General Competition | Science | Biology (जीव विज्ञान) | मानव शरीर की कंकाल प्रणाली और फूलों के पौधे की आकृति विज्ञान

कंकाल तंत्र, सजीवों को गति करने तथा प्रचलन में सहायता करती है। कंकाल तंत्र दो भाग में बांटा जा सकता है-

General Competition | Science | Biology (जीव विज्ञान) | मानव शरीर की कंकाल प्रणाली और फूलों के पौधे की आकृति विज्ञान

General Competition | Science | Biology (जीव विज्ञान) | मानव शरीर की कंकाल प्रणाली और फूलों के पौधे की आकृति विज्ञान

  • कंकाल तंत्र, सजीवों को गति करने तथा प्रचलन में सहायता करती है। कंकाल तंत्र दो भाग में बांटा जा सकता है-
    1. बाह्य कंकाल (Exoskeleton )- इसके अंतर्गत बाल, नाखून आते हैं। बाह्य कंकाल मृत कोशिका के बने होते हैं तथा इसमें कोई रक्त संचार नहीं होता है ।
    2. अंतःकंकाल (Endoskeleton ) - इसके अंतर्गत अस्थि (Bone) तथा उपास्थि (Cartilage) आते हैं। अस्थि तथा उपास्थि दोनों ही संयोजी उत्तक है।
  • उपास्थि (Cartilage) कोंड्रियो ब्लास्ट कोशिका से बनी होती है। उपास्थि बाह्कर्ण, नाक, ट्रेकिया, कंठ आदि स्थानों पर पायी जाती है।
  • अस्थि (Bone) ऑस्टियो ब्लास्ट कोशिका की बनी होती है। मानव अस्थि में विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है जिसे कोलेजन प्रोटीन कहते हैं।
  • लंबी एवं मोटी अस्थि के बीच में एक खोखली गुहा होती है जिसे Marrow Cavity कहते हैं | Marron Cavity (मज्जा गुहा) में तरल पदार्थ रहता है जिसे Bone Marrow कहते हैं।
  • स्तनधारी वर्ग के जीव के अस्थि में अनेक नली समान रचना पायी जाती है जिसे हैवर्सियन नालिका कहते हैं। सभी हैवर्सियन नलिका मिलकर हैवर्सियन तंत्र बनाती है । हैवर्सियन तंत्र का होना स्तनधारी वर्ग के जीवों के अस्थि का एक विशेष पहचान है ।
  • जन्म के समय शरीर में कुल 300 अस्थि होती है परंतु बाद में अन्य 94 अस्थि आपस में जुड़ जाती है और वयस्क होने तक शरीर में 206 अस्थि होती है।
  • मनुष्य का कंकाल तंत्र दो प्रमुख भागों में विभक्त रहता है- 
    1. Axial Skeleton— इसके अंतर्गत खोपड़ी (Skull) कशेरूक दंड (Verte bral column), स्टनर्म तथा पसलियाँ (Ribs) आते हैं।
    2. Appendicular Skeleton - इसके अंतर्गत Forelimb (अग्रपाद), Hindlimbs (पश्चपाद), Pectroal Gridle (अंस मेखला ), Pelvic Gridle ( श्रेणी मेखला ) शामिल होते हैं ।
      1. Skull (खोपड़ी ) - Skull में कुल 22 अस्थि होती है। खोपड़ी के प्रथम भाग को Cranial region कहते हैं जिनमें 8 अस्थि होती है। ये 8 अस्थि क्रेनियम को आच्छादित करके रखता है । खोपड़ी के दूसरे भाग को Facial region ( आनन क्षेत्र) कहते हैं। आनन क्षेत्र में 14 अस्थि होती है।
        • U-आकार की एक अस्थि मुखगुहा के नीचे रहता है इसका नाम Hyoid Bone है। Hyoid भी खोपड़ी के अंतर्गत ही आता I
        • खोपड़ी से जुड़े कान में तीन अस्थि होती है जिसका नाम - मैलियस, इन्कस एवं स्टेपीस है। दोनों कान मिलाकर कुल 6 अस्थि होती है।
        • खोपड़ी में कुल मिलाकर 29 अस्थि होती है।
      2. कशेरूक दंड (Vertebral Column)
        • मनुष्य के कशेरूक दंड में 26 अस्थि होती है। प्रत्येक अरिब को कशेरूक (Vertebra) कहते हैं। प्रत्येक कशेरूक के मध्य भाग को Neural Canal कहते है जिससे होकर मेरुरज्यु गुजरती है।
        • मेरुदण्ड में निम्न कशेरूक उपस्थित रहते हैं-
          1. गर्दन (Cervical) - 7 अरिथ
          2. वृक्ष (Thoracic) - 12 अस्थि
          3. कटी (Lumber) - 5 अस्थि
          4. सैक्रम (Sacram ) - 1 अस्थि
          5. पुच्छ ( Coccygeal) - 1 अस्थि
      3. पसलियाँ (Ribs)
        • मनुष्य में 12 जोड़ी (कुल 24) पसलियाँ होती है। पसलियाँ पीछे की ओर मेरूदण्ड से तथा आगे की ओर स्टनर्म अस्थि से जुड़ी होती है।
        • 8वाँ, 9वीं एवं 10वीं जोड़ा पसली आगे की ओर स्टर्नम अस्थि से नहीं जुड़ा रहता है। ये सभी जोड़ा पसली हायलीन उपास्थि द्वारा 7वाँ जोड़ा पसली से जुड़ा रहता है।
        • 11वीं एवं 12वाँ जोडा पसली केवल पीछे की ओर होता है। यह आगे की ओर नहीं आ पाता है ।
        • पहले से लेकर 7वाँ जोड़ा पसली को सत्य पसलियाँ (True Ribs), 8वाँ, 9वाँ तथा 10वाँ जोड़ा पसली को False पसली कहते हैं। 11वाँ तथा 12वाँ जोड़ा पसली फ्लोटिंग पसली कहलाती है ।
      4. Pectoral Girdle (अंस मेखला ) - Pectoral Gridle अग्रपाद (Forelimb) को Axial Skeleton से जोड़ता है। Pectoral Gridle के दोनों भाग अलग-अलग होते हैं प्रत्येक भाग में दो अस्थि (1. स्कैपुला, 2. क्लेविकल) पायी जाती है।
      5. अग्रपाद (Forelimb)- दोनों अग्रपाद (हाथ) में कुल 60 ( 30 x 2 60) अस्थि पायी जाती है। अग्रपाद में पायी जाने वाली अस्थि है- ह्युमरस (ऊपरी बाहु) रेडियस तथा अलना (अग्र बाहु) कार्पल्स (कलाई), मेटाकार्पल्स (हथेली) तथा फैलेन्नेज (अंगुली) । ह्यूमस की संख्या 1 रेडियस तथा अलना की संख्या एक–एक। कार्पल्स की संख्या 8, मेटाकाल्पर्स की संख्या 5 तथा फैलेन्जेज की संख्या 14 होती है।
      6. Pelvic Gridle ( श्रेणी मेखला ) - इस भाग में कल 2 अस्थि (2 x 12) पायी जाती है। एक भाग में तीन अस्थि- इलियम, इश्चियम, प्यूबिस होते हैं परन्तु वयस्क में तीनों जुटकर 1 अस्थि बन जाता है ।
      7. Hind limb (पश्चपाद) - दोनों पश्चपाद में स्थित अस्थि है- फीमर (जॉघ), टिबिया, फिबुला, पटेला (घुटना ), टार्सल, मेटाटार्सल तथा फैलैन्जेज ।
        • फीमर की संख्या एक टिबिया, फिबुला की संख्या एक-एक, पटैला की संख्या 1, टार्सल की संख्या 7, मेटाटार्सल की संख्या 5 तथा फैलैन्जेज की संख्या 14 होती है।
        • मानव शरीर में सबसे बड़ी अस्थि फीमर (जाँघ की अस्थि ) है । सामान्य लंबाई के मनुष्य में फीमर की लंबाई लगभग 48 cm होती है। सबसे छोटी अस्थि स्टेप्स (कान की अस्थि ) है ।
        • अस्थि से अस्थि के जोड़ को लिंगोंट्स तथा मांसपेशी एवं अस्थि के जोड़ को टेंडन कहते हैं।
        • कंकाल तंत्र के विभिन्न हिस्से आपस में जोड़ (संधि) द्वारा मिले रहते हैं। ये संधि (Joints) निम्न तरह के होते हैं-
          1. अचल संधि (Immovable Joint )- इस संधि पर हड्डी जरा सी भी हिल-डुल नहीं सकती है। खोपड़ी के अस्थि (हड्डी) के बीच इसी प्रकार की संधि होती है।
          2. अर्धचल संधि (Semimovable Joint)- इस प्रकार के संधि पर दो अस्थि के बीच उपास्थि रहती है, जब हड्डी के दबाव से उपास्थि दबती है तब एक हड्डी दूसरे पर झुक जाती है। कशेरूक के हड्डी के बीच इसी प्रकार की संधि पायी जाती है।
          3. चल संधि (Movable Joint)- इसमें दो या दो से अधिक अस्थि संधि से जुड़े रहे हैं तथा वे सभी संधि स्थल पर हिल-डुल सकती है। कलाई और टखने की संधि इसी प्रकार की होती है।

कंकाल तंत्र से संबंधित रोग

  1. अस्थि के सामान्य रूप से विकास एवं वृद्धि हेतु विटामिन D की आवश्यकता होती है। शरीर में विटामिन D की कमी से बच्चों में रिकेट्स तथा वयस्क में ऑस्टियोमलेसिया रोग होता है ।
  2. अस्थि में स्टैफिलोकोकस जीवाणु के संक्रमण से "ऑसटियो माइलाटिस" रोग होता है। इस रोग में अस्थि में दर्द उत्पन होते रहता है ।
  3. शरीर के रक्त में जब यूरिक अम्ल की मात्रा सामान्य से अधिक होता है तो गठिया (Gout) रोग होता है। गठिया रोग में हड्डी के जोड़ के ऊपर के त्वचा में सूजन एवं दर्द होता है।
    • गठिया के 50 प्रतिशत मामलों में पैर के मेटाटार्सल तथा फैलैन्जेज अस्थि की संधि प्रभावित होती है। पैर के अँगूठे से संबंधित गठिया रोग को पोडेग्रा भी कहा जाता हैं। गठिया को राजाओं अथवा धनी लोगों की बीमारी कहा जाता है।
  4. आर्थराइटिस रोग भी हड्डी के जोड़ों से संबंधित है, इस रोग में अक्सर हड्डी के जोड़ों पर दर्द रहता है ।
  5. बढ़ती उम्र के साथ पर शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तब हड्डी कमजोर हो जाती है इस रोग को आस्टियो पोरोसिस कहते हैं ।

पुष्पीय पौधों की आकारिकी (Morphology of Flowering Plant)

  • पौधों के बाहरी आकार का अध्ययन करना आकारिकी (Morphology) कहलाता है तथा पौधों के आंतरिक भागों का अध्ययन शारीरिकी (Anatomy) कहलाता है ।
  • आवृत्तबीजी या पुष्पी पादप के आकारिकी को दो भागों के बाँटा गया है। पौधा का वह भाग जो जमीन के भीतर रहता है, उसे जड़तंत्र (Root system) कहा जाता है तथा जो भाग जमीन के ऊपर रहता है उसे प्ररोह तंत्र (Shoot system) कहते है।
  • सभी पुष्पी पादप के बाह्य संरचना ( आकारिकी) एक समान नहीं होता है, उसमें काफी विविधता पायी जाती है। आकारिकी के अंतर्गत जड़, तना, पत्ती, फूल एवं फलों का अध्ययन किया जाता है।

जड़ या मूल (Root)

  • बीज के मूलांकुर (Radicle) से विकसित भाग जो जमीन के अंदर वृद्धि करता है, उसे जड़ कहते है। जड़ निम्न प्रकार के होते हैं-
    1. मूसला जड़ (Tap root)- मूलांकुर से विकसित होने वाले जड़ को मूसला जड़ कहते है। इस जड़ में कई पार्श्व शाखाएँ निकलती है। इस प्रकार का जड़ द्विबीजपत्री में पाया जाता है।
    2. रेशेदार जड़ (Fibrous root)- जब मूलांकर से विकसित जड़ नष्ट हो जाए तथा उसके स्थान पर पतली जड़ों का गुच्छा तने के आधार से निकल आये, तो इस प्रकार के जड़ को रेशेदार जड़ कहते हैं। रेशेदार जड़ एकबीज पत्री में पाया जाता है।
    3. अपस्थानिक जड़ (Adventitious root)-- जब जड़ का विकास मूलांकुर के अतिरिक्त पौधे के किसी अन्य भाग ( पत्ती, तना आदि) से होता है तो उसे अपस्थानिक जड़ कहते हैं। जैसे- बरगद के तने से निकला जड़।

जड़ प्रदेश (Region of root)

  • जड़ के सबसे नीचले भाग जो टोपीनुमा संरचना से ढँका रहता है उसे मूलगोप (Root cap) कहते हैं। मूल गोप जड़ के कोमल सिरे का मिट्टी में आगे बढ़ते समय सुरक्षित रखता है ।
  • जड़ के मूलगोप के पीछे के भाग को वर्धी प्रदेश (Growing region) कहते हैं वर्धी प्रदेश के सबसे नीचले भाग को कोशिका विभाजन प्रदेश (Regional of cell division) कहते हैं। वर्धी प्रदेश तथा कोशिका विभाजन प्रदेश दोनों ही मूलगोप द्वारा ढँका होता है।
  • वर्धी प्रदेश के ऊपर के भाग को दैर्ध्यवृद्धि प्रदेश (Region of elongation) कहते है । दैर्ध्यवृद्धि प्रदेश की कुल लंबाई 2 से 5 mm तक होता है।
  • वर्धी प्रदेश के ऊपर के भाग को मूलरोम प्रदेश ( Region of root hairs) कहते है।
  • मूलरोम प्रदेश के ऊपर के भाग को परिपक्व प्रदेश ( Region of maturation) कहते है । परिपक्व प्रदेश से ही पार्श्व जड़े निकलती है तथा इस प्रदेश में मूल रोम नहीं पाया जाता है।

जड़ों रूपांतरण (Modification of Root)

  • कुछ पौधों के जड़े भोजन संचय करने हेतु, पौधों का सहारा देने हेतु तथा अन्य कारणों से अपने आकार तथा संरचना को रूपांतरित कर लेते है ।
  • मूसला जड़ रूपांतरित होकर भोज्य पदार्थ का संचय करता है। मूसला जड़ का रूपांतरण निम्न तरह से होता है-
    1. तुर्करूपी (Fusiform ) : मूली
    2. कुम्भीरूपी (Napiform ) : शलजम, चुकन्दर
    3. शंकुरूपी (Conical): गाजर 
    4. न्यूमेटाफोर (Pneumetaphore) : राइजोफोरा, सुन्दरी
  • न्यूमेटाफोर जड़ दलदली स्थानों पर उगने वाले पौधों में पाया जाता है। यह जड़ जमीन ( दलदल) के ऊपर रहता है तथा पौधों को श्वसन में सहायता करता है। 
  • अपस्थानिक जड़ों का रूपांतरण कई तरह से होता है। अपस्थानिक जड़ भोज्य पदार्थों का संचय करने हेतु, पौधों को यांत्रिक सहायता देने हेतु तथा पौधों को कुछ जैविक क्रियाओं में मदद करने हेतु रूपांतरित होते है।
  • भोज्य पदार्थ को संचित करने वाले अपस्थानिक जड़ के प्रकार-
    1. कन्दिल (Tuberous ) : शकरकंद
    2. पुलकित (Fasciculated) : डहेलिया
    3. ग्रन्थिल (Nodulose) : आमहल्दी
    4. मणिकामय (Moniliform ) : अंगूर, करेला
  • यांत्रिक सहायता प्रदान करने वाले अपस्थानिक जड़ों के प्रकार-
    1. स्तम्भ मूल (Proproot): बरगद, रबड़
    2. अवस्तम्भ मूल (Still root) : मक्का, गन्ना, केवड़ा
    3. आरोही मूल (Climbing root) : पान, पीपल
  • यांत्रिक सहायता पहुँचाने वाले अपस्थानिक जड़ों के प्रकार-
    1. चूषण मूल ( Sucking root) : चन्दन, अमरबेल
    2. श्वसनी मूल (Respiratory root) : जूसिया
    3. अधिपादप मूल (Epiphytic root) : ऑर्किड
    4. स्वांगीकारक मूल (Assimilatory root) : सिंघाड़ा, टिनोस्पोरा

तना (Stem )

  • बीज के प्राकुंर (Plumule) से विकसित होने वाला भाग जो जमीन के ऊपर रहता है उसे तना कहते है। तना से ही पत्तियाँ, फूल तथा फल का विकास होता है।
  • तने में पर्वसंधि (node) तथा पर्व (Internode) पाया जाता है। जड़ में पर्वसंधि तथा पर्व का अभाव होता है।
  • सभी पुष्पीय पौधे के तने एक समान नहीं होते है। कुछ पौधों में तने काफी मजबूत होते है जबकि कुछ पौधे के तने इतने कमजोर होते हैं कि वे सीधे खड़े नहीं हो सकते है।

तने का रूपांतरण (Modification of Stem)

  1. भूमिगत तना (Underground stem) : यह तना भूमि के नीचे होते हैं तथा जड़ों के समान ही दिखाई पड़ते है। इन तनों में पर्वसंधि तथा पर्व पाये जाते है।
    • भूमिगत तना भोजन का संचय रखने का कार्य करती है। इन तनों में वर्धी जनन (Vegatative Reproduction) की भी क्षमता होती है।
    • भूमिगत तने के प्रकार-
      कन्दिल (Tuber) : आलू
      प्रकन्द (Rihzome) : हल्दी, अदरख
      शल्ककन्द (Bulb) : प्याज लहसून
      घनकन्द (Corm) : ओल, अरबी
  2. अर्धवायवीय तना (Subaerial stem) : इस प्रकार के तने कमजोर पौधों में पाया जाता है। इस तने के कुछ भाग जमीन के ऊपर तथा कुछ भाग जमीन के नीचे आता है।
    • अर्धवायवीय तने में वर्धी जनन करने की क्षमता पायी जाती है। अर्धवायवीय तने के प्रकार- 
      उपरिभूस्तारी ( Runner ) : दूबघास
      भूस्तारी (Stolon ) : स्ट्राबेरी
      भू-प्रसारिका (Offset ) : जलकुम्भी
      अन्तः भूस्तारी (Suker ) : गुलदाउदी
  3. आकाशी तने (Aerial stem) : इस प्रकार के तने का मुख्य भाग जमीन के ऊपर रहता है।
    • आकाशीय तने के प्रकार-
      पर्णकाय (Phylloclade) : नागफनी
      स्तम्भ प्रतान (Stem tendril) : अंगूर
      स्तंभ काँटा (Stem thron) : बेल, नींबू
      प्रर्णाभपर्व (Cladode) : शतावर, रस्कस
      पत्रकन्द (Bulbil) : रतालू (Dioscorea )

पत्ती (leaf)

  • पत्ती का विकास तने के पर्वसंधि (node) से होता है। पत्तियों का विकास तने के शीर्षस्थ विभाज्योतिकी (Apical Meristematic) उत्तक से होता है तथा यह हमेशा अग्रभिसारी क्रम (Acropetal Succession) में बढ़ता है।
  • पौधों का सबसे महत्वपूर्ण अंग पत्ती को ही माना जाता है, क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोज्य पदार्थों का निर्माण करती है।
  • एक साधारण पत्ती के निम्न तीन भाग होते हैं-
    1. पर्णाधार (Leaf base) : पर्णाधार वह भाग है जिसके द्वारा पत्ती तने से जुड़ा रहता है। यह पत्ती का सबसे निचला 'भाग है।
    2. पर्णवृत्त (Petiole) : पत्ती के डंढल वाले भाग को पर्णवृत्त कहते है। सभी पत्तियों में पणवृत्त नहं होता है। जिस पत्ती में पर्णवृत्त नहीं होता है उसे अवृत्त (Sessile) तथा जिन पत्ती में पर्णवृत्त होता है उसे संवृत्त (Petiolate) कहते है ।
    3. पत्रफलक (Leaf blade or leaf lamina) : पत्ती के हरा फैला हुआ भाग को पत्रपलक कहते है । पत्ती के ठीक मध्य की मोटी संरचना को मध्यशिरा (mid vein) कहते हैं, मध्य शिरा, पार्श्व शिरा में बँट जाती है अंतत: पार्श्व द्वारा कई छोटी-छोटी शिराओं में विभक्त हो जाती है।
  • पत्तियों में मौजूद शिरा विन्यास के आधार पर पत्ती प्रकार के होते हैं-
    1. जलिकावत शिरा विन्यास (Reticulate venation)- ऐसे पत्तियों में शिरा जाली रूपी संरचना बनाती है । यह पत्ती मुख्य रूप से द्विबीजपत्री में पाया जाता है। 
    2. समांतर शिरा विन्यास (Parallel Venation) : ऐसे पत्तियों में शिराएँ एक-दूसरे के समांतर होती है। इस प्रकार की पत्ती एक बीजपत्री पौधों में पाया जाता है।
  • पत्रपलक (Leaf Blade) के कटाव के आधार पर पत्ती दो प्रकार के होते है-
    1. सरल पत्ती (Simple leaf) : इस प्रकार के पत्ती में केवल एक पत्रपलक होता है। उदाहरण : आम, पीपल, सरसों की पत्ती
    2. संयुक्त पत्ती (Compound leaf) : संयुक्त पत्ती वह है जिसका पर्णपलक का कटान मध्य शिरा तक होता है। इस पत्ती के पर्णपलक कई खंडों में विभाजित रहता है। उदाहरण : नीम, गुलमोहर, भाँग आदि

पत्तियों का रूपांतर (Modification of Leaf)

  • पत्तियाँ प्रकाशसंश्लेषण के अतिरिक्त अन्य कई प्रकार के कार्य हेतु रूपांतरित हो जाते है। पत्तियों के रूपांतरण के प्रकार-
    1. Leaf tendril (पर्णप्रतान) - मटर
    2. Leaf Spine (पर्ण कंटक) - खजूर, नागफेनी
    3. Phyllode (वृन्तफलक) - ऑस्ट्रेलियन बबूल
    4. Pither (कलश) : घटपर्णी
    5. Bladder (ब्लाडर) : ब्लाडरवर्ट

अभ्यास प्रश्न

1. मानव कंकाल तंत्र या अस्थि तंत्र के संबंध निम्न में कौन-सा कथन सही है ?
(a) यह गति और प्रचलन में भाग लेता है।
(b) यह शरीर में मौजूद कैल्शियम तथा फॉस्फेट को जमा रखता है एवं जरूरत पड़ने पर उन्हें बाहर निकालता है I
(c) यह शरीर के आंतरिक अंगों को बाहरी आघातों से बचाता है तथा शरीर के भार को नियंत्रित करता है।
(d) उपर्युक्त सभी
2. मानव कंकाल तंत्र मुख्य रूप से किस उत्तक से निर्मित होते हैं ?
(a) उपकला उत्तक
(b) संयोजी उत्तक
(c) पेशी उत्तक
(d) तंत्रिका उत्तक
3. मानव कंकाल तंत्र बना होता है-
(a) अस्थि से
(b) उपास्थि से
(c) टंडन तथा लिगामेंट से
(d) उपर्युक्त
4. एक मनुष्य में कितनी हड्डियाँ होती है ?
(a) 80
(b) 96
(c) 106
(d) 206
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. जन्म के समय शिशुओं में लगभग 300 हड्डियाँ पायी जाती है
2. वयस्क मनुष्य में हड्डियों की संख्या 206 होती है
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
(a) केवल 1 
(b) केवल 2 
(c) 1 तथा 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
6. निम्नलिखित में कौन सी हड्डी अग्रपाद (Fore limbs) की नहीं है ?
(a) रेडियस
(b) फिबुला
(c) अल्ना
(d) ह्यूमरस
7. निम्नलिखित में कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
(a) अस्थि तथा उपास्थि संयोजी उत्तक है
(b) अस्थि ऑस्टियोब्लास्ट तथा उपास्थि कोंड्रियोब्लास्ट कोशिका से निर्मित होते है
(c) अस्थि के मध्य में एक गुहा होती है, जो अस्थि मज्जा से भरी होती है
(d) मैमोलियन अस्थि तथा उपास्थि में अनेक नलिकाएँ समान संरचना पायी जाती है जिन्हे हैवर्सियन नलिकाएँ कहते है
8. छाती में पसलियो के कितने जोड़े होते है ?
(a) दस
(b) बारह
(c) सोलह
(d) चौदह
9. सत्य पसलियाँ (True ribs) किसे कहते है ?
(a) प्रथम सात जोड़ी पसलियो को
(b) 8 वाँ तथा 9 वाँ जोड़ा पसलियो को
(c) 11 वाँ तथा 12 वाँ जोड़ा पसलियो को
(d) इनमें सभी
10. फल्स पसलियाँ (False ribs) किसे कहते है ?
(a) 8 वाँ जोड़ा को
(b) 9 वाँ जोड़ा को
(c) 10 वाँ जोड़ा का
(d) इनमें से सभी को
11. निम्नलिखित में कौन-सी संरचना पसलियाँ- खाँचा (Rib- cage) बनाती है ?
(a) वक्षीय कशेरूक (Thoracic Vertebra)
(b) पसलियाँ
(c) स्टर्नम
(d) इनमें से सभी
12. मानव खोपड़ी के कंकाल क्षेत्र (cranium region) में कुल कितने हड्डी होते है?
(a) 22
(b) 8
(c) 14
(d) 1
13. मानव खोपड़ी के आनन क्षेत्र (Facial region) में कितने हड्डी उपस्थित रहते है ?
(a) 22
(b) 8
(c) 14
(d) 1
14. मैलियस इन्कल तथा स्टेपिस हड्डियाँ मौजूद हैं-
(a) बाह्य कर्ण में 
(b) मध्य कर्ण में
(c) आंतरिक कर्ण में
(d) इनमें से सभी
15. अंग्रेजी वर्णमाला के U अक्षर के समान (Hyoid Bone) कहाँ पायी जाती है ?
(a) जाँघ
(b) हाथ
(c) मुखगुहा
(d) कर्ण (कान)
16. मनुष्य के सिर (Skull) में कुल हड्डियों की संख्या कितनी होती है ?
(a) 14
(b) 6
(c) 30
(d) 29
17. मनुष्य के मेरूदंड में कितनी अस्थि पायी जाती है ?
(a) 30 
(b) 33
(c) 28
(d) 26 
18. मेरूदंड में पायी जाने वाले अस्थि को कहते है-
(a) कशेरूक (Vertebra)
(b) क्लैविक
(c) स्टर्नम
(d) अंसमेखला (Pectoral girdle)
19. निम्नलिखित में कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है ?
(a) Cervical Vertebra - 7
(b) Thoraic Vertebra - 12
(c) Lumber Vertebra - 5
(d) Sacrum Vertebra - 3 
20. मेरूदंड के प्रथम कशेरूक (First Vertebra) को क्या कहते हैं जो खोपड़ी के अनुकपाल मुण्डिका (Occcipital Condyle) से जुड़ा रहता है ?
(a) सैक्रम 
(b) कॉक्सीजियल
(c) एटलस
(d) फीमर
21. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. मानव की सबसे बड़ी हड्डी फीमर है, जो जाँघ में पायी जाती है
2. मानव की सबसे छोटी हड्डी स्टेपिस है, जो कान में पायी जाती है
उपर्युक्त में कौन-सा /से कथन सही है/हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 तथा 2 दोनों 
(d) न तो 1 न ही 2
22. लिखते समय कुल कितनी अस्थियाँ काम करती है ?
(a) 5 
(b) 8
(c) 12
(d) 14
23. क्लैविकल तथा स्कैपुला नामक अस्थि कहाँ पायी जाती है ?
(a) घुटना में 
(b) अंसमेखला में
(c) श्रोणि मेखला में
(d) A तथा B दोनों मे
24. एक सामान्य मनुष्य के सबसे बड़ी हड्डी फीमर की लंबाई कितनी होती है ?
(a) 32 cm 
(b) 48 cm
(c) 52 cm
(d) 120 cm
25. टिबिया तथा फिबुला अस्थि कहाँ पायी जाती है ?
(a) सिर में
(b) हाथ में (अग्रपाद )
(c) पैर (पश्च पाद) में
(d) कान में 
26. जन्म के समय मानव के किस भाग की हड्डिया पूर्ण विकसित होती है ?
(a) कान के
(b) गला के
(c) मस्तिष्क के
(d) पैर के
27. निम्नलिखित में कौन बाह्यय कंकाल का हिस्सा है ?
(a) मानव का बाल तथा नाखून
(b) पक्षियों के पर एवं पंख
(c) मत्स्य तथा सरीसृप का शल्क
(d) इनमें से सभी
28. फैलेन्जेज (Phalanges) अस्थियाँ पाई जाती है ?
(a) पैर की अंगुली में
(b) हाथ की अँगुली में
(c) हाथ तथा पैर दोनों की अँगुली में
(d) इनमें से कोई नहीं
29. कैप (Cap) के समान हड्डी जो घुटने के औदरिक भाग रहता है, वह है-
(a) क्लै स्टर्नम
(b) स्कैपुला
(c) स्टर्नम
(d) पैटेला
30. ह्यूमरस अस्थि कहाँ पायी जाती है ?
(a) कलाई में 
(b) ऊपरी बाह्य में
(c) अंगुली में
(d) हथेली में
31. अस्थि में कौन-सा लवण सर्वाधिक मात्रा में रहता है ?
(a) सोडियम क्लोराइड  
(b) कैल्शीयम फॉस्फेट
(c) फेरिक नाइट्रेट
(d) मैग्नीशियम कार्बोनेट
32. अक्षीय कंकाल (Axial Skeletal) में कुल अस्थियों की संख्या कितनी है ?
(a) 120 
(b) 80
(c) 40
(d) 56
33. वृद्धावस्था में हड्डियाँ कमजोर होने का मुख्य कारण क्या है ?
(a) लोहे की कमी 
(b) कोबाल्ट की कमी
(c) कैल्सीयम की कमी
(d) आयोडीन की कमी
34. मानव के अग्र (Fore) तथा पश्च ( Hind) पाद (Limb) में कुल अस्थियो की संख्या कितनी होती है ?
(a) 90 
(b) 120
(c) 118
(d) 204
35. मनुष्य के पैर की हड्डियाँ-
(a) खोखली होती है 
(b) संरध्री होती है
(c) ठोस होती है
(d) कीलक होती है
36. मानव के उपांगीय कंकाल (Appendicular Skeleton) में कुल अस्थियो की संख्या कितनी होती है ?
(a) 80 
(b) 120
(c) 126
(d) 206
37. अस्थियो के सामान्य विकास के लिये किस विटामिन की आवश्यकता होती है ?
(a) विटामिन A
(b) विटामिन B
(c) विटामिन C
(d) विटामिन D
38. रक्त में यूरिक अम्ल की अधिकता से होने वाला रोग है -
(a) रिकेट्स
(b) ऑस्टियोमलेसिया 
(c) गठिया
(d) ऑस्टियोमाइलाइटिस
39. अस्थ्यिों से संबंधित निम्न में कौन सा राग जीवाणु संक्रमण के कारण होती है ?
(a) ऑस्टियोमलेसिया
(b) ऑस्टियोमाइलाइटिस
(c) आर्थराइटिस
(d) आस्टियोपोरोसिस
40. मनुष्य गर्दन में कुल कितने अस्थि पाये जाते है ?
(a) 1 
(b) 2
(c) 3
(d) 7 
41. कशेरूक (Vertebra) की संधि किस प्रकार की होती है ? 
(a) अचल संधि
(b) अर्धचल संधि
(c) चल संधि
(d) श्रोणि संधि
42. केहुनी का जोड़ (Elbow Joint) तथा घुटने का जोड़ (Knee Joint) किस प्रकार के संधि है ?
(a) Ball and Socket Joint
(b) Gliding Joints
(c) Hinge Joints
(d) Pivot Joints
43. निम्नलिखित में कौन सा हड्डी अग्रपाद (Forelimbs) की नहीं है ?
(a) ह्यूमस
(b) रेडियस
(c) अलना
(d) फीब्रुला
44. श्रोणि मेखला (Pelvic girdle) में इलियस, इश्चियम तथा प्यूबिस अस्थि मिलकर एक गुहा बनाती है, जिसमें फीमर अस्थि जुड़ा रहता है, इस गुहा को क्या कहते है?
(a) एसेटाबुलम 
(b) एटल्स
(c) ग्लेनॉइड
(d) कॉलर
45. कलाई (Carpus) तथा टखने ( ankle) की हड्डी में किस प्रकार की संधि पायी जाती है ?
(a) Ball and Socket Joint
(b) Gliding Joints
(c) Hinge Joints
(d) Pivot Joints
46. प्रचलन की क्रिया सम्पन्न होती है-
(a) कंकाल तंत्र द्वारा
(b) पेशियों के द्वारा
(c) तंत्रिका तंत्र द्वारा 
(d) इनमें से सभी
47. छाती के पसलियाँ (Ribs) जुड़ा होता है ?
(a) स्टर्नम से 
(b) कशेरूक से 
(c) स्टर्नम तथा कशेरूक से
(d) न ही स्टर्नम से तथा न ही कशेरूक से
48. अग्र (Forelimbs) में कुल अस्थियों की संख्या कितनी होती है ?
(a) 30 
(b) 60
(c) 120
(d) 130
49. किस जोड़े के पसलियाँ को फ्लोटिंग पसलियाँ कहते है?
(a) 8वाँ तथा 9वाँ जोड़ा
(b) 7वाँ तथा 8वाँ जोड़ा
(c) प्रथम 7 जोड़ा
(d) 11वाँ तथा 12वाँ जोड़ा
50. पेड़-पौधे के बाहरी आकार या रूप का अध्ययन क्या कहलाता है ?
(a) Morphology 
(b) Anatomy
(c) Histology
(d) Floriculture 
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here