NCERT | Science | Objective | Class-XII | सामान्य विज्ञान (भौतिकी)
NCERT | Science | Objective | Class-XII | सामान्य विज्ञान (भौतिकी)
भौतिकी
1. विद्युत आवेश तथा क्षेत्र
1. सजातीय तथा विजातीय आवेशों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन- सा कथन सत्य है ?
(a) सजातीय आवेशों में आकर्षण तथा विजातीय आवेशों में प्रतिकर्षण होता है।
(b) विजातीय आवेशों प्रतिकर्षण होता है। आकर्षण तथा सजातीय आवेशों में
(c) सजातीय तथा विजातीय दोनों आवेशों में प्रतिकर्षण होता है।
(d) सजातीय तथा विजातीय दोनों आवेशों में आकर्षण होता है।
उत्तर : (b)
व्याख्या : घर्षण विद्युत (Frictional Electricity) के सरल प्रयोगों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि प्रकृति में दो प्रकार के आवेश होते हैं- सजातीय तथा विजातीय। सजातीय आवेशों (Like Charges) में प्रतिकर्षण (Repel) तथा विजातीय आवेशों (Unlike Charges) में आकर्षण होता है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
2. किसी बंद पृष्ठ S से होकर गुजरने वाले किसी विद्युत क्षेत्र का फ्लक्स उस पृष्ठ S द्वारा परिबद्ध कुल आवेश का 1/ε0 गुना होता है। यह निम्नलिखित में से कौन-सा नियम है?
(a) गाउस नियम
(b) कूलॉम नियम
(c) अध्यारोपण सिद्धांत
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या: गाउस नियम ( Gauss’s Law) : किसी बंद पृष्ठ S से होकर गुजरने वाले किसी विद्युत क्षेत्र का फ्लक्स उस पृष्ठ S द्वारा परिबद्ध कुल आवेश का 1/ε0 गुना होता है। यह नियम विद्युत क्षेत्र के निर्धारण में विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जबकि आवेश वितरण में सरल सममिति (Symmetry) हो।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
2. स्थिरविद्युत विभव तथा धारिता
1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. किसी समविभव पृष्ठ (Equipotential Surface) के किसी भी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र सदैव ही उस बिंदु पर अभिलंबवत होता है।
2. किसी भी आवेश विन्यास के लिये किसी भी बिंदु से गुजरने वाला समविभव पृष्ठ उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र के अभिलंबवत होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2 दोनों
(c) न तो 1 और न ही 2
(d) केवल 2
उत्तर : (b)
2. चालक – स्थिरविद्युतिकी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. धात्विक चालकों (Metallic Conductors) में गतिशील आवेश वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं।
2. ये इलेक्ट्रॉन धातु के अंदर गति करने के लिये मुक्त होने के साथ-साथ धातु से भी मुक्त हो सकते हैं।
3. अपघटनी (Electrolytic) चालकों में धनायन तथा ऋणायन दोनों ही आवेश वाहक होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / से गलत है / हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
व्याख्या : चालकों में गतिशील आवेश वाहक होते हैं। धात्विक चालकों में ये वाहक इलेक्ट्रॉन होते हैं। धातुओं में, बाह्य (संयोजी ) इलेक्ट्रॉन अपने परमाणु से अलग होकर गति करने के लिये मुक्त होते हैं। ये इलेक्ट्रॉन धातु के अंदर गति करने के लिये मुक्त होते हैं परंतु धातु | हो सकते। अतः कथन 1 सही है एवं कथन 2 गलत है। मुक्त नहीं
• अपघटनी चालकों में धनायन तथा ऋणायन दोनों ही आवेश वाहक होते हैं। अतः कथन 3 सही है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है ।
3. संधारित्र है-
(a) दो चालकों का निकाय जो एक दूसरे से संयोजित रहते हैं ।
(b) दो कुचालकों का निकाय जो एक दूसरे से पृथक रहते हैं।
(c) दो ऐसे चालकों का निकाय जो किसी विद्युतरोधी द्वारा एक-दूसरे से पृथक रहते हैं।
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (c)
3. विद्युत धारा
1. ओम के नियम के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प सही है?
(a) V = RI
(b) VR = I
(c) VI = R
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a)
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. अर्द्धचालकों (Semiconductor) की प्रतिरोधकता ताप में वृद्धि होने पर कम हो जाती है।
2. किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता प्रति एकांक आयतन में इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा उसमें होने वाले संघट्टों (Collisions) पर प्रतिलोमी रूप से निर्भर करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : धातुओं के विपरीत अर्द्धचालकों की प्रतिरोधकता (Resistivity) ताप में वृद्धि होने पर कम हो जाती है।
• किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता प्रति एकांक आयतन में इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा उसमें होने वाले संघट्टों पर प्रतिलोमी रूप से निर्भर करती है। जैसे-जैसे हम ताप बढ़ाते हैं, विद्युत धारा वहन करने वाले इलेक्ट्रॉनों की औसत चाल बढ़ती जाती है जिसके परिणामस्वरूप संघट्ट की आवृत्ति भी बढ़ती जाती है। इसलिये संघट्टों का औसत समय, ताप के साथ घटता है। अतः कथन 1 और कथन 2 दोनों सही हैं।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. किरचॉफ के प्रथम नियम के अनुसार, किसी बंद पाश (लूप) के चारों ओर विभव में परिवर्तन का बीजगणितीय योग शून्य होना चाहिये ।
2. किरचॉफ के द्वितीय नियम के अनुसार परिपथ के अवयवों की किसी संधि पर आगत धाराओं (Current) का योग निर्गत धाराओं के योग के तुल्य होना चाहिये।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2 दोनों
(c) केवल 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (d)
व्याख्या: किरचॉफ के नियम
• प्रथम नियम ( संधि नियम ): परिपथ के अवयवों की किसी संधि पर आगत धाराओं का योग निर्गत धाराओं के योग के तुल्य होना चाहिये। अतः कथन 1 सही नहीं है।
• द्वितीय नियम (पाश नियम ): किसी बंद पाश (लूप) के चारों ओर विभव में परिवर्तन का बीजगणितीय योग शून्य होना चाहिये। अतः कथन 2 सही नहीं है।
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
4. गतिमान आवेश और चुंबकत्व
1. साइक्लोट्रॉन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. साइक्लोट्रॉन आवेशित कणों अथवा आयनों का उच्च ऊर्जाओं तक त्वरित करने वाला यंत्र है।
2. आवेशित कणों की ऊर्जा में वृद्धि करने के लिये साइक्लोट्रॉन में केवल विद्युत क्षेत्र का उपयोग किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा / से सत्य नहीं है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 2
(c) न तो 1 और न ही 2
(d) 1 और 2 दोनों
उत्तर : (a)
व्याख्या : साइक्लोट्रॉन आवेशित कणों अथवा आयनों का उच्च ऊर्जाओं तक त्वरित करने वाला यंत्र है।
• इसका अविष्कार नाभिकीय संरचना के अन्वेषण के लिये सन् 1934 में ई. ओ. लॉरेंज तथा एम. एस. लिविंग्स्टन ने किया था।
• आवेशित कणों की ऊर्जा में वृद्धि करने के लिये साइक्लोट्रॉन में संयुक्त रूप में विद्युत क्षेत्र (Electric Field) तथा चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) दोनों का उपयोग किया जाता है। चूँकि ये दोनों क्षेत्र एक दूसरे के लंबवत लगाए जाते हैं, इन्हें क्रॉसित क्षेत्र कहते हैं। अतः कथन 1 सत्य है एवं कथन 2 सत्य नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
2. गैल्वेनोमीटर (Galvanometer) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सत्य नहीं है?
(a) इसका उपयोग संसूचक के रूप में विद्युत धारा का प्रवाह पता करने के लिये किया जा सकता है।
(b) गैल्वेनोमीटर का उपयोग किसी परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिये एमीटर की भाँति किया जा सकता है।
(c) गैल्वेनोमीटर का प्रतिरोध अधिक होता है जो परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के मान को परिवर्तित कर देता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या: गैल्वेनोमीटर का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। इसका उपयोग एक संसूचक (Detector) के रूप में यह ज्ञात करने के लिये किया जा सकता है कि परिपथ में कोई विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है अथवा नहीं। अतः विकल्प (a) सत्य है।
• गैल्वेनोमीटर का उपयोग इसी रूप में किसी परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिये एमीटर की भाँति नहीं किया जा सकता है। अतः विकल्प (b) सत्य नहीं है।
• विद्युत धारा को मापने के लिये गैल्वेनोमीटर को परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ना होता है। क्योंकि इसका प्रतिरोध अधिक होता है जो परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के मान को परिवर्तित कर देता है। अतः विकल्प (c) सत्य है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
3. निम्नलिखित में से कौन-सी एक अदिश राशि है?
(a) चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field)
(b) चुबकीय आघूर्ण (Magnetic Moment)
(c) वेग
(d) मुक्त आकाश की चुंबकशीलता (Permeability of Free Space)
उत्तर : (d)
5. चुंबकत्व एवं द्रव्य
1. किसी चुंबक को उसकी लंबाई के लंबवत दो खंडों में विभाजित करने पर प्राप्त होता है-
(a) दो चुंबक प्राप्त होते हैं जिसमें एक में उत्तरी तथा दूसरे में दक्षिणी ध्रुव होता है।
(b) दो चुंबक प्राप्त होते हैं जिनमें से प्रत्येक में एक उत्तरी तथा एक दक्षिणी ध्रुव होता है।
(c) चुंबक को विभाजित नहीं किया जा सकता
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (b)
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. लोहे तथा निकिल के आयन पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के लिये उत्तरदायी हैं।
2. चंद्रमा का कोई चुंबकीय क्षेत्र नहीं है।
3. बृहस्पति, जिसकी घूर्णन गति ग्रहों में सर्वाधिक है, इसका चुंबकीय क्षेत्र बहुत क्षीण है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: पृथ्वी का क्रोड बहुत गर्म तथा पिघली हुई अवस्था में है तथा लोहे एवं निकिल के आयन पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) के लिये उत्तरदायी हैं। अतः कथन । सही है।
• चंद्रमा जिसमें कोई द्रवीभूत क्रोड नहीं है, इसका कोई चुंबकीय क्षेत्र भी नहीं है। अतः कथन 2 सही है।
• शुक्र ग्रह जिसकी घूर्णन गति अत्यंत मंद है इसका चुंबकीय क्षेत्र भी बहुत क्षीण है, जबकि बृहस्पति, जिसकी घूर्णन गति ग्रहों में सर्वाधिक है, इसका चुंबकीय क्षेत्र भी पर्याप्त शक्तिशाली है । अतः कथन 3 सही नहीं है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
3. अनुचुंबकीय (Paramagnetic) पदार्थ के संबंध में निम्नलिखित में कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) अनुचुंबकीय पदार्थ ऐसे पदार्थ होते हैं जो बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षीण चुंबकत्व प्राप्त कर लेते हैं।
(b) किसी अनुचुंबकीय पदार्थ के परमाणुओं का अपना स्वयं का स्थायी चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण नहीं होता है।
(c) एल्युमीनियम, सोडियम, कैल्शियम अनुचंबकीय पदार्थ हैं।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (b)
व्याख्या : अनुचुंबकीय पदार्थ ऐसे पदार्थ होते हैं जो बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षीण चुंबकत्व ( Weakly Magnetised) प्राप्त कर लेते हैं। उनमें क्षीण चुंबकीय क्षेत्र से ओर जाने की प्रवृत्ति होती है अर्थात् ये चुंबक की ओर क्षीण बल द्वारा आकर्षित होते हैं। अतः कथन (a) सत्य है।
• किसी अनुचुंबकीय पदार्थ के परमाणुओं का अपना स्वयं का स्थायी चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण (Magnetic Dipole Moment) होता है। अतः कथन (b) असत्य है।
• कुछ अनुचुंबकीय पदार्थ हैं- एल्युमीनियम, सोडियम, कैल्शियम, ऑक्सीजन एवं कॉपर क्लोराइड । अतः कथन (c) सत्य है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
6. विद्युतचुंबकीय प्रेरण
1. फैराडे के विद्युतचुंबकीय प्रेरण के नियम के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है ?
(a) प्रेरित विद्युत वाहक बल ( Induced emf) का परिमाण चुंबकीय फ्लक्स में समय के साथ होने वाले परिवर्तन की दर के बराबर होता है।
(b) प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण चुंबकीय फ्लक्स में समय के साथ होने वाले परिवर्तन की दर से अधिक होता है।
(c) प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण चुंबकीय फ्लक्स में समय के साथ होने वाले परिवर्तन की दर के व्युत्क्रमानपाती होता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (a)
व्याख्या : फैराडे ने प्रायोगिक प्रेक्षणों को एक नियम के रूप में व्यक्त किया जिसे फैराडे का विद्युतचुंबकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) का नियम कहते हैं। इस नियम को निम्नलिखित प्रकार से अभिव्यक्त किया गया है-
• प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण चुंबकीय फ्लक्स में समय के साथ होने वाले परिवर्तन की दर के बराबर होता है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
2. स्व-प्रेरकत्व (Self- Inductance) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. स्व प्रेरित विद्युत वाहक बल सदैव कुंडली में किसी भी धारा परिवर्तन (बढ़ना या घटना) का विरोध करता है।
2. कुंडली का स्व-प्रेरकत्व उसकी ज्यामितीय संरचना तथा माध्यम की चुंबकशीलता पर निर्भर नहीं करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या: स्व-प्रेरित विद्युत वाहक बल सदैव कुंडली में किसी भी धारा परिवर्तन (घटने या बढ़ने) का विरोध करता है। अतः कथन 1 सत्य है।
• कुंडली का स्व-प्रेरकत्व उसकी ज्यामितीय संरचना तथा माध्यम की चुंबकशीलता पर निर्भर करता है। स्वप्रेरित विद्युत वाहक बल को विरोधी विद्युत वाहक बल (Back emf) भी कहते हैं क्योंकि यह परिपथ में किसी भी धारा- परिवर्तन का विरोध करता है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
3. हेनरी (H) निम्नलिखित में से किसका मात्रक है?
(a) चुंबकीय फ्लक्स
(b) विद्युत वाहक बल
(c) ज्योति तीव्रता
(d) व-प्रेरकत्व
उत्तर : (d)
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. किसी प्रत्यावर्ती धारा जनित्र (AC Generator) में विद्युत चुंबकीय प्रेरण द्वारा विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरित करते हैं।
2. प्रेरकत्व, फ्लक्स बंधता (Flux Linkage) तथा धारा का अनुपात है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2 दोनों
(c) केवल 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
7. प्रत्यावर्ती धारा
1. ट्रांसफॉर्मर के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. ट्रांसफॉर्मर में दो कुण्डलियाँ होती हैं जो एक दूसरे से विद्युतरुद्ध होती हैं।
2. विद्युत वाहक बल (emf) का मान प्राथमिक कुण्डली में फेरों की संख्या पर निर्भर करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / से सही नहीं है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या : अनेक उद्देश्यों के लिये AC वोल्टता को एक मान से दूसरे अधिक या कम मान में परिवर्तित करना आवश्यक हो जाता है। ऐसा अन्योन्य प्रेरण (Mutual Inductance) के सिद्धांत पर आधारित एक युक्ति के द्वारा किया जाता है, जिसे ट्रांसफॉर्मर कहते हैं।
• ट्रांसफार्मर में दो कुंडलियाँ (Coils) होती हैं जो एक दूसरे विद्युतरुद्ध (Insulated) होती हैं। वे एक कोमल-लौह-क्रोड पर लिपटी होती हैं। एक कुंडली को प्राथमिक कुंडली (Primary coil) तथा दूसरी कुंडली को द्वितीयक कुंडली (Secondry coil) कहते हैं । अतः कथन 1 सही है।
• जब प्राथमिक कुंडली के सिरों के बीच प्रत्यावर्ती वोल्टता लगाई जाती है तो परिणामी धारा एक प्रत्यावर्ती चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न करती है, द्वितीयक कुंडली से संयोजित होकर इसके सिरों के बीच एक emf प्रेरित करता है। इस emf का मान द्वितीयक कुंडली में फेरों की संख्या पर निर्भर करता है। अतः कथन 2 सही नहीं है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
2. यदि प्राथमिक की तुलना में द्वितीयक कुंडली में फेरों की संख्या अधिक है, तो वोल्टता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
(a) वोल्टता घट जाती है।
(b) वोल्टता निम्न हो जाती है।
(c) वोल्टता उच्च हो जाती है।
(d) कोई परिवर्तन नहीं होगा ।
उत्तर : (c)
8. विद्युतचुंबकीय तरंगें
1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. रेडियो तरंगें चालक तारों में आवेशों की त्वरित गति से उत्पन्न होती हैं।
2. सूक्ष्म तरंगें (Micro Waves) विमान संचालन में रडार प्रणाली के लिये उपयुक्त हैं।
3. सूक्ष्म तरंगों की आवृत्ति एवं ऊर्जा दृश्य प्रकाश (Visible lights) से कम एवं तरंगदैर्ध्य इससे अधिक होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : रेडियो तरंगें चालक तारों में आवेशों की त्वरित गति से उत्पन्न होती हैं। इनका उपयोग रेडियो एवं दूरदर्शन की संचार प्रणालियों में किया जाता है। अतः कथन 1 सही है।
• सूक्ष्म तरंगें अपनी लघु तरंगदैर्ध्य के कारण विमान संचालन में रडार प्रणाली के लिये उपयुक्त हैं। अतः कथन 2 सही है।
• विद्युतचुंबकीय विकिरणों के स्पेक्ट्रम का एक भाग सूक्ष्म तरंग कहलाता है । इन तरंगों की आवृत्ति एवं ऊर्जा दृश्य प्रकाश से कम एवं तरंगदैर्ध्य इससे अधिक होती है। अतः कथन 3 सही है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
2. निम्नलिखित में से कौन-सी किरणों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिये किया जाता है?
(a) X – किरणें
(b) रेडियो तरंगें
(c) गामा किरणें
(d) अवरक्त तरंगें
उत्तर : (c)
3. ‘प्रकाश तरंग’ निम्नलिखित में से किस प्रकार की तरंग है?
(a) अनुप्रस्थ तरंग
(b) अनुदैर्ध्य तरंग
(c) (a) और (b) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (a)
व्याख्या : प्रकाश तरंग एक विद्युत चुंबकीय अनुप्रस्थ तरंग का उदाहरण है।
• प्रकाश की तरंग प्रकृति प्रकाश के सीधा प्रसार, परावर्तन, अपवर्तन, विवर्तन और ध्रुवीकरण आदि की व्याख्या करती है।
• निर्वात और वायु में प्रकाश की गति अधिकतम 3.8×108 मीटर/सेकेंड होती है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है ।
4. निम्नलिखित क्षेत्रों में से किस क्षेत्र / किन क्षेत्रों में सूक्ष्म तरंगों (Micro Waves) का प्रयोग किया जाता है ?
(a) माइक्रोवेव ओवन में
(b) मोबाइल फोन में
(c) वाई-फाई में
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर : (d)
9. किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
1. गोलीय दर्पणों द्वारा प्रकाश के परावर्तन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. परावर्तन कोण, आपतन कोण के बराबर होता है।
2. आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा परावर्तक पृष्ठ के आपतन बिंदु पर अभिलंब एक ही समतल में होते हैं।
3. गोलीय दर्पण का ज्यामितीय केंद्र इसका ध्रुव कहलाता है, जबकि गोलीय लेंस के ज्यामितीय केंद्र को प्रकाशिक केंद्र कहते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 1
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या: गोलीय दर्पणों द्वारा प्रकाश के परावर्तन के नियम निम्नलिखित हैं-
• परावर्तन कोण (अर्थात्, परावर्तित किरण तथा परावर्तक पृष्ठ अथवा दर्पण के आपतन बिंदु पर अभिलंब के बीच का कोण), आपतन कोण (आपतित किरण तथा दर्पण के आपतन बिंदु तथा अभिलंब के बीच का कोण) के बराबर होता है।
• आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा परावर्तक पृष्ठ के आपतन बिंदु पर अभिलंब एक ही समतल में होते हैं।
• गोलीय दर्पण का ज्यामितीय केंद्र उसका ध्रुव (Pole) कहलाता है, जबकि गोलीय लेंस के ज्यामितीय केंद्र को प्रकाशिक केंद्र (Optical Centre) कहते हैं। गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा वक्रता केंद्र (Centre ‘ of Curvature) को मिलाने वाली सरल रेखा मुख्य अक्ष (Principal Axis) कहलाती है।
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
2. स्नेल के अपवर्तन नियमों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अंतरापृष्ठ के आपतन बिंदु पर अभिलंब, एक ही समतल में होते हैं।
2. किन्हीं दो माध्यमों के युग्म के लिये, आपतन कोण की ज्या (Sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (Sin r) का अनुपात एक स्थिरांक होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
3. पृथ्वी अपने अक्ष पर एक घूर्णन करने में 24 घंटे का समय लेती है। सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी से देखे जाने पर 1° विस्थापित होने में कितना समय लगता है ?
(a) 4 मिनट
(b) 15 मिनट
(c) 2 घंटे
(d) 4 घंटे
उत्तर : (a)
4. निम्नलिखित पदार्थों में से किसका अपवर्तनांक (Refractive Index) सर्वाधिक होता है?
(a) जल
(b) क्राउन काँच
(c) हीरा
(d) सघन फ्लिंट काँच
उत्तर : (c)
5. विभिन्न वर्गों के तरंगदैर्ध्य के बढ़ते क्रम के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन – सा विकल्प सही है?
(a) बैंगनी → लाल → नीला → पीला
(b) बैंगनी → नीला → पीला → लाल
(c) लाल → पीला → नीला → बैंगनी
(d) लाल → नीला → पीला → बैंगनी
उत्तर : (b)
10. तरंग – प्रकाशिकी
1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. हाइगेंस के सिद्धांत के अनुसार जब प्रकाश की चाल दिशा पर निर्भर नहीं करती हो, तो द्वितीयक तरंगें गोलीय होती हैं।
2. जब दो अथवा दो से अधिक प्रकाश स्रोत एक ही बिंदु को प्रदीप्त करते हैं, तो तरंगों के अध्यारोपण (Overlapping) का सिद्धांत लागू होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : हाइगेंस की रचना हमें यह बताती है कि नया तरंगाग्र (Wavefront) द्वितीयक तरंगों का अग्र आवरण है। जब प्रकाश की चाल दिशा पर निर्भर नहीं करती हो तो द्वितीयक क तरंगें गोलीय होती हैं। अतः कथन 1 सही है।
• जब दो अथवा दो से अधिक प्रकाश स्रोत एक ही बिंदु को प्रदीप्त करते हैं तो तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धांत लागू होता है। अतः कथन 2 सही है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
2. ध्रुवण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. प्रकाश के तरंगों की प्रकृति अनुप्रस्थ (Transverse) होती है।
2. जब किसी साधारण स्रोत (जैसे एक सोडियम लैंप) का प्रकाश पोलेरॉइड की किसी शीट से पारित होता है तो इसकी तीव्रता आधी हो जाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या : प्रकाश के तरंगों की प्रकृति अनुप्रस्थ होती है; अर्थात् संचरित हो रही प्रकाश तरंग से संबद्ध विद्युत क्षेत्र सदैव तरंग संचरण की दिशा के लंबवत होता है। अतः कथन 1 सही है।
• जब किसी साधारण स्रोत (जैसे एक सोडियम लैंप) का प्रकाश पोलेरॉइड की किसी शीट से पारित होता है तो यह देखा जाता है कि इसकी तीव्रता आधी हो जाती है। अतः कथन 2 सही है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
3. अणुओं के द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering) के गहन अध्ययन के लिये सी. वी. रमन को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से कब सम्मानित किया गया?
(a) 1920
(b) 1930
(c) 1955
(d) 1915
उत्तर : (b)
व्याख्या : अणुओं द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन का गहन अध्ययन सी. वी. रमन तथा उनके सहयोगियों के द्वारा कोलकाता में 1920 के दशक में किया गया था। रमन को सन् 1930 में इस कार्य के लिये भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
11. विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति
1. प्रकाश – विद्युत धारा पर प्रकाश की तीव्रता के प्रभाव के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है ?
(a) आपतित विकिरण की आवृत्ति तथा विभव को स्थिर रखते हुए, प्रकाश की तीव्रता को परिवर्तित किया जाता है और परिणामी प्रकाश-विद्युत धारा को प्रत्येक बार मापा जाता है।
(b) प्रकाश की तीव्रता को परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
(c) उत्सर्जित होने वाले प्रति सेकेंड प्रकाशिक इलेक्ट्रॉनों की संख्या आपतित विकिरण की तीव्रता के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (a)
2. विद्युतचुंबकीय विकिरण के फ़ोटॉन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
1. फ़ोटॉन विद्युत उदासीन होते हैं और विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्रों के द्वारा विक्षेपित नहीं होते ।
2. फ़ोटॉन-कण संघट्ट में कुल ऊर्जा तथा कुल संवेग संरक्षित रहते हैं।
3. फ़ोटॉन की ऊर्जा विकिरण की तीव्रता पर निर्भर नहीं करती।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा / से सत्य है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 1 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 2 और 3
उत्तर : (c)
व्याख्या: विकिरण के द्रव्य के साथ अन्योन्य क्रिया में, विकिरण इस प्रकार व्यवहार करता है जैसे यह ऐसे कणों से बना हो जिन्हें फ़ोटॉन कहते हैं।
• एक निश्चित आवृत्ति अथवा तरंगदैर्ध्य के सभी फ़ोटॉनों की ऊर्जा और संवेग एकसमान होते हैं। किसी दी गई तरंगदैर्ध्य के प्रकाश की तीव्रता बढ़ाने पर केवल किसी दिये गए क्षेत्र से गुज़रने वाले प्रति सेकेंड फ़ोटॉनों की संख्या ही बढ़ती है। अतः की ऊर्जा विकिरण की तीव्रता पर निर्भर नहीं करती।
• फ़ोटॉन विद्युत उदासीन होते हैं और विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्रों के द्वारा विक्षेपित नहीं होते ।
• फ़ोटॉन-कण संघट्ट (Photon-Particle Collision) में कुल ऊर्जा तथा कुल संवेग संरक्षित रहते हैं। तथापि, किसी संघट्ट में फ़ोटोनॉ की संख्या भी संरक्षित नहीं रह सकती है। फ़ोटॉन अवशोषित हो सकता है अथवा एक नया फ़ोटॉन सृजित हो सकता है।
• अतः कथन 1, 2 और 3 तीनों सत्य हैं।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
12. परमाणु
1. बोर मॉडल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. बोर मॉडल केवल एक इलेक्ट्रॉन परमाणु/आयन के लिये वैध है।
2. इस मॉडल में प्रत्येक कक्षा के लिये ऊर्जा का एक नियत मान होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: बोर मॉडल केवल एक इलेक्ट्रॉन परमाणु/आयन के लिये वैध है।
• इस मॉडल में प्रत्येक कक्षा के लिये ऊर्जा का एक नियत मान होता है, जो मुख्य क्वाटंम संख्या n पर निर्भर करता है।
अतः कथन 1 और कथन 2 दोनों सही हैं।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
2. निम्नलिखित में से ‘लेज़र (LASER)’ का पूर्ण रूप क्या है?
(a) विकिरण के अर्द्धचालक उत्सर्जन द्वारा प्रकाश प्रवर्धन
(b) विकिरण के उद्दीप्त उत्सर्जन द्वारा प्रकाश प्रवर्धन
(c) विकिरण के अर्द्धचालक उत्सर्जन द्वारा लेज़र प्रवर्धन
(d) विकिरण के उद्दीप्त उत्सर्जन द्वारा प्रकाश प्रवर्धन
उत्तर : (b)
व्याख्या : लेज़र से तात्पर्य है: विकिरण के उद्दीप्त उर्त्सजन द्वारा प्रकाश प्रवर्धन (Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation)।
• 1960 में इसके विकास के साथ ही, इसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में प्रवेश कर लिया। आजकल भौतिकी, रसायनशास्त्र, जीव विज्ञान, आयुर्विज्ञान, शल्य चिकित्सा, इंजीनियरिंग आदि में इसके अनुप्रयोग हो रहे हैं।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
3. परमाणु के ऊर्जा स्तर ( Energy Level) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. परमाणु की ऊर्जा उस समय न्यूनतम होती है जब उसका इलेक्ट्रॉन नाभिक की निकटतम कक्षा में परिक्रमण (Revolving) करता है।
2. परमाणु की न्यूनतम अवस्था में जिसे निम्नतम अवस्था (Ground State) कहते हैं, इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा न्यूनतम होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / से सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: परमाणु की ऊर्जा उस समय न्यूनतम (अधिकतम ऋणात्मक मान) होती है जब उसका इलेक्ट्रॉन नाभिक की निकटतम कक्षा ( अर्थात् n=1 ) में परिक्रमण करता है । n = 2, 3 के लिये, ऊर्जा E के निरपेक्ष मान कम होते जाते हैं, अतः बाह्य कक्षा की ओर जाने पर कक्षाओं में ऊर्जा अधिक होती जाती है।
• परमाणु की न्यूनतम अवस्था में जिसे निम्नतम अवस्था कहते हैं इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा न्यूनतम होती है तथा इलेक्ट्रॉन, न्यूनतम त्रिज्या की कक्षा में परिक्रमण करता है।
• अतः कथन 1 और कथन 2 दोनों सत्य हैं।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
13. नाभिक
1. नाभिक के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. नाभिक की कुल साइज़ परमाणु के साइज़ की तुलना में अधिक होती है।
2. परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान ( 99.9% से अधिक) नाभिक में ही समाहित होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (b)
व्याख्या: प्रत्येक परमाणु का धनावेश उसके केंद्र में संकेंद्रित हो जाता है और परमाणु का नाभिक बनाता है। नाभिक की कुल साइज़ परमाणु के साइज़ की तुलना में काफी कम होती है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
• परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान ( 99.9% से अधिक) नाभिक में ही समाहित होता है। अतः कथन 2 सही है।
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
2. समस्थानिक (Isotopes ) क्या हैं?
(a) एक ही तत्त्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान होती हैं, परंतु परमाणु भार अलग-अलग होता है।
(b) एक ही तत्त्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या तथा परमाणु भार दोनों समान होते हैं।
(c) एक ही तत्त्व के परमाणु जिनके परमाणु भार समान लेकिन परमाणु संख्या अलग-अलग होती है।
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर : (a)
व्याख्या : एक ही तत्त्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या (Atomic Number) समान होती परंतु परमाणु भार भिन्न-भिन्न होते हैं, उन्हें समस्थानिक कहा जाता है।
• यूनानी शब्द आइसोटॉप का अर्थ हिंदी में समस्थानिक है यह नाम उन्हें इसलिये दिया गया है क्योंकि तत्त्वों की आवर्त सारणी में ये सभी एक ही स्थान पर पाए जाते हैं।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) नाभिक में प्रोटॉन धनावेशित होते हैं।
(b) किसी परमाणु के सभी इलेक्ट्रॉन उसके नाभिक के बाहर होते हैं।
(c) परमाणु में इलेक्ट्रॉनों का कुल आवेश (-Ze) उसके नाभिक के कुल आवेश (+Ze) से अधिक होता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर : (c)
व्याख्या : नाभिक में प्रोटॉन धनावेशित होते हैं। प्रोटॉन पर एकांक मूल आवेश होता है और यह स्थायी कण है।
• किसी परमाणु के सभी इलेक्ट्रॉन उसके नाभिक के बाहर होते हैं।
• किसी परमाणु के नाभिक के बाहर इन इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसके परमाणु क्रमांक (Z) के बराबर होती है। अतः परमाणु में इलेक्ट्रॉनों का कुल आवेश (-Ze) उसके नाभिक के कुल आवेश (+Ze) के बराबर होता है, क्योंकि परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन होता है। इसलिये किसी परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या, तथ्यतः इसका परमाणु क्रमांक Z होता है। अतः कथन (c) सही नहीं है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
4. न्यूट्रॉन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. न्यूट्रॉन की खोज के लिये जेम्स चैडविक को 1935 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2. एक मुक्त न्यूट्रॉन स्थायी होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन – सा / से सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (a)
व्याख्या : न्यूट्रॉन की खोज के लिये जेम्स चैडविक को 1935 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अतः कथन 1 सत्य है।
• एक मुक्त प्रोटॉन के विपरीत एक मुक्त न्यूट्रॉन अस्थायी होता है। अतः कथन 2 सत्य नहीं है।
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
5. नाभिकीय बल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. नाभिकीय बल, आवेशों के बीच लगने वाले कूलॉम बल एवं द्रव्यमानों के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना में अत्यधिक शक्तिशाली होता है।
2. नाभिकीय बल विद्युत आवेशों पर निर्भर नहीं करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
व्याख्या: नाभिकीय बल, आवेशों के बीच लगने वाले कूलॉम बल एवं द्रव्यमानों के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल की तुलना में अत्यधिक शक्तिशाली होता है।
• नाभिकीय बंधन बल को, नाभिक के भीतर प्रोटॉनों के बीच लगने वाले कूलॉम प्रतिकर्षण बल पर आधिपत्य करना होता है। यह इसीलिये संभव हो पाता है, क्योंकि नाभिकीय बल कूलॉम बलों की तुलना में अत्यधिक प्रबल होते हैं। गुरुत्वाकर्षण बल तो कूलॉम बल की तुलना में भी अत्यंत दुर्बल होता है। अतः कथन 1 सही है।
• न्यूट्रॉन- न्यूट्रॉन, न्यूट्रॉन-प्रोटॉन एवं प्रोटॉन-प्रोटॉन के बीच लगने वाले नाभिकीय बल लगभग समान परिमाण के होते हैं। नाभिकीय बल विद्युत आवेशों पर निर्भर नहीं करते। अतः कथन 2 सही है।
अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
14. अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी-पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ
1. p-n संधि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये –
1. p-n संधि (p-n Junction ) बहुत सी अर्द्धचालक युक्तियों जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर आदि की मूल इकाई है।
2. किसी p-n संधि के निर्माण के समय विसरण (Diffusion) तथा अपवाह (Drift) जैसी दो महत्त्वपूर्ण प्रक्रियाएँ होती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर : (c)
2. अर्द्धचालक डायोड ( Semiconductor Diode) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) अर्द्धचालक डायोड मूल रूप में एक p-n संधि होते हैं जिसके सिरों पर धात्विक संपर्क जुड़े होते हैं।
(b) इस युक्ति में केवल एक ही टर्मिनल प्रयुक्त होता है।
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (b)
3. सौर सेल (Solar Cell) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-
1. सौर सेल मूल रूप में एक ऐसी p-n संधि होती है, जो सौर विकिरणों के आपतित होने पर विद्युत वाहक बल (emf) उत्पन्न करती है।
2. यह फोटोडायोड के सिद्धांत पर कार्य करता है।
3. सौर सेलों के निर्माण के लिये आदर्श पदार्थ के रूप में उन अर्द्धचालकों को लेते हैं, जिनका बैंड अंतराल 1.5 eV के निकट होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 2
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (d)
व्याख्या : सौर सेल मूल रूप में एक ऐसी p-n संधि होती है जो सौर विकिरणों के आपतित होने पर emf उत्पन्न करती है। यह फोटोडायोड के सिद्धांत (फोटोवोल्टीय प्रभाव ) पर ही कार्य करता है। अतः कथन 1 और कथन 2 सही हैं।
• सौर सेलों के निर्माण के लिये आदर्श पदार्थ के रूप में उन अर्द्धचालकों को लेते हैं जिनका बैंड अंतराल 1.5 eV के निकट होता है। अतः कथन 3 सही है।
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सर्वाधिक मूलभूत गेट है ?
(a) NOT गेट
(b) OR गेट
(c) AND गेट
(d) NAND गेट
उत्तर : (a)