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नया इनकम टैक्स बिल संसद में पेश. यहां जानें इसमें क्या अलग है

नया इनकम टैक्स बिल संसद में पेश. यहां जानें इसमें क्या अलग है

विधेयक पेश करने के तुरंत बाद, सुश्री सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट किया, “नया आयकर विधेयक (2025) संसद में पेश किया गया है। विधेयक का उद्देश्य मौजूदा कानून की भाषा को सरल बनाना है…”

Income Tax Bill 2025: सरकार ने 2025 का नया आयकर विधेयक पास कर दिया है। इस विधेयक का उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना है। इससे विभिन्न कर-संबंधी मामलों पर अधिक स्पष्टता मिलेगी। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा लोकसभा में पेश किया गया यह नया विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 को बदलने और ऐसे बदलाव लाने का प्रयास करता है जो व्यक्तियों, व्यवसायों और गैर-लाभकारी संगठनों सहित करदाताओं की विभिन्न श्रेणियों को प्रभावित करते हैं। आयकर विधेयक पेश करने के बाद वित्त मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष से नए पेश किए गए आयकर विधेयक की समीक्षा के लिए एक स्थायी समिति के लिए सदस्यों को नामित करने का अनुरोध किया।

न्‍यू इनकम टैक्‍स बिल में अगल- अलग सेक्‍शन के तहत इनकम पर टैक्‍स देनदारी, टैक्‍स छूट, कटौती, जुर्माना और रिफंड जैसी चीजों को डिस‍क्राइब किया गया है. किस सेक्‍शन के तहत डिडक्‍शन का लाभ होगा, किसके तहत रिफंड और पेनल्‍टी के तौर पर कौन सा सेक्‍शन लागू होगा? इन सभी चीजों का जिक्र किया गया है. वहीं कैपिटल गेन पर टैक्‍स, प्रॉपर्टी पर टैक्‍स, इनकम पर टैक्‍स छूट के लिए नया टैक्‍स स्‍लैब… इसकी भी जानकारी दी गई है. आइए जानते हैं आम आदमी के लिए इस नए टैक्‍स बिल में क्‍या क्‍या है?

नया टैक्‍स स्‍लैब 

  • नए टैक्स बिल के तहत 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
  • 4 लाख 1 रुपये से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स लगेगा
  • 8 लाख 1 रुपये से 12 लाख रुपये तक की आय पर 10% टैक्स लगेगा
  • 12 लाख 1 रुपये से 16 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स लगेगा
  • 16 लाख 1 रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स लगेगा

केंद्रीय बजट के दौरान वित्त मंत्री ने किया था एलान

बता दें कि गत 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर बिल को लेकर घोषणा की थी। उन्होंने इसके अलावा टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया था और टैक्स में बड़े छूट का एलान किया था।

एलान के अनुसार इस वित्त वर्ष से जिन व्यक्तियों का वेतन 12 लाख रुपये सालाना है, उन्हें किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई व्यवस्था के लिए कर स्लैब में भी बदलाव किया, जिसमें 20 लाख रुपये से कम वेतन वाले लोगों के लिए 25 प्रतिशत ब्रैकेट को 24 लाख रुपये की श्रेणी में जोड़ा गया।

पुराने अधिनियम को बदलने की तैयारी

ऐसे देखें तो नया विधेयक 1961 के अधिनियम को बदलने की कोशिश करता है। 1961 के अधिनियम की हमेशा से आलोचना होते आई है, क्योंकि पिछले 60 सालों में इसमें कई संशोधन किए गए। लोकसभा में बोलते हुए आज वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर अधिनियम मूल रूप से 1961 में अधिनियमित किया गया था और 1962 में लागू हुआ।

क्या है नया आयकर विधेयक?

माना जा रहा है कि अगर ये बिल पास हो जाता है तो नया कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा। हालांकि, यह मौजूदा कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं करेगा। नए बिल में अब ‘असेसमेंट ईयर’ (Assessment Year) की जगह ‘टैक्स ईयर’ (Tax Year) होगा। टैक्स ईयर भी 1 अप्रैल से 31 मार्च तक रहेगा जैसे वित्त वर्ष होता है। वहीं, अगर कोई व्यवसाय बीच में शुरू होता है, तो उसका टैक्स ईयर उसी वित्त वर्ष में खत्म होगा।

इसके साथ ही TDS और प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन (Presumptive Taxation) को टेबल फॉर्मेट में पेश किया गया है। इससे टैक्सपेयर्स को यह समझने में आसानी होगी कि उन्हें कितना टैक्स देना है।

संसदीय कमेटी को भेजा गया विधेयक

वित्त मंत्री ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। यहां पर विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया। हालांकि, विपक्ष ने इस बिल का जमकर विरोध किया। इसके बाद इस बिल को संसदीय समिति को भेज दिया गया है। ये समिति नए कर प्रस्तावों की जांच करेगी और यदि आवश्यक हो तो इसमें बदलाव करेगी। समिति की सिफारिशों के बाद इसे संसद में फिर से पेश किया जाएगा।

माना जा रहा है कि समिति इस बिल पर 10 मार्च को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है। इस समिति का गठन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे।

वित्त मंत्रालय ने इस बिल पर क्या कहा?

इस विधेयक के पेश हो जाने के बाद सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट किया,”नया आयकर विधेयक पेश किया गया है। विधेयक का उद्देश्य आज तक संशोधित मौजूदा कानून की भाषा को सरल बनाना है। विधेयक की (एक प्रति) हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। हमारे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न उद्देश्यों और परिणामों के बारे में सामान्य प्रश्नों को संबोधित करते हैं।”

विपक्ष में विरोध

केरल के कोल्लम से विपक्षी सांसद एनके प्रेमचंद्रन द्वारा नए विधेयक में 1961 के पिछले आयकर अधिनियम की तुलना में अधिक धाराएं होने पर उठाई गई आपत्ति पर बोलते हुए, सीतारमण ने कहा, “उन्हें समझना चाहिए कि आज कानून कहां है और कहां इसे कम किया जा रहा है।”

नए विधेयक का फायदा

इससे भारत का टैक्स बेस मजबूत होगा और लंबे समय में आय स्थिरता में सुधार होगा। यह कानून भारत के टैक्स सिस्टम को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के करीब भी लाता है। नए इनकम टैक्स बिल 2025 की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें टेक्नोलॉजी से संचालित असेसमेंट पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन 

न्‍यू टैक्‍स बिल के तहत अगर आप एक सैलरीड हैं तो आपको पुराने टैक्‍स रिजीम के तहत 50 हजार रुपये का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन मिलेगा, लेकिन अगर आप न्‍यू टैक्‍स रिजीम सेलेक्‍ट करते हैं तो आपको 75000 रुपये तक का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन दिया जाएगा.

पेंशन, एनपीएस और इंश्‍योरेंस पर भी छूट 

न्‍यू इनकम टैक्‍स बिल के तहत पेंशन, NPS कंट्रीब्‍यूशन और इंश्‍योरेंस पर टैक्‍स डिडक्‍शन जारी रहेगा. रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्‍युटी और पीएफ कंट्रीब्‍यूशन को भी टैक्‍स छूट के दायरे में रखा गया है. ईएलएसएस म्‍यूचुअल फंड में निवेश पर भी टैक्‍स राहत दी जाएगी.

टैक्‍स चोरी पर जुर्माना 

अगर कोई पर्सन टैक्‍स चोरी करता है तो उसपर जुर्माने का प्रावधान है. वहीं टैक्‍स चोरी के अलावा कोई अन्‍य भी गलत स्‍टेप उठाए जाते हैं तो उसपर भी जुर्माने का प्रावधान है.  साथ ही उस व्‍यक्ति के पास टैक्‍स नोटिस भी भेजा जा सकता है.

भारी जुर्माने का भी प्रावधान 

जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों पर मुकदमा चलाया जा सकता है. टैक्स का भुगतान न करने पर अधिक ब्याज और पेनल्टी वसूला जा सकता है.आय छिपाने पर अकाउंट सीज और संपत्ति जब्त करने का भी अधिकार है.

एग्रीकल्‍चर इनकम पर टैक्‍स छूट 

न्यू टैक्स बिल में कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत कर-मुक्त रखा गया है. धार्मिक ट्रस्ट, संस्थाएं और दान में दी गई राशि पर कर छूट मिलेगी. साथ ही इलेक्‍ट्रोरल ट्रस्‍ट को भी टैक्‍स से छूट दी गई है.

कैपिटल गेन टैक्‍स 

अगर किसी की कमाई कैपिटले गेन में होती है तो उसे टैक्‍स देना होगा. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के तहत 20 फीसदी का टैक्‍स देना होगा. ज‍बकि लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन के तहत 12.5 फीसदी का टैक्‍स लागू होगा.

 

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