ई-शिक्षा कोष एप की गड़बड़ी से हजारों शिक्षकों पर गिरी गाज, मृतकों से भी स्पस्टीकरण; बिहार शिक्षा विभाग को किस बात की हड़बड़ी?
बिहार का शिक्षा विभाग हमेशा अपने कारनामों की वजह से चर्चा में रहता हैं. चाहे 10 साल बाद इंटर का रिजल्ट देने का मामला हो या वर्तमान में पूर्णिया के शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछने का मामला. शिक्षा विभाग ने पूर्व में मर चुके टीचर सहित जिले के लाखों टीचर्स से ई शिक्षा ऐप पर ऑनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं कराने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. जिन टीचर्स ने ई शिक्षा ऐप पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है, उन्हें अपना स्पष्टीकरण विद्यालय प्रधान के मंतव्य के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 19 – 20 मार्च 2025 को जिले के टीचर्स के स्कूल के नाम सहित एक लिस्ट जारी की है, जिसमें विभाग ने संबंधित टीचर्स से पूछा है कि किस परिस्थिति में विभागीय निर्देश का अवहेलना करते हुए आपने ई शिक्षा ऐप पर 19 – 20 मार्च 2025 तक अपनी जानकारी दर्ज क्यों नहीं की है. इस बात का जवाब विभाग ने 48 घंटे के अंदर मांगा है. शिक्षा विभाग के अधिकारी ने लिखा है कि ई शिक्षा ऐप पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करना दुखद है. यह शिक्षकों के स्वेच्छाचारिता और विभाग के निर्देश की अवहेलना करना है.
समस्तीपुर : सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए उपयोग किए जा रहे ‘ई-शिक्षा कोष’ एप की तकनीकी खामी के कारण बड़ी संख्या में शिक्षकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस एप की गड़बड़ी के कारण 19 मार्च को जिले भर के अलग-अलग प्रखंडों के 746 स्कूलों के हेडमास्टर और 1 हजार 41 शिक्षकों को विभाग द्वारा स्पष्टीकरण (शो-कॉज) नोटिस भेज दी गयी।
एप की गड़बड़ी के कारण शिक्षकों की उपस्थिति विभागीय सिस्टम में दर्ज नहीं हो सकी, जबकि शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति सुबह 9:30 से 10:00 बजे के बीच ही दर्ज कर दी थी। शिक्षकों ने इसका प्रमाण अपनी शिक्षा कोष आईडी के स्क्रीनशॉट के माध्यम से दिया है, जिससे साफ हो रहा है कि गलती एप या विभागीय सिस्टम में हुई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि स्पष्टीकरण मांगने वालों की सूची में ऐसे शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं, जो या तो सेवा निवृत्त हो चुके हैं, या जिनका निधन हो चुका है। तकनीकी गड़बड़ी के कारण विभागीय पदाधिकारी भी भ्रमित हो गए हैं। इससे सोशल मीडिया पर विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस गड़बड़ी का खामियाजा जहां ईमानदार शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है, वहीं फर्जी उपस्थिति लगाने वालों को इसका फायदा मिल रहा है, जिससे शिक्षकों में रोष बढ़ रहा है।
मृत शिक्षकों से भी स्पस्टीकरण :
शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों से भी स्पष्टीकरण मांगा है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। पटोरी प्रखंड के मध्य विद्यालय जोरपुरा के शिक्षक चितरंजन कुमार की अपराधियों ने बीते वर्ष नवंबर महीने में स्कूल से घर लौटते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं सिंघिया प्रखंड के प्लस टू विद्यालय लगमा के शिक्षक राम उदय सिंह, कल्याणपुर प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय हजपुरवा के शिक्षक चंदन कुमार, पूसा प्रखंड स्थित किसान उच्च विद्यालय मोरसंड की शिक्षिका रेखा यादव की भी मौत हो चुकी है जिनसे जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा विद्यालय में अनुपस्थिति को लेकर स्पस्टीकरण मांगा गया है। हेडमास्टरों को डीईओ ने निर्देश दिया गया है कि वे अपना और अपने अधीन संबंधित सभी शिक्षकों का स्पस्टीकरण का जवाब दो दिनों में डीईओ कार्यालय को दें।
ई-शिक्षाकोष एप की गड़बड़ी के कारण कुछ शिक्षकों को पहले अनुपस्थित फिर उपस्थित दिखाया गया है। शिक्षकों को घबराने की जरूरत नहीं है, ई-शिक्षा कोष की उपस्थिति और जबाब बनाकर कार्यालय को समर्पित कर दें, जांच के बाद उनपर कारवाई नहीं की जाएगी। वहीं मृत शिक्षकों के नाम ई-शिक्षाकोष से नहीं हटाया गया था जिस कारण उन सभी को भी शो-काॅज चला गया है। उन शिक्षकों के नाम एप से हटाकर अपडेट करने का निर्देश विभाग को दिया गया है।
कामेश्वर प्रसाद गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, समस्तीपुर
पूर्णिया : जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्णिया ने 19 मार्च 2025 को जिले के 466 टीचर्स के स्कूल के नाम सहित एक लिस्ट जारी की है, जिसमें विभाग ने संबंधित टीचर्स से पूछा है कि किस परिस्थिति में विभागीय निर्देश का अवहेलना करते हुए आपने ई शिक्षा ऐप पर 18 मार्च 2025 तक अपनी जानकारी दर्ज क्यों नहीं की है. इस बात का जवाब विभाग ने 48 घंटे के अंदर मांगा है. शिक्षा विभाग के अधिकारी ने लिखा है कि ई शिक्षा ऐप पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करना दुखद है. यह शिक्षकों के स्वेच्छाचारिता और विभाग के निर्देश की अवहेलना करना है.
मृत टीचर्स का भी लिस्ट में नाम
विद्यालय प्रधान की राय के साथ संतोषप्रद स्पष्टीकरण समय सीमा के अंदर नहीं दिए जाने पर एक दिन का वेतन काटने की बात भी कहीं गई है. मगर हैरत की बात यह है कि इस 466 टीचर्स की लिस्ट में कई टीचर्स ऐसे भी है जिनकी मृत्यु हो चुकी है. इनमें रुपौली प्रखंड के एम एस गेदुहा के शिक्षक चितरंजन ठाकुर, बनमनखी के मातुराम उच्च विद्यालय के शिक्षक शशि राज और धमदाहा प्रखंड के बिशनपुर के शिक्षक सुशील कुमार ठाकुर का नाम भी शामिल है.
466 टीचर्स की लिस्ट
इन मृत शिक्षकों से भी स्पष्टीकरण की मांग करते हुए 48 घंटे का समय दिया गया हैं, अगर यह ऐसा नहीं करते हैं तो विभाग ने इनका भी एक दिन का वेतन काट लेगी. इसके अलावा अमौर प्रखंड के 24, बैसा प्रखंड के 26, बायसी में 36, बनमनखी में 73, बी.कोठी में 42, भवानीपुर में 23, डगरुआ में 25, धमदाहा में 50, जलालगढ़ में 17, कसबा में 28, के.नगर में 27, पूर्णिया पूर्व में 48, रुपौली में 23 और श्रीनगर प्रखंड में 11 शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
इन शिक्षकों में कई ऐसे बीपीएससी शिक्षक है, जो होली में अपने घर गए फिर वापस नहीं लौटे हैं, कई शिक्षक अपने घरों से ही ई-शिक्षा कोष के माध्यम से हाजिरी बना रहे हैं. वहीं, कई शिक्षक नेटवर्क न रहने का बहाना बनाकर स्कूलों से फरार रहते है.
सीतामढ़ी: सूबे के किसी जिले के एक ही दिन 1522 शिक्षकों ने हाजिरी नहीं बनाई। यह सुनने में हर किसी को थोड़ा अटपटा और अजीब जरूर लगेगा, लेकिन सच है। ऐसा हुआ है सूबे के सीतामढ़ी जिले में। यहां के दो -चार नहीं, बल्कि थोक में 1522 शिक्षक 18 मार्च 2025 को हाजिरी नहीं बना सके। इतनी बड़ी संख्या में इन शिक्षकों द्वारा हाजिरी नहीं बनाए जाने से विभाग भी हैरान है और इसे गंभीरता से लिया है। विभाग से इस संबंध में शिक्षकों की डिटेल के साथ डीएम को रिपोर्ट भेजी गई, जिसके आलोक में डीईओ ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
जवाब दें, अन्यथा बंद होगा वेतन
इन तमाम शिक्षकों को भेजे पत्र में डीईओ प्रमोद कुमार साहू ने कहा है कि प्रतिदिन ई-शिक्षा कोश ऐप के माध्यम से अपनी हाजिरी बनानी है। यह अनिवार्य है। विभागीय निर्देश के बावजूद 18 मार्च को हाजिरी नहीं बनाई गई, जो एक गंभीर मामला है। डीईओ ने हाजिरी बनाने में पीछे रहने वाले 1525 शिक्षकों से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है, अन्यथा वेतन बंद कर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने की चेतावनी दी है।
1522 में मृत और रिटायर्ड शिक्षक भी
इधर, खबर मिली है कि हाजिरी नहीं बनाने वाले 1522 शिक्षकों की सूची में मृत और रिटायर्ड शिक्षकों का भी नाम शामिल कर दिया गया है। यानी रिटायर्ड और मृत शिक्षकों से भी जवाब मांगा गया है। बताया गया है कि रीगा प्रखंड के मध्य विद्यालय, रीगा मिल के शिक्षक शशिशेखर प्रसाद सिंह का निधन छह माह पूर्व ही हो चुका है। वहीं, मध्य विद्यालय, भोरहा हिंदी के शिक्षक श्रीरामा का निधन छह फरवरी को हुआ। बाजपट्टी प्रखंड के एसआरपीएन हाई स्कूल, बाजपट्टी के शिक्षक मनोज कुमार की मृत्यु एक जनवरी 2025 को ही हो गई। इसी स्कूल के शिक्षक विजय कुमार साह का स्थानांतरण मुख्यालय डुमरा स्थित बीईपी से बेगूसराय हो चुका है।
किस प्रखंड के कितने शिक्षक फंसे
डीईओ के स्तर से जारी सूची के अनुसार, बैरगनिया प्रखंड के 71, बाजपट्टी के 124, बथनाहा के 91, बेलसंड के 63, बोखड़ा के 73, चोरौत के 48, डुमरा के 151, मेजरगंज के 43, नानपुर के 71, परिहार के 119, परसौनी के 61, पुपरी के 98, रीगा के 93, रुन्नीसैदपुर के 181, सोनबरसा के 111, सुप्पी के 33 और सुरसंड प्रखंड के 77 शिक्षकों से जवाब मांगा गया है, जिन्होंने हाजिरी नहीं बनाई थी।
शिक्षक संघ ने जताई है आपत्ति
प्रारंभिक शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि रंजन सुमन ने कहा कि ई-शिक्षा पोर्टल सही से काम नहीं कर रहा है। कई शिक्षकों ने अपनी उपस्थित और प्रस्थान समय पर दर्ज किया था। बावजूद सूची में नाम शामिल हैं। कई शिक्षकों के आगमन का समय पोर्टल पर दर्ज है। शिक्षकों के आईडी पर यह प्रदर्शित भी कर रहा है। ऐसे में शिक्षक कहीं से भी दोषी नहीं हैं। कभी नेटवर्क की समस्या तो कभी मोबाइल चार्ज नहीं रहने की समस्या से भी शिक्षकों को जूझना पड़ता है।
क्या कहते है शिक्षा अधिकारी
डीपीओ स्थापना सुभाष कुमार ने मीडिया को बताया है कि मृत/स्थानांतरित शिक्षकों की सूचना हेडमास्टर को देनी है। उन्हें पोर्टल पर संशोधित करना है। सूची को संशोधित किया जाएगा। पोर्टल पर जिन शिक्षक की हाजिरी बनी है, पर उनका नाम भी इस सूची में शामिल हो गया, तो इसे भी ठीक कराया किया जाएगा।
डीपीओ स्थापना सुभाष कुमार