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नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ में मरे अधिकतर लोग बिहार के, 18 लाशों की पहचान, लापरवाही का ऐसा आलम, घायलों को न एंबुलेंस मिली और न मदद को जवान

नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ में मरे अधिकतर लोग बिहार के, 18 लाशों की पहचान, लापरवाही का ऐसा आलम, घायलों को न एंबुलेंस मिली और न मदद को जवान

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात भगदड़ मचने से तीन बच्चों सहित 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। घायलों का इलाज जारी है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। मृतकों में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मृतकों में सबसे ज्यादा लोग बिहार से हैं और इनकी संख्या नौ बताई जा रही है। वहीं मृतकों में दिल्ली के आठ और एक शख्स हरियाणा का रहने वाला था।भगदड़ की घटना रात करीब 10 बजे के आसपास प्लेटफार्म 13 और 14 पर घटी, जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए स्टेशन पर पहुंचे ते और ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे।

मृतकों में 12 महिलाएं शामिल हैं तो 4 बच्चों को भी जान चली गई। भगदड़ में मारे गए बच्चों की उम्र 7 साल से लेकर 15 साल तक की है। 18 मृतकों में से 9 की पहचान बिहार निवासी के रूप में हुई है। बक्सर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और पटना के कई लोगों ने हादसे में अपनी जान गंवा दी।

इनकी गई जान

1. आहा पत्नी पति रविंदे नाथ, निवासी बक्सर, उम्र- 79 साल

2. पिंकी पत्नी पति उपेंद्र शर्मा, निवासी संगम विहार दिल्ली, उम्र- 41 साल

3. शीला पत्नी पति उमेश गिरी, निवासी सरिता विहार दिल्ली, उम्र 50 साल

4. व्योम पुत्र धर्मवारी, निवासी बवाना दिल्ली, उम्र- 25 साल

5. पूनम देवी पत्नी मेघा नाथ, निवासी सारन बिहार, उम्र- 40 साल

6. ललिता देवी पत्नी संतोश, निवासी- पटना बिहार, उम्र- 35 साल

7. सुरुचि पुत्री मनोज शाह निवासी मुजफ्फरपुर बिहार, उम्र- 11 साल

8. कृष्णा देवी पत्नी विजय शाह, निवासी- समस्तीपुर बिहार, उम्र- 40 साल

9. विजय शाह पुत्र राम स्वरूप शाह निवासी- समस्तीपुर बिहार, उम्र- 15 साल

10. नीरज पुत्र इंद्रजीत पासवान, निवासी वैशाली बिहार, उम्र- 12 साल

11. शांति देवी पत्नी राज कुमार मांझी, निवासी- नवादा बिहार, उम्र 40 साल

12. पूजा कुमार पुत्री राज कुमार मांझी, नवादा बिहार, उम्र- 8 साल

13. संगीता मलिक पत्नी मोहित मलिक, निवासी- भिवानी हरियाणा, उम्र 34 साल

14. पूनम पत्नी वीरेंद्र सिंह, निवासी महावीर एनक्लेव उम्र 34 साल

15. ममता झा पत्नी विपिन झा, निवासी- नांगलोई दिल्ली, उम्र 40 साल

16. रिया सिंह पुत्री ओपिल सिंह, निवासी- सागरपुर दिल्ली, उम्र 7 साल

17. बेबी कुमारी पुत्री प्रभु शाह, निवासी- बिजवासन दिल्ली, उम्र- 24 साल

18. मनोज पुत्र पंजदेव कुशवाहा, निवासी नांगलोई दिल्ली, उम्र 47 साल

अचानक कैसे बिगड़े हालात?

शनिवार को भी शाम से ही स्टेशन पर भीड़ लगातार बढ़ रही थी मगर वहां पर न तो रेलवे की तरफ से और न ही रेलवे पुलिस की तरफ से सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए थे। इन प्लेटफार्म पर इक्का-दुक्का ही पुलिस वाले नजर आ रहे थे, जबकि जिस तरह से भीड़ वहां बढ़ रही थी तो हर प्लेटफार्म पर कम से कम 30 से 40 पुलिसकर्मी तैनात होने चाहिए थे, वहीं रेलवे के कर्मचारी भी नदारद थे।

इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन को नहीं थी खबर

सवाल यह उठता है कि रेलवे और रेलवे पुलिस को यह जानकारी कैसे नहीं हो सकी कि रेलवे स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ हो चुकी है। लापरवाही का आलम यह भी रहा कि जो लोग इस घटना में घायल हुए थे, उनको अस्पताल पहुंचने में भी काफी देरी हुई, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर केवल एक ही एंबुलेंस उपलब्ध थी जबकि इस माहौल में वहां पर एंबुलेंस की संख्या नहीं बढ़ाई गई।

कोई घायलों को ऑटो से लेकर अस्पताल भागा तो कोई वहां अपनी सवारी छोड़ने आए लोगों के निजी वाहनों का सहारा लेकर अस्पताल पहुंचा। हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन को कोई खबर तक नहीं थी।

प्रशासन की भी नींद तब खुली जब लोकनायक पहुंचे घायलों में 18 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। इसके बाद आननफानन में रेलवे स्टेशन पर 50 के करीब एंबुलेंस भेजी गईं। एनडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियां रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं। सवाल उठ रहा है कि इंतजाम को पहले क्यों नहीं किए गए? जबकि भीड़ बढ़ रही थी।

प्रयागराज होते हुए बिहार जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी भी थी लेट

शनिवार रात महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्लेटफॉर्म 14, 15 के बीच पुल पर भीड़ के अनियंत्रित हो जाने से सीढ़ियों पर खड़े लोग हादसे का शिकार हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस देरी से चल रही थीं और इन ट्रेन के यात्री भी प्लेटफार्म नंबर 12, 13 और 14 पर मौजूद थे। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस प्रयागराज होते हुए बिहार जाती है। बड़ी संख्या में लोग स्वतंत्रता सेनानी में बैठना चाहते थे। कई गाड़ियों के लेट होने के बीच जब एक स्पेशल ट्रेन की घोषणा हुई तो अधिक से अधिक लोग उसकी तरफ बढ़ना चाहते थे, जिससे यह हादसा हुआ।

पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान

रेलवे ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने घोषणा की। रेलवे ने कहा कि गंभीर रूप से घायलों को ढाई-ढाई लाख रुपये और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे।

भगदड़ की पुलिस ने शुरू की जांच

दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना की रविवार को जांच शुरू कर दी जिसके तहत सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर यह पता लगाया जाएगा कि अफरातफरी क्यों मची। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात भगदड़ मचने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस सूत्रों ने कहा, ‘हमारा मुख्य लक्ष्य भगदड़ के मुख्य कारण की जांच करना है। हम सीसीटीवी फुटेज और उस दौरान की गई घोषणाओं का सारा डेटा एकत्र करेंगे।’

26 साल में नहीं देखी ऐसी भीड़, छठ पूजा पर भी नहीं

वेंडर ने बताया कि वह 26 साल से यहां दुकान चला रहे हैं, लेकिन कभी किसी मौके पर इतनी भीड़ नहीं देखी थी। उन्होंने कहा, ‘पब्लिक इतनी आ गई कि अनुमान ही नहीं था। हमने आज तक इतनी भीड़ नहीं देखी। 26 साल मुझे यहां हो गए, ऐसा तो कभी छठ पूजा पर भी नहीं हुआ, जितनी रात पब्लिक आई। पूरी रात स्पेशल गाड़ियां चली हैं, हर 20-30 मिनट में। फोर्स बहुत ज्यादा थी, लेकिन भीड़ पुल पर थी। पुल पर जगह कम होती है। वहां ज्यादा कंट्रोल करना मुमकिन नहीं था। प्लैटफॉर्म पर भीड़ नहीं थी, पूरी भीड़ पुल पर थी।’

जांच की तात्कालिक रिपोर्ट से तस्वीर स्पष्ट हुई

इस घटना की जांच के लिए गठित कमेटी की तात्कालिक रिपोर्ट ने कहा है कि प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेन की घोषणा करने के बाद भगदड़ की स्थिति पैदा हुई.

जांच की तात्कालिक रिपोर्ट को शब्दश: हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं. “दिनांक 15.02.2025 को रात्रि लगभग 10:00 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना घटी. बताया गया कि प्लेटफार्म नंबर 14 पर यात्रियों की भारी भीड़ थी, जो प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में चढ़ने का इंतजार कर रहे थे.

“इसी समय, प्लेटफार्म नंबर 13 पर नई दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में सवार होने के लिए बड़ी संख्या में यात्री जमा हो गए थे. यह ट्रेन लेट थी और इसे मध्य रात्रि में रवाना करने के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था, जिसके कारण यात्री प्लेटफार्म पर ही रहे क्योंकि प्लेटफार्म नंबर 14 और 13 एक दूसरे से सटे हुए हैं और दोनों प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ती जा रही थी.”

“इसके अलावा, रेलवे अधिकारी प्रयागराज के लिए हर घंटे लगभग 1,500 जनरल टिकट जारी कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर अधिक यात्री इकट्ठा हो रहे थे.  भारी भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर खड़े होने के लिए भी जगह नहीं बची थी.”

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