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सोने ने रचा इतिहास, 1 लाख हुआ सोने का दाम, क्या आगे भी बढ़ सकती है कीमत?

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सोने ने रचा इतिहास, 1 लाख हुआ सोने का दाम, क्या आगे भी बढ़ सकती है कीमत?

टैरिफ वार शुरू होने के बाद दुनियाभर में उपजी अनिश्चितताओं के बीच सोना लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। मंगलवार को यह दिल्ली सराफा बाजार में एक लाख रुपये के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार पहुंच गया है। इसके साथ ही, सोने की कीमत इस साल अब तक 22,650 रुपये या 28.68 फीसदी बढ़ चुकी है। 31 दिसंबर, 2024 को सोना 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बंद हुआ था।

सराफा कारोबारियों का कहना है कि अक्षय तृतीया जैसे त्योहार और शादी-विवाह के सीजन में मांग बढ़ने की उम्मीद के चलते आभूषण विक्रेताओं ने सोने की खरीदारी बढ़ाई है, जिससे बहुमूल्य धातु की कीमतों को समर्थन मिला है।

केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने कहा, रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद घरेलू बाजार में सोने की कीमत अगले एक महीने में घटकर 91,000 से 92,000 रुपये के स्तर पर आ सकती हैं, जो 7-8 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है। अगर व्यापार युद्ध में नरमी आती है और अनिश्चितताएं कुछ कम होती हैं, तो सोने में और बड़ी गिरावट आ सकती है।

सोने के रेट में तेजी की वजह

1. बता दें कि सोने के रेट में यह तेजी वैश्विक अनिश्चितता के बीच आई है। इसका कारण ब्याज दरों में कटौती को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बीच नए सिरे से तनाव तथा अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर का तेज होना है। वर्तमान में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान जैसे बड़े देशों की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ रही है। इससे दुनिया में मंदी की आशंका है।

2. डॉलर इंडेक्स कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ गई है। बता दें कि डॉलर के कमजोर होने पर अक्सर सोने की कीमत बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सोने की कीमत डॉलर में होती है, जिससे अब मजबूत फॉरेन करेंसीज होल्डर्स के लिए यह सस्ता हो जाता है। मंगलवार को कॉमेक्स सोना 3,395 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के करीब कारोबार कर रहा था।

3. सोने की तेजी के पीछे एक कारण केंद्रीय बैंकों द्वारा की जाने वाली खरीद भी है। आर्थिक संटक से निपटने की तैयारी के बीच बीते तीन सालों में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने 1,000 टन से अधिक सोने की खरीदारी की है। टाटा एएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोने की डिमांड खासकर चीन, भारत और तुर्की जैसे उभरते बाजारों से है, जिनके पास अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस जैसी अन्य बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम भंडार है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में केंद्रीय बैंक द्वारा की जाने वाली खरीद औसतन 100 टन प्रति माह रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्रीय बैंकों ने भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के जवाब में अपनी सोने की खरीद बढ़ा दी है।

4. सोने की कीमतों को बढ़ाने का एक सुरक्षित निवेश भी है। दरअसल, बढ़ती मंदी की आशंकाओं, सुस्त विकास और लगातार ट्रेड वॉर टेंशन के बीच निवेशक सोने जैसी सुरक्षित-पनाह वाली संपत्तियों की तलाश में हैं।

5. एक रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। यूबीएस के अनुमान के अनुसार, 2025 में संस्थागत और रिटेल निवेशकों द्वारा वैकल्पिक और अधिक स्थिर परिसंपत्ति में निवेश की तलाश के कारण निवेश 450 मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा।

क्या अभी सोना खरीदना चाहिए?

इंडस्ट्रीज से जुड़े एनालिस्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतें अस्थिर रह सकती हैं, लेकिन छोटी अवधि में स्थिर रहेगी। यदि आप निवेश करना चाहते हैं, तो अधिकांश एनालिस्ट इन स्तरों पर शॉर्ट सेलिंग से बचने की सलाह देते हैं। बता दें कि 2025 में अब तक सोना 26% या 20,800 रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक बढ़ चुका है। हालांकि तेजी के लिए मजबूत अनुकूल परिस्थितियां हैं, लेकिन एनालिस्ट का कहना है कि सावधानी से आगे बढ़ना बुद्धिमानी है। अगर आप अभी निवेश करना चाहते हैं, तो छोटे-छोटे चरणों में या गिरावट पर ऐसा करने पर विचार करें। एनालिस्ट का मानना है कि आने वाले समय में सोने के रेट में गिरावट भी देखी जा सकती है। अगर आर्थिक अनिश्चितता से जुड़ी समस्याएं यानी ट्रेड वॉर और भू राजतीनिक तनाव हल जा जाती है तो अचानक से सोने के रेट में गिरावट देखी जा सकती है। इस स्थिति में सोने के रेट 2,850 डॉलर से 2700 डॉलर प्रति औंस तक आ सकती है।

क्या है एनालिस्ट की राय

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के जिंस के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा, “वैश्विक वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बढ़ने के बीच सोने की कीमतें पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 3,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गईं और घरेलू बाजारों में भी 97,000 के स्तर को पार कर गईं।” एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी ने कहा, “नए सप्ताह की शुरुआत में मजबूत खरीदारी के साथ सोने की कीमतों ने अपनी रिकॉर्ड-तोड़ तेजी को जारी रखा।” “बढ़ते टैरिफ तनाव, अमेरिकी आर्थिक दृष्टिकोण पर चिंताओं और आसन्न अमेरिकी ऋण संकट से इस तेजी को समर्थन मिल रहा है। चीन, वैश्विक केंद्रीय बैंकों और संस्थागत निवेशकों की ओर से लगातार खरीदारी ने गति को बढ़ाया है।”

2025 रिटर्न के लिहाज से 39 साल में सबसे अच्छा साल

वर्ष वैश्विक कीमत (USD) वृद्धि (%)
2025 3,498 33.31%
2007 833.2 31.02%
2010 1,420.7 29.61%
2024 2,624.2 27.22%
2020 1,897.9 25.09%
2009 347.8 24.79%
2006 636 23.54%
1986 400 21.58%
1987 486.1 21.53%

(1980 से सबसे अधिक रिटर्न देने वाले 10 साल, वैश्विक कीमत : डॉलर प्रति औंस में), (सोर्स : केडिया एडवाइजरी)

सलाह : दाम घटने का करें इंतजार

अजय केडिया ने कहा, अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन, मौजूदा हालात में कीमतें जिस रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, उसमें नई खरीदारी से बचना चाहिए। सोना एक साल में 40 फीसदी का रिटर्न दे चुका है।

  • 1980 के बाद से किसी भी एसेट क्लास ने इतना बड़ा रिटर्न नहीं दिया है। ऐसे में सोने में मुनाफावसूली हो सकती है, जिससे कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है।

अक्षय तृतीया पर अच्छी खरीदी की उम्मीद

विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय सीईओ सचिन जैन ने कहा, उद्योग की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि अक्षय तृतीया पर खरीदारी का रुझान अच्छा रहेगा। अनिश्चितताओं के बावजूद खुदरा आभूषण विक्रेताओं के पास पर्याप्त स्टॉक है।

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