नीतीश सरकार की साइकिल-पोशाक योजना में बड़ा बदलाव, 75% हाजिरी की शर्त खत्म
राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को पोशाक और साइकिल योजना के लिए कक्षा में 75 प्रतिशत हाजिरी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। सोमवार को विधान परिषद में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह जानकारी दी। स्कूलों में हर साल लगभग एक करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं का नामांकन होता है। विभागीय बजट पर पर सरकार की ओर से उत्तर में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुमति से राज्य कैबिनेट ने बच्चों की कक्षा में 75 प्रतिशत हाजिरी की अनिवार्यता नहीं रखने का निर्णय लिया है। दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति जल्द की जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 29 हजार स्कूलों का कंप्यूटराइजेशन कर दिया जाएगा। 12 स्थानों पर केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन चिह्नित कर दी जाएगी। कहा कि 2005 में शिक्षा विभाग का बजट 4400 करोड़ था। आज 60 हजार करोड़ से ज्यादा है। उच्च शिक्षा का बजट 5 हजार 885 करोड़ है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 2 हजार से अधिक सहायक प्रोफेसर की बहाली हाल में हुई है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में 6 लाख से अधिक शिक्षक हैं। इनमें 44 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह महिला सशक्तीकरण का बड़ा उदाहरण है। पुलिस सहित विभिन्न सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। लगातार शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। गांधी मैदान में चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलने के दौरान लोगों में अद्भुत उत्साह दिखा था। राज्य में 2000 में साक्षरता दर 40 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 80 प्रतिशत हो गई है। महिला साक्षरता दर तब 34 प्रतिशत थी, अब यह 74 प्रतिशत है। एक करोड़ 8 लाख छात्र-छात्राओं को मिड डे मिल के तहत स्कूलों में पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है।
सरकार का लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि एक अप्रैल को स्कूली छात्र-छात्राओं को पोषाक की राशि उनके खाते में भेज दी जाए। कक्षा एक से 12 तक की सभी छात्राओं और कक्षा 1 से 8 तक के सभी छात्रों को पोषाक की राशि दी जाती है। कक्षा नौ के सभी छात्र-छात्राओं को साइकिल योजना के तहत 3 हजार रुपए दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना (प्रति छात्रा)
कक्षा राशि
1 और 2 तक 600 रुपए
3 से 5 तक 700 रुपए
6 से 8 तक 1000 रुपए
9 से 12 तक 1500 रुपए