NCERT MCQs | कला एवं संस्कृति | मूर्तिकला

मूर्तिकला

NCERT MCQs | कला एवं संस्कृति | मूर्तिकला

NCERT MCQs | कला एवं संस्कृति | मूर्तिकला

मूर्तिकला

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. पटना, विदिशा और मथुरा में यक्षों तथा यक्षिणियों की बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ पाई गई हैं।
2. इन प्रतिमाओं को अधिकतर बैठे हुए दिखाया गया है।
3. यक्षिणी की प्रतिमा का एक सर्वोत्कृष्ट उदाहरण दीदारगंज, पटना से प्राप्त हुआ है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं ?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) और (3) सत्य हैं। पटना, विदिशा तथा मथुरा में यक्षों एवं यक्षिणियों की बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ पाई गई हैं, जो यक्ष पूजा की लोकप्रियता को बताती हैं। पटना के दीदारगंज से प्राप्त यक्षिणी की प्रतिमा (मूर्ति) मूर्तिकला का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि यक्ष यक्षिणियों की विशाल प्रतिमाएँ अधिकतर खड़ी अवस्था में प्राप्त हुई हैं। इन सभी प्रतिमाओं में एक विशेष तत्त्व यह है कि इनकी सतह चिकनी अर्थात् पॉलिश की हुई है।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए असत्य कथन को चुनें
(a) सारनाथ स्तंभ के सिंह शीर्ष को मौर्यकालीन मूर्तिकला का एक सर्वोत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है।
(b) ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में हमें बुद्ध की प्रतिमाओं या आकृतियों के दर्शन नहीं होते हैं।
(c) पटना के दीदारगंज से मिली यक्षिणी की मूर्ति सफेद संगमरमर की बनी है।
(d) अशोक स्तंभ एकाश्म पत्थरों पर उत्कीर्ण है।
उत्तर - (c)
व्याख्या- पटना के दीदारगंज से प्राप्त यक्षिणी की मूर्ति संगमरमर नहीं, बल्कि बलुआ पत्थर से बनी है। इसे चामरग्राहिणी मूर्ति भी कहा जाता है, क्योंकि यह मूर्ति हाथ में चामर (पंखा) पकड़े खड़ी है, इसका अंगविन्यास संतुलित एवं समानुपातिक है।
3. धौली स्थल पर चट्टान को काटकर हाथी की एक विशाल मूर्ति बनाई गई है। यह किस राज्य में अवस्थित है?
(a) ओडिशा 
(b) मध्य प्रदेश
(c) उत्तर प्रदेश
(d) तमिलनाडु
उत्तर - (a)
व्याख्या- ओडिशा के धौली नामक स्थान पर चट्टान को काटकर हाथी की एक विशाल प्रतिमा बनाई गई है, इस पर सम्राट अशोक का शिलालेख भी अंकित हैं। इसका निर्माण अशोक के शासनकाल में हुआ था।
4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. मूर्तिकला के कुछ उत्कृष्ट उदाहरण भरहुत, बोधगया तथा मथुरा से प्राप्त हुए हैं।
2. भरहुत में पाई गई मूर्तियाँ मौर्यकालीन यक्ष और यक्षिणी की प्रतिमाओं की भाँति दीर्घाकार नहीं हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) सत्य है । मूर्तिकला के कुछ उत्कृष्ट उदाहरण (नमूने) विदिशा एवं भरहुत (मध्य प्रदेश), बोधगया (बिहार), जगय्यपेट (आंध्र प्रदेश), खंडगिरि - उदयगिरि (उड़ीसा, भज तथा पानी (महाराष्ट्र) से मिले हैं।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि भरहुत (मध्य प्रदेश) से प्राप्त मूर्तियाँ मौर्यकाल के यक्ष और यक्षिणी की मूर्तियों की भाँति दीर्घाकार अर्थात् ऊँची हैं। यहीं से प्राप्त एक आख्यान मूर्ति में रूर जातक में बोधिसत्व हिरण को एक आदमी की जान बचाते हुए दिखाया गया है।
5. महारानी माया का स्वप्न (बुद्ध के जन्म से संबंधित) किस स्तूप में दर्शाया गया है ?
(a) साँची स्तूप 
(b) सारनाथ स्तूप
(c) भरहुत स्तूप
(d) बोधगया स्तूप
उत्तर - (c)
व्याख्या- बुद्ध के जन्म से संबंधित महारानी माया देवी (माता) के स्वप्न की घटना को भरहुत स्तूप में दर्शाया गया है, जिसमें महारानी की आकृति को लेटी (सोई) हुई अवस्था में और एक हाथी को ऊपर से उतरकर महारानी मायादेवी की कोख (गर्भाशय) की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है।
6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. मथुरा में बुद्ध की प्रतिमाएँ यक्षों की आरंभिक मूर्तियों जैसी बनी हैं, लेकिन गांधार में पाई गई बुद्ध की प्रतिमाओं में यूनानी शैली की विशेषताएँ पाई जाती हैं।
2. मथुरा और गांधार में बुद्ध के मानव रूप को प्रतीकात्मक रूप दिया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं? 
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) सत्य है । ईसा की पहली शताब्दी तथा उसके बाद उत्तर भारत में मथुरा तथा गांधार (वर्तमान अफगानिस्तान) दक्षिण भारत में वेंगी (आंध्र प्रदेश) कला उत्पादन के मुख्य केंद्र के रूप में उभरे। मथुरा शैली (मथुरा में) बनी बुद्ध की मूर्तियाँ यक्षों की आरंभिक मूर्तियों की भाँति बनाई गई हैं, परंतु गांधार से प्राप्त बुद्ध की प्रतिमाओं में (मूर्तियों में) यूनानी शैली की विशेषताएँ पाई जाती हैं। गांधार की प्रतिमाओं पर विदेशी प्रभाव पाया गया है।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि मथुरा एवं गांधार कला में बुद्ध के मानव रूप को प्रतीकात्मक रूप नहीं, बल्कि बुद्ध के प्रतीकात्मक रूप को मानव रूप दिया गया।
7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. उत्तर भारत में मूर्तिकला के दो महत्त्वपूर्ण संप्रदायों (घरानों) सारनाथ तथा कौशांबी का उदय हुआ।
2. सारनाथ तथा कौशांबी मूर्तिकला के केंद्र बनने के बाद मथुरा कला के उत्पादन के मुख्य केंद्र नहीं रहे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य नहीं है / हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (b)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (2) सत्य नहीं है। मथुरा जो मूर्तिकला का परंपरागत केंद्र था, वह सारनाथ तथा कौशांबी के मूर्तिकला केंद्र बनने के बाद भी कला के उत्पादन का मुख्य केंद्र ही बना रहा। मथुरा में बुद्ध की मूर्तियों को वस्त्र की कई तहें ओढ़े हुए दिखाया गया है तथा आभामंडल अत्यधिक अलंकृत है।
कथन (1) सत्य है, क्योंकि ईसा की पाँचवीं और छठीं शातब्दी में उत्तर भारत में मूर्तिकला की दो महत्त्वपूर्ण शैलियों (घरानों/क्षेत्रों) का उदय हुआ, जिनके नाम सारनाथ और कौशांबी था।
सारनाथ में पाई जाने वाली बौद्ध प्रतिमाओं में दोनों कंधों को वस्त्र से ढका हुआ दिखाया गया है। सिर के चारों ओर आभामंडल बना हुआ है, जिसमें सजावट (अलंकरण) बहुत कम किया गया है।
8. अवलोकितेश्वर, अमिताभ तथा मैत्रेय प्रतिमाएँ किससे संबंधित हैं?
(a) विष्णु (वैष्णव)
(b) शिव (शैव) 
(c) बुद्ध (बौद्ध)
(d) महावीर (जैन) 
उत्तर - (c)
व्याख्या- अवलोकितेश्वर अमिताभ, मैत्रेय, वज्रपाणि आदि प्रतिमाएँ बुद्ध एवं बोधिसत्वों की प्रतिमाएँ हैं। बुद्ध वे हैं, जिन्होंने परम ज्ञान की प्राप्ति कर ली है, जबकि बोधिसत्व उस ज्ञान के प्रत्याशी हैं। मैत्रेय भविष्य में अवतरित होने वाले बुद्ध के अवतार हैं तथा अमिताभ बुद्ध महायान संप्रदाय के अनुसार वर्तमान सृष्टि के अभिभावक हैं।
9. निम्न में से किस गुफा में रावण द्वारा कैलाश को उठाए हुए तथा विष्णु के विभिन्न अवतारों को दर्शाया (चित्रित) गया है?
(a) अजंता गुफा 
(b) कन्हेरी गुफा 
(c) बाघ गुफा
(d) एलोरा गुफा
उत्तर - (d)
व्याख्या- एलोरा गुफा में रावण द्वारा कैलाश पर्वत को उठाए हुए उत्कीर्ण किया गया है। इसके अतिरिक्त इस गुफा में ही भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों को भी उत्कीर्ण किया गया है। एलोरा गुफा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है। इसकी विशेषता है कि यहाँ बौद्ध, जैन एवं ब्राह्मण तीनों ही धर्मों से संबंधित 34 गुफाएँ हैं। एलोरा में बनी तीन मंजिली गुफा को यहाँ की विशेष उपलब्धि माना जाता है।
10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. भारतीय मूर्तिकारों ने उत्तरवैदिक काल में कांस्य मूर्तियों को बनाने की कला सीखी।
2. सिरेपेडु अर्थात् 'लुप्त-मोम' की प्रक्रिया, कांस्य प्रतिमाएँ एवं टेराकोटा मूर्तियों से संबंधित है।
3. बौद्ध, जैन और हिंदू देवी-देवताओं की कांस्य प्रतिमाएँ भारत के अनेक क्षेत्रों में पाई गई हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (3) सत्य है । बौद्ध, जैन तथा हिंदू देवी-देवताओं की कांस्य प्रतिमाएँ भारत के अनेक क्षेत्रों से प्राप्त हुई हैं। इन प्रतिमाओं की अवधि दूसरी से सोलहवीं सदी तक की है, इनमें से अधिकांश प्रतिमाएँ आनुष्ठानिक पूजा के लिए बनाई गई थीं।
कथन (1) और (2) असत्य हैं, क्योंकि भारतीय मूर्तिकारों ने सिंधु घाटी सभ्यता काल से ही कांसे को पिघलाना, ढालना तथा उससे मूर्तियाँ बनाने की कला सीख ली थी न कि उत्तर वैदिक काल में । इसका उदाहरण मोहनजोदड़ो से प्राप्त कांसे की नर्तकी की मूर्ति है।
कांसे की मूर्ति की ढलाई के लिए सिरेपेडु अर्थात् 'लुप्त मोम' की प्रक्रिया अपनाई जाती है, न कि टेराकोटा की मूर्तियों में।
11. निम्नलिखित में से किसमें अज्ञान या विस्मृति के दैत्य 'अपस्मार' को पैर ( पंजे ) से दबाते हुए दिखाया गया है ?
(a) बुद्ध के भूमिस्पर्श द्वारा
(b) शिव की नटराज प्रतिमा
(c) विष्णु की शेषशायी मुद्रा
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (b)
व्याख्या- नटराज रूपी शिव (नटराज मुद्रा) की प्रतिमा में शिव को अपने पैर (पंजे) से अज्ञान अथवा विस्मृति के दैत्य 'अपस्मार' को दबाते हुए दिखाया गया है, इस मूर्ति में भगवान शिव को नृत्य मुद्रा में दिखाया गया है। नटराज शिव की प्रतिमा एक प्रसिद्ध कांस्य मूर्ति है, यह बारहवीं शताब्दी में चोल काल में बनाई गई थी।
12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. बुद्ध की एक कांस्य प्रतिमा बिहार के सुल्तानगंज से प्राप्त हुई है।
2. धानेसरखेड़ा से प्राप्त विशिष्ट कांस्य प्रतिमा में परिधान की तहें मथुरा शैली जैसी ही बनाई गई हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए दोनों कथन सत्य हैं। बिहार के सुल्तानगंज से बुद्ध की एक विशाल कांस्य प्रतिमा प्राप्त हुई है, यह प्रतिमा विशिष्ट रूप से परिष्कृत तथा उच्च गुणवत्ता की है।
उत्तर प्रदेश के धानेसरखेड़ा से प्राप्त बुद्ध की कांस्य प्रतिमा में परिधान (वस्त्र) की तहें मथुरा शैली की भाँति ही बनी हैं अर्थात् इसमें कई घुमाव या मोड़ दिखाई देते हैं।
13. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. कालियामर्दन, उत्तर प्रदेश से प्राप्त कांस्य मूर्ति है।
2. कुछ प्रमुख तीर्थंकरों की शासन देवियों या यक्षिणियों की नारी प्रतिमाएँ (काँस्य प्रतिमाएँ) बनाई गई थी।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) असत्य है, क्योंकि कालियामर्दन चोलकालीन कांस्य मूर्ति है, जो उत्तर प्रदेश से नहीं, बल्कि तमिलनाडु से प्राप्त हुई है। दसवीं से बारहवीं सदी के बीच चोल वंश के शासनकाल में उत्कृष्ट एवं सुंदर कांस्य प्रतिमाएँ बनाई गईं। दक्षिण भारत में कांस्य प्रतिमाएँ बनाने की कला आज भी कुंभकोणम् (तमिलनाडु) में प्रचलित है।
कथन (2) सत्य है, क्योंकि चक्रेश्वरी, आदिनाथ (जैन तीर्थंकर) की शासनदेवी और अंबिका, नेमिनाथ की शासनदेवी की कांस्य मूतियाँ बनाई गई।
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