जीविका दीदियों का उत्कृष्ट कार्य; गैर कृषि विषय की युवा पेशेवर तृषा के निफ्ट शैक्षणिक संस्थान में सहायक प्रोफेसर पद पर हुआ चयन

जीविका दीदियों का उत्कृष्ट कार्य; गैर कृषि विषय की युवा पेशेवर तृषा के निफ्ट शैक्षणिक संस्थान में सहायक प्रोफेसर पद पर हुआ चयन
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जीविका दीदियों का उत्कृष्ट कार्य; गैर कृषि विषय की युवा पेशेवर तृषा के निफ्ट शैक्षणिक संस्थान में सहायक प्रोफेसर पद पर हुआ चयन

दरभंगा  गैर कृषि विषय की युवा पेशेवर तृषा के निफ्ट शैक्षणिक संस्थान में सहायक प्रोफेसर पद पर चयन के उपलक्ष्य में डी.पी.सी.यू कार्यालय फेयरवेल कार्यक्रम आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित पदाधिकारी एवं कार्यालय कर्मियों ने उनकी उपलब्धियों की सराहना किया।

तृषा के नेतृत्व में जीविका दरभंगा के गैर कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई, जिससे हजारों महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिला।

तृषा के कार्यकाल के दौरान तीन प्रखंडों की 18 दीदियाँ आजीविका एक्सप्रेस योजना से लाभान्वित हुईं और तीन नई दीदियाँ आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। बेनीपुर अनुमंडल अस्पताल, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, और अनुसूचित जाति-जनजाति आवासीय विद्यालय, बहादुरपुर में दीदी की रसोई के माध्यम से मरीजों और विद्यार्थियों को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

उमंग और जागरण संकुल संघ की दीदियाँ दरभंगा मेडिकल कॉलेज और बेनीपुर अनुमंडल अस्पताल में सफाई और वस्त्र धुलाई का कार्य कर रही हैं।

11 प्रखंडों में ग्रामीण बाजार संचालित हैं, जहाँ दीदियों को सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

बहादुरपुर में शिल्पग्राम उत्पादक कंपनी के माध्यम से 572 दीदियाँ मधुबनी कला, सिक्की शिल्प और बाँस उत्पाद बनाकर विपणन कर रही हैं।

हायाघाट प्रखंड के पतोर गाँव में 25 दीदियाँ सत्तू, बेसन और मसाले बनाकर अपनी आजीविका सशक्त कर रही हैं। बहादुरपुर की पुनम देवी ने जिला निबंधन कार्यालय में कैंटीन स्थापित कर ₹15,000-₹20,000 मासिक आय अर्जित की है।

10 शहद उत्पादक समूहों के माध्यम से 232 दीदियाँ शहद उत्पादन और विपणन कर रही हैं। छह प्रखंडों की 187 दीदियाँ मधुबनी पेंटिंग, सिक्की शिल्प और लहठी उत्पाद बनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।

डीपीएम डॉ. ऋचा गार्गी ने तृषा के योगदान को सराहते हुए उनके जाने पर परियोजना और जीविका के लिए बड़ी क्षति बताया।

उन्होंने कहा कि तृषा का कार्य हमेशा प्रेरणादायक रहेगा।

तृषा ने अपनी बधाई स्वीकार करते हुए सभी से आग्रह किया कि गैर कृषि कार्यों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें। कार्यक्रम में डीपीसीयू के सभी कर्मियों ने तृषा के साथ अपने अनुभव साझा किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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