बिहार: भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर के घर ED की रेड, नोटों की गिनती के लिए मंगाई गई मशीन
ED Raids Bihar: बिहार में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर तारिणी दास के ठिकानों से करोड़ों रुपये बरामद किए गए हैं। नोटों की गिनती के लिए मशीन भी मंगवाई गई। सूत्रों के मुताबिक भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (उत्तर) तारिणी दास के पटना में फुलवारी शरीफ के पूर्णेंदु नगर स्थित आवास पर छापेमारी की गई। इनके साथ ही आठ से अधिक लोगों के घर और अन्य ठिकानों पर भी ईडी ने दबिश दी।
बताया जा रहा है कि ईडी की अलग-अलग टीमें इन ठिकानों पर जांच कर रही है। इंजीनियर तारिणी दास के आवास से आवास पर करोड़ों रुपए कैश मिले। सटीक राशि के बारे में अभी खुलासा नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार कुल 8 लोगों के ठिकानों पर ईडी ने रेड मारी है। इनमें से 4 से अधिक इंजीनियर एवं पदाधिकारी शामिल हैं।
लगभग 8 घंटे से चली गिनती, करोड़ों की बरामदगी की संभावना
अब तक नोट गिनने की प्रक्रिया लगभग 8 घंटे से जारी है, लेकिन कैश की मात्रा इतनी ज्यादा है कि अंतिम आंकड़ा सामने आने में अभी और समय लग सकता है. शुरुआती अनुमान के मुताबिक, यह रकम कई करोड़ रुपये में हो सकती है. ED की टीम इस नकदी के स्रोत का पता लगाने में जुटी है और छानबीन जारी है.
6 से 7 ठिकानों पर ED का शिकंजा
पटना के अनीसाबाद स्थित पूर्णेदु नगर समेत छह से सात ठिकानों पर यह छापेमारी की जा रही है. आरोप है कि तारिणी दास ठेकेदारों को टेंडर मैनेज कराने में मदद करते थे और इसके बदले मोटी रकम वसूलते थे.
संजीव हंस पर क्या हैं आरोप?
संजीव हंस बिहार में काफी जाने-माने नाम रहे हैं. अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत उन्होंने एसडीएम बांका से की और बाद में बिहार के कई जिलों में जिलाधिकारी के रूप में तैनात रहे. कई विभागों में सचिव का कार्य संभालने के बाद, संजीव हंस की आख़िरी तैनाती सीएमडी, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के तौर पर थी. लेकिन जब पहली बार ईडी ने उनके घर पर रेड डाला, तो उसके बाद सरकार ने उन्हें विभागों से हटाकर वेटिंग फॉर पोस्टिंग पर रख दिया . संजीव हंस के ऊपर आय से अधिक संपत्ति और एक महिला वकील के साथ शारीरिक शोषण के मामले में भी उनका नाम आ चुका है.
राजनीतिक बयानबाजी शुरू
ED की इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. RJD विधायक राकेश रौशन ने इसे बिहार सरकार के भ्रष्टाचार का नमूना बताया. उन्होंने कहा, “नीतीश सरकार में अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है. ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसा लिया जा रहा है.”बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि, “बिहार में सुशासन की सरकार है. गलत करने वालों पर कार्रवाई हो रही है, न किसी को फंसाया जा रहा है, न बचाया जा रहा है.”