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Pahalgam Attack: हमले पर बड़ा खुलासा…सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने यह हमला किया

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Pahalgam Attack: हमले पर बड़ा खुलासा…सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने यह हमला किया

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए हमले पर बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकियों ने रैकी के बाद वारदात को अंजाम दिया था। बताया जा रहा है कि हमले को अंजाम देने में छह आतंकी शामिल थे। जानकारी मिली है कि हमलावरों ने एक से सात अप्रैल तक इस इलाके की रेकी की। सुरक्षाबलों को घटनास्थल से कुछ दूर बिना नंबर की एक मोटरसाइकिल मिली है। माना जा रहा है कि आतंकियों ने इसका इस्तेमाल किया हो सकता है। खुफिया सूत्रों से पहलगाम हमले पर बड़ा खुलासा हुआ है। कुल छह आतंकियों ने वारदात को अंजाम दिया। टीआरएफ कमांडर सैफुल्लाह ने हमले की साजिश रची है।

पर्यटकों पर आतंकी हमला, 26 की नृशंस हत्या

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।

टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी

हमले में करीब 20 लोग घायल हुए हैं। हालांकि सरकार ने अभी सिर्फ 16 मौतों की पुष्टि की है। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों ने देर रात कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है।

हमले से कोई तालुल्क नहीं… पहलगाम पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का रिएक्शन

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का कहना है कि पाकिस्तान का इस हमले से कोई तालुल्क नहीं है। भारत के खिलाफ तथाकथित रियासतों में बगावतें हैं। नागालैंड से कश्मीर तक, छत्तीसगढ़ में, मणिपुर में दिल्ली की हुकूमत के खिलाफ बगावत है। हिन्दुत्व वाली हुकूमत अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित और कत्लेआम कर रही है। तभी ये घटनाएं हो रही है। हम किसी भी सूरत में आतंकवाद को समर्थन नहीं करते हैं। बेगुनाह लोग कहीं भी इस किस्म की स्थानीय जंगों में निशाना नहीं बनना चाहिए। कहीं पर फौज और पुलिस जुल्म ढा रही है, तो लोकल लोगों में नाराजगी है। ऐसे में पाकिस्तान पर इल्जाम लगाना ठीक नहीं है। हमारे पास कई सबूत हैं। इसका लंबा इतिहास है।

पहलगाम आतंकी हमला: ओवैसी का कहना है, ‘उम्मीद है कि सरकार इन आतंकवादियों को सज़ा देगी।’

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कहना है, “हम कल पहलगाम में जो हुआ उसकी कड़ी निंदा करते हैं और हमें उम्मीद है कि सरकार इन आतंकवादियों को दंडित करेगी। हम आतंकवादियों द्वारा मारे गए लोगों के सभी परिवारों के साथ खड़े हैं और चाहते हैं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं…यह घटना उरी और पुलवामा हमलों से भी ज्यादा निंदनीय है। आतंकवादियों ने इस बार नागरिकों को निशाना बनाया। यह एक नरसंहार है…”

पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर लौट आए

उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर लौट आए हैं। पीएम मोदी ने वारदात की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह सऊदी अरब से हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक की और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की स्थिति पर चर्चा की। इससे पहले, पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात कर जरूरी कदम उठाने और कश्मीर पहुंचाने के निर्देश दिए।

आतंकियों ने कहा-तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो 

मृतकों में कर्नाटक के शिवमोगा के कारोबारी मंजुनाथ राव शामिल हैं। मंजुनाथ की पत्नी ने बताया कि आतंकियों ने उनके पति को सिर में गोली मारी। मैंने उनसे कहा, मेरे पति को मार दिया, मुझे भी मार दो। इस पर आतंकी बोले- तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो। एक दिन पहले ही मंजुनाथ ने सोशल साइट पर वीडियो डालकर कहा था कि वहां घूमने में बहुत आनंद आ रहा है।

मृतकों में यह भी शामिल 

महाराष्ट्र के दलीप जयराम, बोटन अधकेरी, अतुल श्रीकांत व संजय लखन, गुजरात के हिम्मत भाई, प्रशांत कुमार बलेश्वर, मनीश राजदान, रामचंद्रम और शलिंद्र कालापिया, अनंतनाग के सैयद हुसैन शाह। दो विदेशी: नेपाल के संदीप नवपने, यूएई के उधवानी रादीप कुमार।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए “सशस्त्र हमले” की कड़ी निंदा की है. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी परिस्थिति में नागरिकों पर हमले अस्वीकार्य हैं. महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, “महासचिव 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर में हुए सशस्त्र हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें कम से कम 28 लोग मारे गए.”

गुटेरेस ने पीड़ितों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की. दुजारिक ने कहा, “महासचिव इस बात पर जोर देते हैं कि नागरिकों पर हमले किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य हैं.”

आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर पहलगाम में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में यह सबसे घातक हमला है.

हमले में मारे गए 26 पीड़ितों में दो विदेशी – यूएई और नेपाल से – और दो स्थानीय लोग शामिल थे. जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को “हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए किसी भी हमले से बहुत बड़ा” बताते हुए कहा कि मरने वालों की संख्या अभी भी पता लगाई जा रही है.

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