NCERT MCQs | कला एवं संस्कृति | संगीत और नृत्य

संगीत और नृत्य

NCERT MCQs | कला एवं संस्कृति | संगीत और नृत्य

NCERT MCQs | कला एवं संस्कृति | संगीत और नृत्य

संगीत और नृत्य

1. संगीत के उद्भव के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. भारतीय संगीत की परंपरा वैदिक छंदों से स्थापित हुई ।
2. अथर्ववेद संगीत के प्राचीनतम स्रोत का प्रतिनिधित्व करता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है /हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- संगीत के उद्भव के संबंध में कथन (1) सत्य है। भारतीय संगीत की परंपरा बहुत पहले वेदों के युग से ही प्रारंभ हो गयी थी। जब वैदिक छंदों के गान के लिए लय-ताल, आरोह-अवरोह आदि के सिद्धांत स्थापित किए गए थे। कथन (2) सत्य नहीं है, क्योंकि अथर्ववेद नहीं, बल्कि सामवेद संगीत के प्राचीनतम स्रोत का प्रतिनिधित्व करता है।
2. भारतीय गायन और वाद्य संगीत कितने मुख्य स्वरों पर आधारित है ?
(a) पाँच मुख्य स्वर
(b) सात मुख्य स्वर
(c) आठ मुख्य स्वर
(d) दस मुख्य स्वर
उत्तर - (b)
व्याख्या- भारतीय गायन और वाद्य संगीत दोनों सात मुख्य स्वरों और पाँच गौण स्वरों पर आधारित है। आगे चलकर अनेकानेक प्रकार के तंत्री वाद्यों, सुषिर वाद्यों और ढोलों (ताल वाद्यों) का आविष्कार किया गया।
3. निम्नलिखित में से कौन कर्नाटक संगीत शैली से संबंधित संगीतकार हैं?
(a) पुरंदरदास
(b) त्यागराज
(c) मधुस्वामी दीक्षितार
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर - (d)
व्याख्या- गायन और वाद्य दोनों प्रकार के संगीत के क्षेत्र में दो शास्त्रीय शैलियों का विकास भारत में हुआ- हिंदुस्तानी संगीत शैली तथा कर्नाटक संगीत शैली। कर्नाटक संगीत शैली दक्षिण भारत में प्रचलित है। कर्नाटक संगीत शैली के महानतम् संगीतकार - पुरंदरदास, त्यागराज तथा मधुस्वामी दीक्षितार हैं। पुरंदरदास को कर्नाटक संगीत के पिता के रूप में जाना जाता है।
4. निम्नलिखित में से किस धर्म में संगीत की परंपरा नहीं थी?
(a) हिंदू
(b) इस्लाम
(c) बौद्ध
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (b)
व्याख्या- संगीत आरंभिक इस्लामी परंपरा का अंग नहीं रहा था, हालाँकि कुरान की आयतों की तलावत में संगीत का रस पाया जाता है, पर बाद में सूफी संतों के प्रभाव के कारण इसका विकास हुआ। यह दरबारी जीवन का भी अंग बन गया।
5. मालवा के किस शासक की पहचान सिद्धहस्त संगीतकार के रूप में स्थापित है? 
(a) महमूद बेगड़ा
(b) बाज बहादुर
(c) आदिल शाह द्वितीय
(d) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर - (b)
व्याख्या- मालवा का सोलहवीं सदी का शासक बाजबहादुर और उसकी रानी रूपमती लोकगाथाओं के अंग बन चुके हैं। वे सिद्धहस्त संगीतकार ही नहीं थे बल्कि उन्होंने अनेक नए रागों की रचना भी की थी।
6. कथन (A) नटराज के रूप में शिव की जो मुद्रा प्रचलित है, वह इस बात का प्रतीक है कि भारतीय जनता के जीवन पर नृत्य कला का गहरा प्रभाव है।
कारण (R) नृत्य कलाओं को महाराजाओं, राजाओं और साधारण जनता का संरक्षण प्राप्त हुआ है।
कूट
(a) A और R दोनों सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या है
(b) A और R दोनों सही हैं, परंतु R, A की सही व्याख्या नहीं है
(c) A सही है, किंतु R गलत है
(d) A गलत है, किंतु R सही है
उत्तर - (b)
व्याख्या- (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है। नटराज के रूप में शिव की जो मुद्रा प्रचलित है, वह इस बात का प्रतीक है कि भारतीय जनता के जीवन पर नृत्य कला का गहरा प्रभाव है। नृत्य कलाओं को महाराजाओं, राजाओं और साधारण जनता, सभी का संरक्षण प्राप्त हुआ।
7. भारतीय नृत्य के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. इसमें भावनाओं की अभिव्यक्ति की जाती है।
2. मध्यकालीन मंदिरों के स्थापत्य से नृत्य की झलक मिलती है ।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- भारतीय नृत्य के संबंध में दोनों कथन सत्य हैं। भारतीय नृत्यकला की एक समृद्ध शास्त्रीय परंपरा रही है। इसमें भावनाओं की अभिव्यक्ति की जाती है, कोई कथा कही जाती है या कोई नाटिका प्रस्तुत की जाती है।
मध्यकालीन मंदिरों के स्थापत्य में नृत्य की झलक दिखती है, जो प्रचलित भावनाओं के संप्रेक्षण के रूप में 'नृत्य कला' को भावुकतापूर्ण स्वीकृति प्रदान करता है। चंदेल शासकों द्वारा निर्मित खजुराहों के मंदिरों की दीवारों पर चित्रित संगीत और नृत्य के विभिन्न दृश्य नृत्यकला के स्पष्ट प्रतिनिधि हैं। ये 14वीं तथा 15वीं शताब्दी के स्थापत्य निर्माण हैं।
8. निम्नलिखित में से कौन-सी नृत्य की शास्त्रीय शैली है?
(a) कथकली 
(b) कुचीपुड़ी
(c) भरतनाट्यम
(d) ये सभी
उत्तर - (d)
व्याख्या- कथकली, कुचीपुड़ी तथा भरतनाट्यम दक्षिण भारत में प्रचलित शास्त्रीय नृत्य शैलियाँ हैं। कथकली केरल में, कुचीपुड़ी आंध्र प्रदेश में तथा भरतनाट्यम तमिलनाडु राज्य में किया जाता है। भारतीय नृत्यकला को दो वर्गों में बाँटा जाता है- (i) शास्त्रीय नृत्य तथा (ii) लोक एवं जनजातीय नृत्य। शास्त्रीय नृत्य शास्त्र सम्मत, निर्धारित नियम पर आधारित होता है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रमुख 8 शैलियाँ हैं- कत्थक, ओड़िशी, मणिपुरी, सत्रीया, मोहिनीअट्टम, कथकली, कुचीपुड़ी तथा भरतनाट्यम । शास्त्रीय नृत्यों में तांडव (शिव) तथा लास्य (पार्वती) दो प्रकार के भाव परिलक्षित होते हैं। लोक एवं जनजातीय नृत्य किसी क्षेत्र विशेष में प्रचलित नृत्य होता है, जिसमें वहाँ के सांस्कृतिक जीवन की कुल झाकियों की झलक मिलती है; जैसे- गरबा (गुजरात), गिद्दा (पंजाब), छऊ (बिहार) आदि ।
9. भारत में प्रचलित कव्वाली नामक संगीत शैली के जन्मदाता कौन हैं? 
(a) अमीर खुसरो 
(b) भरतमुनि
(c) अमीर हसन
(d) नागार्जुन
उत्तर - (a)
व्याख्या- भारत में प्रचलित कव्वाली संगीत का जन्मदाता अमीर खुसरो को माना जाता है। इसके अतिरिक्त अमीर खुसरो को गजल, ख्याल तथा तराना का भी पिता माना जाता है ।
अमीर खुसरो को ‘तोता- ए - हिंद' अर्थात् 'हिंदं का तोता' कहा जाता है। इनका जन्म 1253 ई. में एटा, उत्तर प्रदेश में तथा मृत्यु 1325 ई. में दिल्ली में हुई। ये महान संगीतकार, इतिहासकार एवं कवि थे। इन्होंने 8 सुल्तानों का शासन देखा था। इन्हें खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय भी दिया जाता है।
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