध के साथ ही होता है यह सदैव उन अणुओं में पाया जाता है, जिनमें द्विआबंध या त्रिआबंध उपस्थित होते हैं। अतः कथन 2 सत्य है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
3. ऐसा आबंध जो एक ही अणु में उपस्थित हाइड्रोजन परमाणु तथा अधिक विद्युत ऋणात्मक परमाणु के बीच बनता है क्या कहलाता है?
(a) अंतर – अणुक हाइड्रोजन बंध
(b) अंतरा – अणुक हाइड्रोजन बंध
(c) बाह्य अणुक हाइड्रोजन बंध
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (b)
4. निम्नलिखित कथनों में से द्विध्रुव आघूर्ण (Dipole Moment) के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) द्विध्रुव आघूर्ण को सामान्यत: डिबाए (Debye) मात्रक (D) के रूप में व्यक्त किया जाता है।
(b) द्विध्रुव आघूर्ण को सामान्यतः ग्रीक शब्द ‘µ’ द्वारा दर्शाया जाता है।
(c) द्विध्रुव आघूर्ण एक अदिश राशि है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (c)

4. द्रव्य की अवस्थाएँ

1. द्रव्य की गैसीय अवस्था के भौतिक गुणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. गैसें अत्यधिक संपीड्य होती हैं।
2. गैसों की आकृति तथा आयतन अनिश्चित होता है।
3. गैसें अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग दाब प्रेषित करती हैं।
4. ठोस तथा द्रवों की तुलना में गैसों का घनत्व अत्यंत कम होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) केवल 1, 2 और 4
उत्तर : (d)
व्याख्या: गैसीय अवस्था द्रव्य की सरलतम अवस्था है। गैसीय अवस्था को निम्नलिखित भौतिक गुणों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है-
• गैसें अत्यधिक संपीड्य (Compressible) होती हैं।
• गैसें सभी दिशाओं में समान दाब प्रेषित करती हैं। अतः कथन 3 सही नहीं है।
• ठोस तथा द्रवों की तुलना में गैसों का घनत्व अत्यंत कम होता है।
• गैसों की आकृति तथा आयतन अनिश्चित होता है। ये पात्र की आकृति तथा आयतन (Shape and Volume) अपना लेती हैं।
• गैस किसी यांत्रिक सहायता के बिना प्रत्येक अनुपात में पूर्ण मिश्रित होती है।
• उपर्युक्त गैसीय गुणों के आधार पर कथन 1, 2 व 4 सही हैं तथा कथन 3 सही नहीं है।
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
2. निम्नलिखित में से बॉयल का नियम किस पर आधारित है? –
(a) ताप – आयतन संबंध पर
(b) दाब – आयतन संबंध पर
(c) आयतन – मात्रा संबंध पर
(d) दाब – ताप संबंध पर
उत्तर : (b)
3. ” स्थिर आयतन पर किसी निश्चित मात्रा वाली गैस का दाब उसके परम ताप के समानुपाती होता है।” यह निम्नलिखित में से कौन-सा नियम है?
(a) चार्ल्स का नियम
(b) बॉयल का नियम
(c) गे-लुसैक का नियम
(d) आदर्श गैस का नियम
उत्तर : (c)
4. आदर्श गैस के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. यह गैस बॉयल, चार्ल्स तथा एवागैड्रो नियम का पूर्णतः पालन करती है।
2. यह एक काल्पनिक गैस है।
3. इसके अणुओं के मध्य अंतरा – अणुक बल उपस्थित नहीं होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)

5. ऊष्मागतिकी

1. ऊष्मागतिकी (Thermodynamics) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a ) ऐसा निकाय ( System) जिसमें ऊर्जा एवं द्रव्य दोनों का निकाय एवं परिवेश (Surrounding) के मध्य विनिमय हो सकता है, खुला निकाय (Open System) कहलाता है।
(b) ऐसा निकाय ( System) जिसमें निकाय एवं परिवेश (Surrounding) के मध्य द्रव्य का विनियम संभव नहीं है परंतु ऊर्जा का विनियम हो सकता है, बंद निकाय (Closed System) कहलाता है।
(c) ऐसा निकाय ( System) जिसमें निकाय एवं परिवेश के मध्य द्रव्य का विनिमय संभव है परंतु ऊर्जा का विनियम संभव नहीं है, विलगित निकाय (Isolated System) कहलाता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (c)
व्याख्या : ऊष्मागतिकी में निकाय का अर्थ ब्रह्माण्ड के उस भाग से है, जिस पर प्रेक्षण (Observations) किये जाते हैं तथा इसका शेष भाग ‘परिवेश’ कहलाता है। परिवेश में निकाय को छोड़कर सब कुछ सम्मिलित है। निकाय एवं परिवेश दोनों से मिलकर ब्रह्मांड बनता है।
निकाय + परिवेश = ब्रह्माण्ड
निकाय के प्रकार निम्नलिखित हैं-
• खुला निकाय (Open System) : एक खुले निकाय में ऊर्जा एवं द्रव्य दोनों का निकाय एवं परिवेश के मध्य विनिमय (Exchange) हो सकता है। उदाहरणार्थ: अभिकारक ( Reactants) एक खुले बीकर मे लिये जाएँ। अतः विकल्प (a) सत्य है ।
• बंद निकाय (Closed System ) : बंद निकाय में निकाय एवं परिवेश के मध्य द्रव्य का विनिमय संभव नहीं है, परंतु ऊर्जा का विनिमय हो सकता है। जैसे- अभिकारक बंद बीकर में लिये जाएँ। अतः विकल्प (b) सत्य है।
• विलगित निकाय ( Isolated System ) : एक विलगित निकाय में निकाय एवं परिवेश के मध्य द्रव्य एवं ऊर्जा दोनों का ही विनिमय संभव नहीं होता है। उदाहरणार्थ: अभिकारक एक थर्मल फ्लास्क में लिये जाएँ। अतः विकल्प (c) असत्य है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
2. ऐसा निकाय जिसमें निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा का प्रवाह नहीं होता क्या कहलाता है ?
(a) खुला निकाय (Open system)
(b) रुद्धोष्म निकाय (Adiabatic System)
(c) बंद निकाय (Closed System)
(d) (a) और (b) दोनों
उत्तर : (b)
व्याख्या: ऐसा निकाय जिसमें निकाय एंव परिवेश के मध्य ऊष्मा का प्रवाह नहीं होता है, रुद्धोष्म निकाय कहलाता है। ऐसे निकाय में अवस्था परिवर्तन को रुद्धोष्म प्रक्रम (Adiabatic Process) कहते हैं।
• इसमें निकाय एवं परिवेश के मध्य कोई ऊष्मा-विनिमय नहीं होता । यहाँ पर निकाय एवं परिवेश को पृथक् करने वाली दीवार ‘रुद्धोष्म ‘दीवार’ (Adiabatic Wall) कहलाती है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
3. निम्नलिखित विकल्पों से ऊष्माधारिता (Heat Capacity) किस रूप में परिलक्षित होती है?
(a) दाब वृद्धि के रूप में
(b) ताप वृद्धि के रूप में
(c) तापांतर के रूप में
(d) ताप में कमी के रूप में
उत्तर : (b)
व्याख्या: यदि निकाय ( System) द्वारा ऊष्मा ग्रहण की जाए, तो यह ताप में वृद्धि के रूप में परिलक्षित होती है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
4. ‘ ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत’ निम्नलिखित में से किससे संबंधित है ?
(a) ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से
(b) ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम से
(c) ऊष्मागतिकी के तृतीय नियम से
(d) संवेग संरक्षण के नियम से
उत्तर : (a)
व्याख्या : ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम के अनुसार, “एक विलगित निकाय की ऊर्जा अपरिवर्तनीय होती है। “
• ब्रह्मांड भी एक विलगित निकाय (Isolated System) है अत: नियम को निम्नलिखित प्रकार से भी कहा जा सकता है- ” ब्रह्माण्ड की ऊर्जा अपरिवर्तनीय है। ” सामान्यतः इसे ‘ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत’ कहते हैं, अर्थात् ऊर्जा न तो नष्ट की जा सकती है और न ही इसका सृजन किया जा सकता है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं (Exothermic Reactions) से निकली ऊर्जा वातावरण में अव्यवस्था बढ़ा देती है और कुल मिलाकर एन्ट्रॉपी परिवर्तन धनात्मक होता है जो अभिक्रिया को स्वतः प्रवर्तित बना देता है।
2. ऊष्मागतिकी के दूसरे नियम के अनुसार किसी शुद्ध क्रिस्टलित पदार्थ का ताप जैसे-जैसे परम शून्य की ओर बढ़ता है वैसे-वैसे एन्ट्रॉपी भी शून्य की ओर बढ़ती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा / से सत्य है / हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या : ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम स्पष्ट करता है कि स्वतः प्रवर्तित (Spontaneous) ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ इतनी आम क्यों होती हैं। इसके अनुसार- ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं से निकली ऊर्जा वातावरण में अव्यवस्था बढ़ा देती है और कुल मिलाकर एन्ट्रॉपी परिवर्तन धनात्मक होता है, जो अभिक्रिया को स्वतः प्रवर्तित बना देता है। अतः कथन 1 सत्य है।
• किसी शुद्ध क्रिस्टलित पदार्थ का ताप जैसे-जैसे परम शून्य की ओर बढ़ता है वैसे-वैसे एन्ट्रॉपी भी शून्य की ओर बढ़ती है, इसे ऊष्मागतिकी का तीसरा नियम कहते हैं। अतः कथन 2 असत्य है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

6. साम्यावस्था

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. भौतिक प्रक्रमों तथा रासायनिक अभिक्रियाओं दोनों में साम्यावस्था स्थापित हो सकती है।
2. अभिक्रिया का तीव्र अथवा मंद होना उसकी प्रकृति एवं प्रायोगिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
3. वायुमंडलीय दाब पर किसी शुद्ध पदार्थ के लिये वह ताप, जिस पर ठोस एवं द्रव प्रावस्थाएँ साम्यावस्था में होती हैं, पदार्थ का ‘क्रांतिक ताप’ कहलाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
2. द्रव – वाष्प साम्यावस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये : 
1. द्रव का वाष्प – दाब ताप के साथ बढ़ता है।
2. उच्च वाष्प – दाब वाला द्रव अधिक वाष्पशील होता है एवं उसका क्वथनांक कम होता है।
3. द्रव का क्वथनांक वायुमंडलीय दाब पर निर्भर नहीं करता।
4. अधिक ऊँचाई पर द्रव का क्वथनांक बढ़ता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) 1, 2, 3 और 4
(d) केवल 1 और 2
उत्तर : (d)
व्याख्या : साम्यावस्था में जल – अणुओं द्वारा उत्पन्न दाब किसी दिये ताप पर स्थिर रहता है, इसे जल का ‘साम्य वाष्प-दाब’ कहते हैं। द्रव का वाष्प – दाब ताप के साथ बढ़ता है तथा अपेक्षाकृत उच्च वाष्प- दाब वाला द्रव अधिक वाष्पशील होता है एवं उसका क्वथनांक (Boiling Point) कम होता है। अतः कथन 1 और कथन 2 सही हैं।
• किसी शुद्ध द्रव के लिये एक वायुमंडलीय दाब (1.013 बार) पर वह ताप, जिस पर द्रव एवं वाष्प साम्यावस्था में हों, ‘द्रव का सामान्य क्वथनांक’ कहलाता है। द्रव का क्वथनांक वायुमंडलीय दाब पर निर्भर करता है।
• यह स्थान की ऊँचाई पर भी निर्भर करता है। अधिक ऊँचाई पर द्रव का क्वथनांक घटता है।
• अतः कथन 3 और कथन 4 गलत हैं।
अत: विकल्प (d) सही उत्तर है।
3. ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया के साम्यावस्था स्थिरांक पर तापक्रम बढ़ने पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(a) बढ़ता है
(b) घटता है
(c) अपरिवर्तित रहता है
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (b)
4. निम्नलिखित कथनों में से अम्ल व क्षार के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) जठर रस, जिसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पाया जाता है, हमारे आमाशय द्वारा प्रचुर मात्रा में स्रावित होता है।
(b) क्षारक नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
(c) सिरके का मुख्य अवयव एसीटिक अम्ल है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या: अम्ल, क्षारक एवं लवण (Acid, Bases and Salts) प्रकृति में व्यापक रूप से पाए जाते हैं। जठर रस (Gastric Juice), जिसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पाया जाता है, हमारे आमाशय द्वारा प्रचुर मात्रा में स्रावित होता है। यह पाचन क्रिया के लिये अति आवश्यक है।
• सिरके का मुख्य अवयव एसीटिक अम्ल है।
• नींबू एवं संतरे के रस में सिट्रिक अम्ल एवं एस्कॉर्बिक अम्ल तथा इमली में टार्टरिक अम्ल पाया जाता है।
• अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं तथा धातुओं से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन उत्पन्न करते हैं। इसी प्रकार क्षारक लाल लिटमस को नीला करते हैं तथा स्वाद में कड़वे और स्पर्श में साबुनी होते हैं। अतः विकल्प (b) असत्य है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
5. ऐसा विलयन जिनका PH तनु करने अथवा अम्ल या क्षारक की थोड़ी-सी मात्रा मिलाने के बाद भी अपरिवर्तित रहता है, क्या कहलाता है?
(a) बफर विलयन
(b) सांद्र विलयन
(c) अतिसंतृप्त विलयन
(d) असंतृप्त विलयन
उत्तर : (a)
व्याख्या: ऐसा विलयन, जिनका PH तनु करने अथवा अम्ल या क्षारक की थोड़ी सी मात्रा मिलाने के बाद भी अपरिवर्तित रहता है, बफर – विलयन (Buffer Solutions) कहलाते हैं।
• सांद्र विलयन: जब किसी विलयन में विलेय की मात्रा अधिक और विलायक की मात्रा कम हो, तो ऐसा विलयन सांद्र विलयन कहलाता है।
• अतिसंतृप्त विलयन (Supersaturated Solution) : ऐसा विलयन जिसमें विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्त अवस्था से भी अधिक हो, अतिसंतृप्त विलयन कहलाता है।
• असंतृप्त विलयन (Unsaturated Solution) : एक निश्चित ताप पर यदि किसी विलयन में विलेय की और अधिक मात्रा घोली जा सके, ऐसा विलयन असंतृप्त विलयन कहलाता है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

7. अपचयोपचय (रेडॉक्स) अभिक्रियाएँ

1. ‘ऑक्सीकरण’ क्या है?
(a) किसी पदार्थ में ऑक्सीजन / ऋणविद्युती तत्त्व का समावेश
(b) किसी पदार्थ से हाइड्रोजन / धनविद्युती तत्त्व का निष्कासन
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (c)
व्याख्या : ऑक्सीकरण (Oxidation) को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है- “किसी पदार्थ में ऑक्सीजन /ऋणविद्युती तत्त्व का समावेश या हाइड्रोजन / धनविद्युती तत्त्व का निष्कासन ऑक्सीकरण कहलाता है।”
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
2. क्लोरीन की विरंजक क्रिया निम्नलिखित में से किसके कारण होती है ?
(a) जल अपघटन
(b) अपघटन
(c) ऑक्सीकरण
(d) अपचयन
उत्तर : (c)
3. निम्नलिखित में से ऐसी कौन सी अभिक्रिया है, जिसमें ऑक्सीकरण एवं अपचयन दोनों साथ-साथ होते हैं?
(a) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
(b) रेडॉक्स अभिक्रिया
(c) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (b)
व्याख्या: ऐसी अभिक्रिया जिसमें ऑक्सीकरण एवं अपचयन (Reduction ) दोनों साथ-साथ होते हैं, रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

8. हाइड्रोजन

1. हाइड्रोजन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. पृथ्वी की सतह पर अतिबाहुल्यता के क्रम में इसका तीसरा स्थान है।
2. इसके दो समस्थानिक होते हैं।
3. इसके समस्थानिकों में केवल ट्राइटियम रेडियोसक्रिय है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) केवल 1 और 3
उत्तर : (d)
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन गैस है।
2. हाइड्रोजन जल में घुलनशील है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या : हाइड्रोजन के भौतिक गुण-
• हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन एवं दहनशील गैस है।
• यह वायु से हल्की तथा जल में अघुलनशील है। अतः कथन 1 सही और कथन 2 गलत है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. डाइहाइड्रोजन का उपयोग अंतरिक्ष अनुसंधान में रॉकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
2. डाइहाइड्रोजन का उपयोग ईंधन सेलों में विद्युत उत्पादन के लिये किया जाता है।
3. डाइहाइड्रोजन का उपयोग बहुअसंतृप्त वनस्पति वसा के उत्पादन में होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : डाइहाइड्रोजन के अनुप्रयोग-
• डाइहाइड्रोजन का एकल वृहद् अनुप्रयोग अमोनिया के संश्लेषण में होता है, जो नाइट्रिक अम्ल तथा नाइट्रोजनी उर्वरक उत्पादन में काम आता है।
• इसका उपयोग बहुअसंतृप्त वनस्पति तेलों (Polyunsaturated Vegetable Oils) से वनस्पति वसा के उत्पादन में होता है।
• इसका उपयोग अति उपयोगी रसायन के निर्माण में होता है।
• डाइहाइड्रोजन का उपयोग अंतरिक्ष अनुसंधान में रॉकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
• इसका उपयोग ईंधन सेलों (Fuel Cells) में विद्युत उत्पादन के लिये किया जाता है। परंपरागत जीवाश्म ईंधन और विद्युत शक्ति की तुलना में डाइहाइड्रोजन का प्रयोग ईंधन रूप में करने से अनेक लाभ होते हैं। अतः कथन 1, 2 और कथन 3 तीनों सही है।
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
4. जल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) मानव शरीर में लगभग 65% जल होता है।
(b) जल का घनत्व बर्फ से कम होता है।
(c) जल उभयधर्मी प्रकृति का होता है अर्थात् अम्ल तथा क्षार दोनों रूपों में व्यवहार करता है।
(d) जल अनेक आयनिक यौगिकों को घोलने में सक्षम होता है।
उत्तर : (b)
व्याख्या: सभी सजीवों का एक वृहद् भाग जल द्वारा निर्मित है। मानव शरीर में लगभग 65% एवं कुछ पौधों में लगभग 95% जल होता है। जीवों को जीवित रखने के लिये जल एक महत्त्वपूर्ण यौगिक है। अतः विकल्प (a) सत्य है।
• जल का क्रिस्टलीय प्रारूप बर्फ है। वायुमंडलीय दाब पर बर्फ का किस्टलीकरण षट्कोणीय (Hexagonal) आकृति के रूप होता है, परंतु न्यून ताप पर इसका संघनन घनीय (Cubic) आकृति के रूप में होता है। बर्फ का घनत्व जल से कम होता है फलतः बर्फ का टुकड़ा जल में तैरता है। अतः विकल्प (b) असत्य है।
• जल अम्ल तथा क्षार दोनों रूपों में व्यवहार करता है। अत: यह उभयधर्मी (Amphoteric) है। अत: विकल्प (c) सत्य है।
• जल का पराविद्युतांक (Dielectric Constant) उच्च होने के कारण इसमें प्रबल जलयोजन गुण पाया जाता है। अतः यह अनेक आयनिक यौगिकों को घोलने में सक्षम है। अतः विकल्प (d) सत्य है।
अतः विकल्प (b) सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर है।
5. जल की अस्थायी कठोरता को दूर करने के लिये प्रयोग की जाने चाली विधि/विधियाँ है/हैं-
1. उबालना
2. क्लार्क विधि
3. केलगॉन विधि
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
6. निम्नलिखित विधियों में से ऐसी कौन सी विधि है, जो जल की स्थायी कठोरता को दूर करने से संबंधित नहीं है?
(a) क्लार्क विधि
(b) आयन विनिमय विधि
(c) संश्लेषित रेजिन विधि
(d) धावन सोडा के उपचार से
उत्तर : (a)

9. s-ब्लॉक तत्त्व

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. s – कक्षक में अधिकतम 2 ही इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं।
2. आवर्त सारणी के केवल 2 ही वर्ग s – ब्लॉक के तत्त्वों के अंतर्गत आते हैं।
3. फ्रेन्सियम एक अति रेडियोसक्रिय तत्त्व है।
उपर्युक्त कथनों में से s – ब्लॉक के संदर्भ में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
2. आवर्त सारणी में लीथियम से सीज़ियम की ओर जाने पर क्षार धातुओं का घनत्व-
(a) कम होता जाता है।
(b) बढ़ता जाता है।
(c) अपरिवर्तित रहता है।
(d) पहले बढ़ता है, फिर घटता है ।
उत्तर : (a)
व्याख्या: क्षार धातुएँ बहुत ही नरम, हल्की तथा चांदी के समान श्वेत होती हैं। बड़ा आकार होने के कारण इनका घनत्व कम होता है, जो लीथियम से सीज़ियम की ओर नीचे जाने पर कम होता जाता है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
3. पेट्रोलियम के परिष्करण में तथा बॉक्साइड के शुद्धीकरण में निम्नलिखित में से किसका उपयोग किया जाता है?
(a) सोडियम बाई कार्बोनेट (बेकिंग सोडा) (NaHCO3) का
(b) सोडियम हाइड्रॉक्साइड (कॉस्टिक सोडा) (NaOH) का
(c) सोडियम क्लोराइड (NaCl) का
(d) सोडियम कार्बोनेट ( धावन सोडा) (Na2CO3.10H2O)
उत्तर : (b)
4. कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) कैल्शियम कार्बोनेट श्वेत रवादार पाउडर होता है।
(b) यह जल में पूर्णत: विलेय है।
(c) इसका उपयोग संगमरमर के रूप में भवन निर्माण में किया जाता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (b)

10. p-ब्लॉक तत्त्व

1. p-ब्लॉक के तत्त्वों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. आवर्त सारणी में p-ब्लॉक के 13 से 18 तक छ: समूह हैं।
2. p-ब्लॉक के एक तत्त्व द्वारा दर्शायी जाने वाली अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था उसके संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या से भिन्न होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
2. कार्बन के अपरूप (Allotrope) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. कार्बन के केवल क्रिस्टलीय अपरूप होते हैं।
2. हीरा तथा ग्रेफाइट कार्बन के दो प्रमुख क्रिस्टलीप रूप हैं।
3. हीरा पृथ्वी पर पाया जाने वाला सर्वाधिक कठोर पदार्थ है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) केवल 1 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या : कार्बन के क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय दोनों ही अपरूप होते हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।
• हीरा तथा ग्रेफाइट कार्बन के दो प्रमुख क्रिस्टलीप रूप हैं।
• हीरा में क्रिस्टलीय जालक (Lattice) होता है। इसमें प्रत्येक परमाणु sp3 संकरित (Hybridisation) होता है तथा चतुष्फलकीय ज्यामिति से अन्य चार कार्बन परमाणुओं से जुड़ा रहता है। इस संरचना में संपूर्ण जालक में दिशात्मक सहसंयोजक बंध (Covalent Bonds) उपस्थित रहते हैं। इस प्रकार विस्तृत सहसंयोजक बंध को तोड़ना कठिन कार्य होता है। अतः हीरा पृथ्वी पर पाया जाने वाला सर्वाधिक कठोर पदार्थ है | अतः कथन 2 और कथन 3 सही हैं।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

11. पर्यावरणीय रसायन

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. पर्यावरणीय प्रदूषक ठोस, द्रव अथवा गैसीय पदार्थ हो सकते हैं।
2. हाइड्रोकार्बन केवल हाइड्रोजन तथा कार्बन के बने होते हैं।
3. सल्फर डाइऑक्साइड मनुष्य एवं जंतुओं के लिये हानिकारक नहीं हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 1
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: पर्यावरण प्रदूषण हमारे परिवेश में अवांछनीय परिवर्तन का परिणाम है। वह पदार्थ जो प्रदूषण उत्पन्न करता है, ‘प्रदूषक’ कहलाता है। प्रदूषक ठोस, द्रव और गैसीय पदार्थ हो सकते हैं। अतः कथन 1 सही है।
• हाइड्रोकार्बन केवल कार्बन तथा हाइड्रोजन के बने होते हैं। स्वचालित वाहनों में ईंधन के अपूर्ण दहन के कारण ये उत्पन्न होते हैं तथा अधिकांश हाइड्रोकार्बन कैंसरजन्य (Carcenogenic) होते हैं। अत: कथन 2 सही है।
• सल्फर डाइऑक्साइड एक गैस है, जो मनुष्य एवं जंतुओं के लिये विषैली है। ऐसा प्रतीत होता है कि सल्फर डाइऑक्साइड की सूक्ष्म सांद्रता (Concentration) मनुष्य में विभिन्न श्वसन रोगों का कारण होती है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
2. निम्नलिखित में से वायुमंडल के किस क्षेत्र में मनुष्य तथा अन्य प्राणी रहते हैं ?
(a) क्षोभमंडल
(b) समतापमंडल
(c) आयनमंडल
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या : वायुमंडल का सबसे निचला क्षेत्र, जिसमें मनुष्य तथा अन्य प्राणी रहते हैं, को ‘क्षोभमंडल’ ( Troposphere) कहते हैं। यह समुद्र | तल से 10 किमी. की ऊँचाई तक होता है। उसके ऊपर (समुद्र तल से 10 से 50 किमी. के मध्य ) ‘समतापमंडल’ (Stratosphere) होता है।
• क्षोभमंडल धूलकणों से युक्त क्षेत्र है, जिसमें वायु, जलवाष्प तथा बादल उपस्थित होते हैं।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड गैस केवल क्षोभमंडल में होती है।
(b) गर्भवती महिलाओं के रक्त में कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) की बढ़ी मात्रा स्वतः गर्भपात एवं बच्चों में विरूपता का कारण है।
(c) कार्बन मोनोऑक्साइड कार्बन के अपूर्ण दहन फलस्वरूप उत्पन्न होती है।
(d) कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ी हुई मात्रा भूमण्डलीय तापन के लिये उत्तरदायी नहीं है।
उत्तर : (d)
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. भूमंडलीय तापवृद्धि (Global Warming) में कार्बन डाइऑक्साइड का विशिष्ट योगदान है।
2. धान के खेतों, कोयले की खानों, दलदले क्षेत्रों द्वारा अधिक मात्रा में मीथेन गैस उत्पन्न होती है।
3. क्लोरोफ्लोरो कार्बन एक प्राकृतिक रसायन है, जो वायुप्रशीतक आदि में काम आता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा / से सही नहीं है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 2
(d) केवल 2 और 3
उत्तर : (b)
व्याख्या : सौर ऊर्जा का 75% भाग पृथ्वी की सतह द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है, जिससे इसके ताप में वृद्धि होती है। शेष ऊष्मा वायुमंडल में  पुन: विकरित हो जाती है। ऊष्मा का कुछ भाग वायुमंडल में उपस्थित गैसों (जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, ओज़ोन, क्लोरोफ्लोरो कार्बन यौगिकों तथा जलवाष्प) द्वारा प्रग्रहित कर लिया जाता है, जिससे वायुमंडल के ताप में वृद्धि होती है, यही भूमंडलीय तापवृद्धि (Global Warming) का कारण है।
• भूमंडलीय तापन में कार्बन डाइऑक्साइड का विशिष्ट योगदान है। अतः कथन 1 सही है।
• धान के खेतों, कोयले की खानों, दलदले क्षेत्रों तथा जीवाश्म ईंधनों द्वारा अधिक मात्रा में मीथेन उत्पन्न होती है। अतः कथन 2 सही है।
• क्लोरोफ्लोरो कार्बन मनुष्य द्वारा निर्मित रसायन है, जो वायुप्रशीतक (Air Conditioning) आदि में काम आता है। अतः कथन 3 सही नहीं है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है ।
5. आगरा शहर में स्थित ताजमहल अपना प्राकृतिक रंग एवं आभा खोता जा रहा है, इसका मुख्य कारण है-
(a) कणिकीय प्रदूषण
(b) धूम – कोहरा
(c) धूप
(d) अम्ल वर्षा
उत्तर : (d)
व्याख्या : आगरा शहर में स्थित ताजमहल के चारों ओर की वायु में सल्फर तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड की उच्च सांद्रता उपस्थित है। यह इस क्षेत्र के चारों ओर अधिक मात्रा में शक्ति संयंत्र एवं उद्योगों के कारण है। अम्ल वर्षा (Acid Rain) संपूर्ण विश्व को आकर्षित करने वाले इस अद्भुत स्मारक को हानि पहुँचाती है।
• अम्ल वर्षा के कारण यह स्मारक धीरे-धीरे क्षय हो रहा है तथा अपना प्राकृतिक रंग एव आभा खोता जा रहा है।
अतः विकल्प (d) सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर है।
6. ओज़ोन – परत के क्षय के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. ओज़ोन परत में अवक्षय का मुख्य कारण, क्लोरोफ्लोरो कार्बन यौगिकों (CFCs) का उत्सर्जन है।
2. ओज़ोन परत के क्षय के साथ अधिकाधिक पराबैंगनी विकिरण आयनमंडल में छनित होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्याः ऊपरी समतापमंडल में ओज़ोन (O3) की प्रचुर मात्रा होती है, जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से हमें बचाती है।
• ओजोन परत में अवक्षय का मुख्य कारण क्लोरोफ्लोरो कार्बन यौगिकों (CFCs) का उत्सर्जन है। जिन्हें फ्रिऑन (Freons) भी कहा जाता है। ये यौगिक अक्रिय (Non reactive), अज्वलनशील, विषहीन कार्बनिक अणु हैं। अतः कथन 1 सही है।
• ओजोन परत के क्षय के साथ अधिकाधिक पराबैंगनी विकिरण क्षोभमंडल में छनित होता है न कि आयनमंडल में। अतः कथन 2 सही नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

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