Good Friday : जानिए क्यों गुड फ्राइडे मनाया जाता है? जानें इस त्योहार का महत्व और इतिहास
Good Friday : (गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है) History News In Hindi: ईसाई धर्म का पवित्र पर्व गुड फ्राइडे आज है। प्रभु यीशु मसीह (जीसस क्राइस्ट) को समर्पित इस दिन का ईसाई समुदाय के लोगों को बहुत दिनों से इंतजार था। इस दिन चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं होती हैं। लोग उपवास, मौन और ध्यान का पालन करते हैं। प्रभु ईसा मसीह ने मानवता का संदेश फैलाने का काम किया था। उन्होंने प्रेम, क्षमा और बलिदान के जरिए लोगों को मुक्ति का रास्ता दिखाने का प्रयास किया था। यह दिन प्रभु यीशु मसीह के प्रेम और बलिदान की याद दिलाता है। साथ ये दिन दुखद होने के साथ-साथ उद्धार और आशा का प्रतीक भी माना जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार लगभग दो दिन बाद रविवार के दिन प्रभु ईसा मसीह फिर से जीवित हो गए थे। इसलिए गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को ईस्टर (easter 2025) के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं इससे जुड़ा इतिहास।
कैसा मनाया जाता है गुड फ्राइडे
गुड फ्राइडे का पर्व मानव समाज को प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन ईसाई लोग काले रंग के कपड़े पहनकर प्रभु यीशु से अपने पापों के लिए क्षमा मांगते हैं और कई जगह प्रभु यीशु की पदयात्रा भी निकाली जाती है। इस दिन चर्च में कैंडल नहीं जलाई जातीं और न ही घंटियां बजाई जाती हैं। गुड फ्राइडे को लोग अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। गुड फ्राइडे को शाकाहारी और सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है। क्रॉस को चूमकर प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं। इस दिन दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर के 3 बजे तक भगवान यीशु को याद किया जाता है।
इस दिन को क्यों कहते हैं गुड फ्राइडे
प्रभु ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे। धार्मिक अंधविश्वास करने वाले लोगों ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया गया। प्रभु यीशु के बलिदान की वजह से इस दिन को गुड फ्राइडे कहते हैं।
गुड फ्राइडे के तीसरे दिन जीवित हुए ईसा मसीह
गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी संडे को प्रभु ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए और 40 दिन तक लोगों के बीच उपदेश देते रहे। उनके दोबारा जीवित होने की घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को चर्च में उनके जीवन के आखिरी पलों को दोहराया जाता है और लोगों की सेवा की जाती है। यह शोक का दिन है। इस दिन चर्च एवं घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं।
कैसे पड़ा Good Friday नाम?
गुड फ्राइडे उस दिन को समर्पित है जब यीशु मसीह को शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद यहूदी शासकों ने सूली पर चढ़ा दिया था। ऐसा बताया जाता है कि जिस दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, उस दिन शुक्रवार था। इसलिए इस शुक्रवार यानि फ्राइडे को ‘गुड फ्राइडे’ कहते हैं। यह दिन होली डे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। इसे गुड इसलिए कहते हैं, क्योंकि पुरानी अंग्रेजी में गुड का अर्थ ‘होली’ (Holy) यानी पवित्र से होता था।
गुड फ्राइडे से जुड़ी मान्यताएं
गुड फ्राइडे का इतिहास पहली शताब्दी में यरूशलेम में घटित घटनाओं से जुड़ा है. यीशु मसीह जिन्होंने प्रेम, करुणा और क्षमा का संदेश दिया था, उन्हें उस समय के धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने खतरा माना था. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और सूली पर चढ़ाने की सजा दी गई थी. गुड फ्राइडे शोक का दिन जरूर है, लेकिन ये ईस्टर संडे के आगमन की उम्मीद भी जगाता है. ये दिन यीशु की पुनरुत्थान मृत्यु पर जीवन की विजय और पाप पर क्षमा की विजय का प्रतीक है.
गुड फ्राइडे कैसे मनाया जाता है?
दुनिया के अलग-अलग देशों में गुड फ्राइडे विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है. इस दिन चर्च में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं. इन सभाओं में यीशु के क्रूस पर चढ़ने की कहानी पढ़ी जाती है, भजन गाए जाते हैं और उपदेश दिए जाते हैं.
इसके अलावा कई चर्चों में गुड फ्राइडे के दिन क्रूस का रास्ता नामक एक विशेष प्रार्थना अनुष्ठान भी आयोजित किया जाता है, जिसमें यीशु के अंतिम दिनों की घटनाओं को याद किया जाता है. ईसाई धर्म के कई लोग इस दिन उपवास रखते हैं और नॉन वेज भोजन नहीं खाते हैं.
खास बातें-
1. गुड फ्राइडे से करीब 40 दिन पहले ईसाई धर्म के लोग उपवास या व्रत का विधि-विधान से पालन करते हैं।
2. गुड फ्राइडे वाले दिन प्रसाद के तौर पर मीठी रोटियां बांटी जाती हैं।
3. इस दिन चर्च और ईसाई धर्म के लोगों के घरों से सजावट की वस्तुओं को ढक या हटा लिया जाता है, जबकि बरमूडा देश में इस दिन आसमान में पतंगे उड़ाई जाती हैं।
4. क्यूबा, ब्राजील, कनाडा, जर्मनी, मेक्सिको समेत अन्य कई ईसाई परंपराओं को मानने वाले देशों में गुड फ्राइडे के दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। इस दिन विदेशों में कई तरह के कार्यक्रमों पर रोक लग जाती है।