General Competition | Indian Polity | केंद्रशासित प्रदेश में शासन-प्रशासन

इसके विषय में जानकारी हमें भारतीय संविधान के अंतर्गत भाग- 8 के अंतर्गत अनुच्छेद- 239 से 242 देता है।

General Competition | Indian Polity | केंद्रशासित प्रदेश में शासन-प्रशासन

General Competition | Indian Polity | केंद्रशासित प्रदेश में शासन-प्रशासन

★ इसके विषय में जानकारी हमें भारतीय संविधान के अंतर्गत भाग- 8 के अंतर्गत अनुच्छेद- 239 से 242 देता है।
अनुच्छेदः - 239
संघ राज्यों क्षेत्रों का प्रशासन
अनुच्छेदः - 240
यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को कुछ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नियम कानून बनाने की शक्ति देता है।
अनुच्छेदः - 241
यह अनुच्छेद केंद्रशासित प्रदेशों के उच्च न्यायालय के विषय में जानकारी प्रदान करता है।
★ मात्र दो केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जिसका अपना High Court है:-
(1) दिल्ली
(2) जम्मू-कश्मीर
★ जम्मू–कश्मीर राज्य पूर्नगठन विधेयक 2019, 31 अक्टूबर 2019 को लागू हुआ है तथा दादर - नागर हवेली और दमन तथा दीव पुर्नगठन विधेयक 26 जनवरी 2020 को लागू हुआ है। इन दोनों विधेयकों के लागू होने के बाद भारत में 8 केंद्रशासित प्रदेश वर्त्तमान में हो गयें हैं।
★ जम्मू-क -कश्मीर पुर्नगठन विधेयक 2019 के तहत् जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीन लिया गया और इसे दो केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्याख में बाँटा गया।
★ दादर नागर हवेली और दमन तथा दीव पुर्नगठन विधेयक 2019 के तहत् दोनों केंद्रशासित प्रदेश को एक कर दिया गया ।

संघ राज्य क्षेत्र और केंद्रशासित प्रदेश में अंत

★ वैसे केंद्रशासित प्रदेश जिसका अपना विधानसभा होता है वह संघ राज्य क्षेत्र कहलाता है।
जैसे:- दिल्ली, पुड्डुचेरी और जम्मू-कश्मीर संघ राज्यक्षेत्र है ।
वहीं जहाँ विधानसभा नहीं है उसे केंद्रशासित प्रदेश मात्र कहा जाता है।
जैसे:- लद्याख, चंडीगढ़, लक्ष्यद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, दादर नागर हवेली तथा दमन और दीव

राज्य और संघ राज्य क्षेत्र में अंत

★ केंद्र और राज्य के बीच जब विवाद होता है तो उसे Supreme Court में रखा जा सकता है, लेकिन केंद्र और संघ राज्य क्षेत्र के बीच विवाद होता है तो इसे Supreme Court में नहीं रखा जा सकता है। दूसरा अंतर यह है कि केंद्र और राज्य के बीच शक्ति का विभाजन होता है लेकिन केंद्र और संघ राज्यक्षेत्र के बीच शक्ति का विभाजन नहीं होता है।

दिल्ली को लेकर विशेष उपबंध

★ लद्याख, जम्मू-कश्मीर, पुड्डुचेरी और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के संवैधानिक प्रमुख को उपराज्यपाल कहा जाता है।
★ सर्वप्रथम दिल्ली में विधानसभा का गठन 1952 में हुआ था लेकिन 7वाँ संविधान संसोधन 1956 के तहत् राज्यों का जब पुर्नगठन किया गया तो दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया गया। कलांतर में यह माँग उठी कि दिल्ली को विशेष दर्जा प्रदान किया जाए। इसको लेकर बाल कृष्ण समिति का गठन हुआ। बाल कृष्ण समिति के सिफारिश पर ही 69वाँ संविधान संसोधन 1991 के तहत् दिल्ली को विशेष दर्जा प्रदान करते हुए दिल्ली के लिए 70 सदस्यीय विधानसभा और 7 सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया गया तथा दिल्ली के लिए विशेष उपबंध करने हेतू भारतीय संविधान में 2 नए अनुच्छेद- 99 और अनुच्छेद - 239 ( क, ख ) शामिल किया गया ।
★ 70वाँ संविधान संसोधन 1992 के तहत् दिल्ली और पुड्डुचेरी संघ राज्यक्षेत्र के विधानसभा को यह अधिकार दिया गया कि वो राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग ले सकता है।
★ पुड्डुचेरी संघ राज्यक्षेत्र राज्य सूची के सभी विषय पर कानून बना सकता है लेकिन दिल्ली की विधानसभा 3 विषय करे छोड़कर (1) पुलिस (2) लोक व्यवस्था (3) भूमि के अलावे अन्य विषयों पर कानून बना सकता है।
★ दिल्ली, पुड्डुचेरी और जम्मू-कश्मीर के मुख्मंत्री की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here